एकात्मक सरकार के अन्तर्गत शासन की सारी शक्तियां केन्द्रीय सरकार के पास ही केन्द्रित रहती हैं। सारे देश में एक कार्यपालिका, एक विधायिका व एक न्यायपालिका ही होती है। यद्यपि उनको केन्द्रीय सरकार द्वारा कोई महत्वपूर्ण शक्ति नहीं दी जाती। यदि कोई शक्ति दे भी जाती है तो वे केन्द्रीय सरकार के नियन्त्रण में ही कार्य करती है। उन्हें उन शक्तियों का स्वतन्त्रा प्रयोग करने की छूट नहीं होती। इस
प्रकार इन सरकारों की कोई पृथक व स्वतन्त्रा सत्ता नहीं होती। इन सरकारों की शक्तियों का स्रोत संविधान की जगह केन्द्रीय सरकार की होती है। प्रान्तीय या प्रादेशिक सरकारें केन्द्रीय सरकार की प्रतिनिधि बनकर ही कार्य करती हैं और देश के शासन संचालन में सहयोग देती हैं। एकात्मक सरकार अपने को प्रांतीय व प्रादेशिक सरकारों पर कम से निर्भर बनाने की कोशिश करती है ताकि उसकी अखण्डता को कोई खतना उत्पन्न न हो। ब्रिटेन में इस प्रकार की ही सरकार है। फ्रांस व चीन में भी ऐसी ही सरकारें हैं। इस प्रकार कहा जा
सकता है कि जिस देश में शासन की सारी शक्तियां एक ही हाथ में हों तो वह एकात्मक सरकार होती है। एकात्मक सरकार की परिभाषाएकात्मक सरकार को कुछ विद्वानों ने निम्न प्रकार से परिभाषित किया है :-
एकात्मक शासन का व्यवहारिक रूपएकात्मक सरकार ब्रिटेन, फ्रांस, जापान, इटली, जर्मनी व चीन आदि देशों में है। ब्रिटेन में स्थानीय संस्थाएं भी हैं, लेकिन उन्हें स्वतन्त्राता व शक्तियां संसद के सामान्य कानूनों द्वारा ही प्राप्त हुई हैं। वहां पर केन्द्रीय सरकार को स्थानीय सरकारों को स्वतन्त्रातापूर्वक कार्य कराने का अधिकार प्राप्त है। काऊण्टी बरो, काउण्टी कौंसिन्स, म्युनिसिपल बरो, शहरी व ग्रामीण जिले, पेरिश आदि स्थानीय संस्थाएं केन्द्रीय सरकार के ही नियन्त्राण में हैं। फ्रांस में भी ब्रिटेन की तरह ही शासन प्रणाली को अपनाया गया है। सारे फ्रांस को प्रान्तों (डिपार्टमेण्टस) में बांटा गया है। प्रत्येक प्रान्त के अन्तर्गत अनेक ऐरानडाइमेण्ट्स तथा कम्यून हैं। ये सभी सरकारें केन्द्रीय सरकार के ही अधीन हैं। इनके अधिकारों व शक्तियों को संसद जब चाहे वापिस ले सकती है। इसी तरह चीन, इटली, जापान व जर्मनी आदि देशों में भी प्रादेशिक या स्थानीय सरकारें केन्द्रीय सरकारों के अधीन हैं। उनकी स्वायत्तता संसदीय कानूनों पर निर्भर है। संविधानिक व्यवस्थाओं के अन्तर्गत उन्हें कोई अधिकार या शक्तियां नहीं दी गई हैं। एकात्मक सरकार की विशेषताएं
इस प्रकार शक्तियों का केन्द्रीयकरण, केन्द्रीय संसद की सर्वोच्चता, समान प्रभुसत्ता वाले निकायों का अभाव, इकहरी नागरिकता, इकहरा शासन, लिखित या अलिखित कठोर या लचीला संविधान एकात्मक सरकार या शासन की प्रमुख विशेषताएं हैं। एकात्मक सरकार के गुणआज बदलते परिवेश में प्रभुसत्ता सम्पन्न एकात्मक सरकार का होना अनिवार्य हो गया है। संकटकालीन परिस्थितियों में तो एकात्मक सरकार के विचार को और अधिक बल मिलता है। इसलिए अनेक विद्वान एकात्मक सरकार को आधुनिक युग में सफलता का ताज कहते हैं। इसका प्रमुख कारण एकात्मक सरकार का उपयोगी होना है। एकात्मक सरकार के लाभ होते हैं :-
इस प्रकार कहा जा सकता है कि एकात्मक शासन प्रणाली कुशल और प्रभावी शासन का प्रतिबिम्ब होती है। समान कानून संहिता के कारण देश में शान्ति व्यवस्था बनाए रखने व राष्ट्रीय एकता में वृद्धि करने में ऐसी ही सरकार सहायक होती है। यह शासन व्यवस्था शक्ति-विभाजन जनित दुर्बलताओं से मुक्त होने के साथ सरल व स्पष्ट है। इसे देश का आम नागरिक भी समझ सकता है। प्रभुसत्तात्मक शक्तियों का विभाजन न होने के कारण यह केन्द्रीय सरकार के मार्ग-निर्देशन में सफल विदेश नीति के निर्माण व प्राप्ति में भी बहुत मददगार है। जिन देशों की जनसंख्या कम है या भौगोलिक दृष्टि से क्षेत्राफल कम है तो उन देशों के लिए यह शासन प्रणाली सबसे उपयुक्त है। संक्षेप में यह शासन प्रणाली संघात्मक शासन प्रणाली के सभी दोषों से मुक्ति प्रदान करती है। एकात्मक शासन या सरकार के दोषयद्यपि एकात्मक शासन व्यवस्था विशेष रूप से छोटे देशों के लिए बहुत उपयुक्त रहती है। यह विकासशील देशों व आर्थिक रूप से कमहोर देशों के लिए भी उपयुक्त हो सकती है। लेकिन फिर भी यह दोषों से मुक्त नहीं है। इस पर आपेक्ष लगाये जाते हैं :-
इस प्रकार कहा जा सकता है कि एकात्मक शासन में अनेक दोष हैं। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि इसका कोई महत्व नहीं है। यह व्यवस्था छोटे देशों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है। संकटकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए एकात्मक शासन से अच्छा व प्रभावी विकल्प दूसरा नहीं हो सकता। सफल विदेश नीति के संचालन के लिए भी यह शासन प्रणाली आधुनिक युग में अपरिहार्य है। यदि एकात्मक शासन प्रणाली के दोषों को कुछ सीमा तक नियिन्त्रात कर दिया जाए तो इससे सर्वोत्तम शासन प्रणाली अन्य नहीं हो सकती। इसको महत्वपूर्ण साबित करने के लिए यही तथ्य पर्याप्त है कि आज भी यह शासन प्रणाली ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, चीन, जापान आदि देशों में अच्छा कार्य कर रही है। एकात्मक व्यवस्था व्यवस्था से क्या तत्व है?एकात्मक शासन प्रणाली उस शासन-प्रणाली को कहते है जिसमे राज्य की संपूर्ण शक्ति एक ही सरकार मे निहित होती है, वह सरकार केन्द्र सरकार कहलाती है। इस प्रकार की शासन-प्रणाली मे स्थानीय स्तर पर शासन का संगठन तो किया जाता है, परन्तु इनकी स्थिति प्रान्त की होती है। इन प्रान्तों की शक्ति केन्द्रीय सरकार से मिलती है।
कौन सा भारतीय संविधान के एकात्मक तत्व नहीं है?भारत में संघीय शासन व्यवस्था लागू है किन्तु संविधान में कहीं भी फेडरेशन (संघात्मक) शब्द का प्रयोग नहीं किया गया है । संविधान में भारत को 'राज्यों का संघ' कहा गया है । कें. सी. हेयर के अनुसार- ” भारत मुख्यत: एकात्मक राज्य है, जिसमें संघीय विशेषताएं नाममात्र की है ।
निम्नलिखित में से कौन सरकार के एकात्मक रूप का तत्व नहीं है?Solution : चीन में संघीय (फेडरल) सरकार की प्रणाली लागू नहीं है। एकात्मक राज्य ऐसे राज्य को कहते हैं जो एकमेव शक्ति के रूप में शासित हो जिसने केन्द्रीय सरकार अन्तत: सर्वोच्च मानी जाती हो तथा उस राज्य के प्रशासनिक विभागों को प्राप्त होने वाले अधिकार सरकार पर निर्भर हो। विश्व के अधिकांश देशों में एकात्मक शासन प्रणाली है।
एकात्मक तत्व क्या है?एकात्मक प्रणाली राजनीतिक संगठन की एक प्रणाली है जिसमें संघीय राज्य के विपरीत अधिकांश या सभी शासकीय शक्ति केंद्रीकृत सरकार में रहती है। इस प्रणाली के अंतर्गत या तो सरकार का केवल एक स्तर होता है या उप-इकाइयाँ केन्द्र सरकार के अधीनस्थ होती हैं। केंद्र सरकार प्रांतीय या स्थानीय सरकारों को आदेश पारित कर सकती है।
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