तुलसी Patta कब नहीं तोड़ने चाहिए? - tulasee patt kab nahin todane chaahie?

हिंदू धर्म और शास्त्रों में तुलसी का विशेष स्थान माना गया है। इतना ही नहीं कहा जाता है कि तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, तुलसी के पौधे 5 प्रकार के होते हैं। इनमें श्याम तुलसी, राम तुलसी, विष्णु तुलसी, वन तुलसी और नींबू तुलसी शामिल है।

तुलसी का पत्ता तोड़ने के नियम

बताते चलें कि, तुलसी का पत्ता तोड़ने के भी नियम हैं। ऐसा नहीं है कि आप किसी भी वक्त और किसी भी दिन जाकर तुलसी का पत्ता तोड़ ले। शास्त्रों के अनुसार तुलसी का एक रूप लक्ष्मी का भी होता है। इतना ही नहीं तुलसी का एक अवतार राधा का भी माना गया है। तुलसी को घर में रखने के भी विशेष नियम होते हैं।

-रविवार, शुक्रवार, अमावस्या, चौदस तिथि, ग्रहण और द्वादशी को तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए क्योंकि, ऐसा करने के से कोई ना कोई नुकसान हो सकता है।

-इसके साथ ही रविवार और एकादशी को तुलसी को जल अर्पण नहीं करना चाहिए।

- बिना किसी विशेष कार्य के तुलसी का पत्ता ना तोड़े।

- तुलसी का पत्ता कभी भी नाखून से नहीं तोड़ना चाहिए।

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-तुलसी के पौधे से गिरे हुए पत्तों का इस्तेमाल औषधि सहित अन्य धार्मिक क्रियाओं में करना चाहिए। यदि आप तुलसी के पत्तों का इस तरह से इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं तो इन्हें मिट्टी में दबा देना चाहिए।

तुलसी का पत्ता तोड़ने से पहले इस खास मंत्र का उच्चारण करना चाहिए-

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वायु पुराण में कहा गया है कि बिना स्नान किए तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए। बिना स्नान किए तुलसी की पूजा करने वाले शख्स को दोषी माना जाता है। इतना ही नहीं उसकी पूजा भी निष्फल मानी जाती है। कहते हैं कि, शाम को तुलसी को स्पर्श नहीं करना चाहिए और ना ही इसके पत्ते तोड़ने चाहिए।

यदि तुलसी का पौधा सूख जाए तो इसे मिट्टी में दबा दें और इसके स्थान पर तुलसी का ही दूसरा पौधा लगा दें। भगवान गणेश की पूजा अथवा भोग में तुलसी का पत्ता नहीं चढ़ाना चााहिए। तुलसी के पत्ते को कभी भी दांत में नहीं दबाना चाहिए। घर की लक्ष्मी की तरह तुलसी के पौधे का भी मान-सम्मान करना चाहिए।

नई दिल्ली: हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे (Tulsi Plant) का विशेष महत्व है. यही कारण है कि तुलसी को देवी के समान मानकर उनकी पूजा की जाती है. सुबह के समय तुलसी के पौधे में पानी दिया जाता है तो शाम के समय तुलसी के सामने दीपक जलाकर सुख-समृद्धि की कामना की जाती है. घर के आंगन में तुलसी लगाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है और इसका कारण ये है कि तुलसी को लक्ष्मी का स्वरूप (Goddess Lakshmi) माना जाता है. घर में तुलसी का पौधा लगाने से न सिर्फ सुख-शांति आती है बल्कि वास्तु दोष (Vastu Dosh) भी ठीक हो जाता है. तुलसी को भगवान विष्णु की प्रिय माना जाता है. पूजा में इस्तेमाल होने वाले प्रसाद में तुलसी की पत्तियां डालने के बाद ही उसे शुद्ध माना जाता है.

तुलसी के पौधे से जुड़े नियम

लेकिन तुलसी केवल पूजनीय ही नहीं बल्कि औषधीय गुणों (Medicinal Properties) से भी भरपूर होती है. सर्दी-खांसी जैसी समस्याओं में तुलसी के पत्ते से बना काढ़ा (Tulsi Kadha) पीने से बहुत आराम मिलता है और तबीयत जल्दी ठीक हो जाती है. बहुत से लोग अपनी चाय में भी तुलसी का पत्ता डालना पसंद करते हैं. लेकिन अगर आप चाहते हैं कि आपके घर में सुख-शांति बनी रहे और पैसों से जुड़ी कोई समस्या न हो तो तुलसी के पत्तों (Tulsi Leaves) से जुड़े कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है. आपको पता होना चाहिए कि तुलसी के पत्ते को किस दिन और किस समय पर नहीं तोड़ना चाहिए.

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इस दिन और इस समय न तोड़े तुलसी के पत्ते

- तुलसी के पत्तों को रविवार, मंगलवार और शुक्रवार को नहीं तोड़ना चाहिए.
- इसके अलावा एकादशी के दिन, द्वादशी तिथि, अमावस्या और पूर्णिमा तिथि के दिन भी तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से घर में गरीबी आती है.
- सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद भी तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए.
- घर में जब किसी बच्चे का जन्म हुआ हो तो जब तक बच्चे का नामकरण न हो जाए तब तक तुलसी के पत्ते न तोड़ें.

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- अगर घर में किसी की मृत्यु हो जाए तो 13 दिन तक तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए.
- इसके अलावा सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण और संक्रांति के दिन भी तुलसी का पत्ता तोड़ना मना होता है.   
- बिना स्नान किए या अशुद्ध हाथों से कभी भी तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए. ऐसे पत्ते भगवान की पूजा में भी स्वीकार नहीं किए जाते.
- तुलसी के पत्तों को 7 दिनों तक बासी नहीं माना जाता. पत्तियों पर दोबारा पानी छिड़कर उसे दोबारा भगवान को अर्पित किया जा सकता है.

(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले किसी विशेषज्ञ से संपर्क करें)

तुलसी के पत्ते कब तोडना चाहिए?

तुलसी पत्ते तोड़ने के नियम भगवान विष्णु को तुलसी अत्यंत प्रिय होती है. इसके बिना विष्णु जी की कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती है. लेकिन एकादशी को तुलसी पत्ते न तोड़े. एकादशी के दिन चढ़ाने के लिए आप एक दिन पहले दशमी तिथि को ही तुलसी पत्ते तोड़कर रखें.

क्या मंगलवार को तुलसी के पत्ते तोड़ सकते हैं?

तुलसी के पत्ते को तोड़ने के लिए दिन और वार का भी ख्याल रखना चाहिए। मंगलवार (Tuesday), रविवार और शुक्रवार को भूलकर भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। यदि किसी के घर में मौत हो जाए तो तेरहवीं तक तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए।

क्या तुलसी के पत्ते रात में तोड़े जा सकते हैं?

शाम के समय में भूलकर भी तुलसी का पत्ता ना तोड़े. अगर घर में किसी बच्चे का जन्म हुआ हो और जब तक उसका नामकरण ना हो जाए तब तुलसी का पत्ता नहीं तोड़े. किसी भी एकादशी, रात, रविवार, चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण में तुलसी के पत्ते नहीं तोड़े. जब किसी की मृत्यु हो जाए, उस दिन से लेकर तेरहवीं तक तुलसी का पत्ता ना तोड़े.

तुलसी को कब हाथ नहीं लगाना चाहिए?

शास्त्रों के अनुसार कभी भी रात के समय तुलसी को छूना नहीं चाहिए। ऐसा माना जाता है कि तुलसी में माता लक्ष्मी का वास होता है और यदि इस पौधे का स्पर्श रात में किया जाता है तो घर में धन हानि के योग बनते हैं। मान्यता यह भी है कि तुलसी में कभी भी रात के समय जल भी नहीं चढ़ाना चाहिए