क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया कि आपके घर, परिवार या आप पर कोई मुसीबत आने वाली होती है तो उसका असर सबसे पहले आपके घर में स्थित तुलसी के पौधे पर होता है। आप उस पौधे का कितना भी ध्यान रखें, धीरे-धीरे वह पौधा सूखने लगता है। तुलसी का पौधा ऐसा है, जो आपको पहले ही बता देगा कि आप पर या आपके घर-परिवार को किसी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है। Show
पुराणों और शास्त्रों के अनुसार माना जाए तो ऐसा इसलिए होता है कि जिस घर पर मुसीबत आने वाली होती है उस घर से सबसे पहले लक्ष्मी यानी तुलसीजी चली जाती है, क्योंकि दरिद्रता, अशांति या क्लेश जहां होता है वहां लक्ष्मीजी का निवास नहीं होता। अगर ज्योतिष की मानें तो ऐसा बुध के कारण होता है। बुध का प्रभाव हरे रंग पर होता है और बुध को पेड़-पौधों का कारक ग्रह माना जाता है। बुध ऐसा ग्रह है, जो अन्य ग्रहों के अच्छे और बुरे प्रभाव जातक तक पहुंचाता है। अगर कोई ग्रह अशुभ फल देगा तो उसका अशुभ प्रभाव बुध के कारक वस्तुओं पर भी होता है। अगर कोई ग्रह शुभ फल देता है तो उसके शुभ प्रभाव से तुलसी का पौधा उत्तरोत्तर बढ़ता रहता है। बुध के प्रभाव से पौधे में फल-फूल लगने लगते हैं। प्रतिदिन 4 पत्तियां तुलसी की सुबह खाली पेट ग्रहण करने से मधुमेह, रक्त विकार, वात, पित्त आदि दोष दूर होने लगते है। मां तुलसी के समीप आसन लगाकर यदि कुछ समय हेतु प्रतिदिन बैठा जाए तो श्वास व अस्थमा रोग आदि से जल्दी छुटकारा मिलता है। घर में तुलसी के पौधे की उपस्थिति एक वैद्य समान तो है ही, यह वास्तु के दोष भी दूर करने में सक्षम है। हमारे शास्त्र इसके गुणों से भरे पड़े हैं। जन्म से लेकर मृत्यु तक काम आती है यह तुलसी। कभी सोचा है कि मामूली सी दिखने वाली यह तुलसी हमारे घर या भवन के समस्त दोष को दूर कर हमारे जीवन को निरोग एवं सुखमय बनाने में सक्षम है। उपहार में न लें तुलसी का पौधाउपहार लेना या देना भारत में प्राचीन काल से चला आ रहा है। इसे एक दूसरे के प्रति स्नेह और प्रगाढ़ता दर्शाने का एक सशक्त माध्यम भी माना जाता है लेकिन कई बार उपहार देने वाले नकारात्मक ऊर्जा आपके ...Bhupeshहिन्दुस्तान लाइव टीम,मुरादाबादMon, 19 Mar 2018 10:41 AM उपहार लेना या देना भारत में प्राचीन काल से चला आ रहा है। इसे एक दूसरे के प्रति स्नेह और प्रगाढ़ता दर्शाने का एक सशक्त माध्यम भी माना जाता है लेकिन कई बार उपहार देने वाले नकारात्मक ऊर्जा आपके लिए बुरे अनुभव का कारण भी हो सकता है। यही कारण है कि वास्तु विज्ञान उपहार में मिलने वाले कुछ वस्तुओं का निषेध करता है। इन्ही में से एक है तुलसी का पौधा। लोग इसे पूजनीय पौधा मानकर सहर्ष इसे स्वीकार भी करते हैं लेकिन ऐसा करना आपके लिए नकारात्मक प्रभाव वाला हो सकता है। वास्तु विज्ञानियों ने तुलसी का पौधा उपहार में न लेने के साथ ही कई अन्य निषेध या उपाय भी बताए हैं। इन्हें हम आपसे साझा कर रहे हैं। ● ताँबे और लोहे का छल्ला एक साथ न
पहनें । ● घर खाली हाथ वापस न आये । ● पक्षीयो के पीने के लिए जल की व्यवस्था करे (इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य व सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)
क्या हम दूसरों को तुलसी का पौधा दे सकते हैं?तुलसी धार्मिक रूप से पूज्य है औषधीय रूप से गुणों की खान है इसे देने से सकरात्मकता का ही प्रचार प्रसार होगा मानसिक रूप से भी और प्राकृतिक रूप से भी अतः किसी को भी तुलसी पौधा देना वर्जित तो नहीं होना चाहिए।
तुलसी का पौधा कब दान देना चाहिए?ऐसा माना जाता है कि कार्तिक के महीने में तुलसी की पूजा ब्रह्म मुहूर्त में ही करनी चाहिए. तुलसी का दान करना करना सबसे श्रेष्ठ माना जाता है.
तुलसी का पौधा दान करने से क्या होता है?तुलसी का पौधा सकारात्मकता का प्रतीक है। अतः तुलसी का पौधा दान करने से सकारात्मकता फैलती है। दूसरी ओर तुलसी का पौधा साक्षात् महालक्ष्मी का ही रूप है। अतः तुलसी के दान से घर में धन-धान्य, ऐश्वर्य आदि की वृद्धि होती है।
तुलसी में जल देते समय क्या बोलना चाहिए?तुलसी में जल देते समय विशेष मंत्र का उच्चारण किया जाता है. मान्यता है कि तुलसी में जल देते समय इस मंत्र को बोलने से सुख-समृद्धि बढ़ती है. इसके अलावा इस मंत्र के उच्चारण से रोग-शोक मिट जाते हैं. मंत्र है- 'महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते.
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