जलवायु किसी राष्ट्र विशेष के रहन-सहन, खान-पान कृषि अर्थव्यवस्था आदि के निर्धारण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारत में लगभग 60 प्रतिशत लोग अपनी आजीविका हेतु कृषि पर निर्भर हैं। वर्तमान में भारत सहित संपूर्ण विश्व जलवायु परिवर्तन की समस्या से जूझ रहा है। पर्यावरण में अनेक परिवर्तन हो रहे हैं यथा तापमान में बढ़ोत्तरी, वर्षा में कमी, हवाओं की दिशा में परितर्वन आदि प्रभाव दृष्टिगोचर हो रहे हैं। Show
क्या है जलवायु परिवर्तन?
क्या हैं जलवायु परिवर्तन के साक्ष्य:
जलवायु परिवर्तन के कारण:
कृषि पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव:
अर्थव्यवस्था पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव:
जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने एवं इससे बचाव हेतु राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किये गये प्रयासः
निष्कर्षःधारणीय विकास की विधियों व तकनीकों को प्राथमिकता देनी चाहिये। संबंधित क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा दिये जाने की आवश्यकता है। साथ ही भारत को स्वदेशी हरित प्रौद्योगिकी विकसित करने की भी आवश्यकता है। हमें पृथ्वी एवं उसके संसाधनों के संरक्षण को व्यवहार में लाकर जीवन शैली का हिस्सा बनाने की जरूरत है। प्रकृति हमारा भरण-पोषण करती है। इसके बदले में हमें प्रकृति की देखभाल व संरक्षण को प्राथमिकता देनी होगी। तापमान बढ़ने का प्रमुख कारण क्या है?ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन यथा कार्बनडाई आक्साइड, मीथेन, नाइट्रस ऑक्साइड, सल्फरडाई ऑक्साइड आदि के उत्सर्जन में वृद्धि पृथ्वी के औसत तापमान में वृद्धि का एक प्रमुख कारण है।
शरीर में गर्मी क्यों लगती है?जब हमारे शरीर का तापमान वातावरण के तापमान से कम हो जाता है, तो हमें गर्मी लगती है। उस तरह का तापमान जो हमारे शरीर के तापमान से अधिक हो जाए, यह भारत के संदर्भ में ग्रीष्म ऋतु में होता है। इसलिए हम ग्रीष्म ऋतु में अधिक गर्मी महसूस करते हैं।
आज निरंतर तापमान बढ़ता जा रहा है इसके क्या कारण है?जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारण औद्योगिक देशों की प्रदूषक प्रणाली के अलावा पृथ्वी पर निरन्तर बढ़ती जनसंख्या भी है। जनसंख्या वृद्धि के साथ ही वस्तुओं की माँग बढ़ने के कारण औद्योगीकरण का फैलाव होता चला आ रहा है। अधिक, कारखानें, अधिक धुआँ, अधिक गैसें, यातायात और माल ढोने के लिये वाहनों तथा अन्य साधनों में वृद्धि होती है।
तापमान वृद्धि क्या है?वैश्विक तापमान वृद्धि का मतलब है हमारी धरती के औसत तापमान में बढ़ोतरी. सामान्यतया कुदरती कारणों से और इंसानी गतिविधियों से भी तापमान में बढ़ोतरी होती है. ये बढ़ोतरी असल में वायुमंडल में ग्रीन हाउस गैसों की बढ़ोतरी के कारण होती है. ग्रीन हाउस गैसे बहुत सारी होती हैं उदाहरण के लिए कार्बन डाई-आक्साइड (CO2).
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