गिलहरी के पंजे ठंडे होने पर लेखिका ने क्या किया? - gilaharee ke panje thande hone par lekhika ne kya kiya?

प्रमुख रचनाएँ : यामा नीरज, निहार, संध्यागीत, दीपशिखा अतीत के चलचित्र मेरा परिवार, पथ के साथी, श्रृंखला की कड़िया

पुरस्कार :– ज्ञानपठ पुरस्कार मंगल प्रसाद द्विवेदी, सेक्सरिया ।


एक वाक्य में उत्तर लिखिए:

1. लेखिका ने कौए को क्यों विचित्र पक्षी कहा है ?

उत्तर:- क्योंकि कौए कभी समादरित, अनादरित, अति सम्मानित, अति अवमानित विचित्र पक्षी है। इसलिए विचित्र पक्षि कहा है

2. गिलहरि का बच्चा कहाँ पर पडा था ?

उत्तर : गिलहरि का बच्चा गमले और दिवार के बीच पर पड़ा था।

3. लेखिका ने गिल्लू के घावों पर क्या लगाया ?

उत्तर :- लेखिका ने गिल्लू के घावों पर पेन्सिलिन का मरहम लगाया ।

4. लेखिका को किस कारण से अस्पताला में रहना पड़ा ?

उत्तर :- मोटार दुर्घटना में घायल होने के कारण लेखिका को अस्पताल में रहना पड़ा ।

5. गिलहरि का प्रिय खाद्य क्या था ?

उत्तर : गिलहरि का प्रिय खाद्य काजू था।

6. वर्मा जी गिलहरी को किस नाम से (पुकारती) बुलाती थी ?

उत्तर : वर्मा जी गिलहरी को गिल्लू नाम से पुकारती ) बुलाती थी।

7.गिलहरी का लघु गात किसके भीतर बंद रहता था ?

उत्तर:- गिलहरी का लघु गात लिफाफों के भीतर बंद रहता था।

8.गिलहरी गर्मी के दिनों में कहाँ लेट जाता था ?

उत्तर : गिलहरी गर्मी के दिनों में सुराही पर लेट जाता था ।

9.गिलहरी की जीवनावधि सामान्यतया कितनी होती है ?

उत्तर : गिलहरी की जीवनावधि सामान्यतया दो वर्ष होती है।

10.गिलहरी की समाधि कहाँ बनायी गयी है ?

उत्तर :- गिलहरी की समाधि सोनजूही की लता के नीचे बनायी गयी है।


दो तीन वाक्यों मे उत्तर लिखिए:

1. लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू क्या करता था ?

उत्तर:- लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू लेखिका के पैर के पास आकर सर से परदे पर चढ जाता और तेजी से उतरता था।

2 महादेवी वर्मा को चौंकाने के लिए वह (गिल्लू) कहाँ-कहाँ छिप जाता था ?

उत्तर :- महादेवी वर्मा को चौंकाने के लिए वह (गिल्लू) फूलदान के फूलों में छिप जाता, परदे पर चढ जाता और तेजी से उतरता था, कभी सोनजुही की पत्तियों में छिप जाता था ।

3. लेखिका को गिलहरी किस स्थिति में दिखायी पडी ?

उत्तर:- कौओं की चोंच से घायल होकर निश्चेष्ट अवस्था में गिलहरी लेखिका को दिखायी पडी ।

4. लेखिका ने गिल्लू के प्राण कैसे बचाये ?

उत्तर : – लेखिका ने घायल गिल्लू को धीरे से उठाकर रुई से रक्त पोंछकर घावों पर पेन्सिलिन का मरहम लगाया। इस तरह गिल्लू के प्राण बचाये ।

5. गिल्लू ने लेखिका की गैर हाजरी में दिन कैसे बिताये ?

उत्तर : – लेखिका की गैर हाजरी में कमरे में दूसरे व्यवति को देखकर गिल्लू अपने घोंसले में जा बैठता है लेखिका अस्पताल से लौंटने तक अपने प्रिय खाद्य काजू तक न खाया। दुःख और निराशा से दिन बिताया

6. गिलहरी की समाधि कहाँ बनायी गयी है ?

उत्तर :- गिलहरी की समाधि सोनजूही की लता के नीचे बनायी गयी है।


चार छः वाक्यों में उत्तर लिखिए:

1. लेखिका ने गिलहरी को क्या-क्या सिखाया ?

उत्तर :- लेखिका खाते समय गिल्लू थाली के पास बैठकर एक-एक चावल उठाकर खाना सिखायी।

कभी लेखिका लिखने बैठी तो गिल्लू तंग करती थी तब लेखिका

लिफाफों के भीतर बंदकर अनुशासन सिखायी।

2. गिल्लू के अंतिम दिनों का वर्णन कीजिए ।

उत्तर :- गिल्लू अपने अंतिम दिन सुबह से न कुछ खाया न बाहर गया

उसके पंजे ठंडे हो गए थे लेखिका ने उसे गरम रखने का प्रयत्न किया

लेकिन प्रभात की प्रथम किरण के साथ गिल्लू चिर निद्रा में सो गया ।

3. गिल्लू के कार्य कलाप के बारे में लिखिए ।

उत्तर:- लेखिका लिखने बैठी तो गिल्लू लेखिका के पैर के पास आकर सर से परदे परचढ जाता और तेजी से उतरता था।

कभी-कभी गिल्लू घंटों तक अपनी चमकीले आँखों से लेखिका के कार्यकलाप को देखते-देखते लेखिका को आकर्षित करता था। भूख लगने पर चिक-चिक कहता था ।

और बाहर के गिलहरियों के साथ खेलता था। शाम होते ही वापस आता था इस प्रकार गिल्लू का कार्य कलाप था।

4. गिल्लू के प्रति महादेवी वर्मा जी की ममता का वर्णन कीजिए ।

उत्तर :- जब गिल्लू कौओं की चोंच से घायल हुआ तब महादेवी वर्मा उसे उठाकर

पेन्सिलिन का मरहम लगाया। गिल्लू के लिए डलिया में रुई बिछाकर लटका दिया ।

लेखिका खाते समय अपनि थाली के पास बिठाकर खाना सिखाई।

रोज गिल्लू के प्रिय आहार काजू और बिस्कुट देती ।

गिल्लू के अंतिम दिनों में भी प्यार से देखती और गिल्लू मरने पर रोती है। इस प्रकार गिल्लू के प्रति महादेवी वर्मा जी की ममता है ।

Jharkhand Board JAC Class 9 Hindi Solutions Sanchayan Chapter 1 गिल्लू Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Hindi Solutions Sanchayan Chapter 1 गिल्लू

JAC Class 9 Hindi गिल्लू Textbook Questions and Answers

बोध-प्रश्न :

प्रश्न 1.
सोनजुही में लगी पीली कली को देख लेखिका के मन में कौन-से विचार उमड़ने लगे ?
उत्तर :
लेखिका ने मृत गिल्लू को सोनजुही की बेल के नीचे समाधि दी थी। गिल्लू को सोनजुही की बेल विशेष प्रिय थी, जिसमें वह अक्सर छिपता और खेलता रहता था। हर वर्ष सोनजुही पर फूल लगते। लेखिका के मन में यह विचार उमड़ता था कि किसी वर्ष वसंत में जूही के पीले रंग के छोटे-से फूल के रूप में गिल्लू भी उस बेल पर महकेगा। वह फूल के समान था और फूल के रूप में फिर प्रकट होगा।

प्रश्न 2.
पाठ के आधार पर कौए को एक साथ समादरित और अनादरित प्राणी क्यों कहा गया है ?
उत्तर :
लेखिका को गिलहरी का छोटा-सा बच्चा गमले और दीवार की संधि में से प्राप्त हुआ था, जो घोंसले से गिरने के बाद दो कौवों का आहार बनने से बच गया था। लेखिका को कौवों की चोंच से घायल गिलहरी का बच्चा लगभग दो वर्ष तक मानसिक सुख देता रहा। यदि कौवे उसे वहाँ न फेंकते, तो वह कभी लेखिका के पास न होता। इसलिए कौवे समादरित थे, पर निरीह जीव पर चोट करने के कारण वे अनादरित थे।

गिलहरी के पंजे ठंडे होने पर लेखिका ने क्या किया? - gilaharee ke panje thande hone par lekhika ne kya kiya?

प्रश्न 3.
गिलहरी के घायल बच्चे का उपचार किस प्रकार किया गया ?
उत्तर :
लेखिका ने दो घायल गिलहरी के बच्चे को उठा लिया। वह कौओं द्वारा चोंच मारे जाने से बिल्कुल निश्चेष्ट – सा गमले से चिपटा पड़ा था। लेखिका उसे धीरे से उठाकर अपने कमरे में ले आई और रूई से उसका खून पोंछकर उसके घावों पर मरहम लगाया। लेखिका ने रूई की पतली बत्ती दूध से भिगोकर बार-बार उसके नन्हे मुँह पर लगाई, किंतु उसका मुँह पूरी तरह खुल नहीं पाता था इसलिए वह दूध न पी सका। तब काफी देर तक लेखिका उसका उपचार करती रही और उसके मुँह में पानी की बूँद टपकाने में सफल हो गयी। लेखिका के इस प्रकार के उपचार के तीन दिन बाद ही गिलहरी का बच्चा पूरी तरह अच्छा और स्वस्थ हो गया।

प्रश्न 4.
लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू क्या करता था ?
उत्तर :
लेखिका ने घायल गिलहरी के बच्चे का उपचार करके उसे स्वस्थ किया और उसका नाम गिल्लू रखा। कुछ ही दिनों में गिल्लू लेखिका से काफी घुल-मिल गया। जब लेखिका लिखने बैठती, तो गिल्लू उसका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास करता। इसके लिए वह लेखिका के पैर तक आकर तेजी से पर्दे पर चढ़ जाता और फिर उसी तेज़ी से उतरता। गिल्लू यह क्रिया तब तक करता, जब तक लेखिका उसे पकड़ने के लिए न दौड़ती। इस प्रकार वह लेखिका का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल हो जाता। लेखिका को गिल्लू की समझदारी और उसके इस प्रकार के कार्यों पर हैरानी होती थी।

प्रश्न 5.
गिल्लू को मुक्त करने की आवश्यकता क्यों समझी गई और उसके लिए लेखिका ने क्या उपाय किया ?
उत्तर :
लेखिका ने देखा कि वसंत के आगमन के साथ ही बाहर की कुछ गिलहरियाँ खिड़की की जाली के पास आकर चिक-चिक करने लगी हैं। गिल्लू भी जाली के पास बैठकर अपनेपन से बाहर झाँकता रहता। तब लेखिका को लगा कि शायद वह मुक्त होना चाहता है। अतः लेखिका ने खिड़की की जाली के एक कोने से कीलें निकालकर कोना पूरी तरह खोल कर दिया। यह मार्ग गिल्लू की मुक्ति के लिए खोला गया था। लेखिका द्वारा मुक्त किए जाने पर गिल्लू बहुत प्रसन्न दिखाई दिया। लेखिका जब घर से बाहर जाती, तो गिल्लू खिड़की की जाली के रास्ते बाहर निकल जाता और जब लेखिका को घर आया देखता, तो उसी रास्ते से वापस घर में आ जाता था।

गिलहरी के पंजे ठंडे होने पर लेखिका ने क्या किया? - gilaharee ke panje thande hone par lekhika ne kya kiya?

प्रश्न 6.
गिल्लू किन अर्थों में परिचारिका की भूमिका निभा रहा था ?
उत्तर :
एक बार लेखिका मोटर दुर्घटना में घायल हो गई और उसे कुछ दिन अस्पताल में रहना पड़ा। गिल्लू ने उसके पीछे अपना प्रिय खाद्य काजू भी खाना छोड़ दिया और लेखिका के घर लौटने पर एक परिचारिका के समान व्यवहार किया। अंततः गिल्लू का अंतिम समय आ गया। उसने खाना-पीना और बाहर जाना छोड़ दिया। वह रात भर लेखिका की उँगली पकड़े रहा और प्रभात होने तक वह सदा के लिए मौत की नींद सो गया। लेखिका ने सोनजूही की लता के नीचे गिल्लू की समाधि बनाई। लेखिका को विश्वास था कि एक दिन गिल्लू जूही के छोटे से पीले पत्ते के रूप में फिर से खिलेगा और वह फिर से उसे अपने आस-पास अनुभव कर पाएगी।