Home कथा-कहानी कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी श्रृंखला: पूस की रात Show
March 15, 2021 Telegram हल्कू ने आकर स्त्री से कहा-सहना आया है । लाओं, जो रुपये रखे हैं, उसे दे दूँ, किसी तरह गला तो छूटे । 2 पूस की अँधेरी रात ! आकाश पर तारे भी ठिठुरते हुए मालूम होते थे। हल्कू अपने खेत के किनारे ऊख के पतों की एक छतरी के नीचे बॉस के खटाले पर अपनी पुरानी गाढ़े की चादर ओढ़े पड़ा कॉप रहा था । खाट के नीचे उसका संगी कुत्ता जबरा पेट मे मुँह डाले सर्दी से कूँ-कूँ कर रहा था । दो मे से एक को भी नींद नहीं आ रही थी । 3 एक घंटा और गुजर गया। रात ने शीत को हवा से धधकाना शुरु किया। 4 पत्तियॉँ जल चुकी थीं । बगीचे में फिर अँधेरा छा गया था । राख के नीचे कुछ-कुछ आग बाकी थी, जो हवा का झोंका आ जाने पर जरा जाग उठती थी, पर एक क्षण में फिर ऑंखे बन्द कर लेती थी !
Telegram Previous articleफिल्मी दुनियाः आमिर खान ने अपना 56वां बर्थडे मनाने के दूसरे दिन ही इस कारण सोशल मीडिया छोड़ने का किया एलान Next articleकथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी श्रृंखलाः बूढ़ी काकी youthmukam मुन्नी ने हल्कू को खेती छोड़ने के लिए क्यों कहा?मुन्नी को लगता है कि जब खेती अपनी है, तभी तो लगान अथवा मालगुजारी देनी पड़ती है और उसके लिए कर्ज लेना पड़ता है, जिससे उबरना मुश्किल होता है। मजूरी करने पर यह सब झंझट नहीं है। इसीलिए वह हल्कू से खेती छोड़ देने के लिए कहती है।
हल्कू ने ठंड से बचने के लिए क्या किया?हल्कू अपने खेत के किनारे ऊख के पतों की एक छतरी के नीचे बाँस के खटोले पर अपनी पुरानी गाढ़े की चादर ओढ़े पड़ा काँप रहा था। खाट के नीचे उसका संगी कुत्ता जबरा पेट मे मुँह डाले सर्दी से कूँ-कूँ कर रहा था। दो में से एक को भी नींद न आती थी।
हल्कू कंबल क्यों नहीं खरीद सका?(हल्कू ने कम्बल इसलिए नहीं खरीदा क्योंकि उसे महाजन का कर्ज चुकाना था।
हल्कू उन पैसों से क्या खरीदने वाला था?मुन्नी को उन पैसों से कंबल खरीदने थे ताकि “पूस की रात” में ठंड से बचा जा सके। पत्नी से तीखी बहस के बाद आखिर हल्कू सहना को पैसे दे देता है। नतीजतन, कंबल के अभाव में ठिठुरते हुए रात काटनी पड़ती है।
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