मृदा निर्माण को प्रभावित करने वाला प्रमुख कारक कौन सा है? - mrda nirmaan ko prabhaavit karane vaala pramukh kaarak kaun sa hai?

मृदा क्या हैं (mrida kya hai) –

धरातल पर प्राकृतिक तत्वों के समुच्चय जिसमें जीवित पदार्थ तथा पौधों को पोषित करने की क्षमता होती है ,मृदा कहलाती है! मृदा एक परिवर्तनशील एवं विकासोन्मुख तत्व है जिसकी बहुत सी विशेषता मौसम के साथ बदलती रहती है!

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मृदा निर्माण को प्रभावित करने वाले कारक (mrida nirmaan ko prabhavit karne wale karak) –

विभिन्न मृदाओं में स्थानीय तथा क्षेत्रीय स्तर पर पर्याप्त विभिन्नता दिखाई देती है! मृदा की यह विभिन्नता कारकों पर निर्भर करती है! इन सभी कारकों का मृदा निर्माण में समान नहीं होता! यद्यपि कुछ कारक दूसरों की अपेक्षा मृदा के निर्माण तथा स्वरूप का निर्धारण करने में अधिक प्रभावशाली हो सकते हैं, परंतु सभी का परस्पर संबंध रहता है और एक दूसरे के पूरक होते हैं! मृदा के स्वरूप तथा निर्माण को प्रभावित करने वाले कारक इस प्रकार है –

(1) तापमान – 

तापमान में प्रत्येक 10°C डिग्री की वृद्धि होने से रासायनिक क्रियाओं की गति लगभग दुगनी हो जाती है! सामान्य रूप से अधिक ताप पर अपक्षय क्रिया तेजी से होती है और क्ले का जमाव भी अधिक मात्रा में होता है! यद्यपि अधिक ताप पर कार्बनिक पदार्थों के विच्छेदन की दर बढ़ जाती है तथा ताप में प्रत्येक 10°C की कमी होने से मृदा में कार्बनिक पदार्थों की मात्रा लगभग दुगनी हो जाती है! ताप मृदा के रंग को भी प्रभावित करता है! साधारणतः लाल मृदा उष्ण तथा भूरी मृदाएं समशीतोष्ण क्षेत्र में पाई जाती है! 

(2) वर्षा या आर्द्रता – 

नमी, जलवायु के प्राथमिक तत्वों में से प्रधान है, जो मृदा निर्माण में भाग लेती है! वर्षा जल की कुल मात्रा के अतिरिक्त वर्षा का वितरण और प्रचण्डता भी महत्वपूर्ण है! जल प्रत्यक्ष एवं परोक्ष दोनों प्रकार से मृदा निर्माण में भाग लेता है! मृदा में उपस्थित नमी विलयन, जलायोजन तथा जल विश्लेषण आदि क्रियाओं के द्वारा खनिज पदार्थों तथा जीवमंडल से प्राप्त कार्बनिक पदार्थों से प्रतिक्रिया करती है! जल की मात्रा अपरदन तथा अंतस्त्रवण दोनों को प्रभावित करती है! अंतस्त्रवण के द्वारा मृदा में निक्षालन तथा निक्षेपण की क्रिया होती है जो संस्तरों के विकास को प्रभावित करती है! 

(3) वायु – 

यह प्रत्यक्ष रूप से वाष्पीकरण की गति को प्रभावित करती है और यह परोक्ष रूप से मृदा में उपस्थित महीन कणों का स्थानांतरण करती है, जिससे कुछ स्थानों पर तो कुछ तत्वों का आधिक्य हो जाता है तथा कुछ स्थानों पर इनका अभाव हो जाता है! रेगिस्तान में रेत का वायु के साथ बहने से संस्तरो का निर्माण नहीं होता हैं! 

(4) वाष्पीकरण – 

मृदा सतह से नमी का वाष्पीकरण विभिन्न गतियों से होता है, क्योंकि यह वायुमंडल की आर्द्रता एवं ताप पर निर्भर होता है! नमी के अधिक होने पर वाष्पीकरण कम तथा ताप अधिक होने पर वाष्पीकरण  अधिक होता है! वाष्पीकरण की मात्रा एवं गति को मृदा की संरचना, संगठन, कणाकार, नमी की मात्रा तथा रंग आदि कारक भी प्रभावित करते हैं! 

(5) चटटानो का स्वरूप – 

मृदा के निर्माण तथा वितरण में चट्टानों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है! चट्टानों के स्वरूप से ही मृदा की प्रकृति निर्धारित होती है! मृदा में विभिन्न तत्वों की मात्रा चट्टानों पर निर्भर करती है! कालक्रम के दृष्टिकोण से प्रकृति में चट्टानों में पर्याप्त विभिन्नता पाई जाती है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में मिट्टियों में भी अपनी पैतृक चट्टानों के अनुरूप विभिन्न तत्वों की विभिन्नता दिखाई पड़ती है, जैसे – बेसाल्ट क्रम की चट्टानों से काली मिट्टी का निर्माण होता है, तो वही ग्रेनाइट एवं नीस की चट्टानों से लाल मिट्टी का निर्माण होता है! 

(6) भूमि की आयु –

अनेक वैज्ञानिकों ने मृदा निर्माण तथा उसके स्वरूप का भूमि की आयु के साथ संबंध स्थापित किया है! भूमि की आयु वर्षों की अपेक्षा परिपक्वता की स्थिति से आंकी जाती है! मृदा में संसतरो की संख्या जितनी अधिक पाई जाती है, उतनी ही अधिक परिपक्व मृदा होती है! 

परिपक्व मृदा में सभी संस्तर पूर्णरूप से विकसित हो जाते हैं! मृदा के गुण, जैसे – पीएच, जीवांश पदार्थ, क्ले का संग्रह, ऊपरी सतहों से क्षारों का लिचिंग होकर निम्न सतहों में संचित होना आदि मृदा की आयु को प्रभावित करते हैं! इसके अतिरिक्त ऐसे कई कारक है जो मृदा की परिपक्वता में देर करते हैं, जैसे – पदार्थ में कैल्शियम कार्बोनेट की अधिक मात्रा, क्ले की प्रतिशतता, कम वर्षा, कम आर्द्रता, खोदने वाले जंतुओं की अधिक संख्या, जल स्तर का उच्च होना तथा बालू के अधिकता आदि!   

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मिट्टी के निर्माण को प्रभावित करने वाले कारकों के संबंध में निम्नलिखित विकल्पों में से कौन सा सही है?1. वनस्पति, जीव और सूक्ष्म जीव धरण गठन की दर को प्रभावित करते हैं।2. जनक चट्टानें मिट्टी की बनावट और पारगम्यता को निर्धारित करती हैं।

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. 1 और 2 दोनों
  4. इनमे से कोई भी नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : 1 और 2 दोनों

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Electric charges and coulomb's law (Basic)

10 Questions 10 Marks 10 Mins

सही उत्तर विकल्प 3, अर्थात 1 और 2 दोनों है।

  • मिट्टी के निर्माण के प्रमुख कारक मूल चट्टान की प्रकृति और जलवायु कारक हैं।
    अन्य कारक स्थलाकृति, जैविक सामग्री की भूमिका और मिट्टी के निर्माण की संरचना के लिए समय है। ये सभी जगह-जगह अलग-अलग हैं।
    • मूल चट्टान: रंग, बनावट, रासायनिक गुण खनिज, सामग्री, पारगम्यता निर्धारित करता है।
    • जलवायु: तापमान, वर्षा की दर, अपक्षय और धरण के गठन की प्रभाव दर।
    • समय: मिट्टी की रुपरेखा की मोटाई निर्धारित करता है।
    • वनस्पति, जीव और सूक्ष्म जीव: ह्यूमस गठन की दर को प्रभावित करते हैं।
    • राहत: ऊंचाई और ढलान, मिट्टी के संचय को निर्धारित करते हैं।

Last updated on Nov 17, 2022

Union Public Service Commission (UPSC) has released the NDA Result I 2022 (Name Wise List) for the exam that was held on 10th April 2022. 519 candidates have been selected provisionally as per the results. The selection process for the exam includes a Written Exam and SSB Interview. Candidates who get successful selection under UPSC NDA will get a salary range between Rs. 15,600 to Rs. 39,100.

मृदा निर्माण को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से हैं?

मृदा निर्माण के कारक मृदा निर्माण को नियन्त्रित करने वाले पाँच कारकों में मूल शैल, उच्चावच, समय, जलवायु तथा जैविक तत्व शामिल हैं। पहले तीन कारकों को निष्क्रिय कारक तथा अन्तिम दो कारकों को क्रियाशील कारक कहते हैं। आधारी शैल तथा तलवायु मृदा निर्माण के दो महत्वपूर्ण कारक हैं, क्योंकि ये अन्य कारकों को प्रभावित करते हैं

मृदा निर्माण का सबसे महत्वपूर्ण कारक क्या है?

जलवायु मृदा निर्माण का सबसे महत्त्वपूर्ण सक्रिय कारक है। मृदा के विकास में संलग्न विभिन्न जलवायवी तत्त्व हैं- वर्षा, वाष्पीकरण की बारंबारता व अवधि तथा आर्द्रता एवं तापक्रम। मृदा निर्माण में शैल एक निष्क्रिय नियंत्रक कारक है। मृदा निर्माण के गठन व संरचना, शैल निक्षेप के खनिज एवं रासायनिक संयोजन पर निर्भर करती है।

मृदा के प्रमुख कारक कौन से हैं?

मृदा निर्माण के प्रमुख उत्तरदायी कारक हैं - जनक सामग्री, उच्चावच, जलवायु, वनस्पति तथा अन्य जीव रूप और समय। इनके अतिरिक्त मानवीय क्रियाएँ भी पर्याप्त सीमा तक इसे प्रभावित करती हैंमृदा के घटक खनिज कण, ह्यूमस, जल तथा वायु होते हैं

मृदा मिट्टी का निर्माण कैसे होता है?

मिट्टी का निर्माण चट्टानों के टूटने से शुरू होता है। टूटने की यह प्रक्रिया वर्षा , बर्फ , हवा, ग्लेशियर तथा बहते पानी के कारण निरंतर चलती रहती है। रसायनिक कारण : नमी और वायु रसायनिक कारण है । विभिन्न रासायनिक यौगिक पानी में घुल कर कर रसायनिक क्रियाएं करती हैं जिससे चट्टाने मिट्टी में परिवर्तित हो जाती हैं।