क्या हम निर्जला एकादशी में पानी पी सकते हैं - kya ham nirjala ekaadashee mein paanee pee sakate hain

शुक्रवार, 10 जून को ज्येष्ठ मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी है। इस दिन बिना पानी पिए उपवास करने का विधान ग्रंथों में है। इसलिए इसे निर्जला एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु के साथ ही देवी लक्ष्मी की पूजा विशेष रूप से किए जाने की मान्यता है। निर्जला एकादशी को भगवान के सामने जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए माफी मांगी जाती है, भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा जीवन में सुख और समृद्धि के लिए की जाती है।

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आपका प्रश्न निर्जला एकादशी के दिन पानी पी लेने से क्या होगा निर्जला एकादशी के दिन पानी पी लेने से व्रत टूट जाता है जो लोग ना पानी के साथ रहते हैं उनका में टूट जाता है धन्यवाद

aapka prashna nirjala ekadashi ke din paani p lene se kya hoga nirjala ekadashi ke din paani p lene se vrat toot jata hai jo log na paani ke saath rehte hain unka me toot jata hai dhanyavad

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क्या हम निर्जला एकादशी में पानी पी सकते हैं - kya ham nirjala ekaadashee mein paanee pee sakate hain
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शास्त्रों में कहा गया है कि निर्जला एकादशी का व्रत रखने से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति भी होती है। कहा जाता है कि इस दिन विश्वामित्र ने सभी को गायत्री मंत्र भी सुनाया था। इसीलिए इसे महा एकादशी भी कहते हैं। इस दिन श्री नारायण का पूजन होता है। ओउम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र के जाप से संकट मिट जाते हैं। इस दिन जो जल दान दिया जाता है उसका करोड़ों गुणा फल मिलता है।

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इस एकादशी व्रत में पानी पीना वर्जित माना जाता है, इसलिए इसे निर्जला एकादशी कहते हैं। लेकिन अगर बीमार हैं तो पानी पी सकते हैं, वरना अगले दिन सुबह व्रत के पारण के समय ही पानी पी सकते हैं। कमजोर और बीमार लोग व्रत के एक समय फलाहार भी ले सकते हैं।

एकादशी पर जो लोग व्रत नहीं रखते, उन्हें भी चावल, दाल, बैंगन, मूली और सेम भी नहीं खाना चाहिए।

एकादशी के दिन तामसिक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। मांस, मदिरा, प्याज लहसुन ये सभी तामसिक पदार्थों में शामिल हैं।

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आपने सुना होगा कि जल ही जीवन है और यदि शरीर को तंदुरुस्त बनाना है तो कम से कम 10 से 12 गिलास पानी का सेवन रोज करना जरूरी है. ऐसे में जिन लोगों ने आज निर्जला एकादशी का व्रत रखा है उन्हें पता होना चाहिए कि पूरे दिन पानी न पीने से सेहत को क्या नुकसान हो सकते हैं.

क्या हम निर्जला एकादशी में पानी पी सकते हैं - kya ham nirjala ekaadashee mein paanee pee sakate hain

साफ पानी पिएं

पानी हमारे जीवन के लिए जरूरी तत्वों में से एक है. पानी ही जीवन है और पानी से शरीर को तंदुरुस्त भी बनाया जा सकता है. ऐसे में डॉक्टर्स सलाह देते हैं कि हमें कम से कम 10 से 12 गिलास पानी का सेवन रोज करना चाहिए. लेकिन क्या हो अगर आप पूरे दिन पानी ना पिएं? बता दें कि निर्जला एकादशी आज है. ऐसे में जो लोग आज के दिन व्रत रखते हैं वे पूरे दिन बिना पानी और नमक खाएं रहते हैं. ऐसे में बता दें कि पूरे दिन पानी न पीने से सेहत से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. जिन लोगों ने आज व्रत रखा है उन्हें इन समस्याओं के बारे में पता होना जरूरी है. आज का हमारा लेख इसी विषय पर है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि यदि आप पूरे दिन पानी का सेवन नहीं करते हैं तो इससे सेहत को क्या नुकसान हो सकते हैं. पढ़ते हैं आगे…

  1. यदि व्यक्ति पूरे दिन पानी नहीं पीता है तो इसके शरीर के तापमान में उतार-चढ़ाव आ सकता है.
  2. पूरे दिन पानी न पीने से शरीर में डिहाइड्रेशन के लक्षण जैसे- सिर में दर्द, लाल चेहरा, चक्कर, लाल आंखें, बुखार आदि लक्षण नजर आ सकते हैं.
  3. पूरे दिन पानी न पीने से शरीर में इलैक्ट्रोलाइट्स (electrolytes) असंतुलित हो सकते हैं.
  4. पूरे दिन यदि व्यक्ति पानी का सेवन नहीं करता है तो उसके दिमाग में सूजन आ सकती है.
  5. यदि व्यक्ति पानी का सेवन नहीं करेगा तो उसे जोड़ों में तनाव और जोड़ों के काम में रुकावट महसूस होगी.
  6. व्यक्ति का ब्लड प्रेशर भी घट बढ़ सकता है यदि वो पूरे दिन पानी का सेवन नहीं करता है.
  7. व्यक्ति के पाचन तंत्र के काम में भी रुकावट आ सकती है.

नोट – ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि यदि आप पूरे दिन पानी का सेवन नहीं करते हैं तो इससे शरीर को कई नकारात्मक प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है.

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निर्जला एकादशी में पानी पीने से क्या होता है?

निर्जला एकादशी के दिन पानी पीना तक वर्जित होता है. लेकिन गर्मी के कारण अक्सर कई लोग बहुत ज्यादा प्यास लगने पर खुद को रोक नहीं पाते और पानी पी लेते हैं जिससे उनका व्रत टूट जाता है. ऐसे में अगर आप हमारे बताए गए तरह ये पानी पिएं, तो आपका व्रत खंडित भी नहीं होगा और आपकी प्यास भी बुझ जाएगी.

निर्जला एकादशी के व्रत में पानी कब पीना चाहिए?

ऐसे में व्रत रखने वालों को यह जानना जरूरी हो जाता है कि निर्जला एकादशी व्रत में पानी कब पीना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार निर्जला एकादशी व्रत में सूर्योदय से लेकर दूसरे दिन के सूर्योदय तक जल का त्याग करना चाहिए और अगले दिन सूर्योदय के बाद पूजा करके पारण के समय जल ग्रहण करना चाहिए.

निर्जला एकादशी में प्यास लगे तो क्या करें?

शुभ मुहूर्त में करें पारण सुबह स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद भगवान विष्णु को प्रणाम करें और पूजा पाठ करें. फिर ब्राह्मण को भोजन कराएं. उन्हें दान-दक्षिणा देकर सम्मान से विदा करें. इसके बाद खुद व्रत का पारण करें.

निर्जला एकादशी में क्या पीना चाहिए?

निर्जला एकादशी पर ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि के बाद सूर्य भगवान को जल अर्पण करके व्रत रखने के संकल्प लें। इसके बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करें। इस दिन भूलकर भी तरल पदार्थ पानी वाले फल और पानी का सेवन ना करें। साथ ही व्रत वाले दिन अगर आप प्यासे लोगों को पानी पिलाते हैं तो आपको बहुत पुण्य मिलेगा।