आसुत जल विद्युत का कुचालक क्यों है? - aasut jal vidyut ka kuchaalak kyon hai?

प्रश्न 164 : आसवित जल विद्युत का चालन क्यों नहीं होता, जबकि वर्षा का जल होता है?

उत्तर : 1. आसवित जल शुद्ध होते हैं, जिसमें आयन नहीं बनता है तथा विद्युत का चालन आयनों द्वारा होता है।
2. वर्षा के जल में थोड़ी मात्रा में अम्ल होते हैं, क्योंकि वायु में उपस्थित SO2 और NO2 गैस जल में मिलकर इसे अम्लीय बना देते हैं। ये अम्ल (H+) आयन उत्पन्न करते हैं, जिसके कारण विद्युत धारा का चालन हो जाता है।

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Question Tags: Science

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Rohit Verma Staff answered 3 years ago

किसी विद्युत् रोधी होल्डर में कार्बन की दो साफ़ छड़ें इस प्रकार लगाइए कि वे एक-दूसरे का स्पर्श न करे। पानी आसुत से भरे बीकर में इन्हें डुबो कर इनसे 12 वोल्ट की धारा प्रवाहित कराएँ। कुंजी को बंद करने पर भी बल्ब नहीं जलता जिससे प्रमाणित होता है कि आसुत जल विद्युत् का चालक नहीं है। यदि आसुत जल की जगह नमक का जलीय विलयन लिया जाए तो बल्ब जलने लगता है।

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Solution : जब आसुत जल का संपरीक्षित्र के द्वारा चालक या कुचालक का परीक्षण किया जाता है तो हम पाते हैं कि आसुत जल विपत का पालन नहीं करता परंतु इसी आसुत जल में साधारण नमक की एक चुटकी या तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की दो तीन बूंदे मिलाने पर यह विद्युत का चालक बन जाता है। इसीलिए इसे विद्युत का हीन चालक कहा जाता है।

Solution : आसवित जल विद्युत का चालक नहीं होता, क्योंकि यह एक सहसंयोजी यौगिक है जिसका आयनीकरण नहीं होता। आयनों की अनुपस्थिति ही आसवित जल को विद्युत का कुचालक बना देती है।
वर्षा के जल में अनेक अम्लीय गैसें `(CO_(2),SO_(2))`अशुद्धियों के रूप में घुली होती हैं। इन गैसों का घोल पानी को आयनीकृत कर देता है। इसलिए वर्षा का जल अपनी अम्लीय प्रकृति के कारण विद्युत का चालन करता है।

इसे सुनेंरोकेंआसवित जल शुद्ध होते हैं, जिसमें आयन नहीं बनता है तथा विद्युत का चालन आयनों द्वारा होता है। 2. वर्षा के जल में थोड़ी मात्रा में अम्ल होते हैं, क्योंकि वायु में उपस्थित SO2 और NO2 गैस जल में मिलकर इसे अम्लीय बना देते हैं। ये अम्ल (H+) आयन उत्पन्न करते हैं, जिसके कारण विद्युत धारा का चालन हो जाता है।

आसुत जल कैसे बनाया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंआसुत जल वह जल है जिसकी अनेक अशुद्धियों को आसवन के माध्यम से हटा दिया गया हो। आसवन में पानी को उबालकर उसकी भाप को एक साफ़ कंटेनर में संघनित किया जाता है। यह पीने के लिए उपयुक्त नहीं होता है क्योंकि इसमें जीवन के लिए आवश्यक लवण अनुपस्थित होते है।

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इसे सुनेंरोकेंSolution : आसवित जल विद्युत का चालक नहीं होता, क्योंकि यह एक सहसंयोजी यौगिक है जिसका आयनीकरण नहीं होता। आयनों की अनुपस्थिति ही आसवित जल को विद्युत का कुचालक बना देती है।

जब जल में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो कौन सी अभिक्रिया होती है?

इसे सुनेंरोकेंजब जल से होकर विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो जल के अणुओं का विघटन हो जाता है और हाइड्रोजन एवं आक्सीजन प्राप्त होतीं हैं। इसे ही जल का विद्युत अपघटन (Electrolysis of water) कहते हैं।

क्या शुद्ध जल विद्युत का चालन करता है यदि नहीं तो इसे चालक बनाने के लिए हम क्या कर सकते हैं?

इसे सुनेंरोकेंशुद्ध जल (डिस्टिल्ड वाटर) विद्युत का चालन नहीं करता है। इसे चालक बनाने के लिए इसमें नींबू का रस, साधारण नमक, पोटाशियम, हाइड्रोक्साइड, सोडियम हाइड्रोक्साइड, सल्फ्यूरिक अम्ल या हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में किसी को डाला जा सकता है। [अम्ल, क्षार या लवण का अधिकांश विलयन विद्युत का चालक होता है। ]

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आसुत जल विद्युत का चालन क्यों नहीं होता जबकि वर्षा जल होता है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर : आसवित जल विद्युत का चालक नहीं होता जबकि वर्षा जल होता है क्योंकि वर्षा के जल में घुलित लवणों के कारण उसमें आयन उपस्थित होते हैं , जो उसे विद्युत का सुचालक बनाते हैं, जबकि आसवित जल में कोई आयन उपस्थित नहीं होते हैं अतः यह विद्युत का चालक नहीं होता है।

आसुत जल विद्युत का क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंजब आसुत जल का संपरीक्षित्र के द्वारा चालक या कुचालक का परीक्षण किया जाता है तो हम पाते हैं कि आसुत जल विपत का पालन नहीं करता परंतु इसी आसुत जल में साधारण नमक की एक चुटकी या तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की दो तीन बूंदे मिलाने पर यह विद्युत का चालक बन जाता है। इसीलिए इसे विद्युत का हीन चालक कहा जाता है।

जब किसी चालक विलयन में धारा प्रवाहित की जाती है तो क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंविलयन होते हैं। (b) किसी विलयन से विद्युत धारा प्रवाहित होने पर प्रभाव उत्पन्न होता है। (c) यदि कॉपर सल्फेट विलयन से विद्युत धारा प्रवाहित की जाए तो कॉपर बैटरी के टर्मिनल से संयोजित प्लेट पर निक्षेपित होता है। (d) विद्युत धारा द्वारा किसी पदार्थ पर वांछित धातु की परत निक्षेपित करने की प्रक्रिया को कहते हैं।

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क्या शुद्ध जल विद्युत का सुचालक होता है?

इसे सुनेंरोकेंशुद्ध जल विद्युत का कुचालक होता है। आसुत जल शुद्ध जल होता है और इसलिए विद्युत का कुचालक होता है।

शुद्ध पानी में विद्युत का संचालन नहीं होता है क्योंकि?

इसे सुनेंरोकेंक्योंकि शुद्ध पानी किसी भी प्रकार के आयन या आवेशित कण से मुक्त होता है इसलिए उसमे बिजली का संचालन नहीं होता है।

आसुत जल विद्युत का कुचालक क्यों होता है?

Solution : आसवित जल विद्युत का चालक नहीं होता, क्योंकि यह एक सहसंयोजी यौगिक है जिसका आयनीकरण नहीं होता। आयनों की अनुपस्थिति ही आसवित जल को विद्युत का कुचालक बना देती है।

हम आसुत जल को विद्युत का सुचालक कैसे बनाते हैं?

Solution : जब आसुत जल का संपरीक्षित्र के द्वारा चालक या कुचालक का परीक्षण किया जाता है तो हम पाते हैं कि आसुत जल विपत का पालन नहीं करता परंतु इसी आसुत जल में साधारण नमक की एक चुटकी या तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की दो तीन बूंदे मिलाने पर यह विद्युत का चालक बन जाता है। इसीलिए इसे विद्युत का हीन चालक कहा जाता है।

आसुत जल बिजली का संचालन क्यों नहीं करता है?

आयनों द्वारा तरल पदार्थ के माध्यम से बिजली का संचालन किया जाता है। इसमें भंग लवण और खनिजों के आयनों की उपस्थिति के कारण नल का पानी बिजली का संचालन करता है। लेकिन आसुत जल जो एक सहसंयोजक यौगिक है, उसके माध्यम से बिजली का संचालन करने के लिए कोई आयन नहीं है।

आसुत जल विद्युत का सुचालक होता है जबकि वर्षा का जल विद्युत का सुचालक होता है क्यों?

उत्तर : आसवित जल विद्युत का चालक नहीं होता जबकि वर्षा जल होता है क्योंकि वर्षा के जल में घुलित लवणों के कारण उसमें आयन उपस्थित होते हैं , जो उसे विद्युत का सुचालक बनाते हैं, जबकि आसवित जल में कोई आयन उपस्थित नहीं होते हैं अतः यह विद्युत का चालक नहीं होता है।