चुंबक के निकट लाने पर दिशा सूचक की सुई विक्षेपित क्यों हो जाती है? - chumbak ke nikat laane par disha soochak kee suee vikshepit kyon ho jaatee hai?

हेलो दोस्तों मेरा प्रश्न है चुंबक के निकट लाने पर दो सूचक की सुई विक्षेपित क्यों हो जाती है ठीक है दोस्तों चुंबक क्या होता है दूसरे वाले के चुंबक है इसके चारों तरफ क्या होता है कि चुंबकीय क्षेत्र का निर्माण होता है ठीक है अपने चारों तरफ क्या होता है चुंबकीय क्षेत्र होता है ठीक है चुंबकीय क्षेत्र होता है नॉट चार्ज होता है यह क्या तो जब हम किसी चुंबक को सताते रखते हैं तो क्या होता है कि वह अपने इर्द-गिर्द क्या करते चुंबकीय क्षेत्र का निर्माण करता है ठीक है तो दुख होता है हमारा दिख सूचक सुई जो होता है यह भी वास्तव में एक तरह का चुंबक होता है ठीक है क्या होता है एक तरह का चुंबक एक छोटा सा चुंबक छड़ चुंबक होता है ठीक है जो चुंबक के चुंबकीय क्षेत्र के बल से प्रभावित होकर विचलित हो जाता है क्या होता है कि यह क्या एक तरह का छड़ चुंबक है ठीक है तो जब कोई दोस्त सूचक सुई को जिसके पास हम लाते हैं तो क्या वह

कि यह जो चुंबकीय क्षेत्र होता है इस पर बल आरोपित करता है तो बल आरोपित करने से क्या हो जाता है यह थोड़ा विक्षेपित हो जाता है ठीक है तो क्या करना है इसका की चुंबकीय क्षेत्र के चुंबकीय क्षेत्र के बल से प्रभावित होकर प्रभावित होकर दिख सूचक सुई विक्षेपित हो जाती है ठीक है हो जाती है तेरी हमारे प्रश्न का उत्तर है ठेका दोस्तों धन्यवाद

चुंबक के निकट लाने पर दिक्सूचक की सुई विक्षेपित क्यों हो जाती?

हम इस तथ्य से भलीभाँति परिचित हैं कि किसी छड़ चुंबक के निकट लाने पर दिक्सूचक की सुई विक्षेपित हो जाती है। वास्तव में दिक्सूचक की सुई एक छोटा छड़ चुंबक ही होती है। किसी दिक्सूचक की सुई के दोनों सिरे लगभग उत्तर और दक्षिण दिशाओं की ओर संकेत करते हैं।

किसी छड़ चुंबक के अंदर चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं की दिशा क्या होती है?

चुम्बक के भीतर चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं की दिशा उसके दक्षिण ध्रुव से उत्तर ध्रुव की ओर। अतः चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ एक बंद वक्र होती है

दी गई स्थिति में कुण्डली की भुजा AB और CD पर लगने वाले बल की दिशा क्या होगी अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए?

Solution : लेन्ज के नियम के अनुसार AB का सिरा B, दक्षिणी ध्रुव बनता है (क्योंकि उत्तरी ध्रुव इससे दूर जाता है) और CD का सिरा C भी दक्षिणी ध्रुव बनता है (क्योंकि दक्षिणी ध्रुव इसकी ओर चलता है)। इसलिए कुण्डलियों में प्रेरित धाराएँ दक्षिणावर्त दिशा में बहती हैं (जब चुम्बक की ओर से देखा जाए)।

जब कम्पास के पास में रखे तार में धारा प्रवाहित होती है तो कम्पास की सुई विक्षेपित क्यों होती है?

जब एक छड़ चुम्बक दिक्सूचक के समीप लाया जाता है तो दिक्सूचक सुई विक्षेपित होती है। चुम्बक का चुंबकीय क्षेत्र दिक्सूचक के उत्तरी व दक्षिणी ध्रुवों पर बराबर व विपरीत बल लगता है। यह दोनों मिलकर युगल बल बनते हैं जो दिक्सूचक की सुई को विक्षेपित करते हैं।