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1. Answer: (d) रूहेलखंड। Question 2. Answer: (c) सरदार भगत सिंह Question
3. Answer: (c) बिहार Question 4. Answer: (c) विभागीय Question 5. Answer: (d) बैरकपुर Question 6. Answer: (d) दिल्ली Question 7. Answer: (d) उपर्युक्त सभी। Question 8. Answer: (a) शाहाबाद (1) वीर कुंवर सिंह के बचपन के बारे में बहुत अधिक जानकारी नहीं मिलती। कहा जाता है कि कुँवर सिंह का जन्म बिहार में शाहाबाद जिले के जगदीशपुर में
सन् 1782 ई० में हुआ था। उनके पिता का नाम साहबजादा सिंह और माता का नाम पंचरतन कुँवर था। उनके पिता साहबजादा सिंह जगदीशपुर रियासत के ज़मींदार थे, परंतु उनको अपनी ज़मींदारी हासिल करने में बहुत संघर्ष करना पड़ा। पारिवारिक उलझनों के कारण कुँवर सिंह के पिता बचपन में उनकी ठीक से देखभाल नहीं कर सके। जगदीशपुर लौटने के बाद ही वे कुंवर सिंह की पढ़ाई-लिखाई की ठीक से व्यवस्था कर पाए। Question 1. Answer: (d) बिहार। Question 2. Answer: (d) बसुरिया बाबा ने। Question 3. Answer: (b) ज़मींदार Question 4. Answer: (a) कार्तिक पूर्णिमा को Question 5. Answer: (b) सोनपुर के पशु मेले में (2) जगदीशपुर के जंगलों में ‘बासुरिया बाबा’ नाम के एक सिद्ध संत रहते थे। उन्होंने ही कुँवर सिंह में देशभक्ति एवं स्वाधीनता की भावना उत्पन्न की थी। उन्होंने बनारस, मथुरा, कानपुर, लखनऊ आदि स्थानों पर जाकर विद्रोह की सक्रिय योजनाएँ बनाईं। वे 1845 से 1846 तक काफ़ी सक्रिय रहे और गुप्त ढंग से ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ़ विद्रोह की योजना बनाते रहे। उन्होंने बिहार के प्रसिद्ध सोनपुर मेले को अपनी गुप्त बैठकों की योजना के लिए चुना। सोनपुर के मेले को एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला माना जाता है। यह मेला कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगता है। यह हाथियों के क्रय-विक्रय के लिए भी विख्यात है। इसी ऐतिहासिक मेले में उन दिनों स्वाधीनता के लिए लोग एकत्र होकर क्रांति के बारे में योजना बनाते थे। Question 1. Answer: (b) एक सिद्ध संत Question
2. Answer: (d) सोनपुर मेले को। Question 3. Answer: (c) बिहार Question 4. Answer: (c) हाथियों के लिए Question 5. Answer: (a) इक (3) दानापुर और आरा की इस लड़ाई की ज्वाला बिहार में सर्वत्र व्याप्त हो गई थी, लेकिन देशी सैनिकों में अनुशासन की कमी, स्थानीय ज़मींदारों का अंग्रेजों के साथ सहयोग करना एवं आधुनिकतम शस्त्रों की कमी के कारण जगदीशपुर का पतन रोका न जा सका। 13 अगस्त को जगदीशपुर में कुँवर सिंह की सेना अंग्रेजों से परास्त हो गई। किंतु इससे वीरवर कुँवर सिंह का आत्मबल टूटा नहीं और वे भावी संग्राम की योजना बनाने में तत्पर हो गए। वे क्रांति के अन्य संचालक नेताओं से मिलकर इस आजादी की लड़ाई को आगे बढ़ाना चाहते थे। कुंवर सिंह सासाराम से मिर्जापुर होते हुए रीवा, कालपी, कानपुर एवं लखनऊ तक गए। लखनऊ में शांति नहीं थी इसलिए बाबू कुँवर सिंह ने आज़मगढ़ की ओर प्रस्थान किया। उन्होंने आज़ादी की इस आग को बराबर जलाए रखा। उनकी वीरता की कीर्ति पूरे उत्तर भारत में फैल गई। कुँवर सिंह की इस विजय यात्रा से अंग्रेजों के होश उड़ गए। Question 1. Answer: (d) उपर्युक्त सभी। Question 2. Answer: (b) पूरे बिहार में आज़ादी की आग फैल गई Question 3. Answer: (a) बढ़ गया Question 4. Answer: (d) आजमगढ़। Question 5. Answer: (b) प्रत्यय (4) वीर कुंवर सिंह ने ब्रिटिश हुकूमत के साथ लोहा तो लिया ही उन्होंने अनेक सामाजिक कार्य भी किए। आरा ज़िला स्कूल के लिए ज़मीन दान में दी जिस पर स्कूल के भवन का निर्माण किया गया। कहा जाता है कि उनकी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी, फिर भी वे निर्धन व्यक्तियों की सहायता करते थे। उन्होंने अपने इलाके में अनेक सुविधाएँ प्रदान की थीं। उनमें से एक है-आराजगदीशपुर सड़क और आरा-बलिया सड़क का निर्माण। उस समय जल की पूर्ति के लिए लोग कुएँ खुदवाते थे और तालाब बनवाते थे। वीर कुंवर सिंह ने अनेक कुएँ खुदवाए और जलाशय भी बनवाए। Question 1. Answer: (d) उपर्युक्त सभी। Question 2. Answer: (b) विद्यालय हेतु Question 3. Answer: (c) आरा से बलिया तक Question 4. Answer: (d) उपर्युक्त सभी। Question 5. Answer: (a) बदला देना (5) सन् 1857 के व्यापक-सशस्त्र विद्रोह ने भारत में ब्रिटिश शासन की जड़ों को हिला दिया। भारत में ब्रिटिश शासन ने जिस दमन नीति को आरंभ दिया उसके विरुद्ध विद्रोह शुरू हो गया था। मार्च 1857 में बैरकपुर में अंग्रेजों के विरुद्ध बगावत करने पर मंगल पांडे को 8 अप्रैल 1857 को फाँसी दे दी गई। 10 मई 1857 को मेरठ में भारतीय सैनिकों ने ब्रिटिश अधिकारियों के विरुद्ध आंदोलन किया और सीधे दिल्ली की ओर कूच कर गए। दिल्ली में तैनात सैनिकों के साथ मिलकर 11 मई को उन्होंने दिल्ली पर कब्जा कर लिया और अंतिम मुगल शासक बहादुरशाह ज़फ़र को भारत का शासक घोषित कर दिया। Question 1. Answer: सन् 1857 के सशस्त्र विद्रोह का भारत में ब्रिटिश शासन पर असर यह हुआ कि वह कमज़ोर हो गया। Question 2. Answer: भारतीयों ने अंग्रेज़ों के दमन नीति का विद्रोह किया। Question 3. Answer: मंगल पांडे को फाँसी इसलिए दिया गया क्योंकि मार्च 1857 में बैरकपुर में अंग्रेजों के विरुद्ध बगावत करने पर मंगल पांडे को 18 अप्रैल 1857 को फाँसी दे दी गई। Question 4. Answer: 10 मई 1857 को मेरठ में भारतीय सैनिकों ने ब्रिटिश अधिकारियों के विरुद्ध आंदोलन किया और सीधे वे दिल्ली कूच कर गए। (6) वीर कुंवर सिंह के बचपन के बारे में बहुत अधिक जानकारी नहीं मिलती। कहा जाता है कि कुँवर सिंह का जन्म बिहार में शाहाबाद जिले के जगदीशपुर में सन् 1782 ई० में हुआ था। उनके पिता का नाम साहबज़ादा सिंह और माता का नाम पंचरतन कुँवर था। उनके पिता साहबज़ादा सिंह जगदीशपुर रियासत के ज़मींदार थे, परंतु उनको अपनी ज़मींदारी हासिल करने में बहुत संघर्ष करना पड़ा। पारिवारिक उलझनों के कारण कुँवर के पिता बचपन में उनकी ठीक से देखभाल नहीं कर सके। जगदीशपुर लौटने के बाद ही वे कुँवर सिंह की पढ़ाई-लिखाई की ठीक से व्यवस्था कर पाए। Question 1. Answer: वीर कुंवर सिंह का जन्म बिहार में शाहाबाद जिले के जगदीशपुर नामक स्थान पर सन् 1782 में हुआ था। Question 2. Answer: वीर कुंवर सिंह के पिता का नाम साहबजादा सिंह व माता का नाम पंचरतन कुँवर था। Question 3. Answer: वीर कुंवर सिंह के पिता जगदीशपुर रियासत के ज़मींदार थे। उन्हें अपनी ज़मींदारी हासिल करने के लिए काफ़ी संघर्ष करना पड़ा। इसके अलावे पारिवारिक उलझनों के कारण वे अपने बेटे कुँवर सिंह की देखभाल सही रूप में न कर सके। Question 4. Answer: वीर कुंवर सिंह के पिता वीर होने के साथ-साथ स्वाभिमानी एवं उदार स्वभाव के व्यक्ति थे। Question 5. Answer: वीर कुंवर सिंह के पिता जगदीशपुर रियासत के ज़मींदार थे। उन्होंने उनकी प्रारंभिक शिक्षा की व्यवस्था घर पर ही कर दिया था, जहाँ उन्होंने हिंदी, संस्कृत और फारसी सीखी, लेकिन पढ़ने-लिखने से ज़्यादा उनका मन घुड़सवारी तलवारबाज़ी और कुश्ती लड़ने में लगता था। (7) आज़मगढ़ की ओर जाने का उनका उद्देश्य था-इलाहाबाद एवं बनारस पर आक्रमण कर शत्रुओं को पराजित करना और अंततः जगदीशपुर पर अधिकार करना। अंग्रेजों और कुँवर सिंह की सेना के बीच घमासान युद्ध हुआ। उन्होंने 22 मार्च 1858 को आजमगढ़ पर कब्जा कर लिया। अंग्रेजों ने दोबारा आज़मगढ़ पर आक्रमण किया। कुँवर सिंह ने एक बार फिर आज़मगढ़ में अंग्रेजों को हराया। इस प्रकार अंग्रेज़ी सेना को परास्त कर वीर कुंवर सिंह 23 अप्रैल 1858 को स्वाधीनता की विजय पताका फहराते हुए जगदीशपुर पहुँच गए। किंतु इस बूढ़े शेर को बहुत अधिक दिनों तक इस विजय का आनंद लेने का सौभाग्य न मिला। इसी दिन विजय उत्सव मनाते हुए लोगों ने यूनियन जैक (अंग्रेज़ों का झंडा) उतारकर अपना झंडा फहराया। इसके तीन दिन बाद ही 26 अप्रैल 1858 को यह वीर इस संसार से विदा होकर अपनी अमर कहानी छोड़ गया। Question 1. Answer: वीर कुंवर सिंह का आज़मगढ़ की ओर बढ़ने का उद्देश्य था इलाहाबाद और बनारस पर आक्रमण करके शत्रुओं को पराजित करके अंत में जगदीशपुर पर अपना आधिपत्य जमाना था। Question 2. Answer: आज़मगढ़ में वीर कुंवर सिंह और अंग्रेजों के बीच घमासान युद्ध हुआ। 22 मार्च 1858 को कुंवर सिंह की सेना ने आज़मगढ़ पर अधिकार कर लिया। अंग्रेजों ने पुनः आक्रमण कर दिया। कुँवर सिंह ने उन्हें दुबारा परास्त कर दिया। Question 3. Answer: वीर कुंवर सिंह द्वारा जगदीशपुर में स्वाधीनता की विजय पताका 23 अप्रैल 1858 को फहराई गई। Question 4. Answer: वीर कुंवर सिंह की मृत्यु 26 अप्रैल 1858 को हुई। Question 5. Answer:
(8) वीर कुंवर सिंह ने ब्रिटिश हुकूमत के साथ लोहा तो लिया ही उन्होंने अनेक सामाजिक कार्य भी किए। आरा जिला स्कूल के लिए ज़मीन दान में दी जिस पर स्कूल के भवन का निर्माण किया गया। कहा जाता है कि उनकी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी, फिर भी वे निर्धन व्यक्तियों की सहायता करते थे। उन्होंने अपने इलाके में अनेक सुविधाएँ प्रदान की थीं। उनमें से एक है-आराजगदीशपुर सड़क और आरा-बलिया सड़क का निर्माण। उस समय जल की पूर्ति के लिए लोग कुएँ खुदवाते थे और तालाब बनवाते थे। वीर कुंवर सिंह ने अनेक कुएँ खुदवाए और जलाशय भी बनवाए। Question 1. Answer: वीर कुंवर सिंह ने आरा जिला स्कूल के लिए जमीन दान में दिए, गरीबों की आर्थिक मदद की, सड़कें बनवाईं, कुएँ खुदवाए, तालाब बनवाए, इसके अलावे मदरसों का निर्माण करवाए। Question 2. Answer: वीर कुंवर सिंह की प्रमुख चारित्रिक विशेषताएँ थीं कि वे धर्मनिरपेक्ष थे। उनकी सेना में हिंदुओं के साथ-साथ मुसलमान भी उच्च पदों पर आसीन थे। इसके अतिरिक्त उन्होंने पाठशालाओं के साथ-साथ मदरसे भी बनवाए। उनके दरबार में हिंदुओं और मुसलमानों के सभी त्योहार एक साथ मिलकर मनाए जाते थे। Question 3. Answer: वीर कुंवर सिंह की प्रमुख चारित्रिक विशेषताएँ थीं कि वे धर्मनिरपेक्ष थे। उनकी सेना में हिंदुओं के साथ-साथ मुसलमान भी उच्च पदों पर आसीन थे। इसके अतिरिक्त उन्होंने पाठशालाओं के साथ-साथ मदरसे भी बनवाए। उनके दरबार में हिंदुओं और मुसलमानों के सभी त्योहार एक साथ मिलकर मनाए जाते थे। Question 4. Answer: उन्होंने आरा-जगदीशपुर और आरा-बलिया सड़क का निर्माण करवाया। Question 5. Answer: वीर कुंवर सिंह की लोकप्रियता का पता उन गीतों से चलता है जो बिहार की लोक भाषाओं में उनकी प्रशस्ति के रूप में गाए जाते हैं। We hope the given NCERT MCQ Questions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 17 वीर कुवर सिंह with Answers Pdf free download will help you. If you have any queries regarding CBSE Class 7 Hindi वीर कुवर सिंह MCQs Multiple Choice Questions with Answers, drop a comment below and we will get back to you soon. |