समान द्रव्यमान के दो पिण्डों (m1 = 4 kg, u1 = 5 m/s, m2 = 4 kg, u2 = 0 m/s) के प्रत्यास्थ संघट्ट ; संघट्ट के पूर्व सम्पूर्ण संवेग प्रथम पिण्ड में है, संघट्ट के बाद वह सारा संवेग दूसरे पिण्ड में चला जाता है। Show दो अत्यधिक असमान द्रव्यमान वाले पिण्डों (m1 = 1000 kg, u1 = 5 m/s, m2 = 0,1 kg, u2 = 0 m/s) का प्रत्यास्थ संघट्ट ; इस संघट्ट में संवेग का बहुत कम अन्तरण (ट्रान्सफर) होता है क्योंकि हल्का पिण्ड थोड़ा सा संवेग पाकर ही तेज गति से निकल जाता है। बड़े द्रव्यमान वाले पिण्ड का संवेग बहुत कम परिवर्तित होता है। समान द्रव्यमान वाले दो पिण्डों का अप्रत्यास्थ संघट्ट पूल (क्यू खेल) में, रेखीय संवेग संरक्षण संरक्षित रहता है; जैसे कि, जब संघट के बाद जब एक गेंद रुकती है, दूसरी गेंद समान संवेग के साथ दूर चली जाती है। यदि गतिशील गेंद गति करे या सामान्य से थोडी मुड़ जाती है तो दोनों गेंदे संघट्ट के बाद अपने आंशिक संवेग के साथ गतिशील रहेंगी। किसी वस्तु के द्रव्यमान और वेग के गुणनफल को संवेग (momentum) कहते हैं: p→=mv→{\displaystyle {\vec {p}}=m{\vec {v}}}संवेग एक सदिश राशि है क्योंकि इसका एक परिमाण होता है और एक दिशा भी होती है। एक संबंधित राशि कोणीय संवेग है। संवेग एक संरक्षित राशि है। अर्थात किसी वियुक्त निकाय में कुल संवेग स्थिर रहता है। रेखीय संवेग का संरक्षण का नियम (law of conservation of linear momentum) प्रकृति का मूलभूत सिद्धान्त है। इसके अनुसार, पिण्डों के किसी बन्द निकाय (सिस्टम) पर कोई वाह्य बल न लगाया जाय तो उस निकाय का कुल संवेग नियत बना रहता है। इस नियम का एक परिणाम यह है कि वस्तुओं के किसी भी निकाय का द्रव्यमान केन्द्र (center of mass) एक नियत वेग से चलता रहेगा जब तक उस पर कोई वाह्य बल न लगाया जाय।संवेग की एक विशेष बात यह है कि यह सभी स्थितियों में संरक्षित रहता है - यहाँ तक कि संघट्टों (collisions) में, तथा विस्फोटक बलों के कारण होने वाली गति की दशा में भी। जबकि गतिज ऊर्जा संघट्ट की दशा में संरक्षित नहीं होती है यदि संघट्ट अप्रत्यास्थ (inelastic) होंगे। चूंकि संवेग संरक्षित रहता है, इस तथ्य का उपयोग संघट्ट के उपरान्त वस्तुओं के वेग ज्ञात करने के लिये किया। सही उत्तर विकल्प 2) है अर्थात् प्रत्येक टकराने वाले निकाय की गतिज ऊर्जा परिवर्तित हो सकती है लेकिन प्रणाली की कुल गतिज ऊर्जा परिवर्तित नहीं होती है संकल्पना:
स्पष्टीकरण:
Additional Information प्रत्यास्थ और अप्रत्यास्थ संघट्ट के अभिलक्षण: प्रत्यास्थ संघट्ट अप्रत्यास्थ संघट्ट
वह संघट्ट ता टक्कर जिसमे टक्कर के बाद वस्तुओं में रेखीय संवेग और गतिज ऊर्जा दोनों मान संरक्षित रहता है इस प्रकार की टक्करों को प्रत्यास्थ संघट्ट कहते है। इनमे टक्कर के बाद वस्तुएं एक दुसरे से दूर हो जाती है। उदाहरण : पिंग पोंग की गेंदों की टक्करें। 2. अप्रत्यास्थ संघट्ट (Inelastic Collision)जब किसी संघट्ट में कुछ ऊर्जा की हानि होती है इसे निम्न प्रकार परिभाषित कर सकते है – ऐसी टक्कर जिसमें वस्तु का टक्कर से पहले व टक्कर के बाद रेखीय संवेग का मान तो संरक्षित रहता है लेकिन चूँकि इस प्रकार की टक्करों में ऊर्जा की हानि होती है इसलिए गतिज उर्जा संरक्षित नही रहती है , इस प्रकार की टक्करों को अप्रत्यास्थ संघट्ट कहते है। उदाहरण : हमारे दैनिक जीवन में होने वाली कार व जिप के मध्य टक्कर , अप्रत्यास्थ संघट्ट का एक उदाहरण है। अर्थात इस प्रकार की टक्कर में पिण्ड का टक्कर से पूर्व व टक्कर के बाद रेखीय संवेग का मान समान रहता है लेकिन टक्कर से पूर्व व टक्कर के बाद पिण्डों की गतिज ऊर्जा का मान परिवर्तित हो जाता है अर्थात रेखीय संवेग का संरक्षण का नियम लागू होता है लेकिन गतिज ऊर्जा संरक्षण का नियम लागू नहीं होता है , ऐसी टक्कर या संघट्ट को अप्रत्यास्थ संघट्ट कहा जाता है। इस प्रकार की टक्कर में पिण्ड की कुछ गतिज ऊर्जा ऊष्मा में परिवर्तित हो जाती है और यह ऊष्मा ऊर्जा या तो वस्तु में विकृति उत्पन्न कर देती है या अन्य किसी कार्य में लग जाती है , अप्रत्यास्थ संघट्ट में हुई गतिज ऊर्जा की हानि ऊष्मा , कम्पन्न , प्रकाश , या ध्वनि ऊर्जा आदि का रूप ले लेती है। अप्रत्यास्थ प्रत्यक्ष संघट्ट (inelastic head on collision)जब दो कणों के मध्य अप्रत्यास्थ टक्कर एक सरल रेखा के रूप में होती है अर्थात टक्कर से पूर्व व टक्कर के बाद कण एक सरल रेखीय गति करते है तो ऐसी टक्कर को अप्रत्यास्थ प्रत्यक्ष संघट्ट या एक विमीय अप्रत्यास्थ संघट्ट कहते है। माना दो पिण्ड A तथा B जिनका द्रव्यमान m1 दोनों पिण्डों के मध्य अप्रत्यास्थ संघट्ट होता है , इसके बाद इनमे रेखीय संवेग का संरक्षण का नियम तो लागू होता है लेकिन गतिज ऊर्जा की हानि के कारण टक्कर से पूर्व व टक्कर के बाद की गतिज ऊर्जा अलग अलग हो जाती है। रेखीय संवेग के संरक्षण के नियम से – प्रत्यावस्थान गुणांक (e) = टक्कर के बाद आपेक्षिक वेग /टक्कर से पूर्व वेग आपेक्षिक वेग समीकरणों को हल करने पर पूर्ण अप्रत्यास्थ संघट्ट (perfectly inelastic collision)जैसा की हम जानते है की अप्रत्यास्थ संघट्ट में गतिज ऊर्जा की हानि होती है और संवेग संरक्षित रहता है , अत: जब किसी अप्रत्यास्थ संघट्ट में गतिज ऊर्जा का अधिकतर भाग हानि में परिवर्तित हो जाता है और संवेग संरक्षित रहता है तो ऐसी टक्कर को पूर्ण अप्रत्यास्थ संघट्ट कहते है। इसके अधिकतर उदाहरण में दोनों पिण्ड आपस में चिपक जाते है या साथ में गति करने लगते है। जैसे जब किसी व्यक्ति को गोली लगती है तो गोली पहले बहुत अधिक तेजी से गति करती है इसलिए इसमें गतिज ऊर्जा बहुत अधिक विद्यमान रहती है लेकिन व्यक्ति को लगने पर गतिज ऊर्जा पूर्ण रूप से नष्ट हो जाती है और शरीर में जाकर समा जाती है अत: यह पूर्ण अप्रत्यास्थ संघट्ट का उदाहरण है। प्रत्यास्थ संगठन में क्या सुरक्षित रहते हैं?Solution : दोनों संघट्ट में संवेग संरक्षित रहेगा । गतिज ऊर्जा केवल प्रत्यास्थ संघट्ट में संरक्षित रहेगा ।
अप्रत्यास्थ संघट क्या होता है?(inelastic collision in hindi) अप्रत्यास्थ संघट्ट : पूर्णत: अप्रत्यास्थ टक्कर : दो पिण्डों के मध्य होने वाली ऐसी टक्कर जिसमे रेखीय संवेग को संरक्षित रहता है लेकिन गतिज ऊर्जा का मान संरक्षित नहीं रहता है , इसी टक्कर को अप्रत्यास्थ टक्कर या संघट्ट कहते है।
ख प्रत्यास्थ तथा अप्रत्यास्थ संघट्ट से आप क्या समझते?पूर्ण प्रत्यास्थ संघट्ट : यदि संवेग के संरक्षण का नियम और गतिज ऊर्जा के संरक्षण का नियम संघट्ट के दौरान सही होता है। अप्रत्यास्थ संघट्ट: यदि संवेग के संरक्षण का नियम संघट्ट के दौरान सही होता है, जबकि गतिज ऊर्जा का नहीं है। लेकिन अप्रत्यास्थ संघट्ट रैखिक संवेग के संरक्षण के नियम का पालन करता है।
संघट्ट से क्या तात्पर्य है प्रत्यास्थ तथा अप्रत्यास्थ संघट्टों को समझाइए?Solution : संघट्ट वह प्रक्रिया है जिसमें दो या दो अधिक वस्तुओं के बीच कम समय के लिए पारस्परिक अन्तः क्रिया द्वारा उनकी ऊर्जा व संवेग में परिवर्तन हो जाता है। <br> प्रत्यास्थ संघट्ट –(1) यदि संघट्ट में निकाय का रेखीय संवेग एवं गतिज ऊर्जा दोनों संरक्षित होती है उसे प्रत्यास्थ संघट्ट कहते हैं।
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