बेलपत्र के पेड़ के नीचे दिया जलाने से क्या होता है - belapatr ke ped ke neeche diya jalaane se kya hota hai

उज्जैन. पेड़ हमारे जीवन का आधार हैं। हिंदू धर्म में पेड़-पौधों में देवी-देवताओं का वास माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में भी ग्रहों की स्थिति को अनुकूल बनाने के लिए पेड़ों का पूजन बताया जाता है। हिंदू धर्म में कुछ पेड़-पौधों को देव वृक्ष माना जाता है। मान्यता है कि यदि इन वृक्षों का पूजन किया जाए तो उससे संबंधित देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है और आपके जीवन की परेशानियां दूर होती हैं। आगे जानिए किस पेड़-पौधे का पूजन करने से देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है…

आंवला और तुलसी का पूजन

तुलसी भगवान विष्णु को अति प्रिय हैं। जिन घरों में प्रतिदिन सुबह शाम तुलसी में दीपक जलाकर जल चढ़ाया जाता है और तुलसी पूजन किया जाता है वहां विष्णु जी के साथ माता लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है। ऐसे घरों में हमेशा धनधान्य बना रहता है। आंवला सेहत के लिए तो फायदेमंद होता ही है इसके अलावा एकादशी तिथि को आंवला वृक्ष का पूजन करने से भगवान विष्णु की कृपा भी प्राप्त होती है। आंवला नवमी के दिन आंवला के वृक्ष का पूजन विशेष फलदाई रहता है।

केले के वृक्ष का पूजन

केले के वृक्ष का संबंध बृहस्पतिदेव और भगवान विष्णु से माना गया है। गुरुवार को केले के पेड़ के नीचे शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए और जल में चुटकी भर हल्दी मिलाकर केले की जड़ में अर्पित करना चाहिए। इससे आपका बृहस्पति मजबूत होता है और भगवान विष्णु की कृपा भी प्राप्त होती है। आपके घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है। जिनके विवाह में बाधा आ रही है वह भी दूर होती है।

बेल और बरगद के पेड़ का पूजन

बरगद और बेल के वृक्ष में भगवान शिव का वास माना जाता है। बेलपत्र भगवान शिव को अति प्रिय है यदि श्रद्धा से एक बेलपत्र शिवलिंग पर अर्पित कर दिया जाए तो भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के जीवन के कष्टों को दूर करते हैं। बिल्व के वृक्ष के नीचे शिवलिंग रखकर पूजन करने से शिव जी की कृपा प्राप्त होती है। प्रत्येक महीने में दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को बरगद की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है।

शमी के पेड़ का पूजन

शमी के वृक्ष का पूजन करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है। प्रत्येक शनिवार के दिन शमी के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और आपके जीवन के कष्ट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसके अलावा शमी के पत्ते अर्पित करने से शिव जी भी प्रसन्न होते हैं।

हम सभी इस बात से वाकिफ हैं कि हर व्यक्ति के जीवन में वास्तुशास्त्र का विशेष महत्व होता हैं और भगवान शिव ऐसे देवता हैं जो श्रद्धा भक्ति के साथ की गई जरा-सी पूजा से बहुत जल्दी कहसह हो जाते हैं और उनकी पूजा आराधना से वास्तुदोषों का शमन भी होता हैं. इसी के साथ अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि वास्तु के मुताबिक भगवान की पूजा और उनकी तस्वीर को घर में लगाने के कुछ सरल नियम.

नियम - कहते हैं जिन घरों में वास्तुदोष हो वहां सुख शांति के लिए शिवलिंग पर अभिषेक करने के उपरान्त जलहरी के जल को घर लाकर उससे 'ॐ नमः शिवाय करालं महाकाल कालं कृपालं ॐ नमः शिवाय ' ये मंत्र का जपते हुए पूरे भवन में छिड़काव करना चाहिए. क्योंकि इससे वहां रहने वाले सभी नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं. इसी के साथ कार्य में विघ्न बाधा, आपसी कलह, रोग आदि परेशानियों को दूर करने के लिए घर के उत्तर पूर्व या ब्रह्म स्थान में रुद्राभिषेक करना शुभ फलदायी माना जाता हैं. कहते हैं घर परिवार पर भगवान शिव की कृपा बनी रहे, और धन का आगमन हो इसके लिए घर की पूर्व या फिर उत्तर ​पश्चिम दिशा में बिल्व का पेड़ लगाना चाहिए और उसको नियमित रूप से जल देना चाहिए.

वहीं शाम के वक्त इसके नीचे घी का दीपक जलाना चाहिए. कहते हैं उत्तर पूर्व दिशा भगवान की दिशा मानी जाती हैं और सकारात्मक शक्ति के प्रवाह और शुद्ध विचारों में वृद्धि के लिए यहां शिव परिवार की तस्वीर लगाने से शुभ फलों में वृद्धि होने लगती है. कहा जाता है वास्तुदोषों से उत्पन्न अकारण भय, परेशानी आदि के निवारण के लिए तुलसीदास जी द्वारा रचित श्री रुद्राष्टकम का पाठ किया जाना सकारात्मक परिणाम देना शुरू कर देता है.

नई दिल्ली। हिंदू धर्म के अनुसार पेड़-पौधों में भी जीवन होता है। इसलिए इसे देवी-देवताओं का वास स्थल भी माना जाता है। ऐसे में रोजाना अलग-अलग वृक्षों के पूजन से व्यक्ति का भाग्य तेज हो सकता है। इससे उनके जीवन में खुशहाली भी आ सकती है। तो कौन-से हैं वो पेड़ आइए जानते हैं।

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भगवान शिव को बिल्वपत्र चढ़ाने का जितना महत्व है, उतना ही महत्व बिल्वपत्र के वृक्ष का भी माना गया है। बिल्वपत्र के वृक्ष की महिमा के बारे में अगर आप नहीं जानते, तो जरूर पढ़िए बिल्वपत्र के वृक्ष की यह 7 महत्वपूर्ण बातें -   

1  बिल्वपत्र के वृक्ष में लक्ष्मी का वास माना गया है। इसकी पूजा करने से दरिद्रता दूर होती है और बेलपत्र के वृक्ष और सफेद आक को जोड़े से लगाने पर निरंतर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

बेलपत्र भगवान शिव को अति प्रिय है। इसके तीन पत्तों में सत, रज और तम तीनों गुणों का वास माना जाता है। वहीं यह भी कहा जाता है कि बेलपत्र के तीन पत्ते त्रिदेवों के साथ होने के प्रतीक हैं। बेल का यह महत्व यूं ही नहीं है। इसमें कई औषधीय गुण भी पाए जाते हैं साथ ही यह नेगेटिविटी को भी दूर करने में कारगर माने जाते हैं। आइए जानें बेलपत्र के उपाय जो हमेशा आएंगे आपके काम।

बेलपत्र के नीचे दीपक कब लगाना चाहिए?

किसी बिल्व पत्र के पेड़ के नीचे दीपावली की शाम दीपक लगाएं. बिल्व पत्र भगवान शिव का प्रिय वृक्ष है.

बेल पेड़ के नीचे दिया जलाने से क्या होता है?

यह अपने आसपास के वातावरण का शुद्ध और पवित्र बनाए रखता है। घर के आसपास बिल्वपत्र का पेड़ होने पर वहां सांप या विषैले जीवजंतु भी नहीं आते । 7 ऐसा माना जाता है,कि बिल्वपत्र का पेड़ लगाने से वंश में वृद्धि होती है और भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस वृक्ष के नीचे शिवलिंग पूजा से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

बेलपत्र के नीचे पूजा करने से क्या होता है?

बेल वृक्ष के नीचे शिवलिंग की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाने से भगवान शिव बहुत प्रसन्न होते हैं। बिल्व वृक्ष के नीचे दीपक जलाने से ज्ञान की प्राप्ति होती है। बिल्व वृक्ष के नीचे गरीबों को भोजन कराने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है

बेल के पेड़ में पानी डालने से क्या होता है?

बेल के वृक्ष में सोमवार के दिन जल चढ़ाने से मनोकामनाएं पूरी होंगी