गाय को खाने में क्या देना चाहिए? - gaay ko khaane mein kya dena chaahie?

धार्मिक शास्त्रों में गाय को भोजन कराने से मिलने वाले लाभों का वर्णन मिलता है। चलिए जानते हैं कि गाय का मानव जीवन में क्‍या महत्‍व है। 

हिंदू धर्म में कई पशु-पक्षियों को शुभ माना गया है। इनमें से सबसे ज्‍यादा महत्‍व गाय को दिया गया है। हिंदुओं में गाय को माता का दर्जा दिया गया है, क्योंकि वह हमें दूध देती है। गाय की पूजा और सेवा को भी हिंदू धर्म में बहुत महत्व दिया गया है। 

ऐसी मान्यता है कि गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है। इसलिए अगर आप गाय की पूजा या सेवा करते हैं, तो एक साथ इतने सारे देवी-देवताओं को आप प्रसन्न कर सकते हैं। शास्त्रों में गाय की सेवा और पूजा से जुड़े कई नियम बताए गए हैं, जिनमें से कुछ बेहद प्रचलित भी हैं। 

गाय को गुड़ और रोटी खिलाना भी इन्‍हीं नियमों में से एक है। ऐसा करते हुए आपने कई लोगों को दिखा होगा। मगर क्‍या आप जानते हैं कि गाय को गुड़ रोटी खिलाने के बहुत सारे फायदे भी हैं। इस विषय में हमारी बात उज्जैन के पंडित एवं ज्योतिषाचार्य मनीष शर्मा बताते हैं, ' हिंदू धर्म में गाय को पवित्र माना गया है। गाय भगवान श्रीकृष्ण को भी अति प्रिय है। अगर कोई निस्वार्थ भाव से गाय की सेवा करता है, तो उसे हर तरह से जीवन में सुख मिलता है। वैसे तो गाय को नियमित दिन के अनुसार आपको अलग-अलग चीजें खाने के लिए देनी चाहिए। यदि आप ग्रह शांति या जीवन में आ रही समस्याओं को कम करना चाहते हैं, तो आपको गाय को गुड़ रोटी खिलानी चाहिए।'

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पंडित जी हमें इसके और भी कई फायदे बताते हैं-  

गाय को खाने में क्या देना चाहिए? - gaay ko khaane mein kya dena chaahie?
दुधारू पशुओं के आहार संतुलित कैसे बनायें और खिलाएं,पशुपालको के लिए ये बात काफी मायने रखता है ।संतुलित आहार उस भोजन सामग्री को कहते हैं जो किसी विशेष पशु की 24 घन्टे की निर्धारित पौषाणिक आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। संतुलित राशन में कार्बोहार्इड्रेट, वसा ,प्रोटीन और खनिज लवण के आपसी विशेष अनुपात के लिए कहा गया है।

दुधारू पशुओं के आहार को सन्तुलित राशन में मिश्रण के विभिन पदार्थ की मात्रा मौसम और पशु भार तथा उसकी उत्पादन क्षमता के अनुसार रखी जाती है। एक राशन की परिभाषा इस प्रकार की जा सकती है ‘एक भैंस 24 घण्टे में जितना भोजन करती अन्तर्ग्रहण  है, वह राशन कहलाता है।’ पशुओं का राशन या तो संतुलित होगा या असंतुलित होगा। असंतुलित राशन वह होता है जोकि भैंस को 24 घण्टों में जितने पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है वह देने में असफल रहता है जबकि संतुलित राशन ‘ठीक’ भैंस को ‘ठीक’ समय पर ‘ठीक’ मात्रा में पोषक तत्व प्रदान करता है। दुधारू पशुओं के आहार में प्रोटीन, कार्बोहार्इड्रेट, मिनरल्स तथा विटामिनों की मात्रा पशु की आवश्यकता अनुसार उचित मात्रा में रखी जाती है ।

चारे में प्रोटीन, कार्बोहार्इड्रेट, मिनरल्स तथा विटामिनों की छमता बढ़ाने तथा कमी पूरी करने के लिए ग्रोवेल एग्रोवेट का टॉनिक और दवा नियमित रूप से दें । ग्रोवेल एग्रोवेट अपनी प्रोडक्ट्स की गारंटी देतें हैं तथा ग्रोवेल एग्रोवेट का टॉनिक और दवा नियमित रूप से देने पर उत्पादकता में काम से काम 25% की बढ़ोतरी होती है और पशुओं रोग प्रतिरोधी छमता बढ़ती है और चारे पर भी खर्च काम आता है ।

भैंस को जो आहार खिलाया जाता है, उसमें यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि उसे जरूरत के अनुसार शुष्क पदार्थ, पाचक प्रोटीन तथा कुल पाचक तत्व उपलब्ध हो सकें। भैंस में शुष्क पदार्थ की खपत प्रतिदिन 2.5 से 3.0 किलोग्राम प्रति 100 किलोग्राम शरीर भार के अनुसार होती है। इसका तात्पर्य यह हुआ कि 400 किलोग्राम वजन की भैंस को रोजाना 10-12 किलोग्राम शुष्क पदार्थ की आवश्यकता पड़ती है। इस शुष्क पदार्थ को हम चारे और दाने में विभाजित करें तो शुष्क पदार्थ का लगभग एक तिहार्इ हिस्सा दाने के रूप में खिलाना चाहिए।

उत्पादन व अन्य आवश्यकताओं के अनुसार जब हम पाचक प्रोटीन और कुल पाचक तत्वों की मात्रा निकालते हैं तो यह गणना काफी कठिन हो जाती है। इसका एक प्रमुख कारण यह है कि जो चारा पशु को खिलाया जाता है उसमें पाचक प्रोटीन और कुल पाचक तत्वों की मात्रा ज्ञात करना किसान के लिए लगभग असंभव है। ऐसा इसलिए है कि पाचक प्रोटीन और कुल पाचक तत्वों की मात्रा प्रत्येक चारे के लिए अलग होती है। यह चारे की उम्र/परिपक्वता के अनुसार बदल जाती है। अनेक बार उपलब्धता के आधार पर कर्इ प्रकार का चारा एक साथ मिलाकर खिलाना पड़ता है। किसान चारे को कभी भी तोलकर नहीं खिलाता है। इन परिस्थितियों में सबसे आसान तरीका यह है कि किसान द्वारा खिलाये जाने वाले चारे की गणना यह मान कर की जाये की पशु को चारा भरपेट मिलता रहे। अब पशु की जरूरत के अनुसार पाचक प्रोटीन और कुल पाचक तत्वों में कमी की मात्रा को दाना मिश्रण देकर पूरा कर दिया जाता है। इस प्रकार भैंस को खिलाया गया आहार संतुलित हो जाता है।

दुधारू पशुओं के आहार संतुलित दाना मिश्रण कैसे बनायें ?

पशुओं के दाना मिश्रण में काम आने वाले पदार्थों का नाम जान लेना ही काफी नही है। क्योंकि यह ज्ञान पशुओं का राशन परिकलन करने के लिए काफी नही है। एक पशुपालक को इस से प्राप्त होने वाले पाचक तत्वों जैसे कच्ची प्रोटीन, कुल पाचक तत्व और चयापचयी उर्जा का भी ज्ञान होना आवश्यक है। तभी भोज्य में पाये जाने वाले तत्वों के आधार पर संतुलित दाना मिश्रण बनाने में सहसयता मिल सकेगी। नीचे लिखे गये किसी भी एक तरीके से यह दाना मिश्रण बनाया जा सकता है, परन्तु यह इस पर भी निर्भर करता है कि कौन सी चीज सस्ती व आसानी से उपलब्ध है।

1. मक्का/जौ/जर्इ 40 किलो मात्रा
बिनौले की खल 16 किलो
मूंगफली की खल 15 किलो
गेहूं की चोकर 25 किलो
मिनरल मिक्चर 02 किलो

1 किलो (Chelated Growmin Forte)चिलेटेड ग्रोमिन फोर्ट और 1 किलो (Immune Booster) इम्यून  बुस्टर प्री-मिक्स
साधारण नमक 01 किलो
कुल 100 किलो

2. जौ 30 किलो
सरसों की खल 25 किलो
बिनौले की खल 22 किलो
गेहूं की चोकर 20 किलो
मिनरल मिक्चर 02 किलो

1 किलो (Chelated Growmin Forte)चिलेटेड ग्रोमिन फोर्ट और 1 किलो (Immune Booster) इम्यून  बुस्टर प्री-मिक्स
साधारण नमक 01 किलो
कुल 100 किलो

3. मक्का या जौ 40 किलो मात्रा
मूंगफली की खल 20 किलो
दालों की चूरी 17 किलो
चावल की पालिश 20 किलो
मिनरल मिक्चर 02 किलो

1 किलो (Chelated Growmin Forte)चिलेटेड ग्रोमिन फोर्ट और 1 किलो (Immune Booster) इम्यून  बुस्टर प्री-मिक्स
साधारण नमक 01 किलो
कुल 100 किलो

4. गेहूं 32 किलो मात्रा
सरसों की खल 10 किलो
मूंगफली की खल 10 किलो
बिनौले की खल 10 किलो
दालों की चूरी 10 किलो
चौकर 25 किलो
मिनरल मिक्चर 02 किलो

1 किलो (Chelated Growmin Forte)चिलेटेड ग्रोमिन फोर्ट और 1 किलो (Immune Booster) इम्यून  बुस्टर प्री-मिक्स
नमक 01 किलो
कुल 100 किलो

5. गेहूं, जौ या बाजरा 20 किलो मात्रा
बिनौले की खल 27 किलो
दाने या चने की चूरी 5 किलो
बिनौला 15 किलो
आटे की चोकर 20 किलो
मिनरल मिक्चर 02 किलो

1 किलो (Chelated Growmin Forte)चिलेटेड ग्रोमिन फोर्ट और 1 किलो (Immune Booster) इम्यून  बुस्टर प्री-मिक्स
नमक 01 किलो
कुल 100 किलो

ऊपर दिया गया कोई भी संतुलित आहार भूसे के साथ सानी करके भी खिलाया जा सकता है। इसके साथ कम से कम 4-5 किलो हरा चारा देना आवश्यक है।

दुधारू पशुओं के आहार ,दाना मिश्रण के गुण व लाभ

• यह स्वादिष्ट व पौष्टिक है।
• ज्यादा पाचक है।
• अकेले खल, बिनौला या चने से यह सस्ता पड़ता हैं।
• पशुओं का स्वास्थ्य ठीक रखता है।
• बीमारी से बचने की क्षमता प्रदान करता हैं।
• दूध व घी में भी बढौतरी करता है।
• भैंस ब्यांत नहीं मारती।
• भैंस अधिक समय तक दूध देते हैं।
• कटडे या कटड़ियों को जल्द यौवन प्रदान करता है।

दुधारू पशुओं के आहार संतुलित दाना मिश्रण कितना खिलायें

1. शरीर की देखभाल के लिए:
• गाय के लिए 1.5 किलो प्रतिदिन व भैंस के लिए 2 किलो प्रतिदिन

2. दुधारू पशुओं के लिए:
• गाय प्रत्येक 2.5 लीटर दूध के पीछे 1 किलो दाना
• भैंस प्रत्येक 2 लीटर दूध के पीछे 1 किलो दाना

3. गाभिन गाय या भैंस के लिए:
• 6 महीने से ऊपर की गाभिन गाय या भैंस को 1 से 1.5 किलो दाना प्रतिदिन फालतू देना चाहिए।

4. बछड़े या बछड़ियों के लिए:
• 1 किलो से 2.5 किलो तक दाना प्रतिदिन उनकी उम्र या वजन के अनुसार देना चाहिए।

5. बैलों के लिए:
• खेतों में काम करने वाले भैंसों के लिए 2 से 2.5 किलो प्रतिदिन
• बिना काम करने वाले बैलों के लिए 1 किलो प्रतिदिन।

नोट : जब हरा चारा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो तो उपरलिखित कुल देय दाना 1/2 से 1 किलो तक घटाया जा सकता है।

चारे में आमतौर सबसे ज्यादा भूसे का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें बहुत कम पौष्टिक तत्व होते हैं। पशु को सही पोषण मिले इसके लिए राइस ब्रैन, चोकर और चना दिया जाना ज़रूरी है। साथ ही हरे चारे को उसके आहार में जरूर शामिल करें जो कि सूखे चारे से ज्यादा अच्छा होता है। अच्छी नस्ल की मुर्रा भैंस या होल्सटीन फ्रीजियन गाय का वजन 450 से 500 किग्रा है। उसे अच्छी सेहत और पर्याप्त मात्रा में दूध उत्पादन के लिए हर 100 किग्रा भार पर 2.5 किग्रा सूखा चारा देने की जरूरत होती है। करीब 12.5 किग्रा पशु के एक दिन के आहार में शामिल होना चाहिए। इसमें सूखे और हरे चारे का अनुपात 50:50 फीसदी यानि बराबर होना चाहिए। जब पशु दूध के लिए तैयार हो रहा हो तो उसके संतुलित आहार में सूखा चारा, हरा चारा और दाना मिलाकर देना जरूरी है। जिसमें सूखा चारा 6.5 किग्रा, हरा चारा करीब 30 किग्रा और दाना एक किग्रा हर रोज देेना चाहिए। जब पशु दूध देने लायक हो जाए तो सूखा चारा और हरा चारा उतना ही रखें पर दाने को बढ़ा कर चार किलो और गर्भावस्था में दाना घटा कर दो किलो कर दें।

दुधारू पशुओं के लिए हरा चारा

हरा चारा पशु चाव से खाते हैं। यह सूखे चारे की अपेक्षा जल्दी पचता है। दूध का उत्पादन बढ़ाता है। इसमें सूडान घास, बाजरा, ज्वार, मकचरी, जई और बरसीम आदि शामिल हैं। पशुपालकों को चाहिए कि वो हरे चारे में दलिया या दलहनी दोनों तरह के चारे शामिल करें। इससे पशुओं में प्रोटीन की कमी बड़ी आसानी से पूरी की जा सकती है।

पशुओं के लिए आठ से 10 घंटे के अंतर पर चारा ज़रूरी

खाने में सूखा चारा, हरा चारा, और पशु आहार को शामिल करें ताकि सभी पोषक तत्व सही मात्रा में मिल सकें। फलीदार सब्जी भी लाभकारी होती है। बरसीम, रिजका, ग्वार आदि सूखे चारे में मिला कर खिलाएं। इन फलियों को बिना चारे के खिलाने से पाचन क्रिया में गड़बडी और अफारा रोग होने की संभावना होती है। पशु एक दिन में 35 से 40 लीटर पानी पीता है। इसलिए साफ पानी हमेशा उपलब्ध होना चाहिए। आहार में प्रोटीन पशुओं की बढ़त और अच्छी सेहत के लिए, कार्बोहाइडे्रट शक्ति देता है और शरीर को गर्म रखने में मदद करता है। ये तन्दुरूस्ती व उचित प्रजनन के लिए जरूरी होता है। टूटे हुए गेहूं, ज्वार या बाजरे की दलिया को अच्छी तरह उबाल कर नमक, गुड़ या शीरे में मिलाकर खली, खनिज लवण के साथ देने से अच्छा उत्पादन मिल सकता है।

आईएसआई निर्धारित पशु आहार के मानक

  •  20-21 फीसदी प्रोटीन 
  • 2.5-3 फीसदी चिकनाई
  • 1 फीसदी कैल्शियम
  • 0.5 फीसदी फास्फोरस
  • 4 फीसदी सेड सिलिका
  • 12 फीसदी फाइबर
  • 3 फीसदी खनिज लवण
  • 5000 आईयू /केजी विटामिन ए /डी
  • 2.5-3 फीसदी चिकनाई
  • 1 फीसदी कैल्शियम
  • 0.5 फीसदी फास्फोरस
  • 4 फीसदी सेड सिलिका
  • 12 फीसदी फाइबर
  • 3 फीसदी खनिज लवण
  • 5000 आईयू /केजी विटामिन ए /डी

पशुपालन से सम्बंधित  कृपया आप इस लेख को भी पढ़ें ग्रोवेल का पशुपालन कैलेंडर

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गाय को कौन सा दाना खिलाना चाहिए?

दाना (मक्का, जौ, गेंहू, बाजरा) इसकी मात्रा लगभग 35 प्रतिशत होनी चाहिए। चाहें बताए गए दाने मिलाकर 35 प्रतिशत हो या अकेला कोई एक ही प्रकार का दाना हो तो भी खुराक का 35 प्रतिशत दे। खली(सरसों की खल, मूंगफली की खल, बिनौला की खल, अलसी की खल) की मात्रा लगभग 32 किलो होनी चाहिए। इनमें से कोई एक खली को दाने में मिला सकते है।

सबसे अच्छा पशु आहार कौन सा होता है?

मक्का/जौ/जर्इ 40 किलो मात्रा बिनौले की खल 16 किलो मूंगफली की खल 15 किलो गेहूं की चोकर 25 किलो ... .
जौ 30 किलो सरसों की खल 25 किलो बिनौले की खल 22 किलो ... .
मक्का या जौ 40 किलो मात्रा मूंगफली की खल 20 किलो दालों की चूरी 17 किलो ... .
गेहूं 32 किलो मात्रा सरसों की खल 10 किलो मूंगफली की खल 10 किलो ... .
गेहूं, जौ या बाजरा 20 किलो मात्रा.

गाय को लहसुन खिलाने से क्या फायदा होता है?

यह कोई टोना-टोटका नहीं, बल्कि बाकायदा वैज्ञानिक सत्य है कि अगर दूध देने वाली गाय-भैंसों के चारे में लहसुन मिला दिया जाए तो वे कम मात्रा में मीथेन गैस वातावरण में छोड़ेंगे और इससे वे दूध भी ज्यादा देंगी।

गाय को खाने में क्या पसंद है?

वैसे तो गाय को नियमित दिन के अनुसार आपको अलग-अलग चीजें खाने के लिए देनी चाहिए। यदि आप ग्रह शांति या जीवन में आ रही समस्याओं को कम करना चाहते हैं, तो आपको गाय को गुड़ रोटी खिलानी चाहिए।