सोमवार के व्रत का उद्यापन कैसे करते हैं? - somavaar ke vrat ka udyaapan kaise karate hain?

Somvar (सोमवार) Monday Vrat Udyapan (उद्यापन) Vidhi And Samagri (सामग्री) - सोमवार व्रत रखने से पहले आप जितने व्रत करने का संकल्प लेते हैं ∣ उतने ही सोमवार को व्रत करें और जब आपकी मनोकामनाएं पूरी हो जाए तब सोमवार  के व्रत का उद्यापन कर दे∣  यदि सावन माह के पहले या तीसरे सोमवार को सोमवार के व्रत का उद्यापन किया जाए तो ये बहुत शुभ माना जाता है ∣ साथ ही सोमवार के उद्यापन के लिये सावन, कार्तिक, वैशाख, ज्येष्ठ या मार्गशीर्ष मास के सभी सोमवार श्रेष्ठ माने गये हैं। व्रत के उद्यापन में शिव-पार्वती जी की पूजा के साथ चंद्रमा की भी पूजा करने का विधान है।

आज हम जानेगें कैसे करे उद्यापन की सामग्री और उसकी विधि -

सोमवार व्रत उद्यापन विधि (Somvar Vrat Udyapan Vidhi) -


1. सुबह उठकर नित्य कर्म से निवृत हो स्नान कर लें।

2. यदि सम्भव हो तो इस दिन सफेद वस्त्र धारण करें।

3. पूजा स्थल को गंगा जल से शुद्ध कर लें।

4. और फिर पूजा स्थल पर केले के चार खम्बे के द्वारा चौकोर मण्डप बनायें।

5 . चारों ओर से फूल और बंदनवार (आम के पत्तों का) से सजायें।

6. पूजा स्थल पर सभी सामग्री के साथ पूर्व की ओर मुख करके आसन पर बैठ जायें।

7. चौकी या लकड़ी के पटरे को मण्डप के बीच में रखें। चौकी पर सफेद वस्त्र बिछायें।

8. उस पर शिव-पार्वती के विग्रह को स्थापित करें।

9. उसे चौकी पर किसी पात्र में रखकर चंद्रमा को भी स्थापित करें।

10. सबसे पहले अपने आप को शुद्ध करने के लिये पवित्रीकरण करें।
 

पवित्रीकरण कैसे करें? 

हाथ में जल लेकर मंत्र –उच्चारण के साथ अपने ऊपर जल छिड़कें:-
ॐ पवित्रः अपवित्रो वा सर्वावस्थांगतोऽपिवा।
यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स वाह्यभ्यन्तर शुचिः॥

इसके पश्चात् पूजा कि सामग्री और आसन को भी जल मंत्र उच्चारण के साथ जल छिड़क कर मंत्र शुद्ध कर लें:-
पृथ्विति मंत्रस्य मेरुपृष्ठः ग षिः सुतलं छन्दः कूर्मोदेवता आसने विनियोगः॥

सोमवार व्रत उद्यापन के लिये पूजा सामग्री:-


*शिव एवं पार्वती जी की मूर्ति,

∗ चंद्रदेव की मूर्ति या चित्र,

∗ चौकी या लकड़ी का पटरा,

∗ अक्षत – 250 ग्राम,

∗ पान (डंडी सहित)- 5,

∗ सुपारी- 5,

∗ ऋतुफल,

∗ यज्ञोपवीत -1जोड़ा(हल्दी से रंगा हुआ),

∗ रोली- 1 पैकेट,

∗ मौली- 1

∗ धूप- 1पैकेट,

∗ कपूर-1 पैकेट,

∗ रूई- बत्ती के लिये,

∗ पंचामृत (गाय का कच्चा दूध, दही,घी,शहद एवं शर्करा मिला हुआ)-  50 ग्राम,

∗ छोटी इलायची- 5 ग्राम,

∗ लौंग- 5 ग्राम,

∗ पुष्पमाला-3 (2 सफेद एवं १लाल),

∗ चंदन- 1० ग्राम (सफेद एवं लाल),

∗ कुंकुम,

∗ गंगाजल,

∗ कटोरी,

∗ आचमनी,

∗ वस्त्र – 1.25    मीटर का चार (एक लाल एवं तीन सफेद) ,

∗ पंचपात्र,

∗ पुष्प,

∗ लोटा,

∗ नैवेद्य,

∗ आरती के लिये थाली,

∗ मिट्टी का दीपक- 5

∗ कुशासन- 1,

∗ खुल्ले रुपये,

∗ चौकी या लकड़ी का पटरा,

∗ केले के खम्बे (केले का तना सहित पत्ता/ केले का पत्ता) – 4,

∗ आम का पत्ता,

सोमवार व्रत उद्यापन हवन सामग्री :-


∗ हवन सामग्री- 1 पैकेट ,

∗ आम की समिधा- 1.25 किलो,

∗ घी- 1.25किलो,

∗ जौ- 250 ग्राम,

∗ काला तिल- 250 ग्राम ,

∗ अक्षत- 250 ग्राम

 

ये व्रत उद्यापन विधि भी पढ़े:

सोमवार के दिन भगवान शंकर की विशेष पूजा करने और व्रत रखने का विधान है. व्यक्ति अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए 16 सोमवार या मनोकामना पूरी होने तक का सोमवार व्रत रखते हैं. मनोकामना पूर्ण होने पर व्रत का उद्यापन किया जाता है.किसी भी व्रत का समय पूरा होने के बाद भगवान की जो अंतिम पूया या व्रत होती है उस व्रत को ही उद्यापन कहा जाता है.  

वैसे तो सोमवार का व्रत आप कभी भी उठा सकती हैं. लेकिन सोमवार के उद्यापन के लिए सावन, कार्तिक, वैशाख, ज्येष्ठ या मार्गशीर्ष मास के सभी सोमवार श्रेष्ठ माने जाते हैं. व्रत उद्यापन में शिव-पार्वती जी की पूजा के साथ चंद्रमा की भी पूजा करने का विधान है. उद्यापन पूरे विधि विधान से किया जाना जरूरी है. तो चलिए बताते हैं उद्यापन की विधि और नियम.

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सोमवार व्रत उद्यापन विधि - इस दिन सुबह उठकर स्नान करें और संभव हो तो सफेद रंग का वस्त्र धारण करें. पूजा वाले जगह को साफ कर गंगा जल से शुद्ध कर लें. इसके बाद पूजा स्थल पर केले के चार खम्बे के द्वारा चौकोर मण्डप बनायें. चारों ओर से फूल और बंदनवार (आम के पत्तों का) से सजायें. पूजा स्थल पर सभी सामग्री के साथ पूर्व की ओर मुख करके आसन पर बैठ जायें. पूजा चौकी को मण्डप के बीच में रखें और इस पर सफेद वस्त्र बिछाकर शिव-पार्वती की मूर्ति या फोटो को स्थापित करें. चौकी पर किसी पात्र में रखकर चंद्रमा को भी स्थापित करें और फिर पूजा शुरू करें.

पूजा में फूल-माला अर्पित करें और पंचामृत का भोग लगाएं. शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, घी,गंगाजल का पंचामृत अर्पित करें। बिल्व पत्र, धतूरा और भांग चढ़ाएं और आरती करें. पूजा के बाद भोजन ग्रहण करें.धयान रहे उद्यापन के दिन भी आपको एक समय ही भोजन करना है और इस दिन नमक का सेवन न करें.

Somvar (सोमवार) Monday Vrat Udyapan (उद्यापन) Vidhi And Samagri (सामग्री) - सोमवार व्रत रखने से पहले आप जितने व्रत करने का संकल्प लेते हैं ∣ उतने ही सोमवार को व्रत करें और जब आपकी मनोकामनाएं पूरी हो जाए तब सोमवार के व्रत का उद्यापन कर दे∣ यदि सावन माह के पहले या तीसरे सोमवार को सोमवार के व्रत का उद्यापन किया जाए तो ये बहुत शुभ माना जाता है ∣ साथ ही सोमवार के उद्यापन के लिये सावन, कार्तिक, वैशाख, ज्येष्ठ या मार्गशीर्ष मास के सभी सोमवार श्रेष्ठ माने गये हैं। व्रत के उद्यापन में शिव-पार्वती जी की पूजा के साथ चंद्रमा की भी पूजा करने का विधान है।

आज हम जानेगें कैसे करे उद्यापन की सामग्री और उसकी विधि -

सोमवार व्रत उद्यापन विधि (Somvar Vrat Udyapan Vidhi) -


1. सुबह उठकर नित्य कर्म से निवृत हो स्नान कर लें।

सोमवार व्रत का उद्यापन कैसे करें 2022?

धार्मिक मान्यता के अनुसार जिस दिन सोमवार व्रत का उद्यापन (Somvar Vrat Udyapan) करना होता है, उस दिन भक्त सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठते हैं. शौच आदि कर्म से निवृत होकर सफेद वस्त्र धारण करते हैं. पूजा स्थल को जल या गंगाजल से पवित्र किया जाता है. इसके बाद केले के पत्ते से चौकोर मंडपनुमा बनाया जाता है.

सोमवार का उद्यापन कौन से महीने में करना चाहिए?

16 सोमवार व्रत उद्यापन विधि श्रावण मास के प्रथम या तृतीय सोमवार को करना सबसे अच्छा माना जाता है। वैसे कार्तिक, श्रावण, ज्येष्ठ, वैशाख या मार्गशीर्ष मास के किसी भी सोमवार को व्रत का उद्यापन कर सकते हैं।

सोमवार के उद्यापन के लिए क्या क्या सामग्री चाहिए?

सोमवार व्रत उद्यापन के लिये पूजा सामग्री.
शिव व पार्वती जी की प्रतिमा.
चंद्रदेव की मूर्ति या चित्र..
चौकी या लकड़ी का पटरा..
अक्षत..
पान (डंडी सहित)..
सुपारी..
ऋतुफल..
यज्ञोपवीत (हल्दी से रंगा हुआ)..

उद्यापन में क्या करना चाहिए?

उद्यापन से एक दिन पूर्व श्री गणेश का पूजन किया जाता है. पूर्व रात्रि में कीर्तन करते हुए जागरण किया जाता है. – प्रात: जल्दी उठकर मंडप बनाकर, मंडप को वस्त्रों और रंगोली से सजाकर तैयार किया जाता है. – 'ऊँ उमा सहित शिवाय नम:' मंत्र का एक माला यानी 108 बार जाप करते हुए हवन किया जाता है.