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वैशाख मास (Vaisakh Month) के शुक्लपक्ष की चतुर्थी (Chaturthi) तिथि पर किसी काम को करने के लिए कौन सा समय शुभ और कौन सा समय अशुभ साबित हो सकता है, इसे विस्तार से जानने के लिए जरूर देखें 05 मई 2022, गुरुवार का पंचांग (Thursday Panchang).05 मई 2022, गुुरुवार का पंचांग (05 May 2022, Thursday Panchang) Aaj ka Panchang 05 May 2022 : हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को शुभ दिन, शुभ तिथि, शुभ मुहूर्त आदि को देखकर किया जाता है. इन सभी चीजों के बारे में पता लगाने के लिए पंचांग (Panchang) की आवश्यकता पड़ती है. जिसके माध्यम से आप आने वाले दिनों के शुभ एवं अशुभ समय के साथ सूर्योदय, सूर्यास्त, चन्द्रोदय, चन्द्रास्त, ग्रह, नक्षत्र आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हें. आइए पंचांग के पांच अंगों – तिथि, नक्षत्र, वार, योग एवं करण के साथ राहुकाल, दिशाशूल (Dishashool) , भद्रा (Bhadra), पंचक (Panchank), प्रमुख पर्व आदि की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करते हैं. 05 मई 2022 का पंचांग(देश की राजधानी दिल्ली के समय पर आधारित)विक्रम संवत – 2079, राक्षस शक सम्वत – 1944, शुभकृत्
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.) Aaj Ka Panchang In Hindi, Today Panchang In Hindi, Online Hindi Panchang for 05 May 2022, Today Tithi 05 May 2022, Aaj ka Panchang, Aaj ka Muhurat, Aaj ka Shubh Samay, Shubh and Ashubh Muhurat, Auspicious time, Muhurat Timing, Choghadiya Muhurat for 05 May.किसी भी कार्य को करने से पहले शुभ मुहूर्त, शुभ समय, अशुभ समय का विशेष ध्यान रखा जाता है ताकि कार्य शुभ हो। अगर आप पंचांग देखकर शुभ कार्य को करते हैं तो आपका कार्य बिना किसी कठिनाई के संपन्न होगा और फलेगा, सफलता मिलेगी।05 May 2022 panchang: आज का पंचांग कैसा है शुभ कार्य करने के लिए 05 May 2022, गुरूवारआज दिनांक 05 May 2022 तिथि, नक्षत्र, सूर्योदय, सूर्यास्त, शुभ समय कब से कब तक है, अशुभ समय कब है, राहु काल की जानकारियां, आज का पर्व त्यौहार मई ०५, २०२२ पंचांग और शुभ मुहूर्त की विस्तृत जानकारियां।गुरूवार, 05 मई 2022 का पंचांग
Auspicious Timings : आज का शुभ समय जिसमे शुभ मुहूर्त किया जा सकता है। आज दिनांक गुरूवार 05 मई 2022 का शुभ टाइम। अगर कोई शुभ कार्य करने जा रहे हैं तो अभिजीत समय में करें। उसके बाद अन्य में कर सकते हैं जब अभिजीत का समय नहीं हो तो।
Inauspicious Timings : आज का अशुभ समय शुभ कार्य नहीं किया जा सकता है। आज दिनांक गुरूवार 05 मई 2022 का अशुभ समय।
विशेष मुहूर्त और योग : कुछ शुभ मुहूर्त होते हैं जैसे सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि, गुरुपुष्यामृत और रविपुष्यामृत योग। जब किसी कार्य को करना हो और मुहूर्त उस समय नहीं हो तो इन विशेष योग या महूर्त में शुभ कार्य किया जाता है।यदि सोमवार के दिन रोहिणी, मृगशिरा, पुष्य, अनुराधा तथा श्रवण नक्षत्र हो तो सर्वार्थसिद्धि योग का निर्माण होता है। शुभ मुहूर्तों में सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त माना जाता है- गुरु-पुष्य योग। यदि गुरुवार को चन्द्रमा पुष्य नक्षत्र में हो तो इससे पूर्ण सिद्धिदायक योग बन जाता है। जब चतुर्दशी सोमवार को और पूर्णिमा या अमावस्या मंगलवार को हो तो सिद्धिदायक मुहूर्त होता है।आज का शुभ योग जिसमे कोई भी मुहूर्त किया जा सकता है। ये योग बहुत ही शुभ होते है किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए।Shubh Muhurat – 05 May 2022
आज का व्रत / पर्व त्यौहार मई ०५, २०२२ हिंदू पंचांग और कैलेंडर के अनुसारकोई नहीं है 5 मई 2022 को कौन सा दिन पड़ेगा?5 मई 2022, दिन गुरुवार को वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस दिन सूर्योदय आर्द्रा नक्षत्र में होगा। यह पूरे दिन रहेगा।
5 जून 2022 को कौन सा नक्षत्र है?Todays 5 June 2022 Sunday: 5 जून 2022, दिन रविवार, ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, षष्ठी तिथि, अश्लेषा नक्षत्र की शुरुआत होगी. चंद्रमा- कर्क राशि में और सूर्य वृष राशि में विराजमान हैं.
3 मई 2022 को क्या है?आज का पंचांग 3 मई 2022 : अक्षय तृतीया, भगवान परशुराम जयंती, जानें मुहूर्त और शुभ योग राष्ट्रीय मिति वैशाख 13, शक संवत 1944, वैशाख, शुक्ल, तृतीया, मंगलवार, विक्रम संवत् 2079। सौर वैशाख मास प्रविष्टे 20, शव्वाल 01, हिजरी 1443 (मुस्लिम), तदनुसार अंग्रेजी तारीख 03 मई सन् 2022 ई०। सूर्य उत्तरायण उत्तर गोल, ग्रीष्म ऋतु।
हिंदी कैलेंडर में आज तिथि क्या है?तिथि क्या है:- तिथि को तारीख या दिनांक कहते हैं। अन्य तारीख और तिथि में फर्क यह है कि यह दिन या रात में कभी भी शुरू हो सकती है। इसका संबंध चन्द्र के नक्षत्र में भ्रमण से होता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार माह के 30 दिन को चन्द्र कला के आधार पर 15-15 दिन के 2 पक्षों में बांटा गया है- शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष।
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