वास्तु शास्त्र के जनक कौन है? - vaastu shaastr ke janak kaun hai?

भगवान शिव के पसीने से वास्तु पुरुष की उत्पत्ति हुई है। भगवान शिव का पसीना धरती पर गिरा तो उससे ही वास्तु पुरुष उत्पन्न होकर जमीन पर गिरा। वास्तु पुरुष को प्रसन्न करने के लिए वास्तु शास्त्र की रचना की गई। वास्तु पुरुष का असर सभी दिशाओं में रहता है। इसके बाद वास्तु पुरुष के कहने पर ब्रह्मा जी ने वास्तु शास्त्र के नियम बनाए। जिनके अनुसार कोई भी मकान या इमारत बनाई जाती है। इसके बाद भूमि पूजन से गृह प्रवेश तक हर मौके पर वास्तु पुरुष की पूजा का महत्व है। जिसके साथ ही भगवान शिव, गणेश और ब्रह्मा जी की पूजा जरूर करनी चाहिए। इससे भूमि शुद्ध हो जाती है और वहां जगह पर रहने वाले लोग किसी भी तरह परेशान नहीं होते।

भूमि पूजन से गृह प्रवेश तक, वास्तु पूजा जरूरी
पुराणों के अनुसार किसी भी तरह के निर्माण कार्य के मौके पर वास्तु पुरुष की पूजा की जाती है। ऐसा करने से शुभ फल मिलता है। इसलिए सबसे पहले भूमि पूजन के समय वास्तु देवता की पूजा की जाती है। इसके बाद नींव खोदते समय, मुख्य द्वार लगाते समय और गृह प्रवेश के दौरान भी वास्तु पुरुष की पूजा करने का विधान बताया गया है। इससे उस घर में रहने वाले लोग हर तरह की परेशानियों से दूर रहते हैं। उनको हर तरह का सुख और समृद्धि भी मिलती है।

वास्तु पुरुष हैं भवन के मुख्य देवता
वास्तु पुरुष को भवन का प्रमुख देवता माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार वास्तु पुरुष भूमि पर अधोमुख स्थित है। अधोमुख यानी उनका मुंह जमीन की तरफ और पीठ उपर की ओर हैं। सिर ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में, पैर नैऋत्य कोण यानी दक्षिण-पश्चिम दिशा में है। इस तरह उनकी भुजाएं पूर्व और उत्तर में हैं।

ब्रह्माजी ने बनाए वास्तु शास्त्र के नियम
कई पुराणों में वास्तु शास्त्र के नियम बताए गए हैं लेकिन इनके बारे में खासतौर से मत्स्य पुराण में बताया गया है। इसके अनुसार वास्तु पुरुष की प्रार्थना पर ही ब्रह्माजी ने वास्तु शास्त्र के नियमों की रचना की थी। इनकी जानकारी पुराणों के जरिये अन्य ग्रंथों से होते हुए आम लोगों तक पहुंची।

इस लेख में आपकों सभी विषयों के जनक की संपूर्ण सूची बतलाई गई है. यदि आप अलग अलग विषयों जैसे कि भूगोल का जनक, इतिहास का जनक, रसायन विज्ञान का जनक, भौतिक का जनक, जीव विज्ञान का जनक, आधुनिक हिंदी का जनक आदि के बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा पढ़िए.

भारत के कई परीक्षाओं में किसी न किसी विषय के जनक का नाम पूछ लिया जाता है इसलिए आपकों सभी विषयों के जनक कौन है? Father of All Subjects List in Hindi के बारे में जानकारी होना अति आवश्यक है.

यहीं कारण है कि यहां सभी विषयों के जनक के नाम की पूरी लिस्ट और इससे संबंधित अन्य जानकारियां के बारे में बतलाया गया हैं. सभी विषयों के जनकों की संपूर्ण जानकारी के लिए आप नीचे दिए गए टेबल को देख सकते हैं.

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सभी विषयों के जनक कौन है और उनकी संपूर्ण सूची

सभी विषयों के जनक (Father of All Subjects List in Hindi)

सभी विषयों के जनक कौन है और उनकी संपूर्ण सूची

वास्तु शास्त्र के जनक कौन है? - vaastu shaastr ke janak kaun hai?
विषय (Subject) जनक / पिता (Father) भूगोल (Geography)हिकैटियसइतिहास (History)हेरोडोट्सनागरिक शास्त्र (Civics)बेंजामिन फ्रैंकलिनअर्थशास्त्र (Economics)एडम स्मिथभौतिक विज्ञान (Physics)सर आइजैक न्यूटनरसायन विज्ञान (Chemistry)लवोजियरजीव विज्ञान (Biology)अरस्तूवनस्पति विज्ञान (Botany)थियोंफास्टरकंप्यूटर (Computer)चार्ल्स बैबेजइंटरनेट (Internet)रॉबर्ट इलियट कान विंड सर्फहिंदी साहित्य (Hindi)भारतेंदु हरिश्चंद्रसंस्कृत (Sanskrit)पाणिनिइंग्लिश (English)जेयाफ्री चौसरइंग्लिश ग्रामर (English Grammar)लिंडले मुरेगणित (Mathematics)आर्कमिडीजबीजगणित (Algebra)मोहम्मद इजम

मसल ख्वारिज्मी

ज्यामिति (Geometry)यूक्लिडक्षेत्रमिति (Mensuration)लियोनार्ड डिग्सत्रिकोणमिति (Trigonometry)हिप्परकुससांख्यिकी (Statistics)रोनाल्डो फि सरप्रायिकता (Probability)ग्रलेमो कारडेनो

सभी विषयों के जनक (Father of All Subjects List in Hindi)

Q.1 हिंदी साहित्य का पिता किसे कहा जाता है? 

A. भारतेंदु हरिश्चंद्र

Q.2 भूगोल का जनक किसे कहा जाता है? 

A. हिकैटियस

Q.3 इतिहास का जनक किसे कहा जाता है? 

A. हेरोडोट्स

Q.4 अर्थशास्त्र का जनक किसे कहा जाता है? 

A. एडम स्मिथ

Q.5 नागरिक शास्त्र का जनक किसे कहा जाता है? 

A. बेंजामिन फ्रैंकलिन

Q.6 हरित क्रांति के जनक कौन है?

A. नॉर्मन बोरलॉग

Q.7 भारत में हरित क्रांति के जनक कौन हैं?

A. एमएस स्वामीनाथन

Q.8 कंप्यूटर के जनक किसे कहा जाता है? 

A. चार्ल्स बैबेज

Q.9 वीडियो गेम के जनक कौन है? 

A. पॉल हेनरी बिहर

Q.10 भौतिक विज्ञान का जनक कौन है? 

A.  सर आइजैक न्यूटन

Q.11 रसायन विज्ञान का जनक कौन है? 

A. लवोजियर

Q.12 जीव विज्ञान का जनक कौन है? 

A. अरस्तू

Q.13 माइक्रोबायोलॉजी के पिता किसे कहा जाता है?

A. लुई पाश्चर

Q.14 वनस्पति विज्ञान के जनक किसे कहा जाता है? 

A. थियोंफास्टर

Q.15 आयुर्वेद का पिता किसे कहा जाता है

A. महर्षि चरक

Q.16 गणित का पिता किसे कहा जाता है? 

A. आर्कमिडीज

Q.17 संस्कृत का पिता किसे कहा जाता है? 

A. पाणिनि

Q.18 इंग्लिश विषय का जनक किसे कहा जाता है?

A. चौसर

Q.19 त्रिकोणमिति विषय के जनक किसे कहते हैं? 

A. हिप्परकुस

Q.20 बीजगणित विषय के जनक किसे कहते हैं? 

A. अल ख़्वारिजमी

Q.21 जूलॉजी का पिता किसे कहा जाता है? 

A. अरस्तु

Q.22 रक्त समूह का जनक किसे कहा जाता है? 

A. लैंडस्टीनर

Q.23 नंबर के पिता किसे कहते हैं? 

A. पाइथागोरस

Q.24 इलेक्ट्रॉनिक्स के पिता किसे कहते हैं? 

A.  रे टॉमलिंसन

Q.25 कानून विषय के जनक किसे कहते हैं? 

A. सिसरौ

Q.26 सर्जरी विषय के जनक किसे कहते हैं? 

A. सुत्रुत

Q.27 होम्योपैथी विषय के जनक किसे कहते हैं? 

A. सैमुअल हेनिमैन

Q.28 चिकित्सा विषय के जनक किसे कहते हैं? 

A. हिप्पोक्रेट्स

Q.29 पीली क्रांति विषय के जनक किसे कहते हैं? 

A. सैम पित्रोरा

Q.30 मोबाइल फोन के जनक किसे कहते हैं? 

A. मार्टिन कूपर

Q.31 टेलीफोन के जनक किसे कहते हैं? 

A. अलेक्जेंडर ग्राहम बेल

Q.32 वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) के जनक किसे कहते हैं? 

A. टिक बैरनर्स ली

Q.33 सर्च इंजन के जनक किसे कहते हैं? 

A. एलन वोल्टेज

Q.34 नैनो टेक्नोलॉजी के जनक किसे कहते हैं? 

A. रिचर्ड स्माली

Q.35 भारतीय संविधान के जनक किसे कहते हैं? 

A. डॉ बाबासाहेब आंबेडकर 

आर्टिकल समरी (Summary)

इस लेख में आपकों सभी विषयों के जनक कौन है और उनके नाम के बारे में जानकारी दी है. यदि आप स्कूल और कॉलेज के जरूरी विषयों के जनक के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो यह पोस्ट पढ़ सकते हैं.

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वास्तु के जनक कौन है?

वास्तु के पुत्र का नाम विश्वकर्मा था। वास्तुशास्त्र में महारथ होने के कारण विश्कर्मा को वास्तुशास्त्र का जनक कहा गया। इस तरह भगवान विश्वकर्मा जी का जन्म हुआ।

वास्तु शास्त्र के लेखक कौन है?

वास्तु की नींव पारंपरिक रूप से पौराणिक ऋषि मामुनि मय को दी जाती है, जिन्हें माना जाता है कि वे पहले लेखक और वास्तु शास्त्र के निर्माता और प्राचीन काल के वास्तु निर्माण के विशेषज्ञ थे।

वास्तु की उत्पत्ति कैसे हुई?

भगवान शिव के पसीने से वास्तु पुरुष की उत्पत्ति हुई है। भगवान शिव का पसीना धरती पर गिरा तो उससे ही वास्तु पुरुष उत्पन्न होकर जमीन पर गिरा। वास्तु पुरुष को प्रसन्न करने के लिए वास्तु शास्त्र की रचना की गई। वास्तु पुरुष का असर सभी दिशाओं में रहता है।

वास्तु शास्त्र का मूल क्या है?

वास्तु शास्त्र के मूल सिद्धांत जब वास्तु शास्त्र की बात आती है, तो रहने की जगह का स्थान और अभिविन्यास महत्वपूर्ण होता है और संपत्ति का चयन पहला कदम होता है। वास्तु शास्त्र कहता है कि घर का मुख किसी भी दिशा में हो – पूर्व, पश्चिम, उत्तर या दक्षिण – यह एक अच्छा विकल्प है, क्योंकि प्रत्येक दिशा के अपने फायदे हैं।