पिंजरे में बंद पक्षी अपने पंख क्यों नहीं फैलाते? - pinjare mein band pakshee apane pankh kyon nahin phailaate?


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पिंजरे में बंद पक्षी अपने पंख क्यों नहीं फैलाते? - pinjare mein band pakshee apane pankh kyon nahin phailaate?

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पिंजरे में बन्द पक्षी अपने पंख क्यों नहीं फैलाते हैं?

लिखित उत्तर

Solution : पक्षी पंख इसलिए नहीं फैलाते हैं, कि पिंजरे की सलाखों से टकरा कर उनके पंख टूट जायेंगे।

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पिंजरे में बंद पक्षी अपने पंख क्यों नहीं फैलाते? - pinjare mein band pakshee apane pankh kyon nahin phailaate?

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विषयसूची

  • 1 पिंजरे में बंद पक्षी क्या सोचता है?
  • 2 पक्षियों को पिंजरे में बंद क्यों नहीं रखना चाहिए?
  • 3 पिंजरे में बंद पक्षी करुण स्वर में किसे पुकार रहा है और क्यों हम पछी उन्मुक्त गगन के कविता के आधार पर लिखिए?
  • 4 पक्षी उन्मुक्त रहकर कौन कौन सी इच्छाएं पूरी करना चाहते हैं?

पिंजरे में बंद पक्षी क्या सोचता है?

इसे सुनेंरोकेंअगर किसी भी पक्षी को पिंजरे में बंद कर दिया जाये तो वह बहुत हिंसक हो जाता है और ऐसा होना घर में नकारात्मक उर्जा फैलने का कारन बन सकता है. पक्षियों को सुख समृद्धि और सफलता के सूचक माना जाता है. और अगर इन्हें ही पिंजरे में बंद कर दिया जायेगा तो ये घर में स्थिरता, आर्थिक हानि का कारण बन सकते हैं.

कौन सा पक्षी दूर तक देख सकता है?

इसे सुनेंरोकेंबाज की लगभग 200 स्पीशीज पायी जाती हैं। ये पक्षी 100 फीट की दूरी से भी अपने शिकार को देख सकता है। अंटार्कटिका महाद्वीप को छोड़कर बाकी सभी महाद्वीपों पर बाज पाया जाता है।

पिंजरे में बंद पक्षी की उड़ान पर क्या प्रभाव पड़ता है?

इसे सुनेंरोकेंपिंजरे में बंद होकर, हम न तो खुश रहेंगे और न ही मधुर स्वर में गा पाएँगे। पिंजरा चाहे सोने का ही हो लेकिन उसकी तीलियों से टकरा-टकराकर हमारे कोमल पंख टूट जाएँगे। पक्षी अपनी इच्छा बताते हैं कि यदि हम स्वतंत्र होते तो अपने इन नन्हें-नन्हें कोमल पंखों से उड़ते-उड़ते या तो क्षितिज तक पहुँच जाते या हमारा प्राणांत हो जाता।

पक्षियों को पिंजरे में बंद क्यों नहीं रखना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंपिंजरे में बंद पक्षी अपशकुन का प्रतीक होते हैं। वास्तुशास्त्र के मुताबिक, पक्षियों को पिंजरे में रखना विभिन्न प्रकार की परेशानियों को दावत देना है। अतः पक्षियों को पिंजरे में बंद करके कभी नहीं पालना चाहिए। उनकी जगह आकाश में है, उन्हें प्राकृतिक रूप से विचरण करने दें।

ऐसा कौन सा पक्षी है जो हाथी को लेकर उड़ सकता है?

इसे सुनेंरोकेंअक्सर कहानियों में एक ऐसी चिड़िया का चिक्र आता है जो आदमी ही नहीं बल्कि हाथियों को भी उड़ा ले जाया करती थी और आग भी उगलती थी। इसे ग्रामीण भारत में चंगुल चिड़िया कहा जाता था।

इसे सुनेंरोकेंपक्षी हमेशा खुले आकाश से ही प्रेम करते है. और अगर उन्हें पिंजरे में बंद कर दिया जाये तो वो पिंजरा उनके लिए जेल के समान हो जाता है. हमारे धर्मशास्त्रों में पक्षियों को दाना खिलाना बहुत ज़्यादा पुण्य का काम माना जाता है. इसलिए अगर आप पक्षियों को पिंजरे में बंद कतरे है तो पाप के भागीदारी बन जाते हैं.

पिंजरे में रहकर पक्षी क्या नहीं कर पाएंगे?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: पिंजरे में रहकर पक्षी अपनी आजादी का अनुभव नहीं कर पाते हैं। वे उड़ भी नहीं पाते हैं।

पिंजरे में बंद पक्षी करुण स्वर में किसे पुकार रहा है और क्यों हम पछी उन्मुक्त गगन के कविता के आधार पर लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंपिंजरे में हम कुछ भी नहीं खाएँगे और भूखे-प्यासे मर जाएँगे। तरू की फुनगी पर के झूले। भावार्थ- कवि शिवमंगल सिंह जी ने हम पंछी उन्मुक्त गगन के कविता की इन पंक्तियों में पिंजरे में बंद पक्षियों का दुख-दर्द दिखाया है। पिंजरे में बंद रहते-रहते बेचारे पक्षी अपनी उड़ने की सब कलाएँ और तेज़ उड़ना भूल चुके हैं।

पक्षी पिंजरे में बंद होकर क्या भूल गया है और सपने में क्या देख रहा है?

इसे सुनेंरोकेंपिंजरे में पक्षी खुले आसमान में उड़ान नहीं भर सकते, नदी-झरनों का बहता जल नहीं पी सकते, कड़वी निबौरियाँ नहीं खा सकते, फुदक नहीं सकते, अपने पंख नहीं फैला सकते, अनार के दानों रूपी तारों को चुग नहीं सकते। इसके अतिरिक्त पिंजरे में पक्षियों को वह वातावरण नहीं मिलता, जिसमें रहने के वे आदी हैं।

पिंजरे में क्यों नहीं रहना चाहता है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर:- पक्षी के पास पिंजरे के अंदर वे सारी सुख सुविधाएँ है जो एक सुखी जीवन जीने के लिए आवश्यक होती हैं, परन्तु हर तरह की सुख-सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद नहीं रहना चाहते क्योंकि उन्हें बंधन नहीं अपितु स्वतंत्रता पसंद है।

पक्षी उन्मुक्त रहकर कौन कौन सी इच्छाएं पूरी करना चाहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंप्रश्न 2: पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी कौन-कौन सी इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं? उत्तर : पक्षी उन्मुक्त रहकर जंगल की कड़वी निबौरी खाना चाहते हैं, प्रकृति के सुन्दर रूप का आनन्द लेना चाहते हैं, खुले नीले आकाश में उन्मुक्त उड़ान भरना चाहते हैं।

पिंजरे में बंद पक्षी अपने पंख क्यों नहीं फैलाते हैं?

उत्तर - पिंजरे में पंख फैलाने पर पंछियों के पंख पिंजरे के सलाखों से टकराकर टूट जाएँगे ।

पिंजरे में बंद होने पर पक्षी का कौन सा रूप समाप्त हो जाता है?

उत्तर - पक्षियों को पिंजरे में बंद करके उनकी आज़ादी का हनन होता ही है क्योंकि उनकी प्रकृति है 'उड़ना ' । पिंजरे में बंद करके हम उन्हें पराधीन बना लेते हैं। जिससे उनकी आज़ादी तो समाप्त हो ही जाती है साथ ही पर्यावरण भी प्रभावित होता है क्योंकि पर्यावरण को संतुलित करने में भी पक्षियों का सहयोग रहता है।

पिंजरे में बंद पक्षी का क्या कहना है?

पिंजरे में बंद पक्षी खुश इसलिए नहीं है क्योंकि वे पिंजरे के अंदर कैद नहीं रहना चाहते हैं वे स्वतंत्र होकर कड़वी निबोरी खाना चाहते है और नदी का पानी पीना चाहते है।

पक्षी पिंजरे में बंद क्यों नहीं रहना चाहते हैं?

Solution : हर तरह की सुख-सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में इसलिए बंद नहीं रहना चाहते, क्योंकि उन्हें बंधन में रहना पसन्द नहीं। वे अपनी इच्छा के अनुसार खुले आसमान में ऊँची उड़ान भरना, बहता जल पीना और निबौरियाँ खाना ही चाहते हैं।