दूरी समय का ग्राफ क्या प्रदर्शित करता है?... Show चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। दूरी समय ग्राफ जो है इसमें दूरी को जो है भाई एक सीट पर रखा जाता है उस समय को रखा जाता है तो बताता है कि कितना लिया गया है कितना डिस्टेंस को जो है चलने के लिए इससे जो है आपका स्पीड निकाल सकते हैं गति गति भी आपके ग्रुप के जरिए निकाल सकते ग्राफ के जरिए Romanized Version 1 जवाब Vokal App bridges the knowledge gap in India in Indian languages by getting the best minds to answer questions of the common man. The Vokal App is available in 11 Indian languages. Users ask questions on 100s of topics related to love, life, career, politics, religion, sports, personal care etc. We have 1000s of experts from different walks of life answering questions on the Vokal App. People can also ask questions directly to experts apart from posting a question to the entire answering community. If you are an expert or are great at something, we invite you to join this knowledge sharing revolution and help India grow. Download the Vokal App!
विवेक मेहता [Hindi,PDF 257 KB] लाइनों का नामकरण - लेख में हमारी चर्चा का विषय थीं लाइनें - सीधी सपाट लाइनें। उस लेख में हमने लाइनों को एक-दूसरे से अलग-अलग पहचानने के ग्राफ-आधारित एक तरीके पर बात की थी। साथ ही यह भी देखा था कि एक ग्राफ पर दो अक्षों के सापेक्ष
खींची गई एक लाइन का इस्तेमाल हम उन दो अक्षों को दर्शाती राशियों के बीच के सरल-रेखीय सम्बन्ध को दर्शाने के लिए भी करते हैं। अगली बात जो इस ग्राफ में दिखाई देती है वो यह कि इसमें लाइन L1 व L2 के माध्यम से दो अलग-अलग गतियों को दर्शाया गया है। अब ये गतियाँ एक ही वस्तु की दो अलग-अलग दिनों की गति है (जैसे किसी धावक के दो अलग-अलग दिनों की प्रैक्टिस का रिकॉर्ड या एक ही बस की दो अलग-अलग दिनों की गति) या दो अलग-अलग वस्तुओं की एक
ही समय पर गतियाँ (जैसे कि दो धावकों की एक दौड़ प्रतियोगिता, या एक ही समय पर दो बसों का बस-स्टाप से छूटना), इसके बारे में अकेले ग्राफ को देखकर तो कुछ भी पता नहीं चलता। एक और बात जो इस ग्राफ से हमें नहीं पता चलती है वो यह कि ये गतियाँ किस दिशा में या किस पथ पर हुई हैं। उदाहरण के तौर पर अगर हम यह मान लें कि यह ग्राफ दो धावकों की एक मैराथॉन दौड़ से जुड़ा हुआ है तो इस ग्राफ को देखकर हम यह नहीं बता सकते कि धावक किसी स्टेडियम के अन्दर ही गोल-गोल चक्कर लगा रहे थे या फिर खुली सड़क पर दौड़ रहे थे। c व m के मायने अब आते हैं ढलान पर। पिछले लेख में हमने देखा था कि एक ग्राफ पर खींची किसी लाइन की ढलान एक नियत राशि होती है व अक्ष-x की राशि के साथ अक्ष-y की राशि में होने वाले परिवर्तन की दर को
दर्शाती है। इस तरह देखें तो एक दूरी-समय ग्राफ में एक लाइन की ढलान समय के साथ-साथ वस्तु के द्वारा तय की गई दूरी की दर को दर्शाएगी। आम बोलचाल की भाषा में इस दर को ही किसी वस्तु की स्पीड, रफ्तार या चाल कहते हैं। दूरी-समय ग्राफ पर किसी लाइन की ढलान जितनी ज़्यादा होगी, वस्तु की रफ्तार उतनी ही तेज़ होगी। समीकरण (1) से हम देख सकते हैं कि इस दर की इकाई होगी दूरी प्रति इकाई समय। अगर दूरी किलोमीटर व समय घण्टों में लिया जाए तो स्पीड की इकाई होगी किलोमीटर प्रति घण्टा। चित्र-1 के मामले में लाइन L1
के द्वारा दर्शाई गई वस्तु की चाल है 10 कि.मी. प्रति घण्टा (km/h) व लाइन L2 के लिए 5 कि.मी. प्रति घण्टा। क्यूँकि वस्तु की चाल समय के साथ नहीं बदल रही इसलिए इसे एकरूप चाल (constant speed) कहते हैं (देखें बॉक्स-1)। स्पीड बनाम वेग
चित्र-4 में वस्तु के लिए सम्भावित अनगिनत पथों में से दो पथ दर्शाए गए हैं। इन दोनों मामलों में चाल व सन्दर्भ बिन्दु O से शुरुआती दूरी समान होने के बावजूद अन्त में सन्दर्भ बिन्दु से वस्तु की दूरी अलग-अलग होगी। पहले मामले में वस्तु एक वृत्तीय पथ पर चल रही है, जिसके चलते सन्दर्भ बिन्दु ग्र् से उसकी दूरी हमेशा ही 20 कि.मी. होगी। गौर करने वाली बात है कि इस मामले में वस्तु के आगे बढ़ने की दिशा लगातार बदलेगी, जिसके चलते एकरूप चाल होने के बाद भी यह एकरूप वेग की गति नहीं है। दूसरे मामले में वस्तु सन्दर्भ बिन्दु व शुरुआती बिन्दु को जोड़ने वाली रेखा पर सन्दर्भ बिन्दु के विपरीत दिशा में चल रही है जिसके चलते अन्त में वस्तु की सन्दर्भ बिन्दु से दूरी होगी 80 कि.मी.। इस मामले में चूँकि वस्तु के बढ़ने की दिशा बदल नहीं रही व चाल एकरूप है, इसलिए ये मामला एकरूप वेग की गति का है। इन दोनों मामलों में एक बराबर दूरी तय करने के बावजूद वस्तु की सन्दर्भ बिन्दु से दूरी अलग-अलग होगी। हम देख सकते हैं गतिमान वस्तु के लिए दूरी से जुड़ी दो विभिन्न भौतिक राशियाँ होती हैं - (1) वस्तु के द्वारा तय की गई दूरी व (2) सन्दर्भ बिन्दु से वस्तु की न्यूनतम4 दूरी। इस न्यूनतम दूरी के लिए एक खास शब्द का इस्तेमाल किया जाता है - विस्थापन (displacement)। वेग की ही तरह विस्थापन भी एक सदिश राशि है यानी कि मान के साथ इसमें दिशा की भी जानकारी होती है। चित्र-4 में दिखलाए गए दोनों मामलों के लिए वस्तु के द्वारा तय की गई दूरी व समय के बीच का ग्राफ तो एक ही होगा लेकिन विस्थापन के मान व समय के बीच के ग्राफ अलग-अलग (देखें चित्र-4)। इसलिए किसी वस्तु के लिये दूरी-समय ग्राफ बनाते हुए ये साफ-साफ बतलाना ज़रूरी होगा कि दूरी के अक्ष पर कौन-सी माप ली गई है वरना चित्र-4 केस (i) को देखकर कोई इस गलत निष्कर्ष पर भी पहुँच सकता है कि वस्तु स्थिर है। जबकि इस मामले में वस्तु एक वृत्तीय पथ पर एकरूप चाल से गतिमान है। गौर कीजिए कि चित्र-4 में अक्ष-y पर विस्थापन के मान को दर्शाया गया है विस्थापन को नहीं। ऐसा इसलिए क्यूँकि एक आम गति के लिए ग्राफ पर विस्थापन की दिशा दर्शा पाना सम्भव नहीं। यही बात वेग पर भी लागू होती है। लेकिन एक खास तरह की गति के लिए हम वेग व विस्थापन को भी ग्राफ पर दर्शा सकते हैं। सरल-रेखीय गति इस पथ पर पहले वस्तु की स्थिति की बात कर लेते हैं। सन्दर्भ बिन्दु के सापेक्ष वस्तु की स्थिति या तो दाहिनी ओर हो सकती है या बाईं ओर (चित्र-5 (b)। वस्तु की स्थिति स्पष्ट तरीके से बतलाने के लिए हमें न केवल यह बतलाना होगा कि वस्तु की सन्दर्भ बिन्दु से दूरी कितनी है बल्कि यह भी कि वस्तु किस ओर है। ऐसे में चित्र-2 केस (ii) की वस्तुओं की स्थिति हम कुछ इस तरह से बतलाएँगे - वस्तु A की सन्दर्भ बिन्दु से दूरी = 20 km बाईं ओर व वस्तु ए की सन्दर्भ बिन्दु से दूरी =20 km दाईं ओर। इस बात को कम शब्दों में कहने का एक और तरीका भी है। अगर हम सन्दर्भ बिन्दु के बाईं ओर की दूरियों को ऋणात्मक व दाईं ओर की दूरियों को धनात्मक मान लें तो हम कह सकते हैं कि वस्तु B की सन्दर्भ बिन्दु से दूरी = +20km व वस्तु ए की सन्दर्भ बिन्दु से दूरी = -20 km। इस तरह ऋणात्मक व धनात्मक चिन्हों के साथ दूरी को अभिव्यक्त कर हम न केवल यह जान सकते हैं कि वस्तु सन्दर्भ बिन्दु से कितनी दूरी पर है बल्कि यह भी कि वो किस ओर है। एक दूरी-समय ग्राफ के दूरी के अक्ष पर शून्य के ऊपर धनात्मक व नीचे की ओर ऋणात्मक दूरियों को दर्शाकर हम यह व्यवस्था ग्राफ पर भी बना सकते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो सरल-रेखीय गति के मामले में हम एक ग्राफ पर विस्थापन को दर्शा सकते हैं जो कि एक आम गति के मामले में सम्भव नहीं था। इसी तरह चाल की
दिशा के लिए भी हम एक व्यवस्था बना सकते हैं। अगर किसी भी शुरुआती स्थिति से वस्तु की बाईं ओर चलने पर चाल को ऋणात्मक व दाईं ओर चलने पर धनात्मक मान सकते हैं (चित्र-5 (c))। अगर वस्तु अपनी शुरुआती स्थिति से 10km/h की एकरूप चाल से बाईं ओर चले तो हम कहेंगे कि वस्तु का एकरूप वेग है -10 km/h, वहीं अगर वस्तु दाईं ओर बढ़े तो हम कहेंगे वस्तु का एकरूप वेग है +10 km/h। गुणात्मक तौर पर देखें तो किसी सन्दर्भ बिन्दु के सापेक्ष एक सरल-रेखीय गति की इस व्यवस्था में एकरूप चाल के तीन मामले हो सकते हैं। ये तीनों मामले एक विस्थापन-समय ग्राफ पर कैसे दर्शाए जाएँगे? कोशिश कीजिए दर्शाने की। ‘लाइनों का नामकरण’
लेख में हमने देखा था कि किसी ग्राफ में खींची लाइनें ग्राफ के अक्षों को दर्शाती चर-राशियों x व y के बीच सम्बन्ध को दर्शाती हैं। इस सरल रेखीय सम्बन्ध को लाइन की ढलान ‘m’ व y अन्त:-खण्ड ‘c’ के लिए समीकरण (2) से दर्शा सकते हैं: गौर कीजिए कि तालिका में दर्शाई गई गति के लिए अगर शुरुआती विस्थापन को d0, वेग को v, समय को t व tसमय बाद विस्थापन को d से दर्शाएँ तो इन राशियों के बीच सम्बन्ध होगा: जोकि समीकरण (2) की तरह ही एक सरल-रेखीय सम्बन्ध है (चित्र-3, लाइन L1)। यहाँ यह बात दोहरा देना ज़रूरी है कि सम्बन्ध (3) सिर्फ और सिर्फ उन मामलों के लिए ही लागू होगा जिनमें वस्तु एकरूप वेग से गति कर रही हो यानी कि एकरूप चाल से एक सीधी रेखा या पथ पर गतिशील हो। चित्र-6 में अन्य दो मामलों को भी लाइन L2 व L3 से दर्शाया गया है। इन मामलों के लिए भी आप समीकरण (3) की वैधता जाँच सकते हैं। इस भाग में बस इतना ही; अगले भाग में तैयार रहिए दर-दर भटकने के लिए। फिलहाल के लिए दो सवाल जो आप चाहें तो गति के ग्राफ की मदद से भी हल कर सकते हैं। देखिए तो ज़रा कि ग्राफ की मदद से इन्हें हल करने में कुछ आसानी होती है क्या? * नदी के दो अलग-अलग छोरों पर खड़ी दो मोटरबोट एक ही समय पर दूसरे छोर की तरफ एकरूप वेग से चलना शुरु करती हैं, दूसरे छोर पर पहुँचकर बिना वक्त गवाए एकरूप वेग से ही वापिस पहले वाले छोर की तरफ आने लगती हैं। इनमें से एक बोट की एकरूप रफ्तार 10 m/s व दूसरे की 20 m/s है। अगर नदी की चौड़ाई 600 mहो तो बोट अपनी गति के दौरान किस-किस बिन्दु व समय पर एक-दूसरे का रास्ता काटेंगी? * नदी के दो अलग-अलग छोरों पर खड़ी दो मोटरबोट एक ही समय पर दूसरे छोर की तरफ एकरूप वेग से चलना शुरु करती हैं। इस दौरान वे एक-दूसरे के रास्ते को पास वाले छोर से 400 m की दूरी पर काटती हैं। दूसरे छोर पर 10 मिनट रुककर एकरूप वेग से ही वापिस पहले वाले छोर की तरफ आने लगती हैं। इस रिटर्न यात्रा में वो फिर से एक-दूसरे के रास्ते को दूसरे छोर से 200 mकी दूरी पर काटती हैं। क्या आप बता सकते हैं नदी कितनी चौड़ी है? (...जारी) विवेक मेहता: आई.आई.टी., कानपुर से मेकेनिकल इंजीनियरिंग में पीएच.डी. की है। एकलव्य के विज्ञान शिक्षण कार्यक्रम के साथ फैलोशिप पर हैं जिसके तहत वे हाईस्कूल की कक्षाओं के लिए गतिविधि आधारित मॉड्यूल तैयार कर रहे हैं। यह प्रयास, कनेक्ट्ड लर्निंग इनिशिएटिव, टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान के समर्थन से संचालित
है। दुरी समय रेखा चित्र क्या दर्शाता है?किसी वस्तु की एकसमान सरल रेखीय गति के दौरान, समय के साथ वेग नियत रहता है। इस अवस्था में किसी भी समयांतराल में वस्तु के वेग में परिवर्तन शून्य है।
दूरी समय ग्राफ से क्या पता चलता है?Answer: समय दूरी ग्राफ का ढाल गति को प्रदर्शित करता है। इस ग्राफ के एक ओर समय प्रदर्शित किया जाता है और दूसरी ओर दूरी और इस ग्राफ की बढ़त से उस समय में कितनी गति से कितनी दूरी तय की गई है, यह पता चलता है।
दूरी समय ग्राफ की दाल प्रवणता क्या प्रदर्शित करता है?किसी रेखा की प्रवणता का आंकिक मान उसके किसी दो बिन्दुओं के बीच की ऊंचाई (उर्ध्वाधर दूरी) तथा क्षैतिज दूरी के अनुपात के बराबर होती है। जहाँ m रेखा की प्रवणता को सूचित कर रहा है। त्रिकोणमिति की भाषा में किसी रेखा की प्रवणता उसके द्वारा क्षैतिज के साथ बनाये गये कोण के स्पर्शज्या (tan) के बराबर होती है।
चाल समय ग्राफ के अंतर्गत क्षेत्रफल क्या दर्शाता है?वेग-समय आलेख के अंतर्गत आने वाला क्षेत्र कुल तय की गई दूरी को दर्शाता है।
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