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वाक्य-भेद का आधार
उपर्युक्त वाक्यों में पहला एक वाक्य है। दूसरा और तीसरा दो वाक्यों से तथा चौथा तीन वाक्यों से। वाक्य होने के बाद भी ये अलग-अलग प्रकार के वाक्य हैं। 1. सरल वाक्य सरल वाक्यों की रचना – (i) उद्देश्य-वाक्य में जिसके बारे में कुछ बताया जाता है, उसे उद्देश्य कहा जाता है। इसे कर्ता भी कहा जाता है। (ii) विधेय-वाक्य में जिस अंश द्वारा अपने उद्देश्य के बारे में कुछ बताया जाता है, उसे विधेय कहते हैं। कुछ अन्य उदाहरण 2. संयुक्त वाक्य संयुक्त वाक्य की विशेषताएँ –
संयुक्त वाक्य के कुछ उदाहरण
3. मिश्रवाक्य
मिश्रवाक्य के कुछ उदाहरण
ध्यान दें मिश्र वाक्य में आश्रित उपवाक्य वाक्य के आरंभ, मध्य या अंत में कहीं भी आ सकते हैं, जैसे – आश्रित उपवाक्य आश्रित उपवाक्य आश्रित या गौण उपवाक्यों के तीन भेद होते हैं –
1. संज्ञा उपवाक्य इन वाक्यों में प्रयुक्त उपवाक्य ‘बिना पाँव धोए आपको नाव पर नहीं चढ़ाऊँगा’, ‘सुमन अवश्य आएगी’, ‘अपने आस-पास सफ़ाई रखो’ संज्ञा उपवाक्य हैं। अन्य उदाहरण
संज्ञा उपवाक्यों की पहचान इनके आरंभ में लगे ‘कि’ को देखकर पहचान की जा सकती है। ये उपवाक्य ‘कि’ के द्वारा मुख्य (प्रधान) उपवाक्य से जुड़े होते हैं। ‘कि’ का प्रयोग उस दशा में नहीं होता-जब संज्ञा उपवाक्य प्रधान उपवाक्य से पहले आ जाए या कभी-कभी ‘कि’ का लोप कर दिया जाए; जैसे – 2. विशेषण उपवाक्य विशेषण उपवाक्य मुख्य उपवाक्य में प्रयुक्त संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, उन्हें विशेषण उपवाक्य कहते हैं; जैसे – अन्य उदाहरण
उपर्युक्त वाक्यों के रंगीन अंश विशेषण उपवाक्य हैं। 3. क्रियाविशेषण उपवाक्य प्रधान उपवाक्य की क्रिया की विशेषता बताने वाले आश्रित उपवाक्यों को क्रियाविशेषण उपवाक्य कहते हैं; जैसे – (i) कालवाचक उपवाक्य – (ii) रीतिवाचक उपवाक्य – (iii) स्थानवाचक उपवाक्य – (iv) परिमाणवाचक उपवाक्य – (v) परिणामवाचक उपवाक्य – वाक्य रचनांतरण या रूपांतरण किसी वाक्य से दूसरे वाक्य में इस तरह बदलना कि उसका मूलभाव अपरिवर्तित रहे, वाक्य रचनांतरण या रूपांतरण कहलाता है। वाक्य रूपांतरण के अंतर्गत सरल वाक्यों को संयुक्त और मिश्र में, संयुक्त वालों को सरल और मिश्रवाक्य में तथा मिश्रवाक्य को सरल और संयुक्त वाक्य में बदला जाता है; जैसे – एक से अधिक प्रधान उपवाक्य कौन से वाक्य में रहते?प्रधान उपवाक्य एवं आश्रित उपवाक्य को सोदाहरण स्पष्ट करें। अथवा, मिश्र वाक्य को सोदाहरण समझावे । Solution : मिश्नवाक्य में एक प्रधान उपवाक्य रहता है और एक या एक से अधिक आश्रित उपवाक्य रहते हैं। वे आपस में समुच्चय बोधक (कि, जब, जो, वैसा, जिसने, जहाँ, तब, क्योंकि, यदि, तो आदि) से जुड़े होते हैं।
एक या एक से अधिक आश्रित वाक्यों को प्रधान उपवाक्य से जोड़ने वाले अव्यय शब्द _________ कहलाते है I?- नोट – किसी वाक्य के प्रधान और आश्रित उपवाक्यों को परस्पर जोड़ने वाले शब्द व्यधिकरण समुच्चयबोधक कहलाते हैं। यदि तो, जा तो, यद्यपि तथापि, यद्यपि; परन्तु आदि । 1. प्रधान उपवाक्य वह होता है, जिसकी क्रिया मुख्य होती है।
जिस वाक्य में एक प्रधान वाक्य और एक से अधिक उपवाक्य हों वह क्या कहलाता है?जिस वाक्य में एक से अधिक वाक्य मिले हों, किन्तु एक प्रधान उपवाक्य तथा शेष आश्रित उपवाक्य हों, मिश्रित वाक्य कहलाता है।
उपवाक्य कैसे पहचाने?अतः पदों का ऐसा समूह जिसका अपना अर्थ हो, जो सामान्यतः एक वाक्य का भाग हो तथा जिसमें उद्देश्य एवं विधेय सम्मिलित हो, उपवाक्य कहलाता है। सरल शब्दों में जिन क्रियायुक्त पदों से आंशिक भाव व्यक्त होता है, उन्हें उपवाक्य कहते है। उपवाक्य में कर्त्ता और क्रिया का होना आवश्यक है। मंजू स्कूल नहीं गयी; क्योंकि पानी बरस रहा था।
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