दिमाग में आवाज क्यों आती है? - dimaag mein aavaaj kyon aatee hai?

कई लोगों में शांत वातावरण में बैठे होने और किसी तरह का बाहरी शोर नहीं होने पर भी कानों में आवाज गूंजने की समस्या होती है। कानों में सीटी बजने जैसी आवाज आना एक बीमारी है। कुछ लोग इसे बोलचाल की भाषा में कान बजना भी कहते हैं। 

यह आम समस्या नहीं है, बल्कि टिनिटस नाम की बीमारी है। इस बीमारी में कानों के अंदर बिना किसी कारण आवाज सुनाई देती है। हालांकि यह समस्या स्थाई नहीं होती, लेकिन सही उपचार न किए जाने पर लंबे समय तक और लगातार परेशानी का कारण बन सकती है। 
यह समस्या कभी भी पैदा हो सकती है और खास बात यह है कि कई बार अपने आप ही ठीक हो जाती है, लेकिन कुछ गंभीर मामलों में यह सुनने की क्षमता पर असर डालती है।

अगर कोई व्यक्ति टिनिटस यानी कान बजने का शिकार हो गया है तो उन्हें उन लक्षणों को पहचानना होगा, क्योंकि कई बार लोग इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं जिससे बीमारी लंबे समय चलती है। 

इस बीमारी का सामान्य लक्षण है कि कान में तेजी से घंटियां बजती हैं और तेज सिरदर्द होता है। इसके अलावा कान में झनझनाहट होती है। कान बजने की तीव्रता घटती-बढ़ती रहती है।

टिनिटस के सामान्य कारणों में कान में मैल हो जाना, कान में पस पड़ना, गंभीर चोट या संक्रमण के कारण कान के पर्दे में छेद होना या फिर लगातार तेज आवाज सुनने के कारण कान में क्षति हुई हो। 

एक अन्य कारण में बढ़ती उम्र के कारण सुनने की क्षमता पर असर है। वैसे सर्दी के मौसम में फ्लू या इन्फेक्शन के कारण नाक बंद हो जाती है, इससे कान पर दबाव पड़ता है और यह भी कान बजने का एक कारण है। 

कान बजने के कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं, जिनमें हाई बीपी, कम या अधिक सक्रिय थायराइड ग्रंथि, डायबिटीज, एनीमिया, अपने आसपास कोई बड़ा विस्फोट या गोलियों की जोर से आवाज सुनना जैसे कारण शामिल हैं।

डॉ. अभिषेक गुप्ता का कहना है कि कुछ महत्वपूर्ण सवालों के आधार पर इसके गंभीर कारणों का पता लगाया जा सकता है जैसे, सुनाई देने वाली आवाज लगातार आ रही है या रुक रुककर, सुनाई दे रहा है या नहीं, चक्कर तो नहीं आ रहे, कान के पास दर्द और जबड़े के चटखने की आवाज या कान के पास कभी चोट लगी हो। 
इस दौरान कुछ टेस्ट किए जाते हैं जिसमें कान, सिर, गर्दन या धड़ का संपूर्ण परीक्षण, सुनने की क्षमता की जांच, ब्लड टेस्ट, कान में ट्यूमर या अन्य स्थिति की जांच के लिए सीटी स्कैन और एमआरआई स्कैन कराना शामिल है।

बीमारी की गंभीरता के आधार पर इसका उपचार है। समस्या हल्की या पिछले कुछ समय से ही हो तो अपने आप ठीक हो जाती है। इस बीमारी के रोगियों को साउंड थेरेपी दी जाती है।  कुछ विशेष मामलों में ही सर्जिकल उपचार दिया जाता है। नसों से जुड़ी समस्याएं या कान में ट्यूमर की स्थिति में ही यह उपचार दिया जाता है।

इस बीमारी के शिकार होने का जोखिम कुछ परिस्थितियों में तब बढ़ जाता है जब जहां आप काम करते हैं वहां लगातार शोर हो। हेडफोन का अधिक इस्तेमाल, अत्यधिक धूम्रपान भी जोखिम के कारक होते हैं। इससे बचाव के लिए तेज आवाज के संपर्क में आने से बचें। कान में लगाकर इस्तेमाल करने वाले उपकरणों की आवाज धीमी रखें।

अधिक जानकारी के लिए देखें: https://www.myupchar.com/disease/tinnitus

क्या आपको भी अचानक से कान में सीटी की आवाज सुनाई देने लगती है. किसी के ऐसा न करने के बावजूद आपको ऐसी आवाज सुनाई देना एक बीमारी है. जानिए क्या है बीमारी और कब अलर्ट होने की जरूरत है...

दिमाग में आवाज क्यों आती है? - dimaag mein aavaaj kyon aatee hai?

कान में आवाज आने की वजह ट्यूमर भी हो सकता है.

क्‍या आपको भी अचानक से कान में सीटी की आवाज सुनाई देती है. किसी के ऐसा न करने के बावजूद आपको आवाज सुनाई देना ट‍िनिटस  बीमारी का एक लक्षण है. यह कान से जुड़ी एक बीमारी है. ऐसा होने की कई वजह हैं.  कुछ मामलों में इसका कारण ट्यूमर भी हो सकता है. इसलिए इसे हल्‍के में न लें.

कान में सीटी की आवाज आने के क्‍या कारण हैं, ये किस तरह की बीमारी का इशारा करते हैं और ऐसा होने पर क्‍या करें, जानिए इन सवालों के जवाब…

कान में सीटी बजने की वजह समझें

वैज्ञान‍िक भाषा में इसे ट‍िनि‍टस कहते हैं. ऐसा होने पर ज्‍यादातर लोगों में सीटी बजने की आवाजें आती हैं. कुछ मरीजों को अलग तरह की आवाजें भी सुनाई दे सकती हैं, जैसे- अचानक से कुछ गूंजने या चीखने की आवाज आना. आसान भाषा में समझें तो कान का अंदरूनी हिस्‍सा ध्‍व‍न‍ि की तरंगों को ब्रेन तक पहुंचाता है. इसके बाद ही आप किसी भी ध्‍व‍न‍ि को सुन पाते हैं.

ट‍िनिटस की स्थिति में कान का यही अंदरूनी हिस्‍सा डैमेज हो जाता है और ब्रेन तक ध्‍वनि तरंगों के स‍िग्‍नल नहीं पहुंच पाते. नतीजा ऐसी आवाजें सुनाई देती हैं. एक्‍सपर्ट कहते हैं, कई बार कान में ट्यूमर होने पर भी सीटी बजने की आवाजें आती हैं. तेज आवाज सुनने की आदत से भी ऐसा हो सकता है. जैसे- हेडफोन लगाकर तेज म्‍यूजिक सुनने पर टिनिटस हो सकता है. इसके अलावा कुछ दवाओं के कारण भी ऐसा हो सकता है. कोरोना से जूझने वाले कई मरीजों में भी ट्रीटमेंट के बाद कान में सीटी बजने की शिकायत देखी गई है. 

उम्र के साथ सुनने की क्षमता घटना, हाई ब्‍लड प्रेशर, हाई कोलेस्‍ट्रॉल और सिर-नाक में इंजरी के कारण भी ट‍िनिटस की शिकायत हो सकती है. ऐसा होने पर डॉक्‍टर्स के संपर्क करें.

कैसे पता चलेगा कि बीमारी से जूझ रहे हैं या नहीं

कान में गड़बड़ी की वजह जानने के लिए ऑडियोलॉजिस्‍ट हेडफोन की मदद से एक कान में आवाज पहुंचाते हैं और रिएक्‍शन को समझते हैं. इसकी मदद से टिनिटस का पता लगाया जाता है. इसके अलावा कान में डैमेज अध‍िक होने पर डॉक्‍टर्स एमआरआई स्‍कैन और एक्‍सरे की सलाह भी देते हैं.

कैसे होगा इसका इलाज?

मरीज में टिनिटस की स्थित‍ि के मुताबिक ही इलाज किया जाता है. मरीज के कान में मौजूद अतिर‍िक्‍त वैक्‍स को हटाया जाता है. दवाओं से इलाज किया जाता है. इसके अलावा मरीज को नॉन-सप्रेशन मशीन का इस्‍तेमाल करने की सलाह दी जाती है. इसका इस्‍तेमाल करने पर आवाजें या चीखें सुनाई देने की समस्‍या को कम किया जा सकता है. अगर आपको भी ऐसी आवाजें सुनाई देती हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें. ईएनटी स्‍पेशलिस्‍ट को दिखाएं ताकि इसकी सही वजह समझी जा सके.

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सिर में आवाज क्यों आती है?

ऐसा ईयर सेल्स के डैमेज होने के कारण होता है। इसके अलावा विभिन्न जोखिम कारक जैसे उम्र, लिंग, जीवनशैली, आवाज के संपर्क में आने से टिनिटस हो जाता है। यदि समय पर इसका इलाज न कराया जाए, तो व्यक्ति डिप्रेशन में तक जा सकता है। कई बार गंभीर टिनिटस वाले लोगों को सुनने , काम करने या सोने में समस्या का समाना करना पड़ सकता है।

टिनिटस कितने दिनों में ठीक होता है?

यह उपचार 6-8 महीनों के लिए चलता है और ठीक होने के बाद टिनिटस भविष्य में दोबारा नहीं होता है क्योंकि यह न्यूरॉन्स का इलाज करने वाला न्यूरोमोड्यूलेशन थेरेपी उपचार है। यह टिनिटस के लिए एक संपूर्ण समाधान है। यह उपचार ऑनलाइन या क्लीनिकल दोनों तरीकों से किया जा सकता है।

आवाज आए तो क्या करें?

इसके अलावा मरीज को नॉन-सप्रेशन मशीन का इस्‍तेमाल करने की सलाह दी जाती है. इसका इस्‍तेमाल करने पर आवाजें या चीखें सुनाई देने की समस्‍या को कम किया जा सकता है. अगर आपको भी ऐसी आवाजें सुनाई देती हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें. ईएनटी स्‍पेशलिस्‍ट को दिखाएं ताकि इसकी सही वजह समझी जा सके.

क्या टिनिटस का इलाज संभव है?

टिनिटस के लिए कोई इलाज नहीं है, क्योंकि विकार एक अंतर्निहित स्थिति का संकेत है। टिनिटस के कारण को निर्धारित करने के लिए डॉक्टर एक पूर्ण शारीरिक जांच की सिफारिश करते है। यदि यह परीक्षण समस्या को प्रकट नहीं करता है, तो आपको कान विशेषज्ञों और ऑडियोलॉजिस्ट के पास भेजा जा सकता है।