हनुमान जी बंदर नहीं थे! ऐसा अद्भुत रहस्य जिसे जानकर हैरान हो जाएंगे आपPublished: May 12, 2020 08:47:41 am Show
क्या वाकई में हनुमान जी बंदर थे?हनुमान जी बंदर नहीं थे! ऐसा अद्भुत रहस्य जिसे जानकर हैरान हो जाएंगे आप भगवान राम जी एवं उनके परम भक्त महाबलशाली हनुमान जी के बारे में पूर्ण जानकारी वाल्मीकि रामायण एवं तुलसीकृत रामचरित्रमानस में ही मिल सकती है। वाल्मीकि रामायण में तो भगवान राम के अलावा सबसे अधिक सबसे अधिक गुणी और बलवान श्री हनुमान जी को ही बताया गया है। जिन्होंने बड़े-बड़े कार्यों को बहुत ही सरलता से पलभर में समपन्न किया है। शास्त्रों के अनुसार जानें क्या हनुमान जी वास्तव में बंदर थे या नहीं? Contents
Hanuman Ji Ki Katha : हिन्दी पंचाग के अनुसार चैत्र माह की पूर्णिमा को महावीर हनुमान की जयंती मनाई जाती है । भगवान श्री राम के परम भक्त हनुमान, महादेव शिव के 11 वें अवतार के रूप में अवतरित हुए थे । हनुमान जयंती के इस पावन अवसर पर आज हम आपके लिए लाए है Hanuman Ki Janam Ki Katha (Story of Lord Hanuman)| जिसमे हम आपको बताएंगे Hanuman Ji Ke Ladke Ka Kya Naam Hai , Hanuman Ji Ka Janam Kis Din Hua? इसके साथ पवन पुत्र हनुमान जी की Jeevan Gatha और उनकी जन्म की Katha Hindi PDF, jay hanuman में भी देख सकते है ।साथ ही आप 10 lines on hanuman ji in hindi में उनके बारे में आसानी से जान सकते हैं । Hanuman Ji Ki Janam Katha | हनुमान जी की जन्म कथाहनुमान जी वानर जाति में पैदा हुए थे । उनके पिता का नाम वानरराज केसरी और माता अंजना था । एक बार की बात है वानर राज जंगल में भ्रमण करने निकले । भ्रमण करते करते वे प्रभास तीर्थ के पास पहुँच गए । वहाँ बहुत से ऋषि – मुनि भगवान की पूजन -अर्चन में लगे हुए थे । तभी वहाँ अचानक से एक विशालकाय हाथी आ गया और मुनियों पर आक्रमण करने लगा । वरदान प्राप्ति वहाँ ऋषि भारद्वाज भी अपनी तपस्या में लीन थे और वो हाथी उनकी तरफ ही दौड़ता चला जा रहा था । तभी वहाँ पँहुचकर वानर राज ने उस गज के दोनों दांतों को उखाड़ फेंका और उसे मार दिया इससे प्रसन्न होकर ऋषियों ने उनसे वरदान मांगने को कहा , तब वानरराज केसरी ने वर मांगा, ” हे प्रभु , मुझे एक ऐसा पुत्र प्रदान करे जिसमे पवन के समान पराक्रम और वेग हो, जो रुद्र के जैसा बलशाली हो और अपनी इच्छानुसार अपना रूप बदल सकता हो ।” इस पर ऋषियों ने उन्हे तथास्तु बोलकर अपना आशीर्वाद दिया । माता अंजनी का क्रोध एक दिन माँ अंजनी पर्वत के शिखर पर खड़ी सूर्य देव के तेज और खूबसूरती में लीन थी । तभी वहाँ बहुत तेज हवा चलना शुरू हो गई । हवा का वेग इतना तीव्र था की उनके वस्त्र उढ़ने लगे । उन्होंने सोच जरूर ये किसी दानव या असुर की उद्दंडता हो सकती है । वे क्रोधित होते हुए बोली, ” कौन अभद्र है जो मेरे जैसी एक पतिपरायण स्त्री का अपमान करने की चेष्टा कर रहा है ? तभी उनके सामने पवन देव प्रकट हुए और क्षमा मांगते हुए बोले, “देवी मुझे क्षमा करे , और शांत हो जाए । आपके पति को प्राप्त वरदान के अनुसार आपके मेरे समान एक शक्तिशाली पुत्र होगा । इसी वरदान को पूर्ण करने की विवशता में मैंने आपके शरीर को स्पर्श किया है । मेरे स्पर्श के माध्यम से रुद्रदेव का एक अंश भी आपके शरीर में प्रवेश कर चुका है । इसलिए महादेव के अवतार के रूप में आपका पुत्र इस धरती पर जन्म लेगा । जिसके बाद भगवान शिव ने महाबली हनुमान के रूप में वानर राज के यहाँ जन्म लिया । Hanuman Factsहनुमान जी की puran कथा तो हमने पढ़ ली अब हम उनसे जुड़े कुछ विशेष और अनोखे तथ्यों को भी जानते है जैसे Hanuman Ke Panch Naam, Hanuman Ji Ke Panch Bhai, Katha Hanuman Gatha, जय हनुमान के नारे लगा कर आप अपनी भक्ति व्यक्त कर सकते हैं । इत्यादि । हनुमान जी के नाम : बजरंगबली , केसरी नंदन , महावीर आदि नामों से पुकारे जाने वाली अंजनी पुत्र के 108 नाम है । जिनके जाप से हर प्रकार के संकटों का नाश होता इसलिए इन्हे संकटमोचन भी कहा जाता है ।
हनुमान जी के पाँच भाई : “ब्रह्मांडपुराण” के अनुसार हनुमान के पाँच भाई थे जिनमे हनुमान जी सबसे बड़े थे । उनके पाँच भाइयों के नाम इस है : मतिमान, श्रुतिमान, केतुमान, गतिमान, धृतिमान। हनुमान जी के पुत्र : जब हरिहरन श्री हनुमान जी माँ सीता की खोज में लंका गए थे तब वहाँ उन्हे पकड़कर रावण ने उनकी पूँछ में आग लगवा दी थी जिससे बजरंगबली को बहुत पीढ़ा हुई । जिससे बचने के लिए वह समुद्र के पास अपनी पुंछ में लगी आग को शांत करने गए । ऐसा करते समय उनके पसीने की एक बूंद समुद्र में गिर गई जिसे वहाँ की एक मछली ने पी लिया और वो गर्भवती हो गई । इस प्रकार उनका मकरध्वज नामक एक पुत्र हुआ । Hanuman Symbolism
Few Lines on Hanuman in English
Hanuman Janam Katha Video Download नीचे दिए गए विडिओ के द्वारा आप Hanuman Janam Video Mein भी देख सकते है । कलयुग में कौन कौन से भगवान जीवित है?हनुमान कलयुग के जीवित व जागृत देवता हैं, जो क्षणिक भक्ति से ही प्रसन्न हो कल्याण करते हैं।
हनुमान जी की मृत्यु कैसे हुई?हनुमान जी की मृत्यु कभी हुई ही नहीं है, क्योंकि उन्हें राम जी द्वारा अमर होने का वरदान मिला था। वे आज भी अजर-अमर हैं। जब भगवान श्री राम जी ने लंका पर विजय प्राप्त की तब एकदा हनुमान जी श्री राम जी के पास अपनी भक्ति का वरदान प्राप्त करने गए।
हनुमान जी के समान बलवान कौन था?दंगल के मैदान में हनुमानजी ने जैसे ही बाली के सामने अपना कदम रखा, ब्रह्माजी के वरदान के अनुसार, हनुमानजी की शक्ति का आधा हिस्सा बाली के शरीर में समाने लगा। इससे बाली के शरीर में उसे अपार शक्ति का अहसास होने लगा।
कलयुग में हनुमान जी के दर्शन कैसे होंगे?भगवान राम से वरदान पाने के कारण हनुमान जी अमर हो गए। तुलसीदास जी ने कलियुग में हनुमान जी की मौजूदगी का उल्लेख किया है और बताया है कि हनुमान जी की कृपा से ही उन्हें राम लक्ष्मण जी के दर्शन प्राप्त हुए। राम जी से अमरता का वरदान पाने के बाद हनुमान जी ने अपना निवास उस स्थान को चुना जो पवित्र और ईश्वरीय कृपा प्राप्त हो।
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