लेखक के मित्र ने मानसिक रोगों के क्या कारण बताए? - lekhak ke mitr ne maanasik rogon ke kya kaaran batae?

लेखक के मित्र ने मानसिक रोग के कारण बताएँ हैं कि मनुष्य चलता नहीं दौड़ता है, बोलता नहीं बकता है, एक महीने का काम एक दिन में करना चाहता है, दिमाग हज़ार गुना अधिक गति से दौड़ता है। अत: तनाव बढ़ जाता है। मानसिक रोगों का प्रमुख कारण प्रतिस्पर्धा के कारण दिमाग का अनियंत्रित गति से कार्य करना है।

निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर (50-60 शब्दों मेंलिखिए
लेखक के मित्र ने मानसिक रोग के क्या-क्या कारण बताए? आप इन कारणों से कहाँ तक सहमत हैं?

Solution

लेखक के मित्र ने मानसिक रोग के कारण बताएँ हैं कि मनुष्य चलता नहीं दौड़ता है, बोलता नहीं बकता है, एक महीने का काम एक दिन में करना चाहता है, दिमाग हज़ार गुना अधिक गति से दौड़ता है। अत: तनाव बढ़ जाता है। मानसिक रोगों का प्रमुख कारण प्रतिस्पर्धा के कारण दिमाग का अनियंत्रित गति से कार्य करना है।

Concept: गद्य (Prose) (Class 10 B)

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लेखक के मित्र ने मानसिक रोग का कारण बताया कि जापानियों ने अमरीका की आर्थिक गति से प्रतिस्पर्धा करने के कारण अपनी दैनिक दिनचर्या की गति बढ़ा दी । यहाँ कोई चलता नहीं, बल्कि दौड़ता है। वे एक महीने का काम एक दिन में करने का प्रयास करते हैं, इस कारण वे शारीरिक व मानसिक रूप से बीमार रहने लगे हैं। लेखक के ये विचार सत्य हैं क्योंकि शरीर और मन मशीन की तरह कार्य नहीं कर सकते और यदि उन्हें ऐसा करने के लिए विवश किया गया तो उनकी मानसिक संतुलन बिगड़ जाना अवश्यंभावी है।


लेखक के मित्र ने मानसिक रोग के कारण बताएँ हैं कि मनुष्य चलता नहीं दौड़ता है, बोलता नहीं बकता है, एक महीने का काम एक दिन में करना चाहता है, दिमाग हज़ार गुना अधिक गति से दौड़ता है। अतरू तनाव बढ़ जाता है। मानसिक रोगों का प्रमुख कारण प्रतिस्पर्धा के कारण दिमाग का अनियंत्रित गति से कार्य करना है। लेखक के ये विचार सत्य हैं क्योंकि शरीर और मन मशीन की तरह कार्य नहीं कर सकते और यदि उन्हें ऐसा करने के लिए विवश किया तो मानसिक संतुलन बिगड़ जाना स्वाभाविक है।

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लेखक के मित्र ने मानसिक रोग के क्या-क्या कारण बताए ?

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Solution : लेखक के मित्र ने मानसिक रोग के कारण बताए हैं कि मनुष्य चलता नहीं दौड़ता है, बोलता नहीं बकता है, एक महीने का काम एक दिन में करना चाहता है। दिमाग हजार गुना अधिक गति से दौड़ता है। अत्यधिक तनाव बढ़ जाता है। मानसिक रोगों का प्रमुख कारण प्रतिस्पर्धा के कारण दिमाग का अनियंत्रित गति से कार्य करना है।

प्रश्न 16-15. लेखक के मित्र ने मानसिक रोग के क्या-क्या कारण बताए? आप इन कारणों से कहाँ तक सहमत हैं?

उत्तर 16-15. लेखक के मित्र ने मानसिक रोग के कारण बताएँ हैं कि मनुष्य चलता नहीं दौड़ता है, बोलता नहीं बकता है, एक महीने का काम एक दिन में करना चाहता है, दिमाग हज़ार गुना अधिक गति से दौड़ता है। अतरू तनाव बढ़ जाता है। मानसिक रोगों का प्रमुख कारण प्रतिस्पर्धा के कारण दिमाग का अनियंत्रित गति से कार्य करना है।

प्रश्न 16-16. लेखक के अनुसार सत्य केवल वर्तमान है, उसी में जीना चाहिए। लेखक ने ऐसा क्यों कहा होगा? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर 16-16. लेखक के अनुसार सत्य वर्तमान है। उसी में जीना चाहिए। हम अक्सर या तो गुजरे हुए दिनों की बातों में उलझे रहते हैं या भविष्य के सपने देखते हैं। इस तरह भूत या भविष्य काल में जीते हैं। असल में दोनों काल मिथ्या हैं। वर्तमान ही सत्य है उसी में जीना चाहिए।

प्रश्न 16-17. समाज के पास अगर शाश्वत मुल्यों जैसा कुछ है तो वह आर्दशवादी लोगों का ही दिया हुआ है।

उत्तर 16-17. आदर्शवादी लोग समाज को आदर्श रूप में रखने वाली राह बताते हैं। व्यवहारिक आदर्शवाद वास्तव में व्यवहारिकता ही है। उसमें आदर्शवाद कहीं नहीं होता है।

प्रश्न 16-18. जब व्यवहारिकता का बखान होने लगता है तब प्रेक्टिकल आइडियालिस्टों के जीवन से आदर्श धीरे-धीरे पीछे हटने लगते हैं और उनकी व्यवहारिक सूझ-बूझ ही आगे आने लगती है?

उत्तर 16-18. जहाँ व्यवहारिकता होती है वहां आदर्श टिक नही पाते। वास्तव में व्यवहारिकता ही अवसरवादिता का दूसरा नाम है।

प्रश्न 16-19. हमारे जीवन की रफ़्तार बढ़ गई है। यहाँ कोई चलता नहीं बल्कि दौड़ता है। कोई बोलता नहीं, बकता है। हम जब अकेले पड़ते हैं तब अपने आपसे लगातार बड़बड़ाते रहते हैं।

उत्तर 16-19. जीवन की भाग-दौड़, व्यस्तता तथा आगे निकलने की होड़ ने लोगों का चैन छीन लिया है। हर व्यक्ति अपने जीवन में अधिक पाने की होड़ में भाग रहा है। इससे तनाव व निराशा बढ़ रही है।

प्रश्न 16-20. सभी क्रियाएँ इतनी गरिमापूर्ण ढंग से कीं कि उसकी हर भंगिमा से लगता था मानो जयजयवंती के सुर गूँज रहे हों।

उत्तर 16-20. चाय परोसने वाले ने बहुत ही सलीके से काम किया। झुककर प्रणाम करना, बरतन पौंछना, चाय डालना सभी धीरज और सुंदरता से किए मानो कोई कलाकार बड़े ही सुर में गीत गा रहा हो।

लेखक के मित्र ने मानसिक रोग के क्या क्या कारण?

लेखक के मित्र ने मानसिक रोग के कारण बताएँ हैं कि मनुष्य चलता नहीं दौड़ता है, बोलता नहीं बकता है, एक महीने का काम एक दिन में करना चाहता है, दिमाग हज़ार गुना अधिक गति से दौड़ता है। अत: तनाव बढ़ जाता है। मानसिक रोगों का प्रमुख कारण प्रतिस्पर्धा के कारण दिमाग का अनियंत्रित गति से कार्य करना है।

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लेखक के ये विचार सत्य हैं क्योंकि शरीर और मन मशीन की तरह कार्य नहीं कर सकते और यदि उन्हें ऐसा करने के लिए विवश किया तो मानसिक संतुलन बिगड़ जाना स्वाभाविक है।

गद्यांश में मानसिक रोगों के बढ़ने का कारण क्या बताया गया है?

वैसे भी दिमाग की रफ्तार हमेशा तेज़ ही रहती है। उसे 'स्पीड' का इंजन लगाने पर वह हज़ार गुना अधिक रफ्तार से दौड़ने लगता है। फिर एक क्षण ऐसा आता है जब दिमाग का तनाव बढ़ जाता है और पूरा इंजन टूट जाता है। यही कारण है जिससे मानसिक रोग यहाँ बढ़ गए हैं।