कार्बोहाइड्रेट की कमी से कौन सा रोग? - kaarbohaidret kee kamee se kaun sa rog?

सावधान: कहीं आप भी तो नहीं कर रहे हैं कार्बोहाइड्रेट से बिल्कुल परहेज? ऐसी गलती पड़ सकती है भारी

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Abhilash Srivastava Updated Thu, 19 Aug 2021 01:05 PM IST

Medically reviewed by-
हिमांशु शेखर
(आहार और पोषण विशेषज्ञ)
दिल्ली

स्वस्थ जीवन के लिए पौष्टिक आहार की आवश्यकताओं के बारे में सभी लोग भली-भांति वाकिफ हैं। सभी पोषक तत्वों की बेहतर स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कार्बोहाइड्रेट, भी ऐसा ही पोषक तत्व है जिसे शरीर के लिए आवश्यक माना जाता है। हालांकि आपने अक्सर मधुमेह या अधिक वजन से बचने के लिए कार्बोहाइड्रेट के सेवन को कम करने के बारे में सुना होगा। इसी को ध्यान में रखते हुए अक्सर लोग इस तत्व का सेवन बहुत ही कम कर देते हैं। हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि आहार में कार्बोहाइड्रेट की कमी के कारण शरीर में 'कार्बोहाइड्रेट डिफिशिएंसी' की समस्या हो सकती है, जिसके चलते कई तरह की जटिलताओं का खतरा बढ़ जाता है।
आहार और पोषण विशेषज्ञ कहते हैं, यह सही है कि शरीर को कई तरह की बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए लोगों को कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करना चाहिए, हालांकि इसका यह मतलब नहीं है कि आप इसके सेवन को बिल्कुल ही कम कर दें। शरीर में कार्बोहाइड्रेट की कमी तमाम तरह की दिक्कतें पैदा कर सकती है। आइए इस बारे में आगे की स्लाइडों में विस्तार से जानते हैं।

शरीर के लिए कार्बोहाइड्रेट क्यों जरूरी है?
आहार विशेषज्ञ कहते हैं, हमारे भोजन में शामिल कई चीजों को कार्ब्स का अच्छा स्रोत माना जाता है। मस्तिष्क और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के लिए इसका सेवन आवश्यक होता है। शरीर में कार्बोहाइड्रेट का शुगर के रूप में ब्रेकडाउन होता है और यह तेजी से पाचन तंत्र में अवशोषित होकर रक्त प्रवाह में आ जाती है। यहां से यह शरीर के तमाम हिस्सों, मांसपेशियों और ऊतकों तक पहुंचती है, जिनमें से अधिकांश का उपयोग मस्तिष्क द्वारा किया जाता है।
वैसे को कार्ब्स का ज्यादा सेवन वजन बढ़ने की समस्या का कारण बन सकता है, हालांकि इनका सही मात्रा में सेवन शरीर के लिए उतना आवश्यक भी माना जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार यदि आप दिन में 2000 कैलोरी का सेवन करते हैं तो आहार में 225-325 ग्राम कार्ब्स को जरूर शामिल करना चाहिए। कार्बोहाइड्रेट की कमी शरीर के लिए क्या जटिलताएं पैदा कर सकती है, आइए इस बारे में जानते हैं।

सुस्ती और कमजोरी हो सकती है
आहार विशेषज्ञ बताते हैं कि शरीर में कार्बोहाइड्रेट की कमी गंभीर कमजोरी और सुस्ती जैसी समस्याओं का कारण बन सकती है। जब शरीर को ऊर्जा का मुख्य स्रोत कार्बोहाइड्रेट नहीं मिल पाता है तो उसे अन्य पोषक तत्वों पर निर्भर रहना पड़ता है। शरीर में लगातार इस पोषक तत्व की कमी बने रहने से समय के साथ जटिलताएं गंभीर रूप ले सकती हैं। कमजोरी और सुस्ती  के कारण आपका दैनिक जीवन भी प्रभावित हो जाता है।

कब्ज की समस्या
आहार विशेषज्ञ कहते हैं, स्वस्थ पाचन तंत्र के लिए फाइबर का सेवन आवश्यक है। यदि आप कार्ब्स युक्त आहार का सेवन बिल्कुल कम कर देते हैं, या फिर शरीर में इसकी कमी आ जाती है तो इसके परिणामस्वरूप आपको कब्ज की दिक्कतों का अनुभव हो सकता है। यह समस्या आगे चलकर अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं का कारण बन सकती है। ऐसे में आहार में कम मात्रा में ब्रेड, अनाज और पास्ता जैसे चीजों को शामिल करें। हालांकि यदि आपको मधुमेह की समस्या है तो इस बारे में चिकित्सक से सलाह जरूर ले लें।

कार्बोहाइड्रेट और वजन
जब आप कार्ब्स को छोड़ देते हैं, तो पहले हफ्ते में ही शरीर से पानी का वजन कम हो जाता है, ऐसे में लोगों को लगता है कि उनमें फैट लॉस की प्रक्रिया शुरू हो गई है। हालांकि, बाद में यह दिक्कतें पैदा कर सकती है। कार्ब्स का सेवन बिल्कुल बंद कर देने की स्थिति में लिवर इस भरपाई को पूरा करने के लिए अधिक मात्रा में शुगर का उत्पादन करने लगता है, जिसके परिणामस्वरूप ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है। वहीं इस स्थिति का मुकाबला करने के लिए, अग्न्याशय इंसुलिन का उत्पादन बढ़ा देता। नतीजतन, शरीर फैट को कम करने के बजाय उसे जमा करना शुरू कर देता है जिससे वजन घटाने में बाधा आ सकती है। इसलिए कार्ब्स का संतुलित सेवन आवश्यक माना जाता है।

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नोट: यह लेख आहार और पोषण विशेषज्ञ हिमांशु शेखर के सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है। हिमांशु दिल्ली के जाने-माने पोषण विशेषज्ञ हैं। लेख में बताई गई बातों को प्रयोग में लाने से पहले डॉक्टर से संपर्क कर लें।

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

कार्बोहाइड्रेट कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का मिश्रण होते हैं। ये ऊर्जा के प्रमुख स्रोत होते हैं जो हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी हैं।

कार्बोहाइड्रेट कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का मिश्रण होते हैं। ये ऊर्जा के प्रमुख स्रोत होते हैं जो हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी हैं। कैलोरी की अधिकता होने की वजह से अक्सर वजन कम करने वाले लोगों को कार्बोहाइड्रेट खाने की मनाही होती है या फिर कम खाने की सलाह दी जाती है। लेकिन कम कार्बोहाइड्रेट का सेवन भी हमारे शरीर में तमाम तकलीफों का कारण बन सकता है। शारीरिक और मानसिक सक्रियता के लिए कार्बोहाइड्रेट बगहुत जरूरी है। आज हम आपको बताने वाले हैं कि अगर आप कार्बोहाइड्रेट का सेवन छोड़ देते हैं तो आपको किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

कब्ज – कार्बोहाइड्रेट का ही एक प्रकार होता है फाइबर। शरीर में पाचन संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने में इसका महत्वपूर्ण योगदान होता है। अगर आपकी डाइट में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम है तो इसका मतलब है कि आपके शरीर में पर्याप्त मात्रा में फाइबर नहीं पहुंच रहा। ऐसे में कब्ज और पाचन संबंधी अन्य समस्याओं का खतरा काफी बढ़ जाता है।

वजन में कमी आना – कार्बोहाइड्रेट एनर्जी का समृद्ध स्रोत होता है। इसकी शरीर में कमी होने की वजह से शरीर एनर्जी मांसपेशियों से लेना शुरू करता है जिससे वजन में कमी आने लगती है। इसीलिए मोटापे से ग्रस्त लोगों के लिए कार्बोहाइड्रेट छोड़ने की सलाह दी जाती है।

थकान – कार्बोहाइड्रेट की कमी की वजह से शरीर को ऊर्जा की आपूर्ति काफी कम हो जाती है। ऐसे में थकान, कमजोरी और चक्कर आने जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। हमेशा एक्टिव रहने के लिए कार्बोहाइड्रेट का सेवन बेहद जरूरी है।

डिप्रेशन – कार्बोहाइड्रेट की वजह से दिमाग सेरोटोनिन नाम के हार्मोन को नियंत्रित करता है। अगर हम पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रोट लेना कम कर दें तो सेरोटोनिन की आपूर्ति कम होने की वजह से डिप्रेशन जैसी बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।

सिरदर्द – कार्बोहाइड्रेट की कमी से शरीर ऊर्जा के लिए मसल्स को बर्न करना शुरू कर देता है। ऐसे में केटोन नाम का एसिड उत्सर्जित होता है। जिसकी वजह से सरदर्द, मतली और सांस की बदबू की समस्या उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में एकाग्रता के भंग होने की भी समस्या जन्म लेती है।

कार्बोहाइड्रेट की कमी से कौन सा रोग? - kaarbohaidret kee kamee se kaun sa rog?

कार्बोहाइड्रेट की कमी से कौन सा रोग हो जाता है?

सुस्ती और कमजोरी हो सकती है आहार विशेषज्ञ बताते हैं कि शरीर में कार्बोहाइड्रेट की कमी गंभीर कमजोरी और सुस्ती जैसी समस्याओं का कारण बन सकती है। जब शरीर को ऊर्जा का मुख्य स्रोत कार्बोहाइड्रेट नहीं मिल पाता है तो उसे अन्य पोषक तत्वों पर निर्भर रहना पड़ता है।

कार्बोहाइड्रेट की अधिकता से कौन सा रोग होता है?

सबसे अहम है कार्बोहाइड्रेट के ज्यादा सेवन से पेट गड़बड़ हो जाना। इसका कारण है कि ज्यादा कार्बोहाइड्रेट वाले फूड्स में आमतौर पर फाइबर कम होता है और प्रॉसेस्ड कार्ब्स में तो कोई पोषक तत्व भी नहीं होते हैं। इसलिए अधिक मात्रा में इनका सेवन करने से कब्ज, बदहजमी, पेट दर्द, अपच आदि की समस्या हो सकती है।

कार्बोहाइड्रेट क्या खाने से बढ़ता है?

कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ – Carbohydrate Rich Foods in Hindi.
ब्राउन राइस मात्रा: 100 ग्राम। ... .
कुट्टू मात्रा: 100 ग्राम। ... .
किडनी बीन्स (राजमा): मात्रा: 100 ग्राम। ... .
मसूर की दाल मात्रा: 100 ग्राम। ... .
आलू मात्रा: 100 ग्राम। ... .
केला मात्रा: 100 ग्राम। ... .
क्विनोआ मात्रा: 100 ग्राम। ... .
ओट्स मात्रा: 100 ग्राम।.

कार्बोहाइड्रेट से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?

कार्बोहाइड्रेट के स्वास्थ लाभ.
शरीर के लिए ऊर्जा ... .
अपलिफ्ट मूड ... .
बेहतर नींद में मदद करता है ... .
शरीर को फाइबर प्रदान करता है ... .
रोगों को रोकने में मदद करता है ... .
रक्त के थक्के को रोकता है ... .
वजन नियंत्रित करने के लिए उपयोगी ... .
पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है.