हमिंग बर्ड अपना घोंसला कैसे बनाती है? - haming bard apana ghonsala kaise banaatee hai?

बया पक्षी कौन है  

यह पीले भूरे रंग का पक्षी है और मैदानी भागो में सबसे अधिक पाया जाता है इसके शरीर के ऊपरी भाग पर गहरी काली धारियां पाई जाती है। इसके नर घेरे भूरे रंग के होते है। ये धारियां पीछे की तरफ जाते हुए मिट  जाती है । डैने और पूंछ गहरे भूरे तथा किनारे पीले भूरे होते है। इसको सबसे अच्छा घोंसला बनाने वाला पक्षी भी कहा जाता है । ये पक्षी ज्यादा तर खुल्ले जंगलो में रहना पसंद करते है ये भीड़ भाड़ वाले इलाके से दूर रहना पसंद करते है। पानी के पास रहना इन्हे बहुत पसंद है, यह तरह तरह के बीजो को खाता है तथा खेती को बहुत नुकसान पहुंचाता है। वैसे तो यह कीड़े मकोड़ो और झींगरो को खाकर पीडो की मदद भी करता है। बया पक्षी को इंग्लिश में बया वीवर कहते है। इसे बुनकर के नाम से भी जाना जाता है।

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निवास स्थान

यह भारत, श्रीलंका, वर्मा में पाई जाती है और पूर्व की तरफ हिन्दोस्तान, जावा, और सुमात्रा तक पाई जाती है भारत में ये उत्तर पश्चिमी क्षेत्रो से लेकर सतलज के किनारे तक पाई जाती है हिमालय तथा बंगाल के क्षेत्रो में इसी तरह के जातियां पाई जाती है इससे मिलते जुलते पक्षी जैसे वाय, चिंदौरा और बावी आदि है।

बया अपना घोंसल कैसे बनती है।

वैसे तो बया को पक्षियों का इंजीनियर भी कहा जाता है। यह सबसे सुन्दर और मजबूत घोंसला बनता है। ये अपना घोंसला ज्यादातर बबूल और बेर के पेड़ पर बनता है। ये घोंसले की बस्ती सी बसा लेते है। एक ही पेड़ पर इनके 10 से 15 घोंसले तक मिल जाते है। इनके घोंसले लम्बे तथा तोम्बी के आकर के होते है तथा मुँह नीचे की तरफ होता है। दूर से देखने पर घोंसले ऐसे लगते है जैसे किसी इंसान के सर को काटकर लटका दिया हो।

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नर जब अपना घोंसला आधा बना लेता है तब वह मादा को तरह तरह की आवाज निकलकर अपने घोंसले की तरफ आकर्षित करता है मादा भी बहुत ही सूझ बुझ से काम लेती है और घोंसले की जाँच परख करती है जब उसको लगता है की घोंसला अच्छा और मजबूत बना है तब वह नर को स्वीकार करती है और बच्चे पैदा करती है।

घोंसला बनाते वक़्त बहुत ही सावधानी से काम लेते है। इनके घोंसलों को प्राय सरपत, पायल, पत्तियां, नारियल के रेसे और ज्वर के पत्तो के बने होते है। ये पत्तियों को दांतेदार बनाकर एक या दो फुट के टुकड़ो में काट लेती है। ये अपने अंडे सेने के लिए घोसले में एक अलग से कमरा बनती है जिसमे आने जाने का रास्ता अलग छेद से होता है।

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बया का वर्गीकरण

जगत             :   जन्तु
वर्ग                :   पक्षी
संघ               :   रज्जुकी
गण               :   पॅसरिफ़ॉर्मीस
कुल              :   प्लोसीडी
वंश               :   प्लोसिअस
जाति             :   पी. फ़िलिपिनस

बया पक्षी के बारे में कुछ रोचक जानकारियां

  • इसकी लम्बाई लगभग 6 इंच के आस पास होती है।
  • ये अपना घोंसला झुंडो में बनाते है।
  • इसके घोंसले में दो कमरे होते है।
  • इनके घोंसले में अंडो को सेने के लिए अलग से कमरा बना होता है।
  • मादा दो अंडे देती है पर कभी कभी 3 से 4 अंडे भी दे देती है।
  • अंडे की लम्बाई और चौड़ाई 0.82 x 0.51 इंच होती है।
  • 15 से 20 दिन में अंडो से बच्चे निकल आते है।
  • जब पत्तिया हरी होती है ये तभी अपने घोंसला बनाने के लिए काट लेती है।
  • ये पत्तियों को दाँतेदार बनाकर एक या दो फुट लम्बी काट लेती है।
  • यह लगभग एक महीने की कड़ी मेहनत करके अपने घोंसले का निर्माण करती है।
  • अपने अंडो को कभी अकेला नहीं छोड़ती है जब ये दाना चुगने के लिए जाती है तब नर पक्षी घोंसले में रहकर रखवाली करता है।
  • इनका प्रजनन काल मानसून के मौसम में होता है तभी ये अपने घोंसले का निर्माण भी करते है।
  • इन पक्षियों का वजन लगभग 30 ग्राम होता है।
  • हर साल अपने लिए एक नया घोंसला बनती है हर बार ये अपने नए बच्चो का जन्म नए घोंसले में कराती है।
  • दुश्मनो से अपने बच्चो को बचने के लिए ये अपना घोंसला ज्यादातर कांटेदार वृक्ष पर ही बनती है।
  • नर बया पूरा घोंसला खुद ही बनता है जिसे मादा बया पसंद करती है अगर मादा को वह घोंसला पसंद नहीं आये तब  नर दूसरे घोंसले का निर्माण करता है।
  • घोंसले के निर्माण में लगभग एक महीने का समय लगता है। ये घोंसला बहुत ही बारीक कारीगरी का नमूना है।
  • यह अपना घोंसला इतना मजबूत बनाते है कि तेज आंधी में भी कभी नहीं गिरते चाहे डाली ही क्यों ना टूट जाये।
  • इसे इसके वैज्ञानिक नाम weaverbird के नाम से भी जाना जाता है।
  • इनका घोंसला ज्यादातर कांटेदार पेड़ो पर ही देखने को मिलता है जिससे कोई शत्रु हमला ना कर सके और इनके बच्चे घोंसले में सुरक्षित रहे।
  • क्या आप जानते है बया के समूह में लगभग 100 के आस पास घोंसले बने हुए पाए जाते है।
  • अगर बात करे बया के जीवन काल की तो इनक जीवन काल 5 से 6 वर्ष का होता है।
  • आपको शायद ना पता हो ये अपना घोंसला पानी के आस पास बनाना ज्यादा पसंद करते है।
  • क्या आप जानते है बया अब रेडिएशन के कारन दिखाई नहीं देती है।
  • इनके विलुप्त होने का एक कारन अन्दाधुन्ध पेड़ो की काटइ भी है।

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हमिंग बर्ड घोंसला कैसे बनाता है?

उधर, काई ऐसा पौधा है जो अपने बीज कहीं बिखेर नहीं सकता। इसलिए उसका अलग जगहों पर पहुंचना मुश्किल होता है। लेकिन हमिंगबर्ड अपना घोंसला बनाने के लिए काई के पौधों का इस्तेमाल करता है। उनका घोंसला चमकदार हरा होता है।

हमिंग बर्ड को हिंदी में क्या कहते हैं?

गुंजन पक्षी (हमिंगबर्ड) सबसे छोटे पक्षियों का एक कुल है जिसे ट्रोकिलिडी (Trochilidae) कहते हैं। ये गुंजन या 'भिनभिनाने की आवाज' निकालतीं हैं, इसीलिए इन्हें 'गुंजन पक्षी' कहा जाता है। इस वंश की अधिकांश पक्षियों की माप 7.5–13 सेन्टीमीटर की होती है।

चिड़िया अपना घर कैसे बनाती है?

चिड़िया अपना घोंसला पेड़ के तिनको को जुटा कर बनाती है। तिनको को आपस में चिपकाने के लिए वे मकड़ी के जाले, मिट्टी अपने मुँह से निकली लार आदि का इस्तेमाल करती है। कभी कभी कुछ चिड़िया अपने घोंसला बनाने के लिए कपड़े के टुकड़े, सूखे चारे और बोरी के छोटे छोटे तिनको का भी इस्तेमाल करती है।

हमिंग बर्ड कैसे होती है?

यह दुनिया की अकेली ऐसी बर्ड है, जो आगे, पीछे, दाएं-बाएं, किसी भी दिशा में उड़ सकती है। हमिंग बर्ड पीछे की तरफ भी उड़ने में सक्षम है। इंद्रधनुष के समान इसके रंगीन पंखों होते हैं। यह 60-80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ सकती है और 60 मील की दूरी पर डाइव लगा सकती है।