Advertisement Remove all ads Show Advertisement Remove all ads Short Note नीचे लिखे वाक्यों को भाववाच्य में बदलिए - जैसे - अब चलते हैं। - अब चला जाए। (क) माँ बैठ नहीं सकती। (ख) मैं देख नहीं सकती। (ग) चलो, अब सोते हैं। (घ) माँ रो भी नहीं सकती। Advertisement Remove all ads Solution(क) माँ से बैठा नहीं जाता। (ख) मुझसे देखा नहीं जाता। (ग) चलो, अब सोया जाए। (घ) माँ से रोया भी नहीं जाता। Concept: गद्य (Prose) (Class 10 A) Is there an error in this question or solution? Advertisement Remove all ads Chapter 10: स्वयं प्रकाश - नेताजी का चश्मा - प्रश्न-अभ्यास [Page 65] Q 14Q 13Q 1 APPEARS INNCERT Class 10 Hindi - Kshitij Part 2 Chapter 10 स्वयं प्रकाश - नेताजी का चश्मा Advertisement Remove all ads
वाच्य – परिभाषा, भेद और उदाहरण Vachya is important topic in Hindi Vyakaran which comes with many questions. वाच्य (Vachya) topic gives question based on वाच्य परिवर्तन. Lets learn here about वाच्य (Vachya) परिभाषा, भेद और उदाहरण वाच्यवाच्य का शाब्दिक अर्थ है – ‘बोलने का विषय’। क्रिया के जिस रूपांतर से यह जाना जाए कि क्रिया द्वारा किए गए विधान (कही गई बात) का विषय कर्ता है, कर्म है या भाव है उसे ‘वाच्य‘ कहते हैं। हिंदी में वाच्य तीन होते हैं –
2. कर्मवाच्य – जहाँ वाच्य बिंदु कर्ता न होकर कर्म हो, वह वाच्य कर्मवाच्य कहलाता है। जैसे –
कर्मवाच्य के प्रयोग स्थल: निम्नलिखित स्थलों पर कर्मवाच्य वाक्यों का प्रयोग होता है: (क) जहाँ कर्ता अज्ञात हो; जैसे–पत्र भेजा गया। (ख) जब आपके बिना चाहे कोई कर्म अचानक आ गया हो; जैसे – काँच का गिलास टूट गया। (ग) जहाँ कर्ता को प्रकट न करना हो; जैसे – डाकुओं का पता लगाया जा रहा है। (घ) सूचना, विज्ञप्ति आदि में, जहाँ कर्ता निश्चित नहीं है; जैसे – अपराधी को कल पेश किया जाए। रुपये खर्च किए जा रहे हैं। (ङ) अशक्यता सूचित करने के लिए; जैसे – अब अधिक दूध नहीं पिया जाता।
भाववाच्य के प्रयोग स्थल (क) भाववाच्य का प्रयोग प्रायः असमर्थता या विवशता प्रकट करने के लिए ‘नहीं’ के साथ किया जाता है; जैसे –
(ख) जहाँ ‘नहीं’ का प्रयोग नहीं होता वहाँ मूल कर्ता सामान्य होता है; जैसे –
कुछ विद्वान वाच्य के दो भेद कर्तृवाच्य और अकर्तृवाच्य मानते हैं तथा कर्मवाच्य और भाववाच्य को अकर्तृवाच्य का भेद स्वीकार करते हैं। वाच्य संबंधी कुछ महत्त्वपूर्ण बिंदु
(क) मुझसे चला नहीं जाता। (ख) उससे काम नहीं होता।
(क) मुझसे खाना नहीं खाया जाता। (ख) माता जी से पैदल नहीं चला जाता। (ग) उनसे अंग्रेज़ी नहीं बोली जाती। (घ) बच्चे से दूध नहीं पिया जाता।
(क) वे यह गाना गा सकते हैं। (ख) माता जी मिठाई बना सकती हैं। (ग) बच्चे यह पाठ याद कर सकते हैं।
(क) मैं आपके घर नौकरी नहीं कर सकता। (ख) वह अब दुकान नहीं चला सकता। (ग) वे पत्र नहीं लिख सकते।। (घ) बच्चे आज फ़िल्म नहीं देख सके।
(क) पेड़ नहीं काटा जा रहा। (ख) पेड़ नहीं कट रहा। (ग) मिठाई नहीं बन रही। (घ) कपड़े नहीं धुल रहे।
(क) गिलास टूट गया। (‘तोड़ना’ से ‘टूटना’ रूप) (ख) हवा से दरवाजा खुल गया। (‘खोलना’ से ‘खुलना’ रूप) वाच्य परिवर्तन
चलो अब चला जाए कौन सा वाच्य है?भाववाच्य में अकर्मक क्रिया का प्रयोग होता है। भाववाच्य में प्रयुक्त क्रिया सदा पुल्लिंग अकर्मक और एकवचन होती है। जैसे - चलो, अब सोया जाय । ऐसी धूप में कैसे चला जाएगा।
चलो अब खाया जाए वाक्य में वाच्य भेद क्या होगाचलो, अब पढ़ा जाये। इस वाक्य में 'भाववाच्य' होगा। भाववाच्य में भावों की प्रधानता होती है। किसी वाक्य में वाच्य क्रिया का वह रूप है, जिससे ये पता चले कि वाक्य में कर्ता प्रधान है, कर्म प्रधान है अथवा भाव प्रधान है।
अब चला जाए में कौन सा वाक्य है?(ख) अब चला जाए। उपर्युक्त वाक्यों में भावों की प्रधानता है; अकर्मक क्रिया का प्रयोग किया गया है जो अन्य पुरुष एकवचन, पुंलिंग है। अत: भाववाच्य में भावों की प्रधानता होने के कारण अकर्मक क्रियाओं का प्रयोग होता है, जो सदैव अन्य पुरुष, एकवचन एवं पुंलिंग होती है।
मुझसे खाया नहीं जाता वाक्य में कौनसा वाच्य है?जिस वाक्य में क्रिया कर्ता और कर्म को छोङकर भाव के अनुसार हो, उसे 'भाववाच्य' कहते हैं। उससे बैठा नहीं जाता। राम से खाया नहीं जाता। उससे रोया नहीं जाता।
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