अलैंगिक प्रजनन ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें नया जीव एकल जनक से बनता है और इसमें युग्मक या जनन कोशिकाओं की कोई भूमिका नहीं होती। कई एककोशिकीय और बहुकोशिकीय जीव अलैंगिक प्रजनन करते हैं। इस प्रक्रिया में, जनक जीव या तो विभाजित हो जाता है या फिर जनक जीव का एक हिस्सा नया जीव बनाने के लिए अलग हो जाता है। अलैंगिक प्रजनन छह प्रकार का होता है। Show अलैंगिक प्रजनन ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें नया जीव एकल जनक से बनता है और इसमें युग्मक या जनन कोशिकाओं की कोई भूमिका नहीं होती। कई एककोशिकीय और बहुकोशिकीय जीव अलैंगिक प्रजनन करते हैं। इस प्रक्रिया में, जनक जीव या तो विभाजित हो जाता है या फिर जनक जीव का एक हिस्सा नया जीव बनाने के लिए अलग हो जाता है। इस प्रजनन में, जनक की कुछ कोशिकाएं समसूत्री कोशिका विभाजन से गुजरती हैं, ताकि दो या दो से अधिक नए जीव बन सकें। अलैंगिक प्रजनन निम्नलिखित छह प्रकार का होता है – 1. विखंडन (Fission) 2. मुकुलन (Budding) 3. बीजाणु का बनना (Spore formation) 4. पुनर्जनन (Regeneration) 5. खंडन (Fragmentation) 6. कायिक प्रवर्धन (Vegetative propagation) विखंडन विखंडन में एक कोशिकीय जीव नए जीवों को बनाने के लिए विभाजित हो जाते हैं। यह प्रोटोजोआ और कई प्रकार के जीवाणु/बैक्टीरिया जैसे जीवों में होने वाले प्रजनन की प्रक्रिया है। विखंडन के दो प्रकार होते हैं– • द्विखंडन (Binary Fission) द्विखंडन में, एकल जनक कोशिका पूरी तरह से विकसित होने वाले बिन्दु पर पहुँचकर दो हिस्सों में बंट जाती है। इस प्रक्रिया में, विभाजन के बाद जनक कोशिका समाप्त हो जाती है और दो नए जीवों का जन्म होता है। द्विखंडन की प्रक्रिया से गुजरने वाले एककोशिकीय जीवों के उदाहरण अमीबा, पैरामीशियम, लेशमैनिया आदि हैं। द्विखंडन द्वारा प्रजनन करता अमीबा • बहुविखंडन (Multiple Fission) बहुविखंडन द्वारा प्रजनन मुकुलन ‘अंकुर (Bud)’ शब्द का अर्थ है-‘छोटा पौधा’। मुकुलन की प्रक्रिया में एक छोटा अंकुर जनक जीव के शरीर पर विकसित होता है और समय आने पर नए जीव के निर्माण के लिए खुद को जनक जीव से अलग कर लेता है। हाइड्रा और यीस्ट में मुकुलन होता है। मुकुलन पद्धति से प्रजनन करता हाइड्रा मुकुलन विधि से प्रजनन करता यीस्ट बीजाणु निर्माण राइजोप्स (Rhizopus), म्यूकर (Mucor) आदि जैसे कवक बीजाणु निर्माण के उदाहरण हैं। यह सामान्य ब्रेड मोल्ड प्लांट (Common Bread Mould Plant) या राइजोप्स कवक है। यह बीजाणु निर्माण के जरिए प्रजनन करता है। पुनर्जनन पुनर्जनन प्रजनन की अलैंगिक विधि है। इस प्रक्रिया में, अगर जनक जीव का शरीर यदि कहीं से कट जाता है, तो कटा हुआ प्रत्येक हिस्सा पुनर्जनित हो जाता है और अपने शरीर के हिस्से से पूरी तरह से एक नया जीव बना लेता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब किसी जीव का शरीर पुनर्जनन से गुजरता है तो उसमें कटान होता है और फिर कटे हुए शरीर के हिस्से की कोशिकाएं तेजी से विभाजित हो जाती हैं और कोशिकाओं का गोलक (Ball) बना लेती हैं। ये कोशिकाएं इसके बाद अपने अंगों और शरीर के हिस्सों के निर्माण के लिए उचित स्थानों पर पहुँच जाती हैं। पुनर्जनन पौधों और जानवरों दोनों में होता है। हाइड्रा और प्लानेरिया (Planaria) में पुनर्जनन होता है। प्लानेरिया में पुनर्जनन खंडन स्पायरोगायरा, रेशे जैसा शैवाल, खंडन विधि से प्रजनन करता है। कायिक प्रवर्धन इस प्रकार का अलैंगिक प्रजनन सिर्फ पौधों में होता है। कायिक प्रवर्धन में, पुराने पौधों के हिस्से जैसे तना, जड़ और पत्ती का प्रयोग नए पौधे को उगाने में किया जाता है। पुराने पौधों में निष्क्रिय स्थिति में मौजूद अंकुर को जब अनुकूल स्थितियां जैसे नमी और ताप दिया जाता है, तब वे नए पौधों के रूप में उगने लगती हैं और विकसित होने लगती हैं। हरी घास, ब्रायोफाइलम (Bryophyllum), मनीप्लांट, आलू, प्याज, केला आदि के पौधों में कायिक प्रवर्धन होता है। आलू के कंद से आलू के पौधे का कायिक प्रवर्धन ब्रायोफाइलम की पत्ती के किनारों से निकलता छोटा पौधा। पौधों का कृत्रिम प्रवर्धन जब मानव–निर्मित पद्धतियों का प्रयोग कर एक पौधे से कई नए पौधों को विकसित किया जाता है, तो उसे ‘कृत्रिम प्रवर्धन’ (Artificial Propagation) कहते हैं। पौधों के कृत्रिम प्रवर्धन की निम्नलिखित तीन सामान्य विधियाँ हैं – i) कलम लगाना (Cuttings) ii) लेयरिंग (Layering) iii) ग्राफ्टिंग (Grafting) कलम लगाना पौधे के किसी भी छोटे हिस्से, जो तना या पत्ती कुछ भी हो सकता है और जिस पर अंकुर लगा हो, को काटकर तथा उसे मिट्टी और पानी की सुविधा देकर एक नया पौधा उगाया जाता है। कुछ दिनों के बाद आप नए पौधे को बढ़ता देख सकते हैं। बोगनविलिया (bougainvillea), गुलदाउदी (chrysanthemum), अंगूर आदि के पेड़ कलम लगाकर उगाये जा सकते हैं। कलम (कटिंग) विधि से पौधों को उगाना लेयरिंग लेयरिंग में जनक पौधे की शाखाओं को मिट्टी में इस प्रकार डाला जाता है कि उस शाखा का एक हिस्सा मिट्टी से बाहर की ओर निकल रहा हो। मिट्टी के भीतर वाली शाखा के हिस्से पर जब जड़े उग आती हैं तो उसे जनक पौधे से काट कर अलग कर लिया जाता है। इस प्रकार मिट्टी में दबी शाखा से नया पौधा उग जाता है। चमेली, स्ट्रॉबेरी, रसभरी जैसे पौधों के लिए लेयरिंग विधि का प्रयोग किया जाता है। लेयरिंग
विधि द्वारा चमेली के पौधे का प्रवर्धन ग्राफ्टिंग ग्राफ्टिंग (grafting) में दो अलग–अलग पौधों के तने को काटा जाता है और इस प्रकार जोड़ा जाता है कि वे एक पौधे के रूप में विकसित हों। काटे गए दो तनों में से, एक तने में जड़ें होती हैं और इसे ‘स्टॉक’ (stock) कहा जाता है। दूसरा तना बिना जड़ों के काटा जाता है और इसे नवपल्लव (scion) कहा जाता है। स्टॉक पौधे का निचला हिस्सा होता है और नवपल्लव ऊपरी हिस्सा। दोनों तनों को तिरछे रूप में काटा जाता है। नवपल्लव और स्टॉक की कटी हुई सतह को कपड़े के टुकड़े से एक साथ जोड़ा जाता है और बाँध दिया जाता है और फिर पॉलिथीन की शीट से ढँक दिया जाता है। यह तने को किसी भी प्रकार के संक्रमण या अन्य समस्याओं से बचाता है। जल्द ही स्टॉक और नवपल्लव मिल जाते हैं और एक नया पौधा बनने लगा है। इस नए पौधे के फल में दोनों ही पौधों के गुण होते हैं। सेब, आड़ू, खुबानी आदि ग्राफ्ट किए गए फलों के उदाहरण हैं। पौधों या वृक्षों के कृत्रिम प्रवर्धन की ग्राफ्टिंग विधि कृत्रिम कायिक प्रवर्धन (Artificial Vegetative Propagation) के लाभ: • नए पौधे में जनक पौधे के जैसे ही गुण होंगे। • ग्राफ्टिंग द्वारा उगाए गए फलों के पौधों में फल बहुत पहले आने लगते हैं। • आरंभिक वर्षों में पौधों पर कम ध्यान देने की जरूरत होती है। • एक ही जनक से कई पौधे उगाए जा सकते हैं। • बीजरहित पौधे भी प्राप्त कर सकते हैं। Image Courtesy: www.img.sparknotes.com अमीबा में कौन सा जनन होता है?Detailed Solution
एक अमीबा बाइनरी विखंडन द्वारा प्रजनन करता है। अमीबा एक प्रकार का एककोशिकीय जीव है जो अपने आकार को बदलने की क्षमता रखता है, मुख्य रूप से स्यूडोपोड्स को बढ़ाने और खिचने के द्वारा।
अमीबा में कौन सी कोशिका पाई जाती है?Solution : अमीबा में स्यूडोपोडिया, प्लाज्मालेमा, केन्द्रक, संकुचनशील रिक्तकायें, जल की बूंदें, एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम, राइबोसोम, गॉल्जी बॉडी, माइटोकोन्ड्रिया, लाइसोसोम तथा माइक्रोट्ब्यूल्स आदि संरचनाएँ पायी जाती है।
यीस्ट में कौन सा जनन होता है?यीस्ट में सामान्यत: अलैंगिक जनन होता है
अमीबा में कौन सा खंडन होता है?UPLOAD PHOTO AND GET THE ANSWER NOW! Solution : बहुखण्डन को बीजाणुकजनन भी कहा जाता है। जिसमें परिकोष्ठित (encysted) उत्पादों से बीजाणुओं का निर्माण होता है।
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