खरगोश को ठंड लग जाए तो क्या करें? - kharagosh ko thand lag jae to kya karen?

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बढ़ते ही रहते हैं खरगोश के दांत...

खरगोश के आगे के दो दांत उसे और सुंदर बना देते हैं। इन दांतों से वो काफी फुर्ती से गाजर को चबा डालता है। वैसे तो खरगोश शाकाहारी जीव...

खरगोश को ठंड लग जाए तो क्या करें? - kharagosh ko thand lag jae to kya karen?

Tue, 21 May 2013 10:37 AM

खरगोश के आगे के दो दांत उसे और सुंदर बना देते हैं। इन दांतों से वो काफी फुर्ती से गाजर को चबा डालता है। वैसे तो खरगोश शाकाहारी जीव है। बस घास, फल, सब्जियां और पत्ते ही इसका मुख्य भोजन हैं। पर ये हरे-भरे पौधे भी कम स्मार्ट नहीं। सभी पौधे अपनी पत्तियों की सुरक्षा के लिए कुछ औजारों का इस्तेमाल करते हैं। आखिरकार पौधों की रसोई तो इन पत्तों में ही होती है न। बस इसीलिए इन पौधों ने कई तरह के सुरक्षाकवच बना लिए। उदाहरण के लिए कइयों के पत्ते कांटेदार होते हैं या फिर कुछ के पत्तों पर ऐसा केमिकल होता है, जो इन शाकाहारी जीवों के दांतों को इस तरह कमजोर कर देता है कि ये अपना खाना नहीं खा पाते और अंतत: इनकी मौत हो जाती है। लेकिन इन सफेद और कोमल खरगोशों को ऐसी किसी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता, क्योंकि इनके तीखे दांत कमाल के होते हैं। इन तीखे दांतों से ये अपना खाना आसानी से खा लेते हैं। खरगोश के मुंह में कुल 28 दांत होते हैं। सबसे मजे की बात यह कि पूरी जिंदगी इनके दांतों की वृद्धि होती रहती है। हां, हर हफ्ते में औसतन 3 मि.मी. बढ़ते हैं इनके दांत। इसलिए प्रत्येक तीन हफ्ते पर
इनके दातों की ट्रिमिंग जरूरी है। इनके दांतों की ट्रिमिंग किसी तार या नेलकटर की मदद से की जा सकती है।

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रैबिट फार्मिंग का बढ़ा चलन, लेकिन खरगोश की बीमारी की नहीं जानकारी

हिसार। हरियाणा में पिछले दो तीन सालों से रैबिट फार्मिंग का चलन काफी बढ़ा है लेकिन किसान खरगोश में होने वाले बीमारियों से ज्यादा परिचित नहीं है। ऐसे में उन्हें कई बार अच्छा खास नुकसान भी उठाना पड़ता है। खरगोशों में अक्सर पिस्सू लगना और फंगस के चलते संक्रमण होने की समस्याएं आमतौर पर देखने में आती हैं। यहां इनके बचाव व उपचार के तरीके बताए जा रहे हैं।

पिस्सू लगना

लगातार खांसने और छींकने के दौरान खरगोश अपनी नाक अपने आगे के पैरों से लगातार खुजलाते हैं। श्‍वसन के दौरान निकलने वाली आवाज बरतनों की खडख़ड़ाहट जैसी होती है। इसके अलावा इनमें बुखार और हैजा भी होता है। इसके लिए जिम्‍मेदार सूक्ष्‍म जीवाणु ही उनकी त्‍वचा के नीचे पिस्‍सू पैदा कर देते हैं और उनका गला खराब कर देते हैं।


उपचार: पिस्‍सू लगने की स्थिति में उपचार उतना प्रभावी नहीं होता। भले ही इनसे ग्रस्‍त खरगोश ठीक हो जाते हैं, लेकिन वे अन्‍य स्‍वस्‍थ खरगोशों को संक्रमित कर सकते हैं। ऐसे खरगोशों को फार्म से बाहर निकाल देना सही उपाय है।

फंगस से संक्रमण

खरगोशों में त्‍वचा का संक्रमण डर्मेटोपाइसिस फंगस से होता है। कान और नाक के आसपास बाल की कमी हो जाती है। खुजली के कारण खरगोश लगातार संक्रमित क्षेत्रों में खुजली करते हैं जिससे उस हिस्‍से में घाव हो जाते हैं। इसके बाद इन इलाकों में बैक्‍टीरिया के संक्रमण से पस बनना शुरू हो जाता है।


उपचार: प्रभावित हिस्‍सों पर ग्रीसियोफुल्विन या बेंजाइल बेंजोएट क्रक्रीम लगानी चाहिए। इस बीमारी के नियंत्रण के लिए भोजन में प्रति किलो 0.75 ग्राम ग्रीसियोफुल्विन मिला कर दो हफ्ते तक दिया जाना चाहिए।

बीमारी नियंत्रित करने के लिए स्‍वच्‍छता मानक

खरगोश फार्म ऐसे स्‍थान पर होना चाहिए जो पर्याप्‍त हवादार हो।
पिंजरे साफ होने चाहिएं।
खरगोशों की झोपड़ी के चारों ओर पेड़ होने चाहिए।
साल में दो बार ढांचे की सफेदी भी करवाएं।

हफ्ते में दो बार पिंजरों के नीचे चूने का पानी छिड़कना चाहिए
गर्मी में खरगोशों पर पानी का छिड़काव किया जाना चाहिए
पीने के लिए पानी देने से पहले उसे अच्‍छी तरह उबाल कर ठंडा कर लेना चाहिए। विशेषकर नवजात खरगोशों के लिए यह बेहद जरूरी है।
बैक्‍टीरियाई सूक्ष्‍म जीवाणुओं से होने वाली बीमारी को रोकने के लिए प्रति ‍लीटर पीने के पानी में 0.5 टेट्रासाइक्‍लीन मिलानी चाहिए और हर महीने में तीन दिन इसे दें।

टीम डिजिटल/ अमर उजाला, दिल्ली Updated Fri, 18 Dec 2015 07:44 AM IST

ठंड लग जाए तो तुरंत आजमाएं रसोई में रखी ये 7 चीजें

सिरदर्द, नाक का बहना, खांसी आना, तेज बुखार आ जाना, आखों में खुजली होना, गले में खराश होना, बदन दर्द आदि सर्दी लगने के लक्षण हैं। ये रहे कुछ आसान उपाय।

ठंड लग जाए तो तुरंत आजमाएं रसोई में रखी ये 7 चीजें

एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल प्रॉपर्टीज के साथ लहसुन रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का जबरदस्त जरिया है। सर्दी से बचने के लिए लहसुन को भूनकर खा सकते हैं या शहद, नींबू का रस, तीखी मिर्च इस्तेमाल कर इसकी चटनी बनाएं और सेवन करें।

ठंड लग जाए तो तुरंत आजमाएं रसोई में रखी ये 7 चीजें

शहद में सर्दी वाले बैक्टीरिया और वायरस को मारने की जबरदस्त क्षमता होती है। एक चम्मच नींबू का रस और दो चम्मच शहद लेकर मिलाएं और इसका सेवन करें। इससे गले की खराश में तुरंत राहत मिलेगी।

ठंड लग जाए तो तुरंत आजमाएं रसोई में रखी ये 7 चीजें

भुने हुए धनिया के बीज, जीरा और सौंफ, मेथी के बीज को पीस लें और पानी में मिश्री के साथ उबालें, चाहें तो इसमें जरूरत के अनुसार दूध भी मिला सकते हैं। लीजिए मसाला चाय तैयार है, सर्दी दूर करने में ये काफी कारगर है।

ठंड लग जाए तो तुरंत आजमाएं रसोई में रखी ये 7 चीजें

अदरक, देसी घी और गुड़ बराबर मात्रा में लेकर मिश्रण बना लें और रोज सुबह खाली पेट सेवन करें। ठंड दूर हो जाएगी।

खरगोश को ठंड लगे तो क्या करना चाहिए?

Safety measures Rabbit.
रैबिट जिस केज में रहता हो उसे हर दूसरे दिन अच्छी तरह साफ करें. ... .
रैबिट के बाल कॉम्ब करें. ... .
ठंड से बचाने के लिए उसे हीटर के सामने बिल्कुल नहीं रखें..
वीक में एक बार पानी में एंटीसेप्टिक सॉल्यूशन डालकर उसे नहलाएं..
रैबिट को मिट्टी वाली घास खाने नहीं दें. ... .
सर्दियों में उसे विटमिंस देने चाहिए..

खरगोश गर्मी में क्या खाता है?

यह साधारणत: दाना, घास एवं रसोईघर का बचा हुआ सामान खाता है। एक वयस्क खरोगश दिन में 100 से 120 ग्राम दाना खाता है। इसे हरी घास, खराब फल, बचा हुआ दूध, खाने योग्य खरपतवार आदि दिया जाता है।

क्या खरगोश पानी से नहाते हैं?

खरगोशों को नहाना नहीं पसंद होता। (क्योंकि वह प्राकृतिक रूप से साफ़-सुथरे होते हैं और उन्हें नहाने की आवश्यकता नहीं होती।

खरगोश को गुस्सा क्यों आता है?

हम यह जानते हैं क्योंकि एक डरा हुआ खरगोश संभवतः रोना, चीखना या घुरघुराना शोर करेगा। आप खरगोश को आपके लिए चेतावनी के रूप में जमीन को थपथपाते हुए भी देख सकते हैं। इन बाद के मामलों में, खरगोश गुस्से में या डरा हुआ है, इसलिए उन्हें अकेला छोड़ देना सबसे अच्छा है।