शरीर में यूरिया बढ़ने से क्या होता है? - shareer mein yooriya badhane se kya hota hai?

रक्त यूरिया नाइट्रोजन (Blood urea nitrogen) किडनी की कार्यक्षमता को मापने का एक और तरीका है। आमतौर पर BUN (रक्त यूरिया नाइट्रोजन) और क्रिएटिनिन एक साथ बढ़ते हैं लेकिन क्रिएटिनिन रक्त यूरिया नाइट्रोजन, BUN से अधिक सटीक होता है, क्योंकि BUN का स्तर किडनी के कार्यों के अलावा अन्य कारकों से भी प्रभावित होता है। रक्त यूरिया नाइट्रोजन (bun) क्या होता है जानें-

रक्त यूरिया नाइट्रोजन (bun) क्या होता है

रक्त यूरिया नाइट्रोजन (Blood urea nitrogen) एक सामान्य अपशिष्ट उत्पाद है जो हमारे भोजन ग्रहण करने के बाद शरीर में बनता है। हमारा लीवर भोजन से प्रोटीन को तोड़कर अलग कर देता है, लीवर की इसी प्रक्रिया से शरीर में रक्त यूरिया नाइट्रोजन, BUN का निर्माण होता है। इसके बाद इस रक्त यूरिया नाइट्रोजन, BUN को लीवर रक्त में छोड़ देता है जिससे वह किडनी में जाकर पेशाब के माध्यम से शरीर के बाहर निकल जाता है। यह प्रक्रिया स्वस्थ किडनी की और इशारा करती है।

अगर आपकी किडनी की कार्यक्षमता कम हो रही है यह वे किसी कारणवश क्षतिग्रस्त हो गई हैं तो, किडनी रक्त यूरिया नाइट्रोजन, BUN को बाहर नहीं निकाल पाएँगी और यह रक्त में ही रह जाएगा।

BUN और रक्त यूरिया (blood urea) के बीच क्या है संबंध

हमारा शरीर प्रोटीन मेटाबोलिसम (चयपचय) से बेकार उत्पाद के रूप में यूरिया का निर्माण करता है। BUN यूरिया का वह हिस्सा है जो नाइट्रोजन के योगदान से बनता है। यूरिया का सूत्र है CH4N2O, यूरिया का आणविक भार 60 है। चूंकि यूरिया के प्रत्येक अणु में नाइट्रोजन के दो परमाणु मौजूद होते हैं इसलिए इसमें BUN यानि रक्त यूरिया नाइट्रोजन का भार 28 होता है। इसलिए, BUN के स्तर को रक्त यूरिया के स्तर में बदलने के लिए हमें BUN को 60/28 से गुणा करना होता है, अर्थात 2.1।

शरीर में कैसे बनता है रक्त यूरिया नाइट्रोजन (BUN)

रक्त यूरिया नाइट्रोजन (BUN), प्रोटीन चयापचय (metabolism) का  बायप्रोडक्ट होता है। इसका निर्माण लीवर में होता है जिसे लीवर रक्त के जरिए किडनी तक पहुँचाता है, फिर किडनी इसे पेशाब के माध्यम से शरीर से बाहर निकाल देती हैं। किडनी की कार्यक्षमता कम हो जाने से या किडनी में समस्या हो जाने से रक्त यूरिया नाइट्रोजन (BUN), का स्तर रक्त में बढ़ जाता है।

रक्त यूरिया नाइट्रोजन परीक्षण (Blood urea nitrogen test, BUN)

रक्त यूरिया नाइट्रोजन (BUN) टेस्ट रक्त में बेकार पदार्थों की जाँच के लिए कराया जाता है। BUN टेस्ट रक्त में नाइट्रोजन की मात्रा को मापता है। रक्त में यूरिया-नाइट्रोजन का बड़ा हुआ स्तर किडनी की समस्या की ओर इशारा करता है।

इस टेस्ट को करने के लिए आपके रक्त का नमूना लिया जाता है। अगर टेस्ट से पहले अपनाई जाने वाली कुछ सावधानियाँ या निर्देश होंगे जैसे खाली पेट रहना आदि मरीज को पहले ही बता दिए जाएँगे। इसकी रिपोर्ट आप 24 घंटे में पा सकते हैं। अक्सर इस टेस्ट के साथ मूत्र में अधिक प्रोटीन की मात्रा का परीक्षण और गुर्दे का स्कैनिंग (KUB ultrasound) भी किया जाता है।

रक्त में यूरिया-नाइट्रोजन का सामान्य स्तर-

पुरुषों में- 8 से 24 mg/dL (Blood urea : 15-50 mg/dl)

महिलाओं में- 6 से 21 mg/dL (Blood urea : 12-45 mg/dl)

1-17 वर्ष क बच्चों में- 7 से 20 mg/dL (Blood urea 14-40 mg/dl)

यूरिया-नाइट्रोजन का इस सामान्य स्तर से ऊपर जाना किडनी सहित अन्य स्वास्थ्य विकारों का संकेत हो सकता है। भारत में अलग-अलग जगहों और प्रयोगशालाओं के अनुसार रक्त यूरिया नाइट्रोजन (BUN) टेस्ट की कीमत 120 रुपए से 200  तक हो सकती है।

रक्त यूरिया नाइट्रोजन और क्रिएटिनिन में संबंध

रक्त यूरिया नाइट्रोजन और क्रिएटिनिन दोनों ही परीक्षण किडनी की कार्यक्षमता के बारे में जानकारी देते हैं। आम तौर पर दोनों के स्तर बढ़ जाने से किडनी की विफलता के मामले सामने आते हैं। क्रिएटिनिन रक्त यूरिया नाइट्रोजन की तुलना में अधिक सटीक होता है क्योंकि किडनी की बीमारी के अलावा अन्य कारक इसके स्तरों को प्रभावित नहीं करते हैं। क्रिएटिनिन और BUN दोनों टेस्ट को मिलाके आम तौर पर kidney function test( “KFT”) कहा जाता है।

रक्त यूरिया नाइट्रोजन के स्तर के बढ़ने के कारण

हमारी स्वस्थ किडनी रक्त में यूरिया-नाइट्रोजन और क्रिएटिनिन जैसे अन्य पदार्थों का संतुलन बनाए रखने का काम करती है। अगर हमारी किडनी रोगग्रस्त या क्षतिग्रस्त हो जाती हैं तो रक्त यूरिया नाइट्रोजन (BUN)  के स्तर में कमी या बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती है। रक्त यूरिया नाइट्रोजन (BUN)  का स्तर बढ़ना किडनी में परेशानी का संकेत हैं। क्या हैं रक्त में यूरिया नाइट्रोजन का स्तर बढ़ा देने वाले कारण-

किडनी शरीर का प्रमुख अंग है तो शरीर के खून को साफ करने का काम करती है। जो कुछ भी हम खाते हैं उस खाद्य पदार्थ की पाचन क्रिया के दौरान जो तत्त्व शरीर के लिए ठीक नहीं होते हैं उन विषैले तत्त्वों को यूरिन के माध्यम से बाहर निकालने का काम करती है। साथ ही शरीर में इलेक्ट्रोलाइट (सोडियन पोटेशियम) का संतुलन बनाने का काम करती है। किडनी में दो हॉर्मोन होते हैं जो ब्लड प्रेशर नियंत्रित करता है। जबकि एक हॉर्मोन बोन मैरो में जाकर रेड ब्लड सेल्स (आरबीसी) बनाता है जिससे खून बनता है। इस हॉर्मोन की कमी की वजह से किडनी रोगियों में खून की कमी (एनीमिया) की शिकायत होती है। किडनी कैल्शियम बनाने का भी काम करती है जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं।

यूरिया वह अपशिष्ट है जिसे साफ करने में आमतौर पर हमारी किडनी मदद करती है। जब रक्त में यूरिया नामक अपशिष्ट की माात्रा बढ़ जाती है तो उस स्थिति को यूरीमिया कहा जाता है। यह लंबे समय से चल रही किसी स्वास्थ्य समस्या, जैसे मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर या किडनी को नुकसान पहुंचाने वाली गंभीर चोट या संक्रमण के कारण हो सकता है।

ब्लड यूरिया बढ़ने का मतलब है शरीर में यूरीमिया की मात्रा का बढ़ जाना है। यूरिया की मात्रा ब्लड में जब बढ़ जाती है तो शरीर का मेटाबॉलिज्म भी प्रभावित होने लगता है।
यूरिया शरीर में बढ़ने लगे या घटने लगे तो शरीर में कई तरह की बीमारी का खतरा बढ़ने लगता है। ब्लड यूरिया बढ़ने का मतलब होता है आपका कीडनी सही से काम नहीं कर रहा है। ब्लड यूरिया उन लोगों का भी बढ़ सकता है जिनको डायबिटीज की परेशानी है। ब्लड यूरिया बढ़ने की वजह से ब्लड प्रेशर की भी समस्या हो सकती है।

शरीर में यूरिया बढ़ने से क्या होता है? - shareer mein yooriya badhane se kya hota hai?
शरीर में यूरिया बढ़ने से क्या होता है? - shareer mein yooriya badhane se kya hota hai?
ब्लड में यूरिया (Urea) किसे कहते है।

कमजोरी और थकान की समस्या लगातार रहती है तो फिर ब्लड यूरिया बढ़ा हुआ हो सकता है। कुछ लोगों में उल्टी और भूख कम लगने की परेशानी भी देखी जाती है। कीडनी शरीर में आने वाले अपशिष्ट पदार्थ या जहरीले पदार्थों को निकालने का काम करती है लेकिन जब कोई पदार्थ किडनी फिल्टर नहीं कर पाती तो उसकी मात्रा ब्लड में बढ़ने लगती है।

यूरिया (Urea या carbamide) एक कार्बनिक यौगिक है जिसका रासायनिक सूत्र (NH2)2CO होता है। कार्बनिक रसायन के क्षेत्र में इसे कार्बामाइड भी कहा जाता है। यह एक रंगहीन, गन्धहीन, सफेद, रवेदार जहरीला ठोस पदार्थ है। यह जल में अति विलेय है। यह स्तनपायी और सरीसृप प्राणियों के मूत्र में पाया जाता है। कृषि में नाइट्रोजनयुक्त रासायनिक खाद के रूप में इसका उपयोग होता है। यूरिया को सर्वप्रथम १७७३ में मूत्र में फ्रेंच वैज्ञानिक हिलेरी राउले ने खोजा था परन्तु कृत्रिम विधि से सबसे पहले यूरिया बनाने का श्रेय जर्मन वैज्ञानिक वोहलर को जाता है। इन्होंने सिल्वर आइसोसाइनेट से यूरिया का निर्माण किया तथा स्वीडेन के वैज्ञानिक बर्जेलियस के एक पत्र लिखा कि मैंने वृक्क (किडनी) की सहायता लिए बिना कृत्रिम विधि से यूरिया बना लिया है। उस समय पूरी दुनिया में बर्जेलियस का सिद्धान्त माना जाता था कि यूरिया जैसे कार्बनिक यौगिक सजीवों के शरीर के बाहर बन ही नहीं सकते तथा इनको बनाने के लिए प्राण शक्ति की आवश्यकता होती है।

बड़े पैमाने पर यूरिया का उत्पादन द्रव अमोनिया तथा द्रव कार्बन डाई-आक्साइड की प्रतिक्रिया से होता है।

यूरिया का उपयोग मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में होता है। इसका प्रयोग वाहनों के प्रदूषण नियंत्रक के रूप में भी किया जाता है। यूरिया-फार्मल्डिहाइड, रेंजिन, प्लास्टिक एवं हाइड्राजिन बनाने में इसका उपयोग किया जाता है। इससे यूरिया-स्टीबामिन नामक काला-जार की दवा बनती है। वेरोनल नामक नींद की दवा बनाने में उसका उपयोग किया जाता है। सेडेटिव के रूप में उपयोग होने वाली दवाओं के बनाने में भी इसका उपयोग किया जाता है।

ब्लड में यूरिया की मात्रा

ब्लड यूरिया नाइट्रोजन का सामान्य स्तर वयस्कों में 10-20 mg/dL या 3.6 – 7.1 mmol/L होना चाहिए और बच्चों में 5-18 mg/dL होना चाहिए लेकिन जब किन्हीं कारणों से ये लेवल ऊपर या नीचे हो जाता है तो कई तरह की समस्याएं होना शुरू हो सकता ह

यूरिया बढ़ने से क्या प्रॉब्लम होती है?

यूरिया बढ़ने से किडनी के काम करने की क्षमता कम हो जाती है। इसके बाद टॉक्सिन शरीर से बाहर नहीं निकल पाता है जिससे बॉडी में इंफेक्शन फैलने लगता है। यूरिया का टॉक्सिन जब ब्रेन तक पहुंचता है तो ब्रेन शिथिल हो जाता है। ब्रेन से सही सिग्नल नहीं मिलने के कारण शरीर भी पूरी तरह से शिथिल पड़ जाता है।

ब्लड यूरिया बढ़ने के लक्षण क्या हैं?

ब्लड यूरिया बढ़ने के लक्षण थकान के साथ कमजोरी लगना। ब्लड प्रेशर कम या ज्यादा होना। हार्ट की परेशानियों का बढ़ना। जैसै दिल की धड़कन कम या ज्यादा होना।

शरीर में यूरिया क्यों बढ़ता है?

Uric Acid: यूरिक एसिड हाई प्रोटीन वाले फूड्स में मौजूद प्यूरीन से बनता है। हर व्यक्ति में यूरिक एसिड कम या ज्यादा बनता है साथ ही यूरिन के जरिए बाहर निकल जाता है। यह खतरनाक तब साबित होता है, जब बॉडी में रुकने लगता है और यूरिन के जरिए बाहर नहीं निकल पाता है।

यूरिया कौन सी बीमारी होती है?

यूरिया (Urea या carbamide) एक कार्बनिक यौगिक है जिसका रासायनिक सूत्र (NH2)2CO होता है। कार्बनिक रसायन के क्षेत्र में इसे कार्बामाइड भी कहा जाता है। यह एक रंगहीन, गन्धहीन, सफेद, रवेदार जहरीला ठोस पदार्थ है। यह जल में अति विलेय है।