मोबाइल चलाने से क्या बीमारी होती है? - mobail chalaane se kya beemaaree hotee hai?

जमशेदपुर, जासं। मोबाइल बिना बजे लगे कि रिंग हो रहा, तो आप सचेत हो जाएं, क्योंकि आप फैंटम वाइब्रेशन सिंड्रोम के शिकार हो चुके हैं। शहर के प्रसिद्ध मनोरोग विशेषज्ञ डा. दीपक कुमार गिरि कहते हैं कि बच्चे हों या बड़े, फैंटम वाइब्रेशन सिंड्रोम का शिकार होना शुरू हो चुके हैं। सदर अस्पताल में मेरे पास इलाज कराने आने वाले मरीजों में पांच मरीज फैंटम वाइब्रेशन सिंड्रोम के शिकार हैं। यदि आपने मोबाइल को अपने से दूर नहीं किया तो भविष्य में इसकी अधिकता आपको ब्रेन ट्यूमर या ब्रेन हेमरेज का शिकार बना सकता है। आज के समय में साधारण तौर पर लोग मोबाइल को अपना शरीर का अंग समझ बैठे हैं, जो आगे चलकर नुकसानदेह साबित होगा।

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फैंटम वाइब्रेशन सिंड्रोम का लक्षण

आप परिवार के साथ बैठे हैं। अचानक लगे कि मोबाइल बज रहा है या वाइब्रेट कर रहा है। जब आप मोबाइल देखते हैं तो न किसी का कोई फोन आया रहता है, ना मैसेज। बैठे-बैठे ऐसा लगे तो हो सकता है कि आप फैंटम वाइब्रेशन सिंड्रोम का शिकार हो चुके हैं। सदर अस्पताल के मनोचिकित्सक डा. दीपक गिरि कहते हैं कि लोग आते हैं दूसरी बीमारी का इलाज कराने और जब जांच करते हैं तो पता चलता है कि वह तो फैंटम वाइब्रेशन सिंड्रोम के शिकार हैं।

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फैंटम वाइब्रेशन सिंड्रोम का लक्षण

डा. दीपक गिरि के अनुसार ब्रेन में रि-वायरिंग होती है। यदि कोई व्यक्ति लगातार मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहा है। फोन पर ज्यादा निर्भर है, तो यह फैंटम वाइब्रेशन सिंड्रोम का लक्षण है। यह एक इमर्जिंग साइकेट्रिक कंडीशन है। किसी ऐसी चीज को महसूस करना, जो असल में होती नहीं है। जिन्हें किसी भी तरह की चिंता सा स्ट्रेस हो। जिन्हें कंप्यूटर या मोबाइल से ज्यादा लगाव हो। किसी भी चीज में ध्यान नहीं लगना। बच्चों में याददाश्त की कमी या अधिक चंचलता होगी। चिड़चिड़ापन, हमेशा अपने मोबाइल या कंप्यूटर के बारे में सोचना।

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फैंटम वाइब्रेशन सिंड्रोम से बचने का उपाय

लगातार मोबाइल पर समय बिताने से हटकर दूसरे विकल्प चुनें।

मोबाइल को वाब्रेशन में नहीं रखकर रिंगिंग मोड में रखें।

घर या बाहर का काम के अलावा कोई खेल खेलें, इससे मोबाइल दूर रहेगा।

तकिया के नीचे मोबाइल हरगिज नहीं रखें, हो सके तो रात में मोबाइल को बंद कर दें

इंटरनेट एडिक्शन सिंड्रोम की गिरफ्त में आधी दुनिया

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शहर के प्रसिद्ध मनोरोग विशेषज्ञ डा. दीपक कुमार गिरि कहते हैं कि आज इंटरनेट की लत बच्चों, युवाओं ही नहीं बल्कि बड़ों को भी पड़ गई है। आज आधी दुनिया इंटरनेट की गिरफ्त में आ चुकी है। पांच साल के बच्चे तक इंटरनेट के शिकार हो रहे हैं। यदि बच्चा किसी चीज के लिए रो रहा है, यदि उसे कंप्यूटर पर कुछ दिखा दिया जाए तो वह तत्काल चुप हो जाता है। यह एक बड़ी समस्या का संकेत है। फेसबुक पर यदि कोई कुछ पोस्ट करता है। उनके पोस्ट को यदि अधिक लाइक नहीं मिलता है तो वह परेशान हो जाते हैं। इससे लोगों को बचना चाहिए।

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क्या कहते हैं लोग

मुझे मोबाइल की ऐसी आदत हैं कि सोने से पहले व सुबह में उठते ही मोबाइल देखना आदत बन गई है। इससे सिर में दर्द व चिड़चिड़ापन होने लगा है। चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं।

विक्की कुमार, जोजोबेड़ा

मोबाइल के बिना तो जीवन ही संभव नहीं है। इसका अधिक उपयोग सेहत के लिए खराब तो है, लेकिन मोबाइल के बिना कोई काम ही नहीं होता है। मैं रात में सोने के समय भी घंटे भर मोबाइल चलाए बिना नहीं रह सकता।

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नई दिल्ली: अगर आपको भी देर रात तक फोन चलाने की आदत है तो इसे तुरंत बदल लें. रात को लंबे समय तक फोन चलाने की आदत आपको बीमार कर सकती है. ये आंखों के साथ ही मेंटल हेल्थ के लिए भी नुकसानदेह है. जानिए रात को सोते समय मोबाइल फोन के इस्‍तेमाल के गंभीर नुकसान-

स्ट्रेस और थकान बढ़ने का कारण

देर रात तक मोबाइल चलाने का असर मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है. इससे थकान और तनाव बढ़ने लगता है. रात को लंबे समय तक मोबाइल चलाने से मेलाटोनिन नामक हार्मोन का लेवल कम हो जाता है. इसकी वजह से स्ट्रेस लेवल बढ़ जाता है और आप थकान महसूस करने लगते हैं.

डार्क सर्कल की समस्या

देर रात तक फोन चलाने का असर त्वचा पर भी पड़ता है. अगर आप रात को लंबे समय तक फोन यूज करते हैं, तो इससे आंखों के नीचे डार्क सर्कल की समस्या हो सकती है. 
मोबाइल चलाने से आंखों पर स्ट्रेस पड़ता है.

ब्रेन हेल्थ के लिए

देर रात तक फोन यूज करने का असर हमारे दिमाग पर भी पड़ता है. लंबे समय तक फोन चलाने से मेमोरी कमजोर हो सकती है. इससे कई तरह की समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि, ये आदत दिमाग को कमजोर करती है.

नींद न आने की प्रॉब्लम

देर रात तक फोन यूज करने से आपको अनिद्रा की समस्या हो सकती है. रात को सोने से पहले मोबाइल यूज करने से मेलोटोनिन हार्मोन का लेवल कम हो जाता है. इससे नींद न आने की समस्या हो सकती है.

आंखों से जुड़ी समस्याएं

अधिक समय या देर रात तक फोन चलाने से आंखों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. इससे रेटिना पर असर पड़ता है और आंखों की रोशनी कमजोर होती है. देर रात तक मोबाइल चलाने से ग्लूकोमा का खतरा भी बढ़ जाता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

मोबाइल से कौन कौन सी बीमारियां होती हैं?

Mobile Addiction: अगर आपको भी है मोबाइल की लत, तो आप इस बीमारी के हो चुके हैं शिकार, ये है लक्षण Mobile Addiction अचानक लगे कि मोबाइल बज रहा है या वाइब्रेट कर रहा है। जब आप मोबाइल देखते हैं तो न किसी का कोई फोन आया रहता है ना मैसेज। बैठे-बैठे ऐसा लगे तो हो सकता है कि आप फैंटम वाइब्रेशन सिंड्रोम का शिकार हो चुके हैं।

1 दिन में कितने घंटे मोबाइल चलाना चाहिए?

एक व्यक्ति को एक दिन में लगभग 1 से 2 घंटे फ़ोन का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि ज्यादा मोबाइल चलाने से हमारे आखों और मानशिक में काफी तनाव पड़ता है। आप बिस्तर से उठते ही फोन पर कितने घंटे बिताते हैं?

मोबाइल से हमें क्या नुकसान है?

समझिए क्या है मोबाइल और झुर्रियों का कनेक्शन.
एकाग्रता को नुकसान पहुंचाता है अत्यधिक मोबाइल की लत से हमारे फोकस पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ सकता है। ... .
नींद और मूड में बदलाव ... .
बढ़ सकती है एंग्जाइटी की समस्या ... .
रिश्तों को भी प्रभावित करता है सेल फोन का ज्यादा इस्तेमाल.

मोबाइल से सबसे बड़ा खतरा कौन सा है?

1 मोबाइल फोन के रेडिएशन से उत्पन्न खतरों में सबसे बड़ा खतरा है कैंसर। अगर आप अपने मोबाइल फोन को पूरा दिन अपनी जेब में या शरीर से चिपकाकर रखते हैं तो संबंधि‍त स्थान पर ट्यूमर होने की आशंका बढ़ जाती है और आप आसानी से कैंसर के शि‍कार हो सकते हैं।