कार की बैटरी को चार्ज कैसे करें? - kaar kee baitaree ko chaarj kaise karen?

कार की बैटरी, कार के इंजन की एक्सट्रा पॉवर का इस्तेमाल करके चार्ज रहती है, और ज़्यादातर बैटरी बदले या रीचार्ज किए बिना कम से कम पांच साल तक चल सकती है।[१] लेकिन यहाँ तक कि बेस्ट कार बैटरी की पॉवर भी आखिर में खत्म हो जाती है — या फिर अगर आप काफी देर के लिए लाइट को चालू छोड़ देते हैं, तो समय के पहले भी इनका चार्ज कम हो जाता है। गाड़ी की बैटरी का डैड मिलना आपके लिए एक बहुत बड़ा परेशानी वाला मामला बन सकता है, लेकिन बैटरी को रिचार्ज करने में केवल कुछ ही टूल्स या मेकेनिकल एक्सपीरियंस की जरूरत पड़ती है।

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    सभी जरूरी सेफ़्टी गियर पहन लें: गाड़ी के ऊपर कभी भी काम करते समय अपनी सेफ़्टी का ख्याल रखना सबसे ज्यादा जरूरी होता है। खुद को कार के हुड के नीचे गिरने वाले मटेरियल, बैटरी के कॉम्प्रोमाइज़ होने के मामले में होने वाले स्पार्क या बैटरी फ्लुइड से बचाने के लिए प्रोटेक्टिव आइग्लासेस पहनें। आप चाहें तो ग्लव्स भी पहन सकते हैं। सुनिश्चित करें कि आप जिस एरिया में काम कर रहे हैं, वो अच्छी तरह से वेंटीलेटेड है और उसमें भरपूर रौशनी भी है, ताकि आप जहां पहुँच रहे हैं और जो भी कर रहे हैं, उसे आराम से देख पाएँ।[२]

    • ग्लव्स की जरूरत नहीं है, लेकिन ये आपके हाथों को गाड़ी पर काम करते समय छोटे पैंच से और कट्स से बचाए रखेगा।
    • सुनिश्चित करें कि आप जब बैटरी पर काम करें, तब वहाँ के एरिया में कोई बच्चा नहीं है, क्योंकि अगर पॉज़िटिव और नेगेटिव एक दूसरे के संपर्क में आ जाएँ, तो स्पार्क्स या चिंगारी उड़ सकती है।

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    निर्धारित करें कि आपके पास में किस टाइप की बैटरी है: अपनी बैटरी को सही तरीके से चार्ज करने के लिए, आपको सबसे पहले ये पता करना होगा कि आपके पास में कौन सी टाइप की बैटरी है। आप इसे आमतौर पर बैटरी पर कहीं पर लिखा पा सकते हैं, लेकिन अगर उसका लेबल इतना खराब हो गया है कि दिख नहीं रहा है या खो गया है, तो आपको मेनुफेक्चरर की वैबसाइट को चेक करने की जरूरत पड़ेगी। आप बैटरी के लेबल को भी देखकर या गाड़ी के ऑनर्स मैनुअल को चेक करके बैटरी के वोल्टेज को भी पता कर पाएंगे। बैटरी के टाइप में, ये शामिल हैं:[३]

    • वैट सेल बैटरी (Wet cell battery) की सर्विसिंग की जा सकती है, जिसका मतलब कि ऐसी कुछ चीजें हैं, जिन्हें आप आपकी बैटरी के चार्ज और उसकी लाइफ को बेहतर बनाने के लिए अपना सकते हैं।
    • VRLA बैटरी (Valve Regulated Lead-Acid Battery) पूरी तरह से सील होती हैं और इन्हें मेंटेनेंस की जरूरत होती है। ये बैटरी एक Gel Cell या Absorbed Glass Mat बैटरी की तरह आती हैं और बशर्ते आप इसे आफ्टर मार्केट मोडिफिकेशन के रूप में नहीं खरीदते हैं, तो ये कार में ज्यादा कॉमन नहीं होती हैं।

  3. कार की बैटरी को चार्ज कैसे करें? - kaar kee baitaree ko chaarj kaise karen?

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    एक कार बैटरी चार्जर ले आएँ: एक ऐसा चार्जर ले आएँ, जो आपकी बैटरी और आपके काम के लिए उचित हो। ज़्यादातर चार्जर केवल Gel Cell batteries के अलावा सभी टाइप की बैटरी के लिए काम करेंगे। ऐसे कुछ फास्ट चार्जर भी उपलब्ध हैं, जो आपकी बैटरी को तुरंत चार्ज कर सकते हैं या आपको जम्प स्टार्ट भी प्रोवाइड कर सकते हैं, साथ में "ट्रिकल (trickle)" चार्जर भी हैं, जो आपको स्लो, लेकिन लंबे समय तक बने रहने वाला चार्ज प्रोवाइड करते हैं। कई नए चार्जर में बैटरी के चार्ज होने की मात्रा को मॉनिटर करने के लिए साथ में माइक्रोप्रोसेसर भी आते हैं। ये डिजिटल चार्जर फिर बैटरी के पूरे चार्ज हो जाने के बाद ऑटोमेटिकली प्रोसेस को रोक देंगे। पुराने, सिम्पल चार्जर को खतरनाक ओवरचार्जिंग होने से रोकने के लिए मैनुअली स्टॉप किया जाना जरूरी होता है और जब कनेक्टेड हों, तब इन्हें ज्यादा लंबे समय तक के लिए अकेले नहीं छोड़ना चाहिए।[४]

    • आप आपकी विशेष यूनिट को ठीक तरह से यूज कर रहे हैं, इसकी पुष्टि करने के लिए चार्जर के इन्सट्रक्शन मैनुअल को जरूर पढ़ लें।
    • यहाँ तक कि नए डिजिटल चार्जर के भी प्रोपर तरीके से फंक्शन करने और बैटरी के ओवर चार्ज होने से पहले रोकने की पुष्टि के लिए पर भी नजदीक से नजर रखी जानी चाहिए।

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    अगर जरूरत हो, तो बैटरी को डिस्कनेक्ट कर दें और हटा दें: जरूरी है कि आप आपकी गाड़ी पर कोई भी रिपेयर या मेंटेनेंस करना शुरू करने से पहले आप बैटरी को डिस्कनेक्ट कर देते हैं। ज़्यादातर टाइम आप बैटरी को कार के बाहर निकाले बिना ही चार्ज कर पाएंगे, लेकिन अगर बैटरी तक पहुँच रहे हैं या फिर इंजन के रास्ते में या फिर ऐसी जगह पर चार्जिंग केबल को फिट कर रहे हैं, जहां मुश्किल में बैटरी मौजूद है तो बैटरी को चार्ज करने के लिए उसे कार से पूरा बाहर निकाल दें।[५]

    • अगर आप बैटरी की सही लोकेशन को लेकर श्योर नहीं हैं, तो अपनी गाड़ी के लिए ऑनर्स मैनुअल को चेक कर लें। कुछ गाड़ियों में ट्रंक में बैटरी होती है, जबकि कुछ में हुड में होती है।
    • बैटरी निकालते समय, नेगेटिव टर्मिनल को पहले, फिर पॉज़िटिव टर्मिनल को डिस्कनेक्ट करें।

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    बैटरी टर्मिनल को साफ करें: बैटरी टर्मिनल पर मौजूद जरा भी धूल चार्जिंग केबल को बैटरी के साथ में एक स्ट्रॉंग कनैक्शन बनाने से रोक सकती है, इसलिए जरूरी है कि आप टर्मिनल को अच्छी तरह से साफ कर लें। जरा सी भी गंदगी या जंग को पोंछने के लिए बेकिंग सोडा और एक गीले कपड़े का या एक सैंडपेपर पैड का इस्तेमाल करें। एक स्ट्रॉंग चार्ज मिलने की पुष्टि करने के लिए अगले स्टेप पर जाने से पहले पक्का कर लें कि टर्मिनल केवल खाली मेटल ही हैं।[६]

    • कभी कभी, आप पाएंगे कि बैटरी तो पूरी चार्ज है, लेकिन गंदे टर्मिनल्स उसमें से इलेक्ट्रिसिटी को फ़्लो होने से रोक रहे होते हैं।
    • टर्मिनल्स को सीधे खुली त्वचा से न टच करें, खासतौर से अगर उन पर व्हाइट पाउडर लगा दिख रहा है। ये पाउडर आमतौर पर सूखा सल्फ्यूरिक एसिड (sulfuric acid) होता है और अगर आप इसके संपर्क में आ जाएँ, तो ये आपकी त्वचा को भी जला सकता है।

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    चार्जर को एक स्टेबल सरफेस पर रखें: बैटरी चार्जर को कभी सीधे बैटरी पर न रखें, क्योंकि ये शायद नेगेटिव और पॉज़िटिव टर्मिनल से कनैक्ट हो सकता है, जिसकी वजह से बैटरी और चार्जर को नुकसान पहुँच सकता है और संभावित रूप से आग उठने का खतरा भी रहता है। बल्कि, चार्जर को एक स्टेबल सरफेस पर केबल जितनी दूर जा सके, बैटरी से जितना हो सके, उतना दूर रखें। चार्जर को दीवार पर जोड़ने से पहले, अगर आप इंडोर हैं, तो खिड़कियाँ खोलकर या गैरेज के डोर को खोलकर सुनिश्चित करें कि एरिया अच्छा वेंटीलेटेड है।[७]

    • चार्जर को गिरने या फिर बैटरी से डिस्कनेक्ट होने से रोकने के लिए सुनिश्चित करें कि आप जिस सरफेस पर चार्जर रख रहे हैं, वो मजबूत और स्टेशनरी या स्थिर है।
    • बैटरी को चार्जर से जितना हो सके, उतना दूर करने के लिए केबल्स की फुल लेंथ का इस्तेमाल करें।

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    चार्जर को बैटरी से कनैक्ट करें: चार्जर से नेगेटिव (-) साइन के साथ वाली ब्लैक केबल को बैटरी के इसी सिंबल से मार्क किए नेगेटिव टर्मिनल के साथ में जोड़ें। फिर पॉज़िटिव (+) साइन वाले रेड केबल को बैटरी पर इसी सिंबल के पॉज़िटिव टर्मिनल पर जोड़ें। इतना ध्यान रखें कि आप प्लग करने या चार्जर को ऑन करने से पहले कनैक्शन को एक बार ठीक से चेक जरूर करते हैं, क्योंकि पॉज़िटिव और नेगेटिव के मिलने की वजह से बैटरी को नुकसान पहुँच सकता है या शायद आग भी लग सकती है।[८]

    • कुछ कार पर पॉज़िटिव टर्मिनल को एक पॉज़िटिव (+) साइन की जगह पर POS से और नेगेटिव (-) साइन की जगह पर NEG से लेबल किया गया होगा।
    • चार्जर से इलेक्ट्रिसिटी को बैटरी में फ़्लो होने देने के लिए सुनिश्चित करें कि केबल्स मजबूती के साथ जुड़ी हैं।

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    चार्जर को सेट करें: डिजिटल चार्जर शायद बैटरी में मौजूदा वोल्टेज को इंडिकेट कर सकते हैं और आपको फ़ाइनल वोल्टेज लेबल सेट करने दे सकते हैं, जबकि पुराने मॉडल में शायद केवल ऑन और ऑफ सेटिंग्स ही उपलब्ध रह सकती हैं। स्पीड चार्जर में आप उस स्पीड भी चुन पाएंगे, जिसमें आप आपकी बैटरी (अक्सर इसे शायद स्लो के लिए कछुए की पिक्चर और फास्ट के लिए खरगोश की पिक्चर के साथ में दर्शाया गया होगा) को चार्ज करना चाहते हैं। एक फास्ट चार्ज ऐसी कार बैटरी के लिए अच्छा होता है, जो आपके लाइट को चालू छोड़ने या उस पर किसी प्रभाव की वजह से अभी-अभी डैड हुई हो, जबकि एक बैटरी, जो कुछ समय से डैड रह चुकी है, उसे दोबारा इस्तेमाल होने के लायक बैटरी में बदलने के लिए किसी धीमी चार्जिंग मेथड की जरूरत पड़ेगी।[९]

    • अगर आप वोल्टेज को सेट कर सकते हैं, चार्जर रुक जाएगा, इसे बैटरी पर स्पेसिफाइड वोल्टेज पर सेट करें या फिर गाड़ी के ऑनर्स मैनुअल में पाए जाने वाले पर सेट करें।
    • अगर आप गाड़ी को बिना निगरानी के छोड़ने जा रहे हैं, तो चार्जर को कभी भी फास्ट चार्ज पर सेट न करें।
    • अगर बैटरी कुछ समय से डैड रह चुकी है, तो आपको बैटरी को रातभर के लिए स्लो चार्जिंग पर छोड़ने की जरूरत होगी।

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    बैटरी को चेक करें: बैटरी को चार्ज होने देने के बाद, इसे चेक करके देखें कि ये काम कर रही है या नहीं। कुछ डिजिटल चार्जर आपको एक रीडआउट प्रोवाइड करेंगे, जिसमें आपको बताया जाएगा कि बैटरी चार्ज को ठीक तरीके से होल्ड कर पा रही है या अगर बैटरी को रिप्लेस करने की जरूरत तो नहीं। इसे अक्सर “100%” के जैसे पर्सेंटेज में इंडिकेट किया जाएगा, जिसका मतलब कि बैटरी 100% चार्ज हो चुकी है। साथ ही आपको चार्जर के डिस्कनेक्ट होने के बाद बैटरी के वोल्टेज को चेक करने के लिए एक वोल्टमीटर (voltmeter) का भी इस्तेमाल करने की जरूरत पड़ेगी, जिसमें वोल्टमीटर के पॉज़िटिव और नेगेटिव केबल को आपको बैटरी के भी इन्हीं टर्मिनल से टच करना होगा। अगर बैटरी अभी भी कार में है, तो इसे चेक करने का सबसे आसान तरीका है कि आप इसे एक बार फिर से हुक करें और कार को स्टार्ट करने की कोशिश करें।[१०]

    • अगर वोल्टमीटर वोल्ट्स में ऐसे नंबर रीड करता है, जो बैटरी के लिए उचित है, या चार्जर इंडिकेट करता है कि ये सही है या गाड़ी स्टार्ट हो जाती है, तो बैटरी पूरी तरह से चार्ज हो चुकी है।
    • अगर वोल्टमीटर या चार्जर इंडिकेट करता है कि बैटरी खराब है या गाड़ी चालू नहीं होती, तो फिर शायद ऐसा और कोई इशू है, जिसे ठीक किया जाना चाहिए या फिर बैटरी को ही रिप्लेस करने की जरूरत है।

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    एक चालू बैटरी वाली गाड़ी को ऐसे पार्क करें, ताकि वो उस कार को फेस करे, जिसे आप जंप स्टार्ट कर रहे हैं: गाड़ी को जंप स्टार्ट करने में आपकी गाड़ी की बैटरी को गाड़ी को स्टार्ट करने और खुद को आगे चार्ज कर सकने के लायक चार्ज करने के लिए दूसरे एक चालू गाड़ी के इलेक्ट्रिकल सिस्टम का इस्तेमाल करना शामिल होता है। एक चालू गाड़ी को पार्क करने से पहले, दोनों गाड़ियों की बैटरी को आप लोकेट कर लें, क्योंकि कुछ गाड़ियों की बैटरी को ट्रंक में पाया जा सकता है। जैसे ही आप दोनों गाड़ियों की बैटरी को लोकेट कर लें, फिर चालू गाड़ी को आपके इतने नजदीक तक ले आएँ, ताकि आपकी जम्पर केबल दोनों बैटरी को कनैक्ट कर पाए।[११]

    • अगर किसी एक गाड़ी की बैटरी उसके ट्रंक में है, तो उसे दूसरे के सामने इतना पीछे तक लाएँ, ताकि केबल्स पहुँच सकें।
    • चार्जिंग प्रोसेस के दौरान गाड़ियों के मूव न होने की पुष्टि के लुए दोनों गाड़ियों पर पार्किंग ब्रेक सेट कर दें।

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    दो बैटरी को कनैक्ट करने के लिए जम्पर केबल का इस्तेमाल करें: इस बात का ध्यान रखें कि आप जैसे ही जम्पर केबल को बैटरी से कनैक्ट करते हैं, केबल के दूसरे साइड के पॉज़िटिव और नेगेटिव सिरे को टच करने से स्पार्क्स पैदा होगा, जो खतरनाक हो सकता है। दोनों कार को बंद रखकर, जम्पर केबल को डैड बैटरी के पॉज़िटिव टर्मिनल से कनैक्ट करें और फिर सही बैटरी के पॉज़िटिव टर्मिनल से कनैक्ट करें। ध्यान रखें कि आप नेगेटिव केबल को इंजिन के रास्ते में न लटकने दें, जहां ये मेटल को टच कर सकते हैं, जो एक सर्किट को पूरा करने के लिए एक ग्राउंड की तरह काम कर सकता है। फिर, नेगेटिव केबल को डैड बैटरी के नेगेटिव टर्मिनल से कनैक्ट करें, जिसके बाद में नेगेटिव केबल को अच्छी बैटरी के भी उचित टर्मिनल से जोड़ें।[१२]

    • स्ट्रॉंग कनैक्शन बनने की पुष्टि के लिए आपको दोनों बैटरी के टर्मिनल्स को साफ करने की जरूरत पड़ेगी।
    • पक्का करें कि आप पॉज़िटिव एन्ड्स को पॉज़िटिव टर्मिनल से और नेगेटिव केबल को नेगेटिव टर्मिनल्स से ही कनैक्ट का रहे हैं। इसमें गड़बड़ी की वजह से कोई बड़ा नुकसान हो सकता है या आग भी लग सकती है।

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    चालू बैटरी वाली गाड़ी को स्टार्ट करें: केबल्स को सिक्योरली कनेक्ट करके, चालू बैटरी वाली गाड़ी को स्टार्ट करें, ताकि इसका इलेक्ट्रिकल सिस्टम डैड बैटरी को चार्ज करना शुरू कर सके। चार्जिंग प्रोसेस के दौरान चालू गाड़ी को पार्क से हटाएँ या न्यूट्रल पर न ले जाएँ। दूसरी गाड़ी को स्टार्ट करने से पहले गाड़ी को कुछ मिनट के लिए चलने दें।[१३]

    • एक या दो मिनट के बाद, डैड कार को स्टार्ट करने की कोशिश करें। अगर बैटरी अभी हाल ही में डैड हुई है, तो उसे तुरंत स्टार्ट हो जाना चाहिए।
    • अगर ये एक या दो मिनट के बाद भी स्टार्ट नहीं होती है, तो इसे कुछ और देर के लिए चार्ज होने दें। अगर बैटरी कुछ समय से डैड है, तो इसे स्टार्ट होने के लिए चार्ज होने में ज्यादा लंबा समय लग सकता है।

  4. कार की बैटरी को चार्ज कैसे करें? - kaar kee baitaree ko chaarj kaise karen?

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    केबल्स को डिस्कनेक्ट करें और गाड़ी को चलने दें: जैसे ही गाड़ी स्टार्ट हो जाए, आप दोनों गाड़ियों से जम्पर केबल को डिस्कनेक्ट कर सकते हैं। डैड बैटरी वाली गाड़ी को कुछ देर के लिए चलने दें। आपने शायद बैटरी को इतना चार्ज कर लिया होगा, जिससे गाड़ी चालू हो जाए, लेकिन अगर आप इसे तुरंत बंद कर देते हैं, तो उसमें शायद इतनी इलेक्ट्रिसिटी नहीं रह पाएगी कि वो दोबारा स्टार्ट हो सके। इसे चालू रखकर, आप गाड़ी के ऑल्टर्नेटर को उसकी बाकी की बैटरी को चार्ज करने का एक मौका दे देंगे।[१४]

    • अगर गाड़ी दूसरी कार से डिस्कनेक्ट करने के बाद में फिर से बंद पड़ जाती है, तो एक बार चेक करके ये सुनिश्चित कर लें कि बैटरी सिक्योरली कनैक्टेड है।
    • अगर गाड़ी ठीक से चलती है, तो उसे दोबारा बंद करने से पहले एक बार अच्छी तरह से बैटरी को चार्ज करने के लिए एक शॉर्ट ड्राइव पर ले जाएँ।

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    ऑटो-पार्ट्स स्टोर पर बैटरी को चेक कराएं: अगर आपने एक चार्जर या दूसरी गाड़ी का इस्तेमाल करके बैटरी को चार्ज करके देख लिया है, लेकिन गाड़ी फिर भी स्टार्ट नहीं हुई, तो बैटरी को निकाल लें (अगर आपने पहले बैटरी को नहीं निकाला है) और उसे किसी लोकल ऑटो पार्ट्स स्टोर पर ले जाएँ। वहाँ, वो बैटरी को चार्ज कर सकते हैं और चेक करके बता सकते हैं कि वो ठीक है, उसे सर्विस किया जा सकता है या फिरर उसे रिप्लेस करने की जरूरत है। अगर आपकी गाड़ी में एक VRLA बैटरी या नो-मेंटेनेंस वैट सेल बैटरी है, तो इसके चार्ज नहीं हो पाने की स्थिति में आपको इसे रिप्लेस करने की जरूरत होगी।[१५]

    • अगर बैटरी खराब है, तो आपको उसके लिए एक रिप्लेसमेंट खरीदने की जरूरत पड़ेगी।
    • अगर बैटरी पूरी चार्ज है और ठीक काम कर रही है, लेकिन कार चालू नहीं हो रही है, तो बैटरी के केबल को चेक करके पक्का कर लें कि वो टूटे नहीं और वो बैटरी से अच्छी तरह से जुड़े हैं।

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    ऑल्टर्नेटर को टेस्ट करें: एक खराब या गड़बड़ ऑल्टर्नेटर भी गाड़ी की बैटरी को इतना चार्ज होने से रोक देता है, जिससे वो दोबारा चालू हो पाए और ये इंजन को भी गाड़ी को चलाते रहने के लायक काफी इलेक्ट्रिसिटी बनाने से भी रोक सकता है। आप गाड़ी को स्टार्ट करके, फिर बैटरी के पॉज़िटिव टर्मिनल को डिस्कनेक्ट करके देख सकते हैं कि आपके ऑल्टर्नेटर में कोई प्रॉब्लम तो नहीं। एक सही तरीके से चलने वाला ऑल्टरनेटर गाड़ी को बैटरी के बिना भी चालू रखने के लिए भरपूर इलेक्ट्रिसिटी प्रोड्यूस करेगा, लेकिन अगर गाड़ी बंद है, तो शायद आपको ऑल्टरनेटर को रिप्लेस करना होगा।[१६]

    • आप आपकी इंटीरियर लाइट्स को देखकर भी कभी-कभी आपके ऑल्टरनेटर में मौजूद किसी परेशानी का पता लगा सकते हैं। अगर गैस पेडल को दबाने पर लाइट्स ब्राइट हो जाती हैं, फिर आपके पैर को हटाने पर वापस डिम हो जाती हैं, तो ऑल्टरनेटर शायद खराब हो चुका है।
    • अगर आप गाड़ी से ऑल्टरनेटर को निकाल देते हैं, तो कई ऑटो पार्ट्स स्टोर्स इसके लिए रिप्लेसमेंट ऑर्डर करने से पहले टेस्ट करके बता सकेंगे कि उसमें कोई प्रॉब्लम तो नहीं है।

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    क्लिकिंग की आवाज को सुनें: अगर कार स्टार्ट नहीं होती, लेकिन जब आप ट्राई करते हैं, तब आपको क्लिक साउंड सुनाई देता है, तो उम्मीद है कि बैटरी में गाड़ी को स्टार्ट करने के लायक काफी इलेक्ट्रिसिटी नहीं है। ऐसा शायद इसलिए हो सकता है, क्योंकि आप जब बैटरी को चार्ज कर रहे थे, तब ये सही तरीके से चार्ज नहीं हो पाई या फिर ये शायद बैटरी के बहुत ज्यादा खराब होने की वजह से उसमें चार्ज होल्ड नहीं कर पाने की वजह से भी हो सकता है। बस कार को एक बार फिर से स्टार्ट करके देखें या बैटरी को निकाल दें और उसे टेस्ट करा लाएँ।[१७]

    • बैटरी को चार्ज करते समय सुनिश्चित करें कि बैटरी पर कनैक्शन ठीक हैं, नहीं तो बैटरी से कार स्टार्ट नहीं हो पाएगी।
    • क्लिकिंग इंडिकेट करता है कि बैटरी में थोड़ी बैटरी मूड है, लेकिन इतनी नहीं कि इंजन उससे स्टार्ट हो सके।

  4. कार की बैटरी को चार्ज कैसे करें? - kaar kee baitaree ko chaarj kaise karen?

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    अगर गाड़ी अचानक रुक जाती है: अगर आपके बैटरी को चार्ज करने के बाद गाड़ी स्टार्ट हो जाती है, लेकिन इसके चालू होते ही ये तुरंत रुक जाती है, तो ऐसा शायद ऑल्टरनेटर की वजह से हो सकता है। अगर ये फिर से स्टार्ट हो जाती है या फिर दोबारा क्रेंक होती या झटके के साथ बंद हो जाती है, लेकिन आगे नहीं बढ़ पाती है, तो ये इशू शायद इलेक्ट्रिकल नहीं है। इशू शायद फ्यूल में या एयर डिलिवरी में हो सकता है।[१८]

    • आपकी गाड़ी को ठीक से चलने के लिए हवा, फ्यूल और इलेक्ट्रिसिटी की जरूरत पड़ती है।
    • अगर ऐसा होता है, तो आपको इशू की पहचान करने के लिए अपनी गाड़ी को एक मेकेनिक के पास में लेकर जाना होगा।

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कार की बैटरी को चार्ज कैसे करे?

एक बार आपने दोनों केबल्स को अलग कर दिया, तो उसके बाद जिस गाड़ी को चार्ज किया गया है, उसे पांच से दस मिनट के लिए उसी तरह छोड़ दें। इससे इस समय के बीच अल्टरनेटर अपनी बैटरी को चार्ज कर देगा। गाड़ी चार्ज होने के बाद आप अपनी गाड़ी को 20 मिनट की छोटी-सी ड्राइव पर ले जा सकते हैं।

कार की बैटरी चार्ज होने में कितना टाइम लगता है?

इसमें एक फास्ट चार्जिंग होती है, जिसमें 60 से 120 मिनट यानी करीब एक से दो घंटे लगते हैं. वहीं स्लो चार्जिंग या अलटरनेट चार्जिंग में बैट्री को फुल चार्ज करने में 6 से 7 घंटे का समय लगता है.

बैटरी ना चार्ज होने पर क्या किया जाए?

अगर आपके स्मार्टफोन की बैटरी चार्ज नहीं हो रही है तो सबसे पहले आप चार्जिंग एडॉप्‍टर निकाल कर उसे दोबारा चार्ज करें। अगर फिर भी बैटरी चार्ज नहीं होती तो आप उसकी यूएसबी केबल चेक करें। हो सकता है आपके चार्जर की यूएसबी केबल खराब हो।

बैटरी को कितने परसेंट चार्ज करना चाहिए?

कितनी फीसदी करें चार्जिंग फोन को 60 से 80 फीसदी चार्ज करना चाहिए। इससे आपका फोन लंबे समय तक चलता भी रहेगा। साथ में किसी तरह का नुकसान भी नहीं पहुंचेगा। ज्यादा चार्जिंग करने की वजह से फोन ओवरहीट होने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।