मुंडा जनजाति किस देवता को मानते हैं - munda janajaati kis devata ko maanate hain

इसे सुनेंरोकेंमुंडा जनजाति का धर्म ‘सरना’ मुंडा जनजाति में एक मंदिर की जगह है। ‘सिंगबोंगा’ सर्वोच्च ईश्वर है।

मुंडा जनजाति क्या है?

इसे सुनेंरोकेंमुण्डा भारत की एक जनजाति है, जो मुख्य रूप से झारखण्ड के छोटा नागपुर क्षेत्र में निवास करता है। झारखण्ड के अलावा ये बिहार, पश्चिम बंगाल, ओड़िसा आदि भारतीय राज्यों में भी रहते हैं। इनकी भाषा मुण्डारी आस्ट्रो-एशियाटिक परिवार की एक प्रमुख भाषा है। उनका भोजन मुख्य रूप से धान, मड़ुआ, मक्का, जंगल के फल-फूल और कंद-मूल हैं।

विरसा किस जाति के थे लोग उन्हें क्या मानते थे?

इसे सुनेंरोकेंइसके अलावा कई अन्य दिलचस्प जानकारियां इसमें मौजूद हैं. पुस्तक में कई स्रोतों के माध्यम से बताया कि गया कि बिरसा मुंडा का परिवार ईसाई धर्म को स्वीकार चुका था. बिरसा मुंडा के परिवार में उनके बड़े चाचा कानू पौलुस ईसाई धर्म स्वीकार कर चुके थे. उनके पिता सुगना और उनके छोटे भाई ने भी ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया था.

पढ़ना:   बलजीत की दिशा सदैव गति की दिशा के विपरीत होती है वह क्या कहलाता है?

मुंडा भाषा में विवाह को क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंमुंडा में विवाह को, अरंडी, कहा जाता है। मुंडा जनजाति में प्रचलित विवाह इस प्रकार है। मुंडा जनजाति के बीच में विवाह का सर्वाधिक प्रचलित रूप है – आयोजित विवाह। इस विवाह में वर वधू के माता-पिता द्वारा विवाह आयोजित किया जाता है।

सिंगबोंगा कौन है?

इसे सुनेंरोकेंमुंडा कई देवताओं में विश्वास करते हैं। उनके सर्वोच्च भगवान को सिंगबोंगा कहा जाता है। इसके बाद महत्वपूर्ण रूप से गांव की अध्यक्ष देवताओं हसू बोंगा काओ ,देसुली, जाहर बुरी, चंडी बोंगा आदि हैं। ये देवताओं कृषि और शिकार संचालन के दौरान महत्वपूर्ण हैं।

मुंडा जनजाति के ग्राम प्रधान का मुख्य कार्य क्या क्या है?

इसे सुनेंरोकेंमुंडा:- मुंडा गांव का प्रधान होता है इसे प्रशासन लेने का अधिकार है, परती भूमि का भी वह बंदोबस्ती कर सकता है। डाकुआं:- डाकुआ मुंडा का सहायक होता है डाकुआ के द्वारा ही मुंडा गांव वालों को बैठक की सूचना देता है। 3. मानकी:- 15-20 गांव के मुंडाओं के ऊपर एक मानकी होता है।

पढ़ना:   चार्ट क्या है इन हिंदी?

मुंडा जनजाति के ग्राम प्रधान को क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंप्रत्येक मुंडा गांव में दो तरह के मुखिया होते हैं। एक धार्मिक मुखिया जिसे पाहन कहा जाता हैं। दूसरा प्रशासकीय मुखिया जिसे मुंडा कहा जाता हैं।

आदिवासी के भगवान कौन है?

इसे सुनेंरोकेंदरअसल 15 नवंबर को महान आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा (Birsa Munda) की जयंती है. आदिवासी समुदाय के लोग बिरसा मुंडा को भगवान (Bhagwan Birsa Munda) का दर्जा देते हैं. तो आइए जानते हैं कि कौन हैं बिरसा मुंडा और आखिर क्यों उन्हें भगवान का दर्जा मिला हुआ है.

बिरसा मुंडा का आज क्या है?

इसे सुनेंरोकें10 नवंबर 2021 को भारत सरकार ने 15 नवंबर यानी बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।

बिरसा मुंडा जयंती क्यों मनाया जाता है?

इसे सुनेंरोकें15 नवंबर 1875 को हुआ था जन्म 15 नवंबर 1875 को इसी गांव में जन्मे बिरसा मुंडा ने ऐसी क्रांति का बिगुल फूंका था, जिसमें झारखंड के एक बड़े इलाके ने अंग्रेजी राज के खात्मे और ‘अबुआ राइज’ यानी अपना शासन का एलान कर दिया था. इन्हीं बिरसा मुंडा की जयंती पर इस 15 नवंबर को पहली बार पूरा देश जनजातीय गौरव दिवस मना रहा है.

मुंडा जनजाति पश्चिम बंगाल के निवासी हैं और इसके अलावा वे छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, असम और ओडिशा में रहते हैं।

समाज को ‘पंचायत’ द्वारा नियंत्रित किया जाता है और एक ‘अखाड़ा’ होता है, जो ग्रामीणों के मनोरंजन का माध्यम है। उन्होंने सरकार की पारा प्रणाली का निर्माण किया, जो मूल रूप से एक ‘ग्राम सरकारों की संघि’ है।

मुंडा (Munda) भारत पाई जाने वाली एक प्रमुख जनजाति है. यह भारत की सबसे बड़ी अनुसूचित जनजातियों में से एक हैं. त्रिपुरा में इन्हें मुरा और मध्य प्रदेश में मुदास के नाम से जाना जाता है. जीविका के लिए यह कृषि, शिकार, मछली पालन, पशुपालन और वन संसाधनों पर निर्भर है. यह अकुशल मजदूरों के रूप में भी काम करते हैं. वर्तमान में यह सरकारी नौकरियों (भारतीय रेलवे , आदि ) और निजी क्षेत्रों में जाने लगे हैं. आइए जानते हैं, मुंडा जनजाति का इतिहास, मुंडा शब्द की उत्पति कैसे हुई?

मुंडा कैटेगरी में आते हैं?

आरक्षण के अंतर्गत इन्हें अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribe, ST) के रूप में वर्गीकृत किया गया है.

मुंडा जनजाति की जनसंख्या , कहां पाए जाते हैं?

मुंडा मुख्य रूप से पूर्वी भारत के उत्तरी क्षेत्रों में केंद्रित हैं. यह मुख्यत: झारखंड के छोटा नागपुर क्षेत्र में पाए जाते हैं. झारखंड के अलावा यह बिहार, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा आदि राज्यों में भी निवास करते हैं. यह छत्तीसगढ़ के आसपास के क्षेत्रों में भी पाए जाते हैं. मध्यप्रदेश और त्रिपुरा में भी इनकी थोड़ी बहुत आबादी है. भारत के अलावा यह बांग्लादेश के रंगपुर डिवीजन में भी पाए जाते हैं.

मुंडा जनजाति धर्म, प्रमुख त्यौहार, भाषा

मुंडा मुख्य रूप से सरना धर्म का अनुसरण करते हैं. यह
कई देवताओं में विश्वास करते हैं, जैसे- सिंगबोंगा,
हसू बोंगा, काओ ,देसुली, जाहर बुरी, चंडी बोंगा, आदि. उनके सर्वोच्च भगवान को सिंगबोंगा कहा जाता है.यह प्रकृति की पूजा करते हैं. कुछ मुंडा हिंदू धर्म को भी मानते हैं.

प्रमुख त्यौहार
हिंदी के प्रमुख त्यौहार हैं- सरहुल, करम, सोहराई, मांगे और फागू.

भाषा
मुंडा एक एस्ट्रो एशियाटिक भाषी जातीय समूह है.
यह मुख्य रूप से मुंडारी भाषा बोलते हैं, जो एस्ट्रो एशियाटिक परिवार की एक प्रमुख भाषा है. यह हिंदी, सादरी और अन्य स्थानीय बोलियां भी बोलते हैं.

मुंडा शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई?

रॉबर्ट पार्किन के अनुसार, “मुंडा” शब्द का ऑस्ट्रोएशियाटिक शब्दावली से संबंधित नहीं है और यह शब्द संस्कृत मूल का है. आर आर प्रसाद के अनुसार, “मुंडा” नाम एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है “प्रधान”. यह हिंदुओं द्वारा दिया गया एक सम्मानित नाम है, जो एक आदिवासी नाम बन गया.

मुंडा जनजाति किस देवता को मानते हैं - munda janajaati kis devata ko maanate hain
Photograph from S. C. Roy’s The Mundas and their Country Image: Wikipedia

मुंडा जनजाति का इतिहास

मुंडा जनजाति के इतिहास के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं है. यह छोटानागपुर क्षेत्र में कैसे आए, यह भी एक विवादित विषय है. इस बात पर एक आम सहमति है कि आधुनिक मुंडा भाषाओं को बोलने वाले लोगों के पूर्वजों ने दक्षिण-पूर्व एशिया के एस्ट्रो एशियाटिक मातृभूमि से पश्चिम की ओर पलायन किया था. भाषाविद पॉल सिडवेल (2018) के अनुसार,
प्रोटो-मुण्डा भाषा ऑस्ट्रोएशियाटिक से अलग हो गई
और दक्षिणी चीन और दक्षिण पूर्व एशिया से लगभग 4000-3500 साल पहले उड़ीसा के तट पर आई थीं. मुंडा दक्षिण पूर्व एशिया से फैल गए, लेकिन स्थानीय भारतीय आबादी के साथ बड़े पैमाने पर मिश्रित हो गए.

मुंडा विद्रोह

1800 के दशक के अंत में, ब्रिटिश शासन के दौरान, मुंडाओं को लगान देने और जमींदारों को बंधुआ मजदूर के रूप में काम करने के लिए मजबूर किया गया था. अंग्रेजों के इस न्याय और अत्याचार के खिलाफ विद्रोह किया गया, जिसे मुंडा विद्रोह के नाम से जाना जाता है. इस विद्रोह का नेतृत्व स्वतंत्रा सेनानी बिरसा मुंडा ने किया था. उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत को उखाड़ फेंकने और मुंडा राज की स्थापना के लिए गुरिल्ला युद्ध का नेतृत्व किया. बिरसा मुंडा आज भी झारखंड में पूजनीय हैं.

मुंडा जनजाति का सर्वोच्च देवता कौन है?

मुंडा कई देवताओं में विश्वास करते हैं। उनके सर्वोच्च भगवान को सिंगबोंगा कहा जाता है।

मुंडा जाति के लोग अपने आपको क्या कह कर बुलाते हैं?

मुंडा ओके प्राचीन हिंदू पड़ोसी उन्हें 'मुंडा'नाम से पुकारते थे। इस समुदाय के लोगों को 'कोल' भी कहा गया। मुंडा अपने को 'होरो को' (मनुष्य) कहते हैं

मुंडा कितने प्रकार के होते हैं?

(i) मुंडा जनजाति 13 उपशाखा में बँटी है, जिसमें रिजले के अनुसार 340 गोत्र हैं। (ii) यह जनजाति माहली मुंडा एवं कपाट मुंडा नामक शाखा में विभक्त है। (iii) एकल परिवार की अवधारणा है, जो पितृसतात्मक एवं पितृवंशीय होता है।

मुंडा जनजाति में सिंह का क्या अर्थ होता है?

'सरना' मुंडा जनजाति में एक मंदिर की जगह है। 'सिंगबोंगा' सर्वोच्च ईश्वर है। त्योहार इस आदिवासी समुदाय का एक प्रमुख हिस्सा हैं।