विविधता वाला देश क्यों कहा जाता है? - vividhata vaala desh kyon kaha jaata hai?

Written By Answer By Rjwala Saturday, September 11, 2021 2 Comments

सवाल: हमारे देश को विविधताओं का देश क्यों कहा जाता है?

विविधता एक ऐसी चीज है जो भारत में सांस लेने वाली हवा की तरह सर्वव्यापी है। इसलिए भी भारत को एक विविध राष्ट्र कहा जाता है क्योंकि भारत विविधताओं से भरा हुआ है जैसे की भूमि, धर्म, कपड़े, भोजन और जलवायु आदि में विविधता दिखाई देती है और साथ ही भारत एक धर्मनिरपेक्ष हिंदू बहुसंख्यक देश है। 

विविधता वाला देश क्यों कहा जाता है? - vividhata vaala desh kyon kaha jaata hai?

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१७ देश जिन्हें कंज़र्वेशन इण्टरनेशनल ने विशाल विविध देश माना है।

विशालविविध देश कुछ देशों का समूह है जहाँ पृथ्वी पर पाए जाने वाली अधिकतर प्रजातियाँ उपस्थित है और इसीलिए इन्हें सर्वाधिक जैव विविधता वाला देश माना जाता है। १९९८ में कंज़र्वेशन इण्टरनेशनल ने १७ देशों को विशालविविध माना है जिनमे से अधिकतर उष्णकटिबन्धीय देश हैं[1][2]।

सन २००२ में मेक्सिको ने एक अलग संस्था बनाई जिसका ध्यान ऐसे जैवविविध देशों पर केन्द्रित था जिनके पास पारम्परिक ज्ञान भी है। इस संस्था के सदस्य, कंज़र्वेशन इण्टरनेशनल के सारे सदस्य देश नहीं हैं।[3]
वर्णमाला के क्रम में, १७ विशाल विविध देश हैं:

कैनकन पहल और समान विचारधारा वाले विशालविविध देश की घोषणा[संपादित करें]

१८ फरवरी २००२ को ब्राजील, चीन, कोलंबिया, कोस्टा रिका, भारत, इंडोनेशिया, केन्या, मेक्सिको, पेरू, फिलीपींस, दक्षिण अफ्रीका और वेनेजुएला, के प्रतिनिधि कैनकन में इकट्ठे हुए। इन देशों ने समान विचारधारा वाले विशालविविध देश का एक समूह गठित करने की घोषणा की जिस्से उनके हितों, संरक्षण और जैव विविधता के निरंतर उपयोग से संबंधित प्राथमिकताओं को बढ़ावा दिया जा सके। यहाँ उन देशों भी बुलाने का फैसला हुआ जो जैव विविधता सम्मेलन, जैव सुरक्षा पर कार्टाजेना प्रोटोकॉल और क्योटो प्रोटोकॉल का हिस्सा नहीं बन सके।
इस सम्मेलन में यह निर्णय हुआ की:

  • समय-समय यह राष्ट्र मिलकर विविध विसषयों और समस्याओं पर चर्चा करेंगे और सहयोग के माध्यम से हल निकालेंगे।
  • अगले सम्मेलन के लिए मेजबान देशों का फैसला अंतिम दिन पर किया जाएगा।

निम्नानुसार समान विचारधारा वाले विशालविविध देश संगठन के वर्तमान सदस्य देशों सूची हैं:[4]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "विशालविविध देश: १७ जैव विविधता के सुपर स्टार". मूल से 14 मई 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 नवंबर 2014.
  2. "विशालविविध देश". मूल से 3 सितंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 नवंबर 2014.
  3. "जैव विविधता थीम रिपोर्ट". मूल से 24 अप्रैल 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ०९ नवम्बर २०१४.
  4. "जैसे सोच विशालविविध देश" (PDF). मूल से 6 जनवरी 2014 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि ०९ नवम्बर २०१४.

भारत में “विविधता में एकता” की प्रसिद्ध अवधारणा बिल्कुल सटीक बैठती है। “विविधता में एकता” का अर्थ है अनेकता में एकता। कई वर्षों से इस अवधारणा को साबित करने वाला भारत एक श्रेष्ठ देश है । भारत एक ऐसा देश है जहाँ पर “विविधता में एकता” देखने के लिये ये बहुत स्पष्ट है क्योंकि अपने धर्म के लिये एक-दूसरे की भावनाओं और भरोसे को बिना आहत किये कई कई धर्मों, नस्लों, संस्कृतियों, और परंपराओं के लोगों का एक साथ रहते हैं।

विविधता में एकता पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Unity in Diversity in Hindi, Vividhata mein Ekta par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (300 शब्द)

प्रस्तावना

असमानता में अखंडता है “विविधता में एकता”। भारत एक ऐसा देश है जो “विविधता में एकता” की अवधारणा को अच्छे तरीके से साबित करता है। भारत एक अधिक जनसंख्या वाला देश है तथा पूरे विश्व में प्रसिद्ध है क्योंकि यहाँ “विविधता में एकता” का चरित्र देखा जाता है। “विविधता में एकता” भारत की शक्ति और मजबूती है जो आज एक महत्वपूर्ण गुण के रुप में भारत की पहचान करता है।

विविधता में एकता का सटीक उदहारण – हमारा भारत देश

विश्व में भारत सबसे पुरानी सभ्यता का एक जाना-माना देश है जहाँ वर्षों से कई प्रजातीय समूह एक साथ रहते हैं। भारत विविध सभ्यताओं का देश है जहाँ लोग अपने धर्म और इच्छा के अनुसार लगभग 1650 भाषाएँ और बोलियों का इस्तेमाल करते हैं। संस्कृति, परंपरा, धर्म, और भाषा से अलग होने के बावजूद भी लोग यहाँ पर एक-दूसरे का सम्मान करते हैं साथ ही भाईचारे के ढ़ेर सारी भावनाओं के साथ एक साथ रहते हैं। लोग पूरे भारत की धरती पर यहाँ-वहाँ रहते तथा भाईचारे की एक भावना के द्वारा जुड़े होते हैं। अपने राष्ट्र का एक महान चरित्र है “विविधता में एकता” जो इंसानियत के एक संबंध में सभी धर्मों के लोगों को बाँध के रखता है।

विविधता वाला देश क्यों कहा जाता है? - vividhata vaala desh kyon kaha jaata hai?

देश के महान राष्ट्रीय एकीकरण अभिलक्षण के लिये “विविधता में एकता” को बढ़ावा दिया गया है जो ढ़ेर सारे भ्रष्टाचार, अतिवादी और आंतकवाद के बावजूद भी भारत की मजबूती और समृद्धी का आधार बनेगा। आमतौर पर विभिन्न राज्यों में रहने वाले लोग अपनी भाषा, संस्कृति, परंपरा, परिधान, उत्सव, रुप आदि में अलग होते हैं (बंगाली, महाराष्ट्रीयन, पंजाबी, तमिलीयन, आदि के रुप में जाने जाते हैं); फिर भी वो अपने आपको भारतीय कहते हैं जो “विविधता में एकता” को प्रदर्शित करता है।

यहाँ “विविधता में एकता” को बनाए रखने के लिये लोगों की मानवता और संभाव्यता मदद करता है। भारत में लोग अपनी संपत्ति के बजाय आध्यात्मिकता, कर्म और संस्कार को अत्यधिक महत्व देते हैं जो उन्हें और पास लाता है। अपने अनोखे गुण के रुप में यहाँ के लोगों में धार्मिक सहिष्णुता है जो उन्हें अलग धर्म की उपस्थिति में कठिनाई महसूस नहीं करने देती।

निष्कर्ष

भारत में अधिकतर लोग हिन्दू धर्म के है जो अपनी धरती पर सभी दूसरी अच्छी संस्कृतियों को अपनाने और स्वागत करने की क्षमता रखती है। भारतीय लोगों की इस तरह की विशेषताएँ यहाँ पर “विविधता में एकता” को प्रसिद्ध करती है, और दुनियाभर में भारत को प्रसिद्धि दिलाती है।

निबंध 2 (450 शब्द)

भारत विभिन्न संस्कृति, नस्ल, भाषा और धर्म का देश है। ये “विविधता में एकता” की भूमि है जहाँ अलग-अलग जीवन-शैली और तरीकों के लोग एकसाथ रहते हैं। वो अलग आस्था, धर्म और विश्वास से संबंध रखते हैं। इन भिन्नताओं के बावजूद भी वो भाईचारे और मानवता के संबंध के साथ रहते हैं। “विविधता में एकता” भारत की एक अलग विशेषता है जो इसे पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध करती है। आमतौर पर, अपनाने और उदार होने के महान प्राचीन भारतीय संस्कृति का अनुसरण भारत के लोग करते हैं जो स्वाभाव में उन्हें समाविष्टक बनाता है।

“विविधता में एकता” समाज के लगभग सभी पहलुओं में पूरे देश में मजबूती और संपन्नता का साधन बनता है। अपनी रीति-रिवाज़ और विश्वास का अनुसरण करने के द्वारा सभी धर्मों के लोग अलग तरीकों से पूजा-पाठ करते हैं बुनियादी एकरुपता के अस्तित्व को प्रदर्शित करता है। “विविधता में एकता” विभिन्न असमानताओं की अपनी सोच से परे लोगों के बीच भाईचारे और समरसता की भावना को बढ़ावा देता है।

भारत अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिये प्रसिद्ध है जो कि विभिन्न धर्मों के लोगों के कारण है। अपने हित और विश्वास के आधार पर विभिन्न जीवन-शैली को अलग-अलग संस्कृति के लोग बढ़ावा देते हैं। ये दुबारा से विभिन्न पेशेवर क्षेत्रों में जैसे संगीत, कला, नाटक, नृत्य (शास्त्रिय, फोक आदि), नाट्यशाला, मूर्तिकला आदि में वृद्धि को बढ़ावा देते हैं। लोगों की आध्यात्मिक परंपरा उन्हें एक-दूसरे के लिये अधिक धर्मनिष्ठ बनाती है। सभी भारतीय धार्मिक लेख लोगों की आध्यात्मिक समझ का महान साधन है। लगभग सभी धर्मों में ऋषि, महर्षि, योगी, पुजारी, फादर आदि होते हैं जो अपने धर्मग्रंथों के अनुसार अपनी आध्यात्मिक परंपरा का अनुसरण करते हैं।

भारत में हिन्दी मातृ-भाषा है हालाँकि अलग-अलग धर्म और क्षेत्र (जैसे इंग्लिश, ऊर्दू, संस्कृत, पंजाबी, बंगाली, उड़िया आदि) के लोगों के द्वारा कई दूसरी बोली और भाषाएँ बोली जाती है; हालाँकि सभी महान भारत के नागरिक होने पर गर्व महसूस करते हैं।

भारत की “विविधता में एकता” खास है जिसके लिये ये पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। ये भारत में बड़े स्तर पर पर्यटन को आकर्षित करता है। एक भारतीय होने के नाते, हम सभी को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिये और किसी भी कीमत पर इसकी अनोखी विशेषता को कायम रखने की कोशिश करनी है। यहाँ “विविधता में एकता” वास्तविक खुशहाली होने के साथ ही वर्तमान तथा भविष्य की प्रगति के लिये रास्ता है।

भारत को एक स्वतंत्र देश बनाने के लिये भारत के सभी धर्मों के लोगों के द्वारा चलाये गये स्वतंत्रता आंदोलन को हम कभी नहीं भूल सकते है। भारत में “विविधता में एकता” का स्वतंत्रता के लिये संघर्ष बेहतरीन उदाहरण है। भारत में “विविधता में एकता” सभी को एक कड़ा संदेश देता है कि बिना एकता के कुछ भी नहीं है। प्यार और समरसता के साथ रहना जीवन के वास्तविक सार को उपलब्ध कराता है। भारत में “विविधता में एकता” दिखाती है कि हम सभी एक भगवान के द्वारा पैदा, परवरिश और पोषित किये गये हैं।

निबंध 3 (600 शब्द)

परिचय

“विविधता में एकता” का अर्थ है विभिन्न असमानताओं के बावजूद भी अखंडता का अस्तित्व। “विविधता में एकता” की इस अवधारणा के लिये भारत एक बेहतर उदाहरण है। हम लोग यहाँ बेहद साफतौर पर देख सकते हैं कि भारत की एक धरती पर अर्थात् एक छत के नीचे समरसता के साथ अलग-अलग धर्म, समुदाय, जाति, भाषा, संस्कृति, जीवन-शैली, परिधान पहनने का तरीका, भगवान में भरोसा, पूजा-पाठ के तौर-तरीके आदि के लोग एक-साथ रहते हैं। भारत में रहने वाले लोग एक माँ के बच्चे हैं जिन्हें हम भारत माँ कह कर बुलाते हैं।

विविधता वाला देश क्यों कहा जाता है? - vividhata vaala desh kyon kaha jaata hai?

भारत एक ऐसा देश है जिसने “विविधता मे एकता” की सच्चाई को सही साबित किया है। बिना किसी परेशानी के कई वर्षों से विभिन्न धर्म और जाति के लोगों ने एक साथ रह कर दिखाया है। भारत ऊँचे पहाड़ों, घाटियों, महासागरों, प्रसिद्ध नदियों, धारा, जंगल, रेगिस्तान, प्राचीन संस्कृति और परंपराएँ और सबसे खास “विविधता में एकता” से सजा हुआ देश है। लोग यहाँ अपने नस्ल, धर्म और भाषा से संबंध रखते हैं फिर भी उन सभी के मानवता का समान चरित्र होता है जो उन्हें एक साथ रहने के काबिल बनाता है।

विविधता में एकता का महत्व:

  • “विविधता में एकता” लोगों की कार्यस्थल, संगठन और समुदाय में मनोबल को बढ़ाता है।
  • ये लोगों के बीच में दल भावना, रिश्ते, समूह कार्य को बढ़ाने में मदद करता है इसकी वजह से प्रदर्शन, कार्यकुशलता, उत्पादकता और जीवन शैली में सुधार आता है।
  • बुरी परिस्थिति में भी ये प्रभावशाली संवाद बनाता है।
  • सामाजिक परेशानियों से लोगों को दूर रखता है और मुश्किलों से लड़ने में आसानी से मदद करता है।
  • मानव रिश्तों में अच्छा सुधार लाता है तथा सभी के मानव अधिकारों की रक्षा करता है।
  • भारत में “विविधता में एकता” पर्यटन के स्रोत उपलब्ध कराता है। पूरी दुनिया से अधिक यात्रियों और पर्यटकों को विभिन्न संस्कृति, परंपरा, भोजन, धर्म और परिधान के लोग आकर्षित करते हैं।
  • कई तरीकों में असमान होने के बावजूद भी देश के लोगों के बीच राष्ट्रीय एकीकरण की आदत को ये बढ़ावा देता है।
  • भारत की सांस्कृतिक विरासत को मजबूत और समृद्ध बनाने के साथ ही ये देश के संपन्न विरासत को महत्व देता है।
  • विभिन्न फसलों के द्वारा कृषि के क्षेत्र में संपन्न बनाने में ये मदद करता है जिससे अर्थव्यवस्था में वृद्धि होती है।
  • देश के लिये विभिन्न क्षेत्रों में कौशल और उन्नत पेशेवरों के साधन है।

भारत विश्व का एक प्रसिद्ध और बड़ा देश है जहाँ विभिन्न धर्म जैसे हिन्दू, मुस्लिम, बौद्ध, सिक्ख, जैन, ईसाई और पारसी आदि के एक साथ रहते हैं लेकिन सभी धर्म और क्रम के एक सिद्धांत पर भरोसा करते हैं। यहाँ के लोग स्वभाव से भगवान से डरने वाले होते हैं और आत्मा की शुद्धि, पुनर्जन्म, मोक्ष, स्वर्ग और नरक में भरोसा रखते हैं। बिना किसी धर्म के लोगों को हानि पहुँचाये बेहद शांतिपूर्ण तरीके से लोग अपने त्योंहारों होली, दिवाली, ईद, क्रिसमस, गुड फ्राईडे, महावीर जयंती, बुद्ध जयंती आदि को मनाते हैं।

यहाँ पर इसकी कुछ कमियाँ भी है जो दी गयी है:

  • ये अलग राज्यों और बहु-भाषायी संबंधी लोगों के बीच में कई सामाजिक चिंताओं के बढ़ावा दे सकता है।
  • ये देश के कई क्षेत्रों में भ्रष्टाचार और अशिक्षा को बढ़ावा दे सकता है।
  • अविकसित संरचना, बिजली की कमी, सड़के आदि के कारण विभन्न ग्रामीण क्षेत्रों में खराब जीवनशैली का कारण बन सकता है।

निष्कर्ष

मनोवैज्ञानिक, वैचारिक, राजनीतिक, धार्मिक, बहु-भाषी, शारीरिक, सामाजिक, सांस्कृतिक आदि के ढ़ेर सारे भिन्नताओं के बावजूद भी एकता के अस्तित्व पर “विविधता में एकता” ध्यान केन्द्रित करता है। ज्यादा विविधता से एकता में ज्यादा जटिलता होती है। नस्ल, धर्म, जाति, उप-जाति, समुदाय, भाषा और बोली की अधिक विविधता के बावजूद भी भारत में लोग एक हो के रहते हैं। भारत में लोग बहुत ही आध्यात्मिक और स्वाभाव में भगवान से डरने वाले होते हैं इसलिये वो सभी के धर्म को आदर देते हैं।

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भारत विविधताओं का देश क्यों कहा जाता है?

उत्तर:- भारत को विविधतापूर्ण राष्ट्र इसलिए कहा जाता है क्योंकि भारत विविधताओं से भरा हुआ है। हमारे भारत में भूमि, धर्म, भाषा, कपड़े, भोजन, जलवायु आदि में विविधता है। यह सब भारत को एक अद्वितीय और विविध राष्ट्र बनाता है।

भारत को विविधता में एकता वाला देश क्यों कहा जाता है?

भारत विभिन्न संस्कृति, नस्ल, भाषा और धर्म का देश है। ये “विविधता में एकता” की भूमि है जहाँ अलग-अलग जीवन-शैली और तरीकों के लोग एकसाथ रहते हैं। वो अलग आस्था, धर्म और विश्वास से संबंध रखते हैं। इन भिन्नताओं के बावजूद भी वो भाईचारे और मानवता के संबंध के साथ रहते हैं।

भारत विविधता का देश है कैसे?

Solution : भारत विविधताओं का देश है क्योंकि यहां के लोग विभिन्न भाषाएँ बोलते हैं। विभिन्न प्रकार का खाना खाते हैं, अलग-अलग त्यौहार मनाते हैं और भिन्न भिन्न धर्मों का पालन करते हैं तथा अलग-अलग पहनावा पहनते हैं। ये विभिन्नताएँ विविधता के पहलू हैं।

12 हमारे देश को विविधताओं का देश क्यों कहा जाता है?

वे न केवल अलग दिखते हैं, बल्कि वे अलग-अलग क्षेत्रों से भी आते हैं। उनके धर्म, रहन-सहन, खान-पान, भाषा, त्योहार आदि भी भिन्न होते हैं। ये भिन्नताएँ हमारे जीवन को कई तरह से रोचक एवं समृद्ध बनाती हैं। इन भिन्नताओं के कारण ही भारत में विविधता है।