शरीर पर लाल दाने होने का क्या कारण है? - shareer par laal daane hone ka kya kaaran hai?

Itching and Rashes on Body: सर्द‍ियों के द‍िनों में लोगों को खुजली और पूरे शरीर पर दाने की समस्‍या हो जाती है। दाने होने पर शरीर में लाल न‍िशान नजर आते हैं ज‍िन्‍हें छूने पर दर्द महसूस होता है। इसके साथ ही बार-बार होने वाली खुजली, आपके ल‍िए अड़चन बन सकती है। इसका इलाज करने से पहले जानना जरूरी है क‍ि आख‍िर क्‍यों मौसम बदलने के साथ शरीर में खुजली और दानों की समस्‍या बढ़ जाती है। इस लेख में हम खुजली और दानों की समस्‍या दूर करने के आसान तरीके और कारण जानेंगे। 

शरीर पर लाल दाने होने का क्या कारण है? - shareer par laal daane hone ka kya kaaran hai?

पूरे शरीर में दाने और खुजली होने के कारण 

ठंड के द‍िनों में कुछ लोगों को दाने और खुजली परेशान करती है, इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसै-

  • ठंड के दौरान हम रोजाना स्नान लेने से बचते हैं और गंदगी के कारण शरीर में संक्रमण हो सकता है।
  • सर्द‍ियों में मौसम के कारण त्‍वचा में रूखापन आ जाता है ज‍िसके कारण संक्रमण हो सकता है।
  • ठंड के द‍िनों में लोग गरम कपड़े पहनते हैं, इससे भी खुजली और दानों की समस्‍या हो सकती है।
  • ठंड में पानी कम पीने के कारण शरीर ड‍िहाइड्रेशन का श‍िकार हो जाता है और त्‍वचा ड्राई हो सकती है।

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दाने और खुजली का इलाज कैसे करें?

दाने और खुजली का इलाज करने के ल‍िए डॉक्‍टर से संपर्क करें। फंगल या बैक्‍टीर‍ियल इंफेक्‍शन के कारण हुए त्‍वचा रोग के ल‍िए डॉक्‍टर दवा या क्रीम लगाने का सुझाव दे सकते हैं। इसके अलावा कुछ आसान तरीकों की मदद भी ले सकते हैं। जैसे-

1. दही से त्‍वचा को म‍िलेगा आराम 

त्‍वचा में लालि‍मा, लाल चकत्ते, खुजली की समस्‍या दूर करने के ल‍िए दही का इस्‍तेमाल फायदेमंद होता है। दही में एंटीबैक्‍टीर‍ियल गुण मौजूद होते हैं। दही को त्‍वचा पर लगाएं। ज‍िस जगह दाने हैं, वहां दही लगाकर छोड़ दें। आधे घंटे बाद पानी से त्‍वचा को साफ कर लें और एंटीसेप्‍ट‍िक क्रीम लगा लें। इस उपाय को द‍िन में 2 बार करेंगे, तो हफ्ते भर के भीतर दानों की समस्‍या से छुटकारा म‍िल जाएगा।

2. हल्‍दी से ठीक होगा संक्रमण 

त्‍वचा में दाने और खुजली की समस्‍या दूर करने के ल‍िए हल्‍दी का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। चुटकी भर हल्‍दी में दूध म‍िलाकर पेस्‍ट बना लें। इस म‍िश्रण को द‍िन में 2 बार संक्रमण वाले ह‍िस्‍से में लगाएं। सूखने पर त्‍वचा को साफ पानी से धो लें। हल्‍दी में एंटीबैक्‍टीर‍ियल, एंटीवायरल और एंटीसेप्‍ट‍िक गुण होते हैं। हल्‍दी के दूध का सेवन करने से भी, त्‍वचा और शरीर के रोग से बचा जा सकता है। 

3. एलोवेरा जेल अप्‍लाई करें 

शरीर में खुजली और दानों से न‍िजात पाने के ल‍िए सबसे आसान उपाय जानना चाहते हैं, तो एलोवेरा जेल का इस्‍तेमाल करें। एलोवेरा के पत्तों से ताजा जेल न‍िकालें। इसे प्रभाव‍ित स्‍थान पर लगाएं। कई लोगों को ताजा एलोवेरा जेल लगाने से खुजली होती है, वे बाजार में म‍िलने वाले एलोवेरा जेल का इस्‍तेमाल भी कर सकते हैं। ध्‍यान रखें क‍ि बाजार वाले एलोवेरा जेल में केम‍ि‍कल्‍स की मात्रा ज्‍यादा न हो। 

4. नीम का इस्‍तेमाल करें 

नीम की पत्ति‍यों में एंटीबैक्‍टीर‍ियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। दानों के कारण होने वाली जलन, सूजन और दर्द को दूर करने के ल‍िए नीम एक प्राकृत‍िक दवा है। नीम के पानी से स्नान लेने से संक्रमण दूर होता है। नीम की पत्ति‍यों को धोकर पानी में डालें। उस पानी को उबाल लें। जब नीम का अर्क पानी के साथ घुल जाए, तो पानी को ठंडा करें और उससे स्नान लें। इस उपाय से संक्रमण जल्‍दी ठीक होगा।

5. लौंग का तेल लगाएं 

दाने और खुजली का इलाज करने के ल‍िए लौंग के तेल का इस्‍तेमाल करें। लौंग में एंटीमाइक्रोब‍ियल गुण मौजूद होते हैं। इससे खुजली की समस्‍या दूर होती है। दानों के कारण होने वाली सूजन से न‍िजात पाने के ल‍िए भी ये एक बेहतरीन उपाय है। लौंग के तेल की 4 से 5 बूंदें, नार‍ियल तेल की कुछ बूंदों के साथ म‍िलाकर प्रभाव‍ित स्‍थान पर लगाकर रातभर के ल‍िए छोड़ दें। इस उपाय को हफ्ते भर आजमाएं, संक्रमण ठीक हो जाएगा।    

शरीर में दाने और खुजली होना: साफ-सफाई न रखने, रूखी त्‍वचा और ड‍िहाड्रेशन जैसे कारणों के कारण त्‍वचा में खुजली और दाने हो जाते हैं। नीम की पत्ति‍यां, एलोवेरा, हल्‍दी, दही और लौंग आद‍ि से खुजली और दाने का इलाज कर सकते हैं।

चेहरे पर पिंपल निकलने की समस्या से हर कोई परेशान रहता है. हालांकि चेहरे पर उभरने वाला हर दाना ऐक्ने या पिंपल नहीं होता. अगर आपके चेहरे पर भी लंबे वक्त से दाने निकल रहे हैं तो आपको तुरंत अलर्ट हो जाना चाहिए क्योंकि ये किसी बीमारी का लक्षण भी हो सकता है. डॉक्टरों का कहना है कि भारत में वातावरण, गर्मी, प्रदूषण और खानपान की वजह से करोड़ों लोग त्वचा संबंधी बीमारियों से परेशान रहते हैं. इनमें एक्ने सबसे आम समस्या है. हार्मोनल बदलाव और ज्यादा तेल-मसाले वाला खाना खाने की वजह से चेहरे पर ऐक्ने या पिंपल होना आम बात है. लेकिन कई मामलों में ऐसा किसी गंभीर बीमारी की वजह से भी हो सकता है. चेहरे पर दाने चिकनपॉक्स, मंकीपॉक्स के अलावा मिलिया और रोसैशिया जैसी बीमारियों की वजह से भी हो सकता है. इसके अलावा इसकी वजह स्किन कैंसर भी हो सकता है. 

अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी (एएडी) के अनुसार, बैक्टीरिया की वजह से चेहरे के पोर्स (रोम छिद्र) ब्लॉक्ड हो जाते हैं जिसकी वजह से चेहरे पर पिंपल आते हैं. इसके अलावा ऐसी कई वजहें हैं जिनकी वजह से चेहरे पर दाने पड़ते हैं जो देखने में बिलकुल पिंपल की तरह ही होते हैं. 

मिलिया (आंखों के आसपास होने वाले पीले रंग के दाने)

आंखों के आसपास पीले, उभरने वाले बेहद महीन दाने मिलिया नाम की स्किन कंडीशन की वजह से हो सकते हैं. मिलिया चेहरे पर व्हाइटहेड्स की तरह दिखते हैं लेकिन वास्तव में ये छोटे केराटिन सिस्ट होते हैं जो पोर में बनते हैं. ये स्किन के नीचे पनपते हैं और ये महीनों तक रह सकते हैं. ये किसी तरह का नुकसान नहीं पहुँचाते लेकिन चेहरे की सुंदरता को खराब करते हैं जिस वजह से लोग इनसे छुटकारा पाने के लिए डर्मेटोलॉजिस्ट के पास जाते हैं. डर्मेटोलॉजिस्ट सुई की तरह दिखने वाले उपकरण की मदद से उसमें छेद कर उसे खत्म कर देते हैं. कई केमकिल और रेटेनॉइड्स से भी इनसे छुटकारा पाया जा सकता है.

रोसैशिया (चेहरे पर होने वाले लाल धब्बे और लाल दाने)

स्किन पर होने वाली रेडनेस और लाल रंग के छोटे-छोटे दानों को भी लोग पिंपल समझने की भूल कर बैठते हैं. ये लंबे समय तक रहने वाली स्किन कंडीशन है जो सामान्य तौर पर 30 साल से ऊपर की उम्र की महिलाओं को होती है. इससे पीड़ित रोगियों की त्वचा बहुत संवेदनशील हो जाती है. इस कंडीशन में सूरज की रोशनी, ठंडी हवा और स्किन प्रॉक्ट्स भी आसानी से त्वचा में परेशानियां पैदा कर देते हैं. इसकी वजह से स्किन और भी लाल हो जाती है. इसमें त्वचा पर छोटे-छोटे दाने होते हैं जो मुंहासों की तरह ही दिखते हैं लेकिन असल में ये सूजन होती है.

ये दाने आमतौर पर माथे, नाक, गाल या ठुड्डी पर होते हैं और कई दिनों तक रह सकते हैं. डॉक्टरों का कहना है कि इस कंडीशन में चेहरे पर स्क्रबिंग या एक्ने की दवा परेशानी को और बढ़ा सकती है. इसलिए इस स्थिति से निपटने के लिए त्वचा विशेषज्ञ के पास जाना चाहिए.


पेरिओरल डर्मेटाइटिस (मुंह के आसपास लाल दाने)

पेरीओरिफिशियल डार्माटाइटिस एक स्किन कंडीशन है जिसमें चेहरे पर छोटे, खुजली और दर्द करने वाले दाने उभर आते हैं . ये परेशानी मुंह के आसपास और चेहरे के निचले हिस्से में होती है इसलिए इसे पेरिओरल डर्मेटाइटिस कहा जाता है.

त्वचा विशेषज्ञ डॉ. सुसान बार्ड ने बताया कि ये नाक और मुंह के आसपास होते हैं और आमतौर पर स्टेरॉयड्स (सूजन कम करने के लिए प्रयोग होने वाली दवाएं) के ज्यादा इस्तेमाल की वजह से होते हैं. ये स्टेरॉयड स्प्रे, कुछ तरह के टूथपेस्ट और हेवी फेस मॉइस्चराइज़र से भी हो सकता है. अगर आपको स्टेरॉयड, टूथपेस्ट या किसी क्रीम की वजह से ये परेशानी हुई है तो इनका इस्तेमाल बंद कर देने के बाद ये अपने-आप ठीक हो जाती है.

फोलिक्युलिटिस
फोलिक्युलिटिस की स्थिति में बालों के रोम छिद्रों में सूजन हो जाती है. ये अक्सर बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है. अगर आपके शरीर में कहीं ऐसे दाने पड़ रहे हैं तो इन्हें बॉडी एक्ने ना समझें बल्कि ये फोलिक्युलिटिस बीमारी हो सकती है. इस कंडीशन में आमतौर पर छाती, पीठ, हाथ और पैरों में छोट-छोटे दाने हो जाते हैं. इसे दूर करने के लिए कसरत के बाद तुरंत शॉवर या गर्म पानी से नहाएं ताकि आपके रोम छिद्रों में मौजूद बैक्टीरिया निकल जाए. इसके अलावा दानों की जगहों पर एंटी-बैक्टीरियल वाले साबुन के इस्तेमाल से भी राहत मिल सकती है. इस स्थिति में पीले या सफेद रंग के दाने चेहरे पर पड़ते हैं जो कई बार लाल भी दिखाई देते हैं. ये कंडीशन जेनेटिक होती है और आमतौर पर वृद्ध लोगों में नजर आती है. हालांकि ये किसी भी उम्र में हो सकती है. अगर आप इसका इलाज करवाना चाहते हैं तो त्वचा विशषज्ञ इसे इलेक्ट्रोकॉटरी या लेजर की मदद से इन्हें नष्ट कर देते हैं. 

मोलस्कम कॉन्टैगिओसम (त्वचा पर लाल रंग के दाने)

त्वचा पर मुंहासे बैक्टीरिया की वजह से हो सकते हैं लेकिन मोलस्कम कॉन्टैगिओसम एक वायरल संक्रमण की निशानी है. इसमें वायरल इंफेक्शन की वजह से त्वचा पर सुर्ख लाल रंग के दाने उभरते हैं जिन्हें लोग अक्सर मुंहासे समझ बैठते हैं. ब्रिटिश एसोसिएशन ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट्स के अनुसार, मोलस्कम कॉन्टैगिओसम एक पॉक्स वायरस से होता है और ये एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सीधे संपर्क या टॉवल-कपड़ों जैसी चीजों की वजह से भी फैल सकता है. ये कोई खास नुकसान नहीं करता लेकिन इलाज ना मिलने पर लंबे समय तक रह सकता है.

केराटोसिस पिलारिस ( त्वचा पर होने वाले छोटे दाने)

केराटोसिस पिलारिस एक बहुत ही सामान्य स्किन प्रॉब्लम है जिसके कारण आपकी त्वचा पर छोटे दाने हो जाते हैं. इस प्रॉब्लम को भी लोग कई बार ऐक्ने समझने लगते हैं. इसमें त्वचा काफी रफ हो जाती है. लेकिन ये एक जेनेटिक प्रॉब्लम है जो तब होती है जब त्वचा सामान्य रूप से एक्फोलिएट नहीं होती और केरिटिन रोम छिद्रों को बंद कर देती है. इसमें कंधे, हाथ और शरीर में कई जगह छोटे-छोटे पीले रंग के दाने पड़ते हैं.

एलर्जी

कुछ उत्पाद त्वचा के रोम  छिद्रों को बंद कर देते हैं जिससे मुँहासे पैदा होते हैं लेकिन कई बार किसी तरह की दवा लेने पर भी त्वचा पर दाने या चकत्ते पड़ जाते हैं जो मुँहासे की तरह दिखते हैं. इसमें कई बार खुजली और हल्का दर्द भी हो सकता है. सेंसिटिव स्किन और जल्दी-जल्दी एलर्जी का शिकार होने वाले लोगों को मेकअप, केमिकल और खुशबू वाले स्किन प्रॉ़क्ट्स का इस्तेमाल से बचना चाहिए.

चिकनपॉक्स

चिकनपॉक्स में भी चेहरे पर लाल रंग के दाने पड़ते हैं जो पूरी तरह मुंहासों की तरह ही दिखते हैं. चिकनपॉक्स एक आम संक्रमण है जो वैरिसेला-जोस्टर वायरस की वजह से होता है. वायरस के संपर्क में आने के लगभग 10 से 20 दिनों में ये लक्षण दिखने लगता है और ये चेहरे के साथ ही पूरे शरीर में हो सकता है. इसमें काफी खुजली होती है और व्यक्ति को कई बार बुखार भी हो जाता है. इस स्थिति में डॉक्टर को दिखाना जरूरी होता है.

मंकीपॉक्स 
मंकीपॉक्स एक वायरल बीमारी है जो एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकती है. इसमें शरीर के कई हिस्सों पर बड़े-बड़े दाने पड़ते हैं जिसमें मवाद भरा होता है. इससे पीड़ित मरीजों को खुजली और दर्द झेलना पड़ता है. ये बीमारी आमतौर पर मध्य और पश्चिमी अफ्रीका में होती है लेकिन इस समय ये भारत में भी फैल रही है. मंकीपॉक्स के शुरुआती लक्षणों में फ्लू थकावट और शरीर में दर्द हो सकता है लेकिन इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

स्किन कैंसर

कुछ प्रकार के त्वचा के कैंसर में शुरुआती लक्षण पिंपल्स की तरह दिख सकते हैं. बेसल सेल कार्सिनोमा सबसे आम त्वचा का कैंसर है जो मुंहासे की तरह दिखता है. पिंपल आमतौर पर एक हफ्ते में ठीक हो जाते हैं लेकिन इस स्थिति में ये दाने कई महीनों तक रहते हैं. इस स्थिति में अच्छे डर्मेटोलॉजिस्ट से संपर्क करना जरूरी है क्योंकि इसकी पहचान के लिए बायोप्सी की जाती है. अच्छी बात ये है कि इसे स्किन कैंसर ज्यादा खतरनाक नहीं होता और बेहद कम मामलों में ये जानलेवा होता है. इसका शरीर में फैलने का रिस्क जीरो है. ये सिर्फ आसपास की त्वचा के ऊतकों को नुकसान पहुँचाता है. इसके इलाज के लिए प्रभावित जगह पर सर्जरी की जाती है. ये जानलेवा नहीं है लेकिन बहुत लंबे समय तक इसका इलाज नहीं किया जाता है तो ये खतरनाक हो सकता है. ऐसे में लंबे समय तक अगर त्वचा पर इस तरह के लक्षण दिखते हैं तो तुरंत इसका इलाज शुरू कर देना चाहिए.

शरीर में लाल चकत्ते पड़ जाए तो क्या करें?

एलोवेरा में ऐसी हीलिंग क्वालिटीज होती हैं जो स्किन को राहत देती हैं. रेडनेस या खुजली होने पर या फिर चकत्ते होने पर एलोवेरा लगाया जा सकता है. इसे भी तीन मिनट लगाने के बाद धो लें. एलर्जी से राहत मिलेगी.

शरीर में छोटे छोटे दाने क्यों निकलते हैं?

अक्सर आपने देखा होगा कि कुछ लोगों को दानों के साथ-साथ खुजली की भी समस्या होती है. ऐसे में बता दें कि यह समस्या स्केबीज रैश कहलाती है. जी हां, सरकोप्ट्स स्कैबी नामक छोटे कण की वजह से व्यक्ति को इस स्थिति का सामना करना पड़ता है. इसके कारण व्यक्ति की स्किन पर दाने और खुजली के साथ-साथ चकते, लालिमा आदि भी नजर आते हैं.

शरीर पर लाल धब्बे होने का क्या कारण है?

यह त्वचा की सूजन है, जिसमें त्वचा लाल हो जाती है। यह प्रमुख तौर पर दो वजहों से होता है। त्वचा के संपर्क में आने वाले किसी ऐसे तत्व से यह हो सकता है, जिससे त्वचा का प्राकृतिक तेल खत्म हो जाए और सूजन विकसित होने लगे। कई लोगों को डिटर्जेंट, सॉल्वैंट्स और गर्म पानी से यह समस्या हो जाती है।

दाने वाली खुजली का क्या इलाज है?

नीम के एंटी बैक्टीरियल गुण खुजली को कम करते हैं..
हल्दी (Turmeric).
एलोवेरा (Aloe Vera).
लौंग का तेल (Clove Oil) नारियल का तेल (Coconut Oil) शरीर पर नारियल का तेल लगाने पर खुजली में आराम मिलता है. इसके साथ ही नारियल का तेल लगाने पर आपको ठंडक भी महसूस होगी. अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है..