बहुउद्देशीय के लाभ और हानि क्या हैं? - bahuuddesheey ke laabh aur haani kya hain?

एक नदी घाटी परियोजना जो एक साथ कई उद्देष्यों जैसे-सिंचाई,बाढ़ नियन्त्रण, जल एवं मृदा संरक्षण,जल विद्युत, जल परिवहन,पर्यटन का विकास ,मत्स्यपालन,कृषि एवं औद्योगिक विकास आदि की पूर्ति करती हैं;बहुउद्देशीय परियोजनायें कहलाती हैं।जवाहर लाल नेहरू ने गर्व से इन्हें ‘आधुनिक भारत के मन्दिर’कहा था। उनका मानना था कि इन परियोजनाओं के चलते कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था ‘औद्योगीकरणऔर नगरीय अर्थव्यवस्था समन्वित रूप् से विकास करेगी। जैसे-सतलज-ब्यास बेसिन में भाखड़ा -नांगल परियोजना जल विद्युत उत्पादन और सिंचाई दोनों के काम में आती है। इसी प्रकार महानदी बेसिन में हीराकुड परियोजना जल संरक्षण और बाढ़ पर नियन्त्रण का समन्वय है। इसी प्रकार नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर,कृष्णा नदी पर नागार्जुन सागर,चेनाव नदी पर सेलाल प्रोजेक्ट व भागीरथी नदी पर टिहरी बॉंध परियोजना आदि बहुउद्देशीय परियोजनायें इन उद्देष्यों को पूरा करने में समर्थ हैं।

बहुउद्देशीय के लाभ और हानि क्या हैं? - bahuuddesheey ke laabh aur haani kya hain?


बहुउद्देशीय परियोजना के उदेश्य

  1. कृषि हेतु सिचाई सुविधा उपलब्ध 
  2. बाढ़ पर नियन्त्रण करना 
  3. जल-विद्युत का उत्पादन करना 
  4. भूमि अपरदन पर प्रभावी नियन्त्रण करना 
  5. उद्योग-धन्धों का विकास करना 
  6. मत्स्य पालन का विकास करना 
  7. जल परिवहन का विकास करना 
  8. शुद्व पेयजल की व्यवस्था करना

बहुउद्देशीय परियोजना के लाभ

  1. बॉंधों में एकत्रित जल का प्रयोग सिंचाई के लिये किया जाता है। 
  2. ये जल विद्युत ऊर्जा प्राप्ति का प्रमुख साधन है। 
  3. जल उपलब्धता के कारण जल की कमी वाले क्षेत्रों में फसलें उगायी जा सकती हैं। 
  4. घरेलू व औद्योगिक कार्यों में उपयोगी होता है। 
  5. बाढ़ नियंत्रण,मनोरंजन,यांत्रिक नौकायन,मत्स्य पालन व मृदा संरक्षण में सहायक हैं।

बहुउद्देशीय परियोजना से हानि

  1. नदियों का प्राकृतिक बहाव अवरुद्ध होने से तलछट बहाव कम हो जाता है। 
  2. अत्यधिक तलछट जलाशय की तली पर जमा हो जाता है। 
  3. इससे भूमि का निम्नीकरण होता है। 
  4. भूकंप की संभावना बढ़ जाती है। 
  5. किसी कारणवश बॉंध के टूटने पर बाढ़ आ जाना। जलजनित बीमारियॉं,प्रदूषण,वनों की कटाई,मृदा व वनस्पति का अपघटन हो जाता है।

अत: जल हमारे लिए बहुत आवश्यक है हमें इसका संरक्षण करना चाहिए व जल प्रदूषण को रोकना चाहिए ताकि यह हमारे लिए एक संसाधन ही बना रहे।

Solution : बहुउद्देशीय परियोजनाओं के उद्देश्य एवं लाभ - (i) जल भण्डारण में सहायता मिलती है। (ii) बाढ़ रोकने में भी सहायता मिलती है। (iii) जल विधुत का उत्पादन होता है। (iv) नहरों द्वारा नौका परिवहन में भी सहायता मिलती है (v) मत्स्य पालन के लिए उत्तम क्षेत्र प्रदान करती है। <br> हानियाँ- (i) नदियों के प्राकृतिक बहाव में बाधा पड़ती है (ii) बाढ़ के मैदान में जलाशय बनाने से वहाँ की बनस्पति नष्ट हो जाती है और उपजाऊ मिटटी जलाशय में चली जाती है। (iii) बाँधों के कारण वहाँ के स्थायी निवासियों की आजीविका छिन जाती है। (iv) बड़े-बड़े बाँध बनने से काफी मात्रा में वहाँ ताल चाट जमा हो जाते हैं और वे स्वयं ही बाढ़ के कारण बन जाते हैं।

बहुउद्देशीय परियोजना किसे कहते हैं? उद्देश्य,लाभ एवं हानि || What is a multipurpose project?

बहुउद्देशीय परियोजना किसे कहते हैं? उद्देश्य,लाभ एवं हानि

What is a multipurpose project?  Purpose, Profit and Loss

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बहुउद्देशीय परियोजना किसे कहते हैं? 

बहुउद्देशीय परियोजनाएं वे नदी घाटी परियोजनाएं हैं, जिनसे एक ही समय में अनेक उद्देश्यों की पूर्ति होती है। इन योजनाओं को बहुमुखी योजनाएं भी कहा जाता है। इनसे होने वाले विविध लाभों और देश के आधुनिक विकास में योगदान के कारण इन्हें आधुनिक भारत के मंदिर कहा जाता है। देश के सर्वागीण आर्थिक विकास एवं क्षेत्रीय नियोजन के लिए बहुउद्देशीय या बहुध्येयी योजनाओं की क्रियान्वित किया गया है।

इन योजनाओं का तात्पर्य ऐसी योजनाओं से है,जिनका उद्देश्य एक से अधिक समस्याओं का समाधान करना होता है। इसलिए इन्हें बहुध्येयी योजनाएं कहां जाता है। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात देश में खाद्यान्न एवं औद्योगिक उत्पादन में क्रांतिकारी परिवर्तन के लिए इन योजनाओं को आरंभ किया गया था। इन योजनाओं का प्रारूप संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की टेनेसी नदी घाटी योजना के आधार पर तैयार किया गया है। भारत में बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएं मुख्य रूप से दो प्रकार की होती हैं -  सिंचाई परियोजनाएं तथा जल विद्युत परियोजना है।

एक नदी घाटी परियोजना जो एक साथ कई उद्देश्य जैसे - सिंचाई,बाढ़ नियंत्रण,जल एवं मृदा संरक्षण,जल विद्युत, जल परिवहन,पर्यटन का विकास,मत्स्य पालन,कृषि एवं औद्योगिक विकास आदि की पूर्ति करती है। उसे बहुउद्देशीय परियोजना कहते हैं। जवाहरलाल नेहरू ने गर्व से इन्हें आधुनिक भारत के मंदिर कहा था। इनका मानना था कि इन परियोजनाओं के चलते कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था औद्योगिकरण और नगरी अर्थव्यवस्था समन्वित रूप से विकास करेगी। जैसे- सतलुज ब्यास बेसिन में भांगड़ा नागल परियोजना जल विद्युत उत्पादन और सिंचाई दोनों के काम में आती है। इसी प्रकार महानदी बेसिन में हीराकुंड परियोजना जल संरक्षण और बाढ़ पर नियंत्रण का समन्वय है। इसी प्रकार नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर, कृष्णा नदी पर नागार्जुन सागर, चिनाब नदी पर सेलाल प्रोजेक्ट व भागीरथी नदी पर टिहरी बांध परियोजना आदि बहुद्देशीय परियोजनाओं का इन उद्देश्यों को पूरा करने में समर्थ हैं।

बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं - 

1. जल विद्युत शक्ति का उत्पादन करना।

2. बाढ़ों पर नियंत्रण करना।

3. सिंचाई हेतु नहरों का निर्माण एवं विकास करना।

4. मत्स्य पालन करना।

5. भू क्षरण पर प्रभावी नियंत्रण करना।

6. उद्योग धंधों का विकास करना।

7. आंतरिक जल परिवहन का विकास करना।

8. दलदली भूमियों को सुखाना।

9. शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करना।

10. प्राकृतिक सौंदर्य तथा मनोरंजन व पर्यटन स्थलों का विकास करना।

11. क्षेत्रीय नियोजन तथा उपलब्ध संसाधनों का पूर्ण और समुचित उपयोग करना।

12. पशुओं के लिए हरे चारे की व्यवस्था करना।

बहुउद्देशीय के लाभ और हानि क्या हैं? - bahuuddesheey ke laabh aur haani kya hain?

बहुउद्देशीय परियोजना के लाभ - 

1. बांधों में एकत्रित जल का प्रयोग सिंचाई के लिए किया जाता है।

2. यह जल विद्युत ऊर्जा प्राप्ति का प्रमुख साधन है।

3. जल उपलब्धता के कारण जल की कमी वाले क्षेत्रों में फसलें उगाई जा सकती हैं।

4. घरेलू व औद्योगिक कार्यों में उपयोगी होता है।

5. बाढ़ नियंत्रण, मनोरंजन, यांत्रिक नौकायन, मत्स्य 

6. पालन व मृदा संरक्षण में सहायक है।

7. बाढ़ रोकने में भी सहायता मिलती है।

8. जल भंडारण में सहायता मिलती है।

9. नेहरों द्वारा नौका परिवहन में भी सहायता मिलती है।

10. मत्स्य पालन के लिए उत्तम क्षेत्र प्रदान करती है।

बहुउद्देशीय परियोजना से हानि -

1. नदियों का प्राकृतिक बहाव अवरुद्ध होने से तलछट भाव कम हो जाता है।

2. अत्याधिक तलछट जलाशय की तली पर जमा हो जाता है।

3. इससे भूमि का निम्नीकरण होता है।

4. भूकंप की संभावना बढ़ जाती है।

5. किसी कारणवश बांध के टूटने पर बाढ़ आ जाना।

6. जल जनित बीमारियां, प्रदूषण वनों की कटाई, मृदा वनस्पति का अपघटन हो जाता है।

7. बाढ़ के मैदान में जलाशय से बनाने से वहां की वनस्पति नष्ट हो जाती है,और उपजाऊ मिट्टी जलाशय में चली जाती है।

8. बांधों के कारण वहां के स्थाई निवासियों की आजीविका छिन जाती है।

9. बड़े-बड़े बांध बनने से काफी मात्रा में वहां ताल चाट जमा हो जाते हैं,और वे स्वयं ही बाढ़ के कारण बन जाते हैं।

बहुउद्देशीय परियोजना से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर

1. बहुउद्देशीय परियोजना से क्या लाभ है?

उत्तर - यह जल विद्युत ऊर्जा प्राप्ति का प्रमुख साधन है। जल उपलब्धता के कारण जल की कमी वाले क्षेत्रों में फसलें उगाई जा सकती हैं। घरेलू व औद्योगिक कार्यों में उपयोगी होता है। बाढ़ नियंत्रण, मनोरंजन, यांत्रिक नौकायन, मत्स्य पालन व मृदा संरक्षण में सहायक है।

2. भारत की बहुउद्देशीय परियोजनाएं कौन सी हैं?

परियोजना का नाम

लाभान्वित राज्य

भाखड़ा नांगल परियोजना

पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान

व्यास परियोजना

हिमाचल प्रदेश, पंजाब , हरियाणा और राजस्थान

दामोदर घाटी परियोजना

झारखंड और पश्चिम बंगाल

हीराकुंड बांध परियोजना

उड़ीसा

चंबल परियोजना

राजस्थान, मध्य प्रदेश

तुंगभद्रा परियोजना

कर्नाटक, तेलंगाना

मयूराक्षी परियोजना

पश्चिम बंगाल

नागार्जुन सागर परियोजना

आंध्रप्रदेश, तेलंगाना

कोसी परियोजना

बिहार , नेपाल

गंडक परियोजना

बिहार, नेपाल

फरक्का परियोजना

पश्चिम बंगाल

तवा परियोजना

मध्य प्रदेश

इंदिरा गांधी नहर परियोजना

राजस्थान, पंजाब और हरियाणा

उकाई परियोजना

पंजाब

माल प्रथा परियोजना

कर्नाटक

रिहंद परियोजना

उत्तर प्रदेश

इडुक्की परियोजना

केरल

कुंडा परियोजना

तमिलनाडु

टिहरी बांध परियोजना

उत्तराखंड

माताटीला परियोजना

मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश

घाट प्रभा योजना

कर्नाटक

रामगंगा परियोजना

उत्तर प्रदेश

भद्रा नदी परियोजना

कर्नाटक

हिडकल परियोजना

कर्नाटक

सतलज परियोजना

जम्मू कश्मीर

पनामा परियोजना

गुजरात

कोलडैम परियोजना

हिमाचल प्रदेश

मुछकुंड परियोजना

उड़ीसा, आंध्र प्रदेश

गंगासागर परियोजना

मध्य प्रदेश

नर्मदा सागर परियोजना

मध्य प्रदेश, गुजरात

जवाहर सागर परियोजना

राजस्थान

तुलबुल परियोजना

जम्मू कश्मीर

दुलहस्ती परियोजना

जम्मू कश्मीर

तिलैया परियोजना

झारखंड

सरदार सरोवर परियोजना

गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान

बगलिहार परियोजना

जम्मू कश्मीर

3. टेनेसी घाटी परियोजना कहां है?

उत्तर - टेनेसी घाटी परियोजना संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के दक्षिण पूर्व विभाग के केंद्र में स्थित राज्य में है।

4. बहुउद्देशीय परियोजना से क्या लाभ है?

उत्तर - यह जल विद्युत ऊर्जा प्राप्ति का प्रमुख साधन है। जल उपलब्धता के कारण जल की कमी वाले क्षेत्रों में फसलें उगाई जा सकती हैं। घरेलू व औद्योगिक कार्यों में उपयोगी होता है। बाढ़ नियंत्रण, मनोरंजन, यांत्रिक नौकायन, मत्स्य पालन व मृदा संरक्षण में सहायक है।

बहुउद्देशीय परियोजनाओं से क्या लाभ है?

Solution : बहुउद्देशीय परियोजनाओं के उद्देश्य एवं लाभ - (i) जल भण्डारण में सहायता मिलती है। (ii) बाढ़ रोकने में भी सहायता मिलती है। (iii) जल विधुत का उत्पादन होता है। (iv) नहरों द्वारा नौका परिवहन में भी सहायता मिलती है (v) मत्स्य पालन के लिए उत्तम क्षेत्र प्रदान करती है

बहुउद्देशीय क्या होता है?

एक नदी घाटी परियोजना जो एक साथ कई उद्देष्यों जैसे-सिंचाई,बाढ़ नियन्त्रण, जल एवं मृदा संरक्षण,जल विद्युत, जल परिवहन,पर्यटन का विकास ,मत्स्यपालन,कृषि एवं औद्योगिक विकास आदि की पूर्ति करती हैं;बहुउद्देशीय परियोजनायें कहलाती हैं।

भारत की बहुउद्देशीय परियोजना क्या है?

दामोदर घाटी परियोजना यह स्वतंत्र भारत की पहली बहुउद्देशीय परियोजना है । जिसमें दामोदर और उसकी सहायक नदियों बराकर , कोनार , बोकारो पर बाँध बनाया गया है । यह संयुक्त राज्य अमेरिका के ' टेनेसी नदी घाटी परियोजना ' पर आधारित है । इस परियोजना का विस्तार झारखंड व पश्चिम बंगाल राज्य में है ।

भारत की सबसे बड़ी नदी घाटी परियोजना कौन सी है?

व्याख्या: भाखड़ा नांगल परियोजना पंजाब में सतलुज नदी पर स्थित भारत की सबसे बड़ी बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना है। यह राजस्थान, पंजाब और हरियाणा की संयुक्त परियोजना है।