Haryana State Board HBSE 6th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 10 झाँसी की रानी Textbook Exercise Questions and Answers. कविता से झांसी की
रानी HBSE 6th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 10 प्रश्न 1. Jhansi Ki Rani Upanyas Summary
In Hindi प्रश्न 2. झाँसी
की रानी कविता की व्याख्या Class 6 HBSE Hindi Solutions Chapter 10 प्रश्न 3. उसका बचपन हमारे बचपन से इसी मायने में अलग था कि हमारे समान सामान्य
खेलकूदों में वह नहीं उलझती रहती थी। उन्होंने बचपन से वीरतापूर्ण कार्यों में रुचि लेनी आरंभ कर दी थी। यह शिक्षा आगे चलकर काम भी आई। HBSE 6th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 10 झाँसी की रानी प्रश्न 4. झाँसी की रानी Question and Answer HBSE 6th Class Hindi Solutions Chapter 10 प्रश्न 5. Question and Answer झाँसी की रानी HBSE 6th Class Hindi Solutions Chapter 10 प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. (ख) राजा गंगाधर राव निस्संतान मरे थे। झाँसी लावारिस हो गई थी। ब्रिटिश राज्य ने स्वयं को झाँसी का वारिस घोषित कर दिया। ब्रिटिश शासक इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए झाँसी आ गए। भाषा की बात 1. नीचे लिखे वाक्यांशों (वाक्य के हिस्सों) को पढ़ो-
का के और की जो संज्ञाओं का संबंध बताते हैं। ऊपर दिए गए वाक्यांशों में अलग-अलग जगह इनका प्रयोग हुआ है। ध्यान से पढ़ो और कक्ष में बताओ कि का, के और
की का प्रयोग कहाँ और क्यों हो रहा है? पढ़ने को 1. प्रकाशन विभाग, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित ‘भारत की महान नारियाँ’ श्रृंखला की पुस्तकें। HBSE 6th Class Hindi झाँसी की रानी Important Questions and Answersप्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. (ख) मिला तेज से तेज, तेज की वह सच्ची अधिकारी थी- रानी की मृत्यु के बाद उसकी चिता को आग लगा दी गई। लगा कि रानी का तेज अग्नि के तेज से मिल गया। (रानी की क्रांति तथा तेज आग की क्रांति और तेज से मिल गए)। रानी लक्ष्मीबाई सचमुच तेज की अधिकारी थी। उसे तेज मिलना ही चाहिए था। यहाँ तेज का अर्थ तेज, आग और यश है। (ग) हमको जीवित करने आई बन स्वतंत्रता नारी थीहम भारतवासी परतंत्रता में मानो मरे हुए के समान थे। लक्ष्मीबाई स्वतंत्रता की रानी बनकर हम मरे हुओं को जीवित करने आई थी अर्थात् वह हमें यह बताने आई थी कि परंतत्रता मृत्यु और स्वतंत्रता ही जीवन है। (घ) तीर चलाने वाले कर में उसे चूड़ियाँ कब भाईरानी वीरांगना थी। वह कुशल योद्धा थी और तीर चलाती थी। जो हाथ तीर चलाते हों उन हाथों में चूड़ियाँ ईश्वर को अच्छी नहीं लगीं। चूड़ियाँ कोमलता का प्रतीक हैं, वीरता की नहीं। इसलिए भाग्य ने उनके हाथ की चूड़ियाँ छीन ली और रानी को विधवा बना दिया। (विधवा नारी चूड़ियाँ नहीं पहनतीं)। प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. झाँसी की रानी काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या 1. सिंहासन हिल उठे, राजवंशों ने भृकुटी तानी थी, शब्दार्थ: अकुटी-भौंह (Eye-brow)। गुमी-गायब (Lost)| फिरंगी-अंग्रेज (Englishman)| प्रसंग: व्याख्या: सन् 1857 में झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की तलवार पुरानी होते हुए भी खूब चमकी। उसकी शक्ति का लोहा सबने माना। झाँसी की रानी मर्दानी थी अर्थात् वह स्त्री भी पुरुषों की तरह युद्ध-भूमि में खूब लड़ी। बुंदेलों के मुँह से हमें यह कहानी प्राप्त हुई है। अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए 1. यह कविता किस काल के बारे में है? 2.
भारत’ के लिए किस विशेषण का प्रयोग किया गया 3. ‘आजादी’ शब्द व्याकरण में क्या है? 2. कानपूर के नाना की मुंहबोली बहन ‘छबीली’ थी, प्रसंग: पूर्ववत। व्याख्या: अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए 1. नाना कहाँ के थे? 2. लक्ष्मीबाई किसके साथ पढ़ती व खेलती थी? 3. लक्ष्मी थी या दुर्गा थी वह स्वयं वीरता की
अवतार, शब्दार्थ: पुलकित-प्रसन्न (Happy)| व्यूह रचना-युद्ध का एक ढंग (Strategy)| आराध्य-जिसकी पूजा की जाए। भवानी-दुर्गा (Goddess Durga)| दुर्ग-किला (Fort)| प्रसंग: पूर्ववत्। व्याख्या: अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए 1. लक्ष्मीबाई के कौन-कौन से रूप थे? 2. ‘पुलकित’ में किस प्रत्यय का प्रयोग है? 3. लक्ष्मीबाई की आराध्या कौन थी? 4. हुई वीरता की वैभव के साथ सगाई झाँसी में, शब्दार्थ: सुभट-बहुत बड़ा वीर योद्धा। विरुदावलि-(विरुद + अवलि), बड़ाई, यश का गान। प्रसंग: पूर्ववत्। व्याख्या: अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए 1. ‘वीरता’ व्याकरण में क्या है? 2. ‘राजमहल’ में कौन-सा समास है? 3. झाँसी की रानी कौन बनी? 5. उदित हुआ सौभाग्य, मुदित महलों में उजियाली छाई, शब्दार्थ: उदित-उगना (Rise)। मुदित-प्रसन्नचित (Overjoyed)| कालगति-मृत्यु की चाल। विधि-भाग्य। निःसंतान-बिना औलाद के। प्रसंग: पूर्ववत्। व्याख्या: अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए 1. ‘सौभाग्य’ का विलोमार्थी शब्द है 2. लक्ष्मीबाई के हाथ कैसे थे? 3. रानी को क्या हो गया? 6. बुझा दीप झाँसी का तब डलहौजी मन में हरषाया, शब्दार्थ: दीप-दीपक (Lamp)। हरषाया-खुश हुआ (Pleased)| अवसर-मौका (Chance)| अश्रुपूर्ण-आँसुओं से भरी हुई (Full with tears)| वारिस- उत्तराधिकारी। बिरानी-बर्बाद। प्रसंग: पूर्ववत्। व्याख्या: अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए 1. कौन-सा दीप बुझ गया? 2. डलहौजी को कौन-सा
अच्छा अवसर मिल गया? 7. अनुनय विनय नहीं सुनता है, विकट फिरंगी की माया, शब्दार्थ: अनुनन विनय-प्रार्थना (Request)। विकटअनोखा (Strange)। फिरंगी-अंग्रेज (Englishman)| कायाशरीर (Body) प्रसंग: पूर्ववत्। व्याख्या: अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए 1. व्यापारी के रूप से अंग्रेज भारत से क्या चाहता था? 2. पैर किसने पसारे? 3. अब महारानी कौन बन गई? 8. छिनी राजधानी देहली की, लिया लखनऊ बातों-बात, शब्दार्थ: घात-हमला (Attack)। वज्र निपात-पत्थर गिरना, भारी मुसीबत। प्रसंग: पूर्ववत्। व्याख्या: अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए 1. बातों-बातों में किस शहर को अंग्रेजों ने अपने कब्जे में ले लिया? 2. बिठूर में किसे कैद किया गया? 3. इस कविता में किस काल की घटना का वर्णन है? 9. रानी रोई रनिवासों में, बेगम गम से थीं बेजार, शब्दार्थ: रनिवास-रानी का महल (Palace)। बेजार-बेहाल (Restless)। प्रसंग: पूर्ववत्। व्याख्या: अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए 1. कलकत्ते के बाजार में क्या बिक रहा था? 2. ‘नौलखा हार’ कहाँ का बताया गया है? 10. कुटियों में थी विषम वेदना, महलों में आहत अपमान, शब्दार्थ: विषम-जो सम न हो (Uneven)| वेदनातकलीफ (Pain)| आहत-घायल (Wounded)| अपमान-बेइजती (Insually| आह्वान-बुलावा (Cally। प्रारंभ-शुरू (Start)। प्रसंग: पूर्ववत्। व्याख्या: इसी समय में बहन छबीली अर्थात् लक्ष्मीबाई ने रणचंडी का रूप धारण कर लिया और लोगों का आह्वान किया कि वे इस युद्ध में बढ़-चढ़कर भाग लें। उन्होंने लोगों के हृदय में सोई ज्योति को जगा दिया। वे जाग गए। हमने यह कहानी बुंदेलों के मुँह से सुनी थी। रानी लक्ष्मीबाई मर्दानी बनकर डटकर लड़ी थी। अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए 1. ‘विषम वेदना’ में कौन-सा अलंकार है? 2. कौन-सा यज्ञ प्रारंभ हुआ? 11. महलों ने दी आग, झोंपड़ी ने चाला सुलगाई थी, शब्दार्थ: अंतरतम-हृदय (Heart)। ज्वाला-आग की लपट (Flame of fire) प्रसंग: पूर्ववत्। व्याख्या: अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए 1. “विषम वेदना” में कौन-सा अलंकार है? 2. कौन-सा यज्ञ प्रारंभ हुआ? 12. इस स्वतंत्रता-महायज्ञ में कई वीरवर आए काम, शब्दार्थ: वीरवर-बहादुर (Brave)। काम आए-मारे गए (Dead) प्रसंग: पूर्ववत्। व्याख्या: अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए 1. ‘स्वतंत्रता’ व्याकरण में क्या है? 2. कौन-सा शब्द ‘गगन’ का पर्यायवाची नहीं है? 3. ‘झाँसी’ कौन-सी संज्ञा है? 13. इनकी गाथा छोड़ चले हम झाँसी के मैदानों में, प्रसंग: पूर्ववत्। व्याख्या: अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए 1. तलवार किसने खींच ली? 2. अजब हैरानी किसे थी? 14. रानी बढ़ी कालपी आई, कर सौ मील निरंतर पार, शब्दार्थ: तत्काल-फौरन (Immediately)| निरंतरलगातार (Continuous)। स्वर्ग सिधारना-मरना (Dead)। प्रसंग: पूर्ववत्। व्याख्या: अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए 1. अंग्रेजों ने रानी से कहाँ हार खाई? 2. अंग्रेजों के मित्र कौन थे? 15. विजय मिली, पर अंग्रेजों की फिर सेना घिर आई थी, प्रसंग: पूर्ववत्। व्याख्या: अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए 1. किसने मुँह की खाई? 2. युद्ध क्षेत्र में किसने भारी मार मचाई? 16. तो भी रानी मार-काटकर चलती बनी सैन्य के पार, शब्दार्थ: विषम-टेढ़ा। अपार-जिसे पार न किया जा सके। प्रसंग: पूर्ववत्। व्याख्या: अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए 1. घोड़ा कैसा था? 2. ‘सिंहनी’ किसे कहा गया है? 17. रानी गई सिधार, चिता अब उसकी दिव्य सवारी थी, शब्दार्थ: दिव्य-अलौकिक (Unworldly)। प्रसंग: पूर्ववत्। व्याख्या: अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए 1. रानी कहाँ चली गई? 2. लक्ष्मीबाई क्या थी? 3. ‘जीवित’ में किस प्रत्यय का प्रयोग है? 18. जाओ रानी याद रखेंगे हम कृतज्ञ भारतवासी, शब्दार्थ: कृतज्ञ-अहसान मानने वाला (One who feels obligation)। स्मारक-यादगाद (Memorial)| प्रसंग: पूर्ववत्। व्याख्या: हमें विजय अवश्य प्राप्त होगी, भले हमारा कुछ भी चला जाए। तेरा अलग से कोई स्मारक बनाने की जरूरत नहीं है क्योंकि तू अपना स्मारक स्वयं है। तेरी निशानी को कोई नहीं मिटा सकता। हमने लक्ष्मीबाई की वीरता की कहानी बुंदेलों के मुँह से सुनी थी। अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए 1. ‘कृतज्ञ’ का विलोमार्थी शब्द है 2. रानी का स्मारक क्या होगा? झाँसी की रानी Summary in Hindiझाँसी की रानी कवयित्री का संक्षिप्त परिचय श्रीमती सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म 1904 ई. में प्रयाग (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। उन्होंने क्रास्थवेट गर्ल्स कॉलेज में शिक्षा प्राप्त की। उनका अधिकांश समय जबलपुर में बीता। 1919 ई. में उनका विवाह खंडवा निवासी ठाकुर लक्ष्मण सिंह चौहान के साथ हुआ। पति-पत्नी दोनों ने मिलकर स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया। वे कई बार जेल भी गई। 1948 में एक दुर्घटना में उनका देहांत हो गया। सुभद्रा कुमारी ने देशभक्ति और वात्सल्य भावना की कविताएँ लिखीं। ‘झाँसी की रानी’ उनकी प्रसिद्ध रचना है। इनकी अन्य रचनाएँ हैं- ‘त्रिधारा’, ‘मुकुल’ (काव्य), “बिखरे मोती’ (कहानी संग्रह)। इनकी भाषा अत्यंत सरल है। झाँसी की रानी कविता का सार ‘झाँसी की रानी’ शीर्षक कविता सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा रचित है। इसमें कवयित्री ने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की भूमिका को रेखांकित किया है। वह कानपुर के नाना साहब की मुंहबोलो बहन ‘छबीली’ थी। वह अपने पिता की अकेली संतान थी। बरछी, ढाल, तलवार ही उसकी सहेलियाँ थीं। वीर शिवाजी की गाथाएँ उसे भली प्रकार याद थीं। वह लक्ष्मी-दुर्गा का अवतार प्रतीत होती थी। वह वीरतापूर्ण कार्यों में रुचि लेती थी। वह भवानी की पूजा करती थी। वह विवाह होने के उपरांत झाँसी में रानी बनकर आ गई। सर्वत्र प्रसन्नता छा गई। पर किस्मत ने उसे धोखा दे दिया। रानी शीघ्र ही विधवा हो गई। राजा नि:संतान मरे थे, अत: उत्तराधिकार की समस्या उठ खड़ी हुई। अंग्रेज सेनापति इस स्थिति से खुश हुआ। वह फौज लेकर झाँसी पर कब्जा करने आ गया। वे जीत हासिल करते चले गए। अनेक योद्धा उनसे लड़े तो सही पर जीत न सके। अब लक्ष्मीबाई ने रण-चंडी का रूप धारण कर लिया। मर्दाने वेश में जनरल वॉकर के सामने जा खड़ी हुई। वॉकर जख्मी होकर भाग गया। कालपी पहुँचकर रानी का घोड़ा मर गया। रानी दूसरा घोड़ा लेकर आगे बढ़ी। उसने ग्वालियर में अधिकार कर लिया। अब उसके सामने जनरल स्मिथ आ खड़ा हुआ। रानी का घोड़ा नया था। अतः अड़ गया और रानी घायल होकर गिर पड़ी। वह स्वर्ग सिधार गई, तेज तेज में समा गया। रानी लक्ष्मीबाई की कहानी सदा के लिए अमर हो गई। वह तो स्वतंत्रता की प्रतीक थी। उन्हें भारत सदा याद रखेगा। डलहौजी कब और क्यों प्रसन्न हो गया था?(ख) झाँसी के राजा की मृत्यु होने पर डलहौजी प्रसन्न क्यों हुआ था ? झाँसी के राजा की मृत्यु होने पर डलहौजी इसलिए प्रसन्न हुआ था क्योंकि राजा नि:सन्तान ही मर गए थे। लावारिस राज्य का अंग्रेजी शासन वारिस बन जाता था।
डलहौजी को झाँसी हड़पने का मौका कैसे मिला?झाँसी की रानी कविता के इस पद में यह बताया गया है कि झांसी के राजा की असमय मृत्यु के बाद उस समय के अंग्रेज़ अधिकारी डलहौजी को झांसी को हड़पने का अच्छा अवसर मिल गया था। उसने अपनी सेना को अनाथ हो चुकी झांसी पर कब्ज़ा जमाने के लिए भेज दिया था।
झांसी की रानी कविता का मूल संदेश क्या है?Solution : झांसी की रानी कविता से ये संदेश दिया गया है कि अंग्रेजों की गुलामी से देश को आजादी दिलाने में अनेक देशभक्त वीर एवं वीरांगनाएं शहीद हुई॥
रानी लक्ष्मीबाई घायल अवस्था में कहाँ पहुँची?ग्वालियर में अंग्रेजों से युद्ध के दौरान 1858 में रानी लक्ष्मीबाई ने वीरगति प्राप्त की थी और तभी से उनका तलवार व अन्य युद्ध सम्बन्धी उपकरण पहले सिंधिया परिवार के पास थे और बाद में नगर निगम के संग्रहालय में रखे गए।
|