अप्रैल महीने की संक्रांति कब है 2022? - aprail maheene kee sankraanti kab hai 2022?

साधु  ने यही प्रसंग राजा उल्कामुख से विधि विधान के साथ सुना दिया। परंतु उसका विश्वास अधूरा था। राजा की श्रद्धा में भी कमी थी। राजा ने कहा कि वह संतान प्राप्ति के लिए सत्यव्रत पूजन करेगा। समय मिलने पर उसके घर एक सुंदर कन्या ने जन्म लिया; राजा की पत्नी बहुत श्रद्धालु थी। उसने राजा को याद दिलाया, तो उसने कहा कि कन्या के विवाह के समय वह व्रत करेगा। समय आने पर कन्या का विवाह भी हो जाता है। परंतु उसने व्रत नहीं किया। राजा अपने दामाद को लेकर व्यापार के लिए चला जाता है ।चोरी के आरोप में राजा चंद्रकेतु द्वारा राजा और उसके दामाद को जेल में डाल दिया जाता है। इसके पीछे राजा के घर में चोरी भी हो जाती। उसकी पत्नी और पुत्री भीख मांगने के लिए मजबूर हो जाते हैं। एक दिन राजा की पुत्री किसी के घर सत्यनारायण की पूजा होते हुए देखती है और वह घर आकर अपनी मां से इस व्रत के बारे में कहती है। अगले दिन श्रद्धा पूर्वक भगवान सत्यनारायण जी का व्रत पूजन करती है। इस व्रत के दौरान उसने अपने पति और दामाद के घर आने की प्रार्थना करती है। लीलावती के व्रत से प्रसन्न होकर भगवान ने राजा को सपने में दोनों बंधुओं को छोड़ने का आदेश दिया। राजा ने उन दोनों को धन दौलत देकर वहां से विदा कर दिया। घर आकर राजा पूर्णिमा और संक्रांति को सत्यनारायण भगवान की पूजा का आयोजन करने लगा। इससे उसको सांसारिक सुख एवं अंत में मोक्ष की प्राप्ति हुई।

जमशेदपुर : हिन्दू मान्यता के अनुसार पारंपरिक त्योहार सतुआन पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. यह पर्व पूर्व की तरह ही 14 अप्रैल को मनाया जायेगा है. यह त्यौहार बिहार अंचल के लोग मनाते है, जिसमें दूसरे-दूसरे शहर बसे लोगों इसे मनाते है. इस दौरान श्रद्धालु स्नान दान कर, सत्तू और गुड़ पहले भगवान को चढ़ाकर दान-पुण्य करते है. इसे मेष संक्रांति पर्व से भी जाना जाता है. वहीं इसे सतुआन व सिरुआ-विशुवा के नाम से भी जाना जाता है. इस मौके पर श्रद्धालुओं द्वारा मंदिरों में पूजा-अर्चना भी की जाती है. जिसके बाद सत्तू, गुड़ और आम खाते है. इस दिन बैसाख मास की प्रवृत्ति होती है. इस संक्रांति पर भगवान सूर्य उत्तरायण की आधी परिक्रमा पूरी करते है. गौरतलब है कि 14 अप्रैल को सूर्य मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश करेगा. वही संक्रांति के साथ बैशाथ मास आरंभ होगा. (नीचे भी पढ़ें)

अप्रैल महीने की संक्रांति कब है 2022? - aprail maheene kee sankraanti kab hai 2022?

मेष संक्रांति के कई नाम-
अलग-अलग धर्मों में मेष संक्रांति के अलग अलग नाम में जाना है. मेष संक्रांति को असम में बिहु, वहीं पंजाब में इसे बैसाखी कहा जाता है, केरल में विशु और बंगाल में पोहला बैसाख कहते है.
पुण्य काल-
पंचांग के मुताबिक जब सूर्य मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश करता है, उस समय से मेष संक्रांति शुरु होती है. वही मेष संक्रांति का समय सुबह 08 बजकर 56 बजे है. पुण्य काल 14 अप्रैल को 7 घंटे 15 मिनट का होगा. इसका प्रारंभ सुबह 05 बजकर 57 मिनट से होगा, जो दोपहर 01 बजकर 12 तक रहेगा.
महा पुण्य काल-
महा पुण्य काल 04 घंटे 16 मिनट का होगा. महा पुण्य काल सबह 06 बजकर 48 मिनट से 11 बजकर 04 मिनट तक रहेगी.

अप्रैल महीने की संक्रांति कब है 2022? - aprail maheene kee sankraanti kab hai 2022?

सभी 12 संक्रांति पर सूर्य के देवता की पूजा की जाती है और लोग यह सुनिश्चित करते हैं कि वे कुछ दान पुनिये गतिविधियां करें। सभी पवित्र पूजाओं और प्रार्थनाओं के लिए संक्रांति समय से पहले और बाद की दस घाटियों को शुभ माना जाता है।

लोग इस दिन पुरी जगन्नाथ, समलेश्वरी, कटक चंडी और बिरजा मंदिरों में पूजा और पूजा करने जाते हैं और सभी पुरुष और महिलाएं इस शुभ दिन में शामिल होते हैं।

मेष संक्रांति 2022 तिथि और समय | Mesha Sankranti 2022 Date & Time

  • सूर्योदय : 14 अप्रैल, 2022 सुबह 6:11 बजे
  • सूर्यास्त : 14 अप्रैल, 2022 शाम 6:43 बजे
  • पुण्य काल मुहूर्त : 14 अप्रैल, सुबह 6:11 बजे - 14 अप्रैल, दोपहर 12:47 बजे
  • महा पुण्य काल मुहूर्त : 14 अप्रैल, 8:23 पूर्वाह्न - 14 अप्रैल, 9:11 पूर्वाह्न
  • संक्रांति क्षण : 14 अप्रैल, 2022 सुबह 8:47 बजे

मेष संक्रांति का अनुष्ठान और उत्सव

  • भगवान विष्णु, हनुमान और शिव की पूजा करना शुभ माना जाता है
  • भक्त गंगा, जमुना और गोदावरी में पवित्र स्नान करते हैं
  • भक्तों के लिए पुण्य काल मुहूर्त जानना जरूरी
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Mesha Sankranti 2022: मेष संक्रांति 14 अप्रैल को, जानें महत्व, पुण्यकाल व महापुण्य काल की टाइमिंग व मौसम पर प्रभाव

Mesha Sankranti 2022: मेष संक्रांति 14 अप्रैल को, जानें महत्व, पुण्यकाल व महापुण्य काल की टाइमिंग व मौसम पर प्रभाव

 Mesh Sankranti 2022: जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो उस स्थिति को संक्रांति कहा जाता है। सूर्य 14 अप्रैल को मेष राशि में गोचर करेगा, ऐसे में मेष संक्रांति का योग बनेगा।

अप्रैल महीने की संक्रांति कब है 2022? - aprail maheene kee sankraanti kab hai 2022?

Saumya Tiwariलाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीThu, 14 Apr 2022 05:00 AM

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 Mesh Sankranti 2022 April Date and Time: सूर्य अभी मीन राशि में गोचर कर रहे हैं। 14 अप्रैल 2022 को सूर्य मेष राशि में आ जाएंगे। सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में जाने की घटना को संक्रांति कहा जाता है। मेष राशि में सूर्य के गोचर करने के कारण यह मेष संक्रांति होगी।। संक्रांति के हिसाब से बैशाख मास का आरंभ हो जाएगा। सूर्य अपनी उच्च राशि में होंगे और सूर्य के मेष राशि में जाने से ही राशि च्रक में भ्रमण क्रम प्रारंभ होगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, सूर्य संक्रांति के दिन नदियों में स्नान करने व दान करने की परंपरा है। कहते हैं कि ऐसा करने से धन, सफलता, पुण्य व संतान की प्राप्ति होती है। जानें मेष संक्रांति कब है और क्या है पुण्य काल व  महापुण्य काल-

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मेष संक्रांति 2022 कब है? 

हिंदू पंचांग के अनुसार, सूर्य का मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश 14 अप्रैल 2022, गुरुवार को होगा। सूर्यदेव मेष राशि में प्रवेश करेंगे, उस समय मेष संक्रांति होगी। 14 अप्रैल 2022 को सुबह 8 बजकर 41 मिनट पर सूर्य मेष राशि में प्रवेश करेंगे।

मेष संक्रान्ति पुण्य काल - 05:57 ए एम से 01:12 पी एम
अवधि - 07 घण्टे 15 मिनट्स

मेष संक्रान्ति महा पुण्य काल - 06:48 ए एम से 11:04 ए एम
अवधि - 04 घण्टे 16 मिनट्स

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मेष संक्रांति के कई नाम-

मेष संक्रांति को देश के कई हिस्सों में अलग-अलग नामों से जानते हैं। पंजाब में मेष संक्रांति को बैसाखी कहा जाता है। जबकि असम में बिहु और बंगाल में पोहला बोइशाख कहा जाता है।

मेष संक्रांति से मौसम पर क्या पड़ेगा प्रभाव-

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, मेष राशि में सूर्य, बुध और राहु की युति से तेज हवाओं के चलने का योग बन रहा है। जिसके चलते आने वाले समय में मौसम में बदलाव देखने को मिलेंगे। इसके अलावा लू चलने से ज्येष्ठ मास के समान भयंकर गर्मी का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि हवाओं का रुख बदलने के बाद लोगों को गर्मी से राहत मिल सकती है।

अप्रैल महीने की संक्रांति कब है?

मेष संक्रांति 2022 कब है? हिंदू पंचांग के अनुसार, सूर्य का मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश 14 अप्रैल 2022, गुरुवार को होगा। सूर्यदेव मेष राशि में प्रवेश करेंगे, उस समय मेष संक्रांति होगी। 14 अप्रैल 2022 को सुबह 8 बजकर 41 मिनट पर सूर्य मेष राशि में प्रवेश करेंगे।

2022 मई महीने की संक्रांति कब है?

ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली संक्रांति को वृषभ संक्रांति कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार साल 2022 में वृषभ संक्रांति 15 मई को मनाई जाएगीं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन भगवान सूर्य वृषभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। हिंदू धर्म के अनुसार वृषभ संक्रांति के दिन गौ दान करने का विशेष महत्व है।

मई महीने की संक्रांति कब है?

यह संक्रांति 14 मई, 2022 को आरंभ होगी। इस पुण्य काल के समय दान, स्नान एवं जप करने से अमोघ फलों की प्राप्ति होती है।

वैशाख महीने की संक्रांति कब है?

वैशाख संक्रान्ति 14 अप्रैल 2022, को बृहस्पतिवार के दिन 08:39 मिनिट पर आरंभ होगी. 30 मुहूर्त्ति इस संक्रान्ति के स्नान दान आदि का पुण्यकाल का समय दोपहर 15:03 तक होगा. वैशाख मास में नित्यप्रति प्रात: काल सूर्योदय से पूर्व शुद्ध जल में तीर्थस्थान यथाशक्ति अनाज, वस्त्रों, फलादि का दान करने का विधान व महत्व कहा गया है.