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ध्वनि प्रदूषण पर निबंधहम जो आपस में बातचीत करते हैं उसे ध्वनि (sound) कहते हैं। जब यह ध्वनि हमारे कानों पर पड़ती है तो हमें वस्तु की आवाज सुनाई देती है। ध्वनि प्रदूषणप्रस्तावनापर्यावरण प्रदूषण का एक रुप ध्वनि प्रदूषण भी है यह समस्या भी नगरों में ही अधिक पाई जाती है। पर्यावरण में शोर अर्थात् ध्वनि का बढ़ जाना ही ध्वनि प्रदूषण कहलाता है। ध्वनि प्रदूषण के कारणध्वनि प्रदूषण के असंख्य स्रोत है जैसे – वाहनों के हॉर्न रेलगाड़ी के चलने की आवाज, वायुयानों की आवाज, टाइपराइटर, जनरेटर की घर्र-घर्र करने
की आवाज, पटाखों की आवाज, शादी विवाह में डीजे की आवाज, पंखों की आवाज आदि सभी ध्वनि प्रदूषण के मुख्य स्रोत है। ध्वनि प्रदूषण के दुष्प्रभावध्वनि प्रदूषण का मानव के स्वास्थ्य पर गंभीर रूप से प्रभाव पड़ता है। ध्वनि प्रदूषण का सर्वाधिक प्रभाव कारखानों में काम करने वाले मजदूरों पर पड़ता है। ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रणध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए अनेक प्रकार के उपाय किए जाने चाहिए जैसे – उपसंहारउपरोक्त वर्णन द्वारा स्पष्ट होता है कि ध्वनि प्रदूषण एक बहुत गंभीर समस्या बन गई है जो दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। इसके लिए सरकार
को अनेक कठोर नियम बनाने चाहिए। आज दुनिया की सबसे मुख्य चिंता प्रदुषण है. मुख्य प्रदूषणों में से एक है ध्वनि प्रदुषण. आज शोरगुल के कई स्त्रोत हो जाने से ये हमारे मुख्य चिंता का विषय बन गया है. इसमें परिवहन प्रणालियों, मोटर वाहन और वैमानिक शौर-शराबा तथा रेल से होने वाला शोर भी शामिल हैं. इसके साथ-साथ औद्योगिक और आवासीय इमारतें आवासीय क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण का कारण बन सकते हैं. इसके अन्य स्रोतों में कार्यालय के उपकरण, फैक्टरी मशीनरी, निर्माण कार्य, उपकरण, बिजली उपकरण, प्रकाश व्यवस्था गुनगुनाना एवं ऑडियो मनोरंजन सिस्टम आते है. आइए ध्वनि प्रदुषण के कारण और उपायों को जानें. ध्वनि प्रदुषण के कारण - Dhwani Pradushan Ke Karan
ध्वनि प्रदुषण से बचाव के उपाय - Dhwani Pradushan Se Bachne Ka Upay in Hindi
14 people found this helpful ध्वनि प्रदूषण क्या है इसके प्रभाव?ध्वनिक प्रदूषण चिड़चिड़ापन एवं आक्रामकता के अतिरिक्त उच्च रक्तचाप, तनाव, कर्णक्ष्वेड, श्रवण शक्ति का ह्रास, नींद में गड़बड़ी और अन्य हानिकारक प्रभाव पैदा कर सकता है।. इसके अलावा, तनाव और उच्च रक्तचाप स्वास्थ्य समस्याओं के प्रमुख हैं, जबकि कर्णक्ष्वेड स्मृति खोना, गंभीर अवसाद और कई बार असमंजस के दौरे पैदा कर सकता है।
ध्वनि प्रदूषण क्या है इसके कारणों का वर्णन करें?ध्वनि प्रदूषण मुख्य रूप से तेज़ म्यूजिक, फोन पर बात करने, मशीनों, परिवहन प्रणालियों, वाहनों, ट्रेन और वायुयानों और अनुचित शहरी नियोजन और संरचनाओं के डिजाइन के कारण होता है। यहां तक कि घर में बिजली के उपकरणों से भी भीषण आवाज होती है। जब अधिक ध्वनि के कारण मनुष्यों को कठिनाई तथा बेचैनी हो तब उसे ध्वनि प्रदूषण कहते हैं।
ध्वनि प्रदूषण क्या है ध्वनि प्रदूषण के प्रकार?ध्वनि प्रदूषण के निम्नांकित कारण हैं—(i) कारखानों की ध्वनि, (ii) जेट विमानों की ध्वनि, (iii) मोटर, ट्रक आदि वाहनों की ध्वनि, (iv) लाउडस्पीकर तथा अन्य वाद्य यंत्रों से निकली ध्वनि, (v) बम फटने तथा पटाखे छूटने की ध्वनि (आकस्मिक ध्वनि) आदि।
ध्वनि प्रदूषण से आप क्या समझते हैं इसके रोकथाम के उपाय बताएं?Solution : ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के उपाय निम्नलिखित अनुसार हैं <br> (1) उद्योग, रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डे आबादी से दूर होने चाहिएँ। <br> (2) शोर उत्पन्न करने वाली मशीनों में ग्रीसिंग करनी चाहिए। <br> (3) ऊँचे संगीत जैसे लाउडस्पीकर पर पाबंदी होनी चाहिए। <br> (4) भवनों को सांऊड-प्रूफ बनाने की तकनीक अपनाओ।
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