PDF डाउनलोड करें। Show PDF डाउनलोड करें। चाहे आप उसको मुस्कान से छुपाने की कितनी भी कोशिश क्यों न कर लें, ईर्ष्या (envy) ऐसी चीज़ नहीं है जो अपने आप ही समाप्त हो जायेगी। वह समय के साथ बढ़ती हुयी, नियंत्रण से बाहर होकर घातक जलन (jealousy) और यहाँ तक कि अवसाद का रूप भी ले सकती है। तो इससे पहले कि ईर्ष्या पूरी तरह से आपको खा जाये, उसे नियंत्रित करने के लिए आप क्या कर सकते हैं? दूसरों से स्वयं की तुलना करने से बचना सीख सकते हैं, जो भी आपके पास है उसके लिए और अधिक कृतज्ञ होना सीख सकते हैं, अपना दृष्टिकोण बदलने के लिए तरीकों का अभ्यास कर सकते हैं ताकि इससे पहले कि ईर्ष्या पूरी तरह से हावी हो जाये, उस पर नियंत्रण किया जा सके। ईर्ष्या से छुटकारा पाने की विधियों के संबंध में जानने के लिए आगे पढ़िये।
सलाह
विकीहाउ के बारे मेंसभी लेखकों को यह पृष्ठ बनाने के लिए धन्यवाद दें जो ३९,१५३ बार पढ़ा गया है। यह लेख ने कैसे आपकी मदद की?ईर्ष्या से बचने का उपाय क्या है?जलन और ईर्ष्याभाव से बचने 7 तरीके. जलन और ईर्ष्या की भावना 1/8. जलन या ईर्ष्याभाव प्राकृतिक है। ... . भावनाओं के प्रति सचेत होना 2/8. ... . ईर्ष्या करने की बजाय उसे स्वीकारो 3/8. ... . तुलना और प्रतिस्पर्धा के बीच फर्क समझें 4/8. ... . दूसरों की मदद लें 5/8. ... . अपनी खासियतें गिनें 6/8. ... . चलो जाने भी दो 7/8. ... . प्यार है उपचार 8/8.. मन में ईर्ष्या का भाव उत्पन्न ही ना हो इसके लिए आप क्या क्या करेंगे कोई चार वाक्य लिखिए?मन में ईर्ष्या का भाव उत्पन्न ही ना हो, इसके लिए हमारा मन किसी विशेष लक्ष्य से पूर्ण होना चाहिए। जिसमें, किसी और क्षेत्र के बारे में सोचने या चर्चा करने के लिए फिज़ूल समय ना हो। ऐसी, स्थिति में हमारा मन केवल हमारे लक्ष्य पर केंद्रित होना चाहिए।
अपने मन से इच्छा का भाव निकालने के लिए क्या करना चाहिए?अपने मन से ईर्ष्या का भाव निकालने के लिए हमें स्पर्धा का भाव लाकर अपने कर्त्तव्य में गति लाना चाहिए । मानसिक अनुशासन अपमे में लाकर . फालतु बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए तथा यह हमें पता लगाना चाहिए कि किस अभाव के कारण हममें ईर्ष्या का उदय हुआ । उसकी पूर्ति इस स्पर्धा से कर ईर्ष्या से दूर हो सकते हैं।
हमें दूसरों से ईर्ष्या क्यों नहीं करनी चाहिए?ईर्ष्या एक ऐसा शब्द है जो मानव के खुद के जीवन को तो तहस-नहस करता है औरों के जीवन में भी खलबली मचाता है। यदि आप किसी को सुख या खुशी नहीं दे सकते तो कम से कम दूसरों के सुख और खुशी देखकर जलिए मत।
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