नसों की कमजोरी का इलाज क्या है? - nason kee kamajoree ka ilaaj kya hai?

स्वस्थ शरीर के लिए नर्वस सिस्टम का मजबूत रहना जरूरी है। नसें महत्वपूर्ण अंग होती हैं जो शरीर में रक्त संचारित करती हैं। अच्छी सेहत के लिए यह बहुत अहम है। नसें शरीर के अलग-अलग अंगों से होकर गुजरती हैं और जब कोई अंग कमजोर होता है तो इसका असर नसों पर भी होता है। नसों की कमजोरी कई रोगों का कारण बन सकती है, इसलिए समय रहते उपचार करना जरूरी है। अगर नसें कमजोर हो गई हैं तो शरीर में होने वाले प्रभाव की पहचान जरूरी है ताकि समय पर सही इलाज मिल सके। सबसे पहले यह जान लेना जरूरी है कि नसें आखिर कमजोर क्यों होती हैं? इस संबंध में जागरूकता की जरूरत को देखते हुए हाल ही में दुबई में न्यूरोलॉजी और न्यूरोसर्जरी की इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। समय पर लक्षणों को देखकर सही इलाज शुरू कर गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं। 

www.myupchar.com से जुड़े ऐम्स के डॉ. नबी वली के मुताबिक, शरीर के कुछ हिस्सों की नसें कमजोर या गतिहीन हो जाती हैं। कुछ लोगों के लिए यह समस्या थोड़े समय के लिए होती है लेकिन कुछ लोगों के लिए यह स्थायी भी हो सकती है। प्रभावित नस के प्रकार के आधार पर या तो नस से संबंधित शरीर का अंग ठीक से काम नहीं कर पाता या इन्सान कुछ महसूस नहीं कर पाता।

नसों की कमजोरी की सबसे आम वजह है इनमें किसी प्रकार की क्षति, नस विकृत होना, दर्द या सूजन से प्रभावित होना, नर्व सेल्स पर ट्यूमर का विकास, नसों पर विषाक्त पदार्थों का प्रभाव, नसों पर दबाव। नसें कमजोर होने के अन्य कारणों में शामिल हैं - बैक्टीरिया, वायरस के कारण होने वाले इंफेक्शन, ऐसी दवाइयां जो कि नसों को नुकसान पहुंचाए, जन्मजात दोष।

डॉ. वली के मुताबिक कुछ बीमारियों या पोषण की कमी या जीवनशैली से सम्बंधित समस्याओं के कारण नसों की कमजोरी या तंत्रिका तंत्र की कमजोरी हो सकता है। इसके परीक्षण के लिए लक्षणों की जांच, ब्लड टेस्ट या नसों के टेस्ट का प्रयोग किया जाता है और इसका इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है। 

अगर नसें कमजोर हो रही हैं तो एक बड़ा संकेत है कि व्यक्ति की याद्दाश्त घटने लगती है। चक्कर आना भी एक महत्वपूर्ण लक्षण है क्योंकि खून का प्रवाह सही तरीके से नहीं हो पाता है। एक अन्य संकेत है उठते और बैठते हुए आंखों के सामने अंधेरा छाना। सूंघने, देखने, सुनने, स्वाद लेने या स्पर्श अनुभव की शक्ति कमजोर होने लगती है। मांसपेशियों में कमजोरी और कंपकंपी होती है।

कमजोर नसें  कई बीमारियों को जन्म दे सकती हैं। नसों पर अगर दवाब पड़ता है तो साइटिका की परेशानी हो सकती है। नसों में खिंचाव और दर्द संबंधी समस्या को साइटिका कहा जाता है जो कूल्हों और जांघ के पिछले हिस्से में उत्पन्न होती है। यह परेशानी तब शुरू होती है, जब कूल्हे की नस को क्षति पहुंचती है।

नसों की कमजोरी मल्टीपल स्क्लेरोसिस का भी कारण बन सकती है। यह ऐसी बीमारी है जो रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क को प्रभावित करती है। इसमें किसी व्यक्ति को अक्षम करने की क्षमता है। यह एक ऑटोम्यून्यून बीमारी है। इसमें माइलिन शरीर की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली से खतरे में पड़ती है। माइलिन बिजली का संचालन करने वाले तारों पर इन्सुलेशन के कोट के समान है।

व्यक्ति बेल्स पाल्सी का शिकार हो सकता है जिसमें चेहरे के एक तरफ की नसों में सूजन आ जाती है। इससे मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं।

ब्रेन टिश्यू के हिस्से पर खून के थक्के बनने से स्ट्रोक की स्थिति बन सकती है। व्यक्ति पार्किंसन से भी पीड़ित हो सकता है। पार्किंसन यह न्यूरोडीजेनेरेटिव विकार है जो मस्तिष्क की कुछ नसों को धीरे-धीरे क्षति पहुंचाता है।

नसों की कमजोरी से छुटकारा पाने के लिए विटामिन, मैग्नीशियम, ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त चीजों का भरपूर सेवन करें। डॉ. वली के मुताबिक, सेंधा नमक सूजन को कम करता है और मांसपेशियों व नसों के बीच के संतुलन को बेहतर बनाता है। सेंधा नमक में मैग्नीशियम और सल्फेट पाया जाता है, जो इसके गुणों का मुख्य स्रोत होता है। सेंधा नमक के पानी से नहाने से नसों और मांसपेशियों की कमजोरी को दूर किया जाता है। अश्वगंधा और कैमोमाइल-टी भी फायदेमंद है। 

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स्वास्थ्य आलेख www.myUpchar.com द्वारा लिखे गए हैं

नसों की कमजोरी (weak vein) की समस्या आजकल काफी आम समस्या बन गई है। नसों में कमजोरी के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन नसों में कमजोरी की शिकायत होने पर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। क्योंकि नस कमजोर होने से आप कई गंभीर बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। नसें हमारे शरीर में रक्त संचारित करती हैं। नसों का काम दिल तक खून पहुंचाने का होता है, जिससे हमें ऑक्सीजन मिलता है। इसलिए नसों की कमजोरी स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकती है। नसों की कमजोरी को दूर करने के लिए आप कुछ आयुर्वेदिक उपचारों को अपना सकते हैं। इन आयुर्वेदिक उपायों से नसों के कमजोरी की समस्या ठीक होने में काफी मदद मिलती है। आइए जानते हैं नसों की कमजोरी को दूर करने की क्या क्या आयुर्वेदिक उपाय है।

नसों की कमजोरी का 6 आयुर्वेदिक उपचार

अश्वगंधा का सेवन

अश्वगंधा (ashwagandha) एक आयुर्वेदिक औषधीय है, इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। अश्वगंधा का सेवन करने से नसें मजबूत होती है। क्योंकि इसका सेवन करने से शरीर को ताकत मिलती है। जिससे नसों की कमजोरी दूर होती है। इसके लिए अश्वगंधा चूर्ण को दूध में मिलाकर सेवन करना चाहिए।

सरसों के तेल से मालिश

नसों की कमजोरी को दूर करने के लिए सरसों का तेल (mustard oil) काफी फायदेंमद माना जाता है। सरसों के तेल से नसों के दर्द की शिकायत भी दूर होती है। इसके लिए सरसों के तेल को गर्म कर के, हल्के हाथों से मालिश करनी चाहिए।

दूध में मिश्री और घी मिलाकर सेवन

नसों के कमजोरी की शिकायत होने पर दूध (Milk) का सेवन काफी फायदेमंद माना जाता है। लेकिन सिर्फ दूध का नहीं, बल्कि नसों में कमजोरी की शिकायत होने पर दूध में मिश्री और देसी घी मिलाकर सेवन करना चाहिए। इससे कमजोरी की शिकायत दूर होती है।

पुदीने के तेल से मालिश

पुदीने के तेल (Peppermint oil) से मालिश करने से भी नसों की कमजोरी दूर होती है। पुदीने के तेल से मालिश करने से दर्द और सूजन दोनों में भी आराम मिलता है।

हल्दी

नसों में कमजोरी की शिकायत होने पर हल्दी का सेवन भी काफी फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि हल्दी औषधीय गुणों से भरपूर होती है। इसके लिए हल्दी वाले दूध का सेवन करना चाहिए, हल्दी वाले दूध का सेवन करने से शरीर में एनर्जी भी बनी रहती है।

सेंधा नमक

नसों की कमजोरी को दूर करने के लिए सेंधा नमक (rock salt) काफी लाभदायक साबित होता है। क्योंकि सेंधा नमक में मैग्नीशियम और सल्फेट पाया जाता है, इसलिए अगर किसी को कमजोर नसों की शिकायत है, तो उसे पानी में सेंधा नमक मिलाकर नहाना चाहिए।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

Edited by Rakshita Srivastava

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नसों को ताकत देने के लिए क्या खाना चाहिए?

Foods for veins: नसों को मजबूत बनाने के लिए फूड्स.
अनार अनार में एंटीऑक्सीडेंट्स और नाइट्रेट्स उच्च मात्रा में होते हैं, जो कि रक्त वाहिकाओं (नसों) को रिलैक्स करने और खोलने में मदद करते हैं. ... .
प्याज ... .
दालचीनी ... .
विटामिन-सी वाले फूड्स ... .

नसों की कमजोरी के लिए कौन सी दवा अच्छी है?

नसों की कमज़ोरी का इलाज - Naso Ki Kamzori Ka Ilaj.
पुदीने का तेल यदि आपके नसों में बहुत दर्द होता है, तो दर्द से प्रभावित क्षेत्र में पुदीने के तेल से मालिश करें। ... .
सरसो का तेल सरसों के तेल से नसों के दर्द से छुटकरा पाया जा सकता है। ... .
लेवेंडर का फूल ... .
बेर की गुठलियां ... .
गाय का दूध ... .
किसमिस ... .
आयुर्वेद का साथ ... .
व्यायाम.

नसों की ताकत के लिए क्या करें?

जानिए नसों को किस तरह से स्वस्थ रख सकते हैं..
बहुत सारा फाइबर खाएं फाइबर पाचन तंत्र को सही ढंग से काम करने में मदद करने के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है. ... .
विटामिन सी और विटामिन ई का सेवन ... .
वजन बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों से दूर रहें ... .
हाइड्रेटेड रहना ... .
गतिशील रहें ... .
धूम्रपान न करें ... .
इलाज करवाएं.

नसों की कमजोरी दूर करने के लिए क्या खाना चाहिए?

बादाम – बादाम के अंदर कई औषधीय गुण होते हैं. इसके नियमित इस्तेमाल से लोगों को कई फायदे होते हैं. रोज बादाम खाने से लोगों की कमजोरी दूर होती है. इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल भी ठीक रहता है. बादाम हमारे वजन को भी बढ़ने से रोकता है.