इसे सुनेंरोकेंविभिन्न जीवों के एक प्राकृतिक समुदाय में खाद्य श्रृंखलाओं को आपस में जोड़ने वाले नेटवर्क को खाद्य जाल कहा जाता है। सरल भाषा में कहे तो एक खाद्य श्रृंखला आपको दिखाती है कि कैसे एक जीव दूसरे को खाता है और अपनी ऊर्जा को स्थानांतरित करता है। जैसे उदाहरण के लिए, एक ज़ेबरा घास खाता है, और ज़ेबरा शेर द्वारा खाया जाता है। Show
फ़ूड चेन और फ़ूड वेब में क्या अंतर है? इसे सुनेंरोकेंफूड वेब को कई खाद्य श्रृंखलाओं के जटिल अंतर्संबंध के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसके माध्यम से पारिस्थितिकी तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह होता है। फूड चेन में केवल एक सीधी चेन होती है, जबकि फूड वेब में इंटरकनेक्टेड फूड चेन की संख्या होती है । पढ़ना: कुंभ राशि के लकी नंबर क्या है? खाद्य जाल कितने प्रकार के होते हैं?इसे सुनेंरोकेंसामान्यत: दो प्रकार की खाद्य श्रृंखलाएं पाई जाती है। चराई खाद्य श्रृंखला पौधें (उत्पादक) से आरम्भ होकर मांसाहारी (तृतीयक उपभोक्ता) तक जाती है, जिसमें शाकाहारी मध्यम स्तर पर है। हर स्तर पर ऊर्जा का हृास होता हे जिसमें श्वसन, उत्सर्जन व विघटन प्रक्रियाएं सम्मिलित है। आहार श्रृंखला से क्या समझते हैं? इसे सुनेंरोकेंकिसी भी प्राकृतिक समुदाय में पाया जाने वाला जीवधारियों का क्रम जिसके माध्यम से ऊर्जा का स्थानान्तरण होता है। पौधों से शुरू होने वाले इस क्रम में प्रत्येक जीव अपने से पहले जीव पर भोजन या ऊर्जा के लिए निर्भर होता है। एक जीव से दूसरे जीव में आहार ऊर्जा के स्थानान्तरण की श्रृंखला। इसे सुनेंरोकेंइस प्रकार खाद्य जाल किसी पारितंत्र में एक-दूसरे से संयोजित खाद्य शृंखलाओं का एक नेटवर्क है। एक जंतु विभिन्न खाद्य शृंखलाओं का सदस्य हो सकता है। उदाहरण के लिये एक पौधा एक ही समय में अनेक शाकभक्षियों का भोजन हो सकता है, जैसे घास पर खरगोश अथवा टिड्डा या बकरी अथवा सभी निर्भर रहते हैं। पढ़ना: किस राज्य की स्थापना कब हुई? खाद्य श्रृंखला और खाद्य जाल से क्या समझते हैं?इसे सुनेंरोकेंखाद्य श्रृंखला – विभिन्न प्रकार के जीवों का वह रेखीय क्रम है जिसके द्वारा भोजन का संश्लेषण होने एवं खाये जाने की प्रक्रिया के फलस्वरूप ऊर्जा का प्रवाह होता है। खाद्य जाल – किसी एक पारिस्थितिक तंत्र में परस्पर संबंधित खाद्य श्रृंखलाओं को एक साथ खाद्य जाल कहा जाता है। खाद्य जाल का महत्व क्या है? इसे सुनेंरोकेंपारिस्थितिकी तंत्र में विभिन्न खाद्य श्रंखला मिलकर एक जाल का निर्माण करती हैं जिसे खाद्य जाल कहते हैं। इसमें खाद्य ऊर्जा का प्रवाह विभिन्न दिशाओं में होता है। एक खाद्य श्रंखला का संबंध दूसरी खाद्य श्रृंखला से होता है। विभिन्न पोषण स्तर से भोजन प्राप्त होता है। खाद्य श्रृंखला कितने प्रकार की होती है उदाहरण सहित समझाइए?इसे सुनेंरोकेंजलीय खाद्य श्रृंखला-जब कोई खाद्य श्रृंखला किसी जल स्रोत; जैसे तालाब, झील, समुद्र, नदी आदि में विद्यमान हो तो उसे जलीय खाद्य श्रृंखला कहते हैं; जैसे- जलीय पौधा → प्रोटोजोआ → छोटी मछली → बड़ी मछली। खाद्य श्रृंखला - वनस्पति स्रोत से जीवों की एक श्रृंखला में भोजन के हस्तांतरण की प्रक्रिया को खाद्य श्रृंखला कहते हैं। जैसे- उत्पादक→ शाकाहारी→ मांसाहारी। किसी भी पारिस्थितिकी तन्त्र के समस्त जीव भोजन के लिए परस्पर एक दूसरे पर निर्भर रहते हैं। इस प्रकार समस्त जीव एक दूसरे पर निर्भर होकर भोजन श्रृंखला बनाते हैं इससे परिस्थितिकी तन्त्र में खाद्य ऊर्जा का प्रवाह होता है। खाद्य ऊर्जा का एक स्तर से दूसरे स्तर पर ऊर्जा प्रवाह की खाद्य श्रृंखला कहलाती है। सामान्यत: दो प्रकार की खाद्य श्रृंखलाएं पाई जाती है।
जब उत्पादक का उपभोग प्रथम उपभोक्ता द्वारा और फिर प्रथम उपभोक्ता का उपभोग द्वितीय उपभोक्ता द्वारा एक क्रम से किया जाता है कि एक श्रृंखला के समान रचना बन जाती है, इसे ही खाद्य श्रृंखला कहते है। किसी पारिस्थितिक तंत्र में उत्पादक - उपभोक्ता व्यवस्था को किसी पारिस्थितिक तंत्र में उत्पादक उपभोक्ता व्यवस्था को पोषण तल रचना (Tropic Structure) कहते हैं और पारिस्थितिक तंत्र में उत्पादक तथा अलग अलग श्रेणी के प्रत्येक स्तर को पोषण तल या पोषण स्तर या ऊर्जा स्तर (Tropic level or food level) कहते है। जैसे -
इन दोनों के बीच विभिन्न स्तर के उपभोक्ता होते है। प्रकृति में तीन प्रकार की खाद्य श्रृंखलाएं पाई जाती है :-
घास के मैदान के परिस्थितिक तंत्र की आहार श्रृंखलाघास के मैदान का परिस्थितिक तंत्र में उत्पादक हरी घास होती है। इस प्रथम पोषण तल या पोषण स्तर (Tropic level or food level) कहते हैं इसका उपभोग शाकाहारी जैसे खरगोश कर लेता है तो इसे द्वितीय पोषण स्तर कहते है। ये शाकाहारी होता है। इसके पश्चात इसका उपभोग मांसाहारी शाकाहारी होता है। इसके पश्चात इसका उपभोग मांसाहारी जैसे लोमड़ी कर लेती हैं इसे तृतीय पोषण स्तर कहते है। लोमड़ी का उपभोग शेर कर लेता है। जो कि चतुर्थ पोषण स्तर कहलाता है।जलीय तालाब का पारिस्थितिक तंत्र की आहार श्रृंखलाजलीय तालाब एक पूर्ण परिस्थितिक तंत्र होता है इसमें चार प्रकार के घटक (Component) पाये जाते है :-1. अजैविक घटक (Abiotic component)तालाब के जल में विभिन्न खनिज पदार्थ ऑक्सीजन, कार्बनडाइआक्साइड घुले हुए रहते है। 2. जैविक घटक (Biotic component)तालाब के जल में कमल, हाइड्रिला, बोल्फिया, स्पाइरोगाइरा आदि जलीय पौधे पाये जाते है। इनमें क्लोरोफिल पाया जाता है इसलिए ये सूर्य प्रकाश की उपस्थिति में अपना भोजन स्वयं बनाते है अर्थात् प्रकाश ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित कर देते है। 3. उपभोक्ता (Consumers)तालाब के जल में शाकाहारी मछलियां मेंढ़क आदि पाये जाते है, जो जलीय शैवाल आदि छोटे-छोटे जलीय पौधें को ग्रहण करते है इन्हें प्राथमिक उपभोक्ता (First conumer) और तालाब में उपस्थित मांसाहारी मछलियां, केकड़े व जलीय सर्प पाये जाते है जो प्राथमिक उपभोक्ता का भक्षण करते है। द्वितीयक उपभोक्ता कहलाते है। जल के आस-पास रहने वाले पक्षी जैसे बगुला व सारस तथा तालाब में पाये जाने वाले कछुए बड़े आकार की मछलियां, द्वितीयक उपभोक्ता का भक्षण करते है इन्हें तृतीयक (Tertiary Consumer) कहते है। 4. अपघटक (Decomposer)तालाब की तह या सतह में जीवाणु (Bacteria) व कवक (fungus) पाए जाते हैं जो जन्तु और पौधों के मृत शरीर को अपघटित कर देते है। खाद्य जाल क्या है ?खाद्य श्रृंखलाएं पृथक अनुक्रम न होकर एक दूसरे से जुड़ी होती हैं। उदाहरणार्थ - एक चूहा जो अन्न पर निर्भर हैं, वह अनेक द्वितीयक उपभोक्ताओं का भोजन हे और तृतीयक मांसाहारी अनेक द्वितीयक जीवों से अपने भोजन की पूर्ति करते है। इस प्रकार प्रत्येक मांसाहारी जीव एक से अधिक प्रकार के शिकार पर निर्भर है। परिणामस्वरूप खाद्य श्रृंखला आसपास में एक-दूसरे से जुड़ी हुई है। प्रजातियों के इस प्रकार के जुडे होने (अर्थात जीवों की खाद्य श्रृंखलाओं के विकल्प उपलब्ध होने पर) को खाद्य जाल कहा जाता है। खाद्य जाल से आप क्या समझते हैं उदाहरण सहित?Solution : खाद्य जाल-किसी पारितंत्र में प्रतिपादित होने वाली विभिन्न आहार श्रृंखलाओं के आपस में संबद्ध होने से बने जाल को खाद्य-जाल कहते हैं। खाद्य जाल पौधों से आरंभ होता है और माँसाहारी पर समाप्त होता है। एक खाद्य जाल में अनेक आहार श्रृंखलाएँ हो सकती हैं।
खाद्य श्रृंखला क्या है उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए?जैसे एक पौधे का भक्षण कीड़े (Beetle) द्वारा किया जाता है, कीड़े को मेंढ़क खा जाता है, मेंढ़क साँप का भोजन है और साँप एक बाज द्वारा खा लिया जाता है। इस खाद्य के क्रम और एक स्तर से दूसरे स्तर पर ऊर्जा के प्रवाह को ही खाद्य श्रृंखला कहा जाता है।
खाद्य श्रृंखला और खाद्य जाल से आप क्या समझते हैं?Solution : खाद्य श्रृंखला - विभिन्न प्रकार के जीवों का वह रेखीय क्रम है जिसके द्वारा भोजन का संश्लेषण होने एवं खाये जाने की प्रक्रिया के फलस्वरूप ऊर्जा का प्रवाह होता है। <br> खाद्य जाल - किसी एक पारिस्थितिक तंत्र में परस्पर संबंधित खाद्य श्रृंखलाओं को एक साथ खाद्य जाल कहा जाता है।
खाद्य जाल का महत्व क्या है?इस प्रकार खाद्य जाल पारितंत्र के भीतर जैविक समुदाय के स्थायित्व को सुनिश्चित करता है। उष्णकटिबंधीय जलवायु में हमें आमतौर से सम्मिश्र खाद्य श्रृंखलाएं ही देखने को मिलती हैं। शीतोष्ण जलवायु में आहार श्रृंखलाएं बहुत सरल प्रकार की होती हैं। सरलतम प्रकार की खाद्य श्रृंखला टुंड्रा में पायी जाती है।
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