वर्साय की सन्धि क्या थी इस सन्धि को द्वितीय विश्व युद्ध के लिए उत्तरदायी क्यों माना गया? - varsaay kee sandhi kya thee is sandhi ko dviteey vishv yuddh ke lie uttaradaayee kyon maana gaya?

वर्साय संधि की क्या शर्ते थी?

इसे सुनेंरोकेंसन्धि के प्रमुख प्रावधान जर्मनी को अपने समुद्र पार के उपनिवेश, 13 प्रतिशत भू-भाग, 75 प्रतिशत लौह-भण्डार, 26 प्रतिशत कोयला भण्डार फ्रांस, पोलैण्ड, डेनमार्क और लिथुआनिया के हवाले करने पड़े। जर्मनी की रही-सही ताकत खत्म करने के लिए मित्र राष्ट्रों ने उसकी सेना भी भंग कर दी।

इसे सुनेंरोकेंप्रथम विश्वयुद्ध के बाद पराजित जर्मनी ने 28 जून 1919 के दिन वर्साय की सन्धि पर हस्ताक्षर किये। इसकी वजह से जर्मनी को अपनी भूमि के एक बड़े हिस्से से हाथ धोना पड़ा, दूसरे राज्यों पर कब्जा करने की पाबन्दी लगा दी गयी, उनकी सेना का आकार सीमित कर दिया गया और भारी क्षतिपूर्ति थोप दी गयी।

महिलाओं का वर्साय अभियान कब हुआ था?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर 7 :- (1)

वर्साय की संधि से जर्मनी को नफरत क्यों थी?

इसे सुनेंरोकेंवर्साय की सन्धि को जर्मनी पर जबरदस्ती थोपा गया था। इस कारण एडोल्फ हिटलर और अन्य जर्मन लोग इसे अपमानजनक मानते थे और इस तरह से यह सन्धि द्वितीय विश्वयुद्ध के कारणों में से एक थी।

Ww1 क्यों हुआ?

इसे सुनेंरोकेंप्रथम विश्व युद्ध के कारण (Causes of World War I) – 28 जून 1914 को, बोस्निया के सर्ब यूगोस्लाव राष्ट्रवादी गैवरिलो प्रिंसिप ने साराजेवो में ऑस्ट्रो-हंगेरियन वारिस आर्चड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की हत्या कर दी। जिसके बाद ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया पर युद्ध की घोषणा की।

न्यूली की संधि कब हुई?

27 नवंबर 1919नेउइली-सुर-सेइन की संधि / शुरू होने की तारीख

द्वितीय विश्वयुद्ध के लिए कौन सी संधि उत्तरदायी थी?

इसे सुनेंरोकेंजर्मनी का अपमान द्वितीय विश्व युद्ध का प्रमुख कारण सिद्ध हुआ। इसलिए वर्साय की संधि को द्वितीय विश्व युद्ध के लिए उत्तरदायी माना गया।

वर्साय संधि कब समाप्त हुई?

इसे सुनेंरोकेंजर्मनी ने 1935 में वर्साय की संधि के सैनिक प्रावधानों का खंडन (repudiation) किया, 1936 में उसने लोकानों संधि का खंडन करके राईनलैंड का पुनः सैन्यकरण किया, मार्च 1938 में उसने ऑस्ट्रिया पर अधिकार करके (संधि प्रावधानों के विरुद्ध) उसका जर्मन रीख में विलय कर लिया, तथा 1938-39 में चैकोस्लावाकिया का विघटन करवाकर उसके कई …

इलाहाबाद की संधि कब और किसके मध्य हुई?

इसे सुनेंरोकेंइलाहाबाद की प्रथम सन्धि, राबर्ट क्लाइव तथा मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय के बीच में १२ अगस्त १७६५ में हुई थी। यह संधि बंगाल के इतिहास में एक युगान्तकारी घटना थी क्योंकि कालान्तर में इसने उन प्रशासकीय परिवर्तनों की पृष्ठभूमि तैयार कर दी जिससे ब्रिटिश प्रशासनिक व्यवस्था की आधारशिला रखी गयी।

“वर्साय की संधि” जिस पर शांति की संधि के रूप में हस्ताक्षर किये गए, ने प्रतिकूल तरीके से एक और महान युद्ध के लिये मंच तैयार किया। परीक्षण कीजिये। (250 शब्द)

उत्तर

हल करने का दृष्टिकोण:

• शांति के लिये जानी जाने वाली इस संधि की पृष्ठभूमि लिखिये।

• इसके परिणामों का संक्षिप्त परिचय दीजिये और बताइये कि यह जर्मनी के लिये क्यों कठोर थी।

• हिटलर व नाजी पार्टी के उदय का विवरण दीजिये।

• यह संधि द्वितीय विश्वयुद्ध के लिये उत्तरदायी थी, इसके पक्ष में निष्कर्ष दीजिये।

परिचय:

वर्साय की संधि को जून 1919 में प्रथम विश्वयुद्ध के बाद यूरोप में शांति स्थापना के उद्देश्य से की गयी। यह संधि मित्र राष्ट्रों द्वारा जर्मनी के साथ की गई महत्त्वपूर्ण संधि थी। यह संधि पूर्णरूप से मित्र राष्ट्रों के हितों के संवर्द्धन एवं जर्मन हितों के बलिदान पर आधारित थी।

प्रमुख बिंदु:

इस संधि को निम्नलिखित कारणों से ‘शांति के आज्ञा पत्र’ के रूप में देखा जा सकता है-

  • जर्मनी को नि:शस्त्रीकरण हेतु बाध्य किया गया। इस संधि के तहत जर्मन सेना की अधिकतम संख्या 1 लाख तय कर दी गई और जर्मनी के प्रधान सैनिक कार्यालय को समाप्त कर दिया गया।
  • इस संधि में जर्मनी के अधिकार वाले क्षेत्रों को मित्र राष्ट्रों के अधीन करने का प्रावधान किया गया। प्रशांत महासागर क्षेत्र में स्थित द्वीपों, अफ्रीका में स्थित जर्मन उपनिवेशों आदि को मित्र राष्ट्रों के संरक्षण में रखा गया।
  • जर्मनी और उसके सहयोगी देशों को युद्ध शुरू करने का एकमात्र दोषी ठहराया गया।
  • युद्ध में मित्र राष्ट्रों को हुई क्षति की भरपाई करने के लिये जर्मनी को क्षतिपूर्ति का दायित्व सौंपा गया। युद्ध काल में जर्मनी द्वारा फ्रांँस के लोहे एवं कोयले का भरपूर उपयोग किया गया, इसी आधार पर लोहे एवं कोयले की खानों से समृद्ध जर्मनी का सार क्षेत्र आगामी 15 वर्षों के लिये फ्राँस को दे दिया गया।

वर्साय की संधि: मूल्यांकन

  • आरोपित संधि: इस संधि की शर्तें तैयार करने में जर्मनी की कोई भूमिका नहीं थी, जर्मनी को सिर्फ इस पर हस्ताक्षर करने की भूमिका मिली थी। अत: जर्मनवासी इसे थोपी हुई मानते थे।
  • अपमानजनक प्रावधान: जर्मनी को आर्थिक दृष्टि से कमज़ोर करते हुए उसके संसाधनों पर दूसरे राष्ट्रों का स्वामित्व स्थापित कर दिया गया। जर्मनी की सैन्य शक्ति को समाप्त प्राय बना दिया गया। किसी स्वाभिमानी राष्ट्र के लिये इन कठोर शर्तों को स्वीकार करना असंभव था।
  • प्रतिशोधात्मक संधि: संधि के प्रावधानों की कठोरता से यह निष्कर्ष निकलता है कि यह संधि शांति स्थापना के उद्देश्य से कहीं अधिक विजेता राष्ट्रों के अपने स्वार्थों की पूर्ति और अपनी पुरानी शत्रुता का प्रतिशोध लेने के उद्देश्य से प्रेरित थी।
  • आत्मनिर्णय के सिद्धांत का पालन नहीं: विल्सन के आत्मनिर्णय के सिद्धांत के अनुसार, एक जाति, एक भाषा और संस्कृति के लोगों को अपना राज्य बनाने की स्वतंत्रता होगी। किंतु, इसका पालन भी जर्मनी के संदर्भ में नहीं किया गया। जर्मन जनता को जर्मनी से पृथक अन्य राष्ट्रों के अधीन रखा गया जिससे जर्मन असंतोष को बढ़ावा मिला।
  • वर्साय की संधि वैचारिक संघर्ष के रूप: वर्साय की संधि में तीन लोगों- क्लिमेंशू, विल्सन और लॉयड जॉर्ज के विचारों का संघर्ष झलकता है।
  • वर्साय की संधि एवं द्वितीय विश्वयुद्ध: इस संधि प्रत्यक्ष रूप से द्वितीय विश्वयुद्ध के लिये ज़िम्मेदार थी। इस संधि का उद्देश्य यूरोप में स्थायी शांति की स्थापना करना था। परंतु इसके मूल में विद्यमान विषाक्त बीज मात्र 20 वर्षों के भीतर ही फूट पड़ा और द्वितीय विश्वयुद्ध के रूप में विश्व के महाविनाश का कारण बना।

वर्ष 1919 में जर्मनी असहाय था, अत: उसने वर्साय की कठोर संधि को मजबूरी में स्वीकार कर लिया। वर्ष 1935-36 में नि:शस्त्रीकरण संबंधी वर्साय संधि की शर्तों की सभी मर्यादाओं को हिटलर ने भंग कर दिया।

निष्कर्ष:

वर्साय संधि की यूरोप में शांति स्थापना व जर्मनी पर नियंत्रण करने में असफल रही क्यूंकि हिटलर के नेतृत्व में जर्मनी का पुनः सैन्यकरण हुआ जो द्वितीय विश्व युद्ध का कारण बना।

वर्साय की संधि द्वितीय विश्व युद्ध का एक महत्वपूर्ण कारण कैसे बनी?

वर्साय की सन्धि को जर्मनी पर जबरदस्ती थोपा गया था। इस कारण एडोल्फ हिटलर और अन्य जर्मन लोग इसे अपमानजनक मानते थे और इस तरह से यह सन्धि द्वितीय विश्वयुद्ध के कारणों में से एक थी।

21 वर्साय की सन्धि क्या थी इस सन्धि को द्वितीय विश्व युद्ध के लिए उत्तरदायी क्यों माना गया?

जर्मनी का अपमान द्वितीय विश्व युद्ध का प्रमुख कारण सिद्ध हुआ। इसलिए वर्साय की संधि को द्वितीय विश्व युद्ध के लिए उत्तरदायी माना गया

द्वितीय विश्व युद्ध का कारण क्या था?

हिटलर ने वर्साय संधि का उल्लंघन शुरू कर दिया जर्मन सेनाओं ने इसके बाद एक सितंबर 1939 को पोलैंड पर धावा बोला। पोलैंड पर यह हमला देख ब्रिटेन और फ्रांस बौखलाए और वे उसकी मदद के लिए आगे बढ़े। उन्होंने जर्मनी के पोलैंड पर आक्रमण करने के दो दिन बाद जर्मनी के खिलाफ हमला बोल दिया। इस हमले से ही दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत हुई।

द्वितीय विश्व युद्ध ने विश्व इतिहास को कैसे प्रभावित किया?

जून १९४१ में युरोपीय धुरी राष्ट्रों ने सोवियत संघ पर हमला बोल दिया और इसने मानव इतिहास में ज़मीनी युद्ध के सबसे बड़े रणक्षेत्र को जन्म दिया। दिसंबर १९४१ को जापानी साम्राज्य भी धुरी राष्ट्रों की तरफ़ से इस युद्ध में कूद गया। दरअसल जापान का उद्देश्य पूर्वी एशिया तथा इंडोचायना में अपना प्रभुत्व स्थापित करने का था।