ततांरा की तलवार को लेकर लोगों का क्या विचार था *? - tataanra kee talavaar ko lekar logon ka kya vichaar tha *?

February 2022 Festival calendar : साल 2022 का दूसरा महीना यानी फरवरी जल्द ही शुरु होने वाला है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस फरवरी 2022 में गुप्त नवरात्र के साथ ही बसंत पंचमी, दो एकादशी,माघ पूर्णिमा, 2 सोम प्रदोष व्रत,संकष्टी चतुर्थी,रोहिणी व्रत सहित करीब 21 प्रमुख व्रत और त्योहार पड़ रहे हैं। इस बार कोरोना की अब तक अत्यंत भयावहता सामने नहीं आने के चलते लोग इस बार त्यौहारों को काफी धूमधाम से मनाने पर विचार कर रहे हैं।

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  • रविदास जयंती (Sant Ravidas Jayanti) के मौके पर दिल्ली सरकार के सभी सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे. संत रविदास की जयंती से एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें याद किया है.
  • 16 फरवरी को बंद रहेंगे दिल्ली के सरकारी दफ्तर
  • गुरु रविदास की 645वीं जयंती
  • 16 फरवरी 2022 को क्या त्यौहार है?
  • 16 फरवरी को कौन सा त्यौहार है?
  • 16 फरवरी को पूर्णिमा कितने बजे से कितने बजे तक है?
  • माघी पूर्णिमा क्यों मनाया जाता है?

रविदास जयंती (Sant Ravidas Jayanti) के मौके पर दिल्ली सरकार के सभी सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे. संत रविदास की जयंती से एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें याद किया है.

16 फरवरी को देशभर में गुरु रविदास जयंती (Ravidas Jayanti) मनाई जाएगी. गुरु रविदास जयंती के मौके पर दिल्ली सरकार के दफ्तरों में सार्वजनिक अवकाश रहेगा. ये आदेश दिल्ली के उपराज्यपाल की तरफ से जारी किया गया है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (CM Kejriwal) ने ट्वीट कर अवकाश की जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि संत श्री गुरु रविदास जी महाराज जी की जयंती के मौके पर दिल्ली (Delhi) के उपराज्यपाल ने बुधवार 16 फ़रवरी को सरकारी ऑफिसों में छुट्टी का ऐलान किया है. इसके साथ ही उन्होंने गुरु रविदास को नमन भी किया.

गुरु रविदास की जयंती को देखते हुए दिल्ली (Delhi)  के उपराज्यपाल ने बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने आदेश जारी कर कहा कि दिल्ली सरकार के सभी सरकारी दफ्तरों में जयंती के मौके पर अवकाश रहेगा. बता दें कि दिल्ली के साथ ही उत्तर प्रदेश, हरियाणा में भी बुधवार को सार्वजनिक अवकाश रहेगा. हालांकि बैंक हर दिन की तरह खुले रहेंगे. दोनों राज्यों में स्कूल बंद रहेंगे. हालांकि गुरु रविदास की जयंती पर राजधानी में शराब की दुकानें बंद नहीं रहेंगी. दिल्ली सरकार पहले ही ऐलान कर चुकी है कि शराब की दुकानें (Liquor Shop) अब साल में सिर्फ तीन दिन ही बंद रहेंगी, जिनमें 26 जनवरी, 15 अगस्त और 2 अक्टूबर शामिल है.

16 फरवरी को बंद रहेंगे दिल्ली के सरकारी दफ्तर

गुरु रविदास की जयंती के मौके पर दिल्ली सरकार के सभी सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे. संत रविदास की जयंती से एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें याद किया है. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि बुधवार को संत रविदास की जयंती है. उन्होंने जिस तरह से अपना जीवन समाज से जात-पात और छुआछूत जैसी कुप्रथाओं को समाप्त करने के लिए समर्पित कर दिया, वो आज सबके लिए प्रेरणा देने वाला है.

गुरु रविदास की 645वीं जयंती

संत रविदास जयंती बुधवार 16 फरवरी को मनाई जाएगी. बुधवार को संत गुरु रविदास की 645वीं जयंती मनाई जाएगी. गुरु रविदास को रैदास और रोहिदास के नाम से भी जाना जाता है. वह भक्ति आंदोलन के एक प्रसिद्ध संत थे. इतिहासकारों के मुताबिक गुरु रविदास का जन्म सन् 1398 ई. में हुआ था. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि संत का जन्म सन् 1450 में हुआ था. गुरु रविदास का जन्म माघ पूर्णिमा को हुआ था. इसलिए गुरु रविदास जयंती हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार माघ पूर्णिमा पर मनाई जाती है.

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Ravidas Jayanti 2022: आज 16 फरवरी, बुधवार को देश में 645वीं रविदास जयंती मनाई जा रही है. इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत नेताओं ने उनको नमन किया है. 

रविदास जयंती के पावन अवसर पर कल सुबह 9 बजे मैं दिल्ली के करोलबाग के श्री गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर जाऊंगा और वहां जन-जन के कल्याण के लिए प्रार्थना करूंगा।

— Narendra Modi (@narendramodi) February 15, 2022

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविदास जंयती पर उन्हें नमन किया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा- सामाजिक एकता हेतु आजीवन प्रयासरत रहे महान समाज सुधारक संत शिरोमणि पूज्य गुरु रविदास जी महाराज को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन! आपके विचार युगों-युगों तक 'समरस समाज' हेतु प्रेरित करते रहेंगे। सीएम योगी आज वाराणसी में रविदास जयंती के मौके पर होने वाले कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. उन्होंने कू एप के जरिए ये जानकारी दी.

Koo App

आज मैं वाराणसी के ’सीर गोवर्धनपुर’ में पूज्य संत शिरोमणि गुरु रविदास जी महाराज की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित होऊंगा। आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में भाजपा की डबल इंजन की सरकार उनकी पावन जन्मस्थली के समग्र विकास हेतु पूरी तन्मयता से कार्य कर रही है।

- Yogi Adityanath (@myogiadityanath) 16 Feb 2022

ततांरा की तलवार को लेकर लोगों का क्या विचार था *? - tataanra kee talavaar ko lekar logon ka kya vichaar tha *?

बसपा चीफ मायावती ने भी संत रविदास की जयंत पर नमन किया है.

1. ’मन चंगा तो कठौती में गंगा’ का इंसानियत भरा आदर्श व अमर संदेश देने वाले महान संतगुरु रविदास जी को उनकी जयन्ती पर शत्-शत् नमन व अपार श्रद्धा-सुमन अर्पित तथा देश व दुनिया में रहने वाले उनके सभी अनुयाईयों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

— Mayawati (@Mayawati) February 16, 2022

बुधवार को गुरु संत रविदास जंयती
वाराणसी के श्री गुरु रविदास जन्मस्थान मंदिर में भव्य समारोह का आयोजन किया जा रहा है. हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल माघ महीने की पूर्णिमा तिथि पर संत रविदास की जयंती मनाई जाती है. इस साल गुरु रविदास जयंती 16 फरवरी 2022 को मनाई जा रही है.

माघ पूर्णिया को हुआ था रविदास का जन्म
संत रविदास का जन्म हिन्दू कैलेंडर के आधार पर माघ माह की पूर्णिमा तिथि को हुआ था, इसलिए हर साल माघ पूर्णिमा को रविदास जयंती मनाते हैं. रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है. यह संत गुरु रविदास की 645वीं जयंती होगी. 

भगवान की भक्ति में लीन रहते थे रैदासजी
गुरु रविदास, जिन्हें रैदास, रोहिदास और रूहिदास के नाम से भी जाना जाता है. गुरु रविदास भक्ति आंदोलन के एक प्रसिद्ध संत थे. उनके भक्ति गीतों और छंदों ने भक्ति आंदोलन पर स्थायी प्रभाव डाला है. कहा जाता है कि इनके माता-पिता एक चर्मकार थे. संत रविवास जी बहुत ही धार्मिक स्वभाव के व्यक्ति थे. इन्होंने आजीविका के लिए अपने पैतृक कार्य को अपनाते हुए हमेशा भगवान की भक्ति में हमेशा ही लीन रहा करते थे. 

संत रविदास की शिक्षाएं प्ररेणादायक
संत रविदास ने आपस में प्रेम करने की शिक्षा दी और इसी तरह से वे भक्ति के मार्ग पर चलकर संत रविदास कहलाए.उनकी शिक्षाएं आज भी प्रेरणादायक हैं. मध्यकालीन कवि, समाज सुधारक संत रविदास ने अपनी दोहों और उपदेशों के माध्यम से जाति आधारित सामाजिक भेदभाव के खिलाफ संदेश दिया है.

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16 फरवरी 2022 को क्या त्यौहार है?

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16 फरवरी को पूर्णिमा कितने बजे से कितने बजे तक है?

इस वर्ष माघ पूर्णिमा बुधवार, 16 फरवरी, 2022 को रहेगी। माघ मास की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ- 16 फरवरी को सुबह 9.42 मिनट से शुरू होगा और उसी रात यानी 16 फरवरी को रात्रि में ही 10.55 मिनट पर पूर्णिमा समाप्त होगी।

माघी पूर्णिमा क्यों मनाया जाता है?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु को तिल चढ़ाने और दान देने से पापों से मुक्ति मिलती हैमाघ पूर्णिमा में गीता और रामायण का पाठ करना उत्तम माना जाता है। कहते हैं कि ऐसा करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। धन-धान्य की कमी नहीं रहती है

लोगों का तताँरा की तलवार को लेकर क्या विचार थे?

तताँरा की तलवार के बारे में लोगों का क्या मत था? तताँरा की तलवार के बारे में लोगों का यह मत था कि लकड़ी की होने के बावजूद उस तलवार में अद्भुत दैवीय शक्ति थी। वह अपनी तलवार को अपने से कभी भी अलग न होने देता था और दूसरों के सामने उसका उपयोग नहीं करता था।

तातारा की तलवार के बारे में लोगों के क्या मत थे?

Solution : तताँरा की तलवार के बारे में लोगों का यह मत था, "वह तलवार लकड़ी की होने पर भी उस तलवार में अद्भुत दैवीय शक्ति थी। तताँरा अपनी तलवार को कभी अलग न होने देता था। उसका दूसरों के सामने उपयोग भी नहीं करता था।

तताँरा कौन था उसकी तलवार लोगों के बीच चर्चा का विषय क्यों थी?

तताँरा अपनी पारंपरिक पोशाक के साथ कमर पर एक तलवार बाँधे रहता था। लकड़ी की इस तलवार के बारे में लोग चर्चा करते थे कि उसमें अद्भुत दैवीय शक्ति थी। वह अपनी तलवार का प्रयोग दूसरों के सामने नहीं करता था तथा सदैव अपने साथ रखता था। तताँरा के साहसिक कारनामों को भी लोग उसी तलवार की अद्भुत शक्ति मानते थे।

तलवार की क्या विशेषता है?

तलवार एक प्रकार का शस्त्र है जिसमें लम्बी फलक (ब्लेड) होती है जिससे किसी के शरीर को काटा/घोंपा जा सकता है।