मृदा निम्नीकरण के क्या कारण हैं? - mrda nimneekaran ke kya kaaran hain?

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भूमि निम्नीकरण या फिर मृदा निम्नीकरण प्रक्रिया है जिसमें भूमि खेती के अयोग्य बनती है भूमि निम्नीकरण के जिम्मेदार तत्व हम आपको बता रहे हैं पहला है खनन या भूमि निम्नीकरण का सबसे महत्वपूर्ण कारक है खनन के उपरांत खदानों वाले स्थानों को गहरी खाई हूं और मलबे के साथ खुला छोड़ दिया जाता है खनन के कारण झारखंड छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश और उड़ीसा जैसे राज्यों में मन उन्मूलन भूमि निम्नीकरण का कारण बना है जान इस प्रक्रिया जैसे सीमेंट उद्योग में चूना पत्थर को पीसकर मैदा बर्तन उद्योग में चुने और सेलखड़ी के उपयोग से बहुत अधिक मात्रा में वायुमंडल में धूल विसर्जित होती है दूसरा कारण अति पशु चारण गुजरात राजस्थान मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में अति पशु चारण भूमि निम्नीकरण का मुख्य कारण है तीसरा है जलाकांता पंजाब हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में अधिक सिंचाई भूमि निम्नीकरण के लिए उत्तरदाई है अत इस इंजन से उत्पन्न जलाकांता भी भूमि निम्नीकरण के लिए बताइए जिसमें मर्दा लवली था और सरिता बढ़ जाती है चौथा कारण औद्योगिकीकरण औद्योगिकरण जो है वह पिछले कुछ वर्षों से देश में विभिन्न भागों में औद्योगिक जल निकास से बाहर आने वाले अपशिष्ट पदार्थ भूमि और जल प्रदूषण का मुख्य स्रोत हैं इसके सॉल्यूशन जो है वह हम आपको बता रहे हैं वरना रोपड़ चौरा गांव का उचित प्रबंधन पशु चारण नियंत्रण रक्षक रक्षक मेखला रेतीले टीलों को कांटेदार झाड़ियां लगाकर बनाना खनन नियंत्रण औद्योगिक जल का परिष्करण के पश्चात विसर्जन औद्योगिक अपशिष्ट का फोन नहीं रहा विशेषण तथा नष्ट करना नमी संरक्षण तथा खरपतवार नियंत्रण

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Solution : जल अपरदन के साथ-साथ वनस्पति का निम्नीकरण तथा वायु अपरदन भी भारत में मरुस्थलीकरण के प्रमुख कारण हैं| भूमि निम्नीकरण : वह प्रक्रिया जिसमें भूमि खेती के अयोग्य बनती है। भूमि निम्नीकरण में जिम्मेदार तत्व : 1. खनन : यह भूमि निम्नीकरण का सबसे महत्वपूर्ण कारक है। (i) खनन के उपरांत खदानों वाले स्थानों को गहरी खाइयों और मलबे के साथ खुला छोड़ दिया जाता है। खनन के कारण झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और उड़ीसा जैसे राज्यों में वनोन्मूलन भूमि निम्नीकरण का कारण बना है। (ii) खनिज प्रक्रियाएँ जैसे सीमेंट उद्योग में चूना पत्थर को पीसना और मृदा बर्तन उद्योग में चूने (खड़िया मृदा) और सेलखड़ी के प्रायेग से बहुत अधिक मात्रा में वायुमंडल में धूल विसर्जित होती है। 2. अति पशुचारण : गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और माराष्ट्र में अति पशुचारण भूमि निम्नीकरण का मुख्य कारण है। 3. जलाक्रांतता : पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में अधिक सिंचार्इ भूमि निम्नीकरण के लिए उत्तरदायी है। अति सिंचन से उत्पन्न जलाक्रांतता भी भूमि निम्नीकरण के लिए उत्तरदायी है जिससे मृदा में लवणीयता और क्षारीयता बढ़ जाती है। 4. औद्योगिकरण : पिछले कुछ वर्षो से देश के विभिन्न भागों में औद्योगिक जल निकास से बाहर आने वाला अपशिष्ट पदार्थ भूमि और जल प्रदूषण का मुख्य स्त्रोत है।

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  • प्रश्न :

    मृदा निम्नीकरण एक गंभीर पर्यावरण समस्या है जिसका सामाजिक, आर्थिक एवं मनोवैज्ञानिक दुष्परिणाम भी चिंतनीय है। विवेचना करें।

    04 Feb, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 3 पर्यावरण

    उत्तर :

    प्रश्न विच्छेद

    • प्रश्न का संबंध एक समस्या के रूप में मृदा निम्नीकरण से है।

    हल करने का दृष्टिकोण

    • मृदा निम्नीकरण एवं कारणों की चर्चा करते हुए उत्तर प्रारम्भ करें।
    • मृदा निम्नीकरण के विभिन्न प्रभावों की चर्चा करें।
    • समाधान बताते हुए निष्कर्ष लिखें।

    मृदा निम्नीकरण एक गंभीर पर्यावरणीय समस्या है। सामान्यत: कृषि, उद्योग और शहरीकरण के लिये मृदा का अवैज्ञानिक प्रबंधन और अनावश्यक इस्तेमाल के कारण मृदा गुणवत्ता में भौतिक, रासायनिक और जैविक रूप से गिरावट को ही मृदा निम्नीकरण कहा जाता है। मृदा मौलिक प्राकृतिक संसाधन है और समस्त धरातलीय जीवन का आधार है। अत: मृदा निम्नीकरण का निराकरण किया जाना जीवन के स्वस्थ रहने के लिये आवश्यक है। अतिरेक मृदा निम्नीकरण के तात्कालिक और दीर्घकालिक नुकसान हैं। यद्यपि मृदा निम्नीकरण प्राकृतिक रूप से भी होता है, तथापि मानवीय कारक मृदा निम्नीकरण के लिये प्रमुख रूप से उत्तरदायी हैं। इन कारकों को निम्नलिखित रूप से समझा जा सकता है-

    • भौतिक कारक: वर्षा, बाढ़, पवन द्वारा अपरदन, सामूहिक संचलन।
    • जैविक कारक: मानवीय एवं पादप अभिक्रियाएँ, अवैज्ञानिक कृषि पद्धतियाँ।
    • विवनीकरण, अतिचारण और शहरीकरण।
    • उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग।
    • औद्योगिक एवं खनन गतिविधियाँ।
    • मृदा निम्नीकरण के प्रभावों को निम्नलिखित रूप से समझा जा सकता है-

    सामाजिक प्रभाव

    • कृषि योग्य भूमि का ह्रास, जो कृषकों की आत्महत्या के लिये उत्तरदायी है।
    • सूखा, बाढ़ और शुष्कता।

    आर्थिक प्रभाव

    • न्यून कृषि उत्पादन जिससे गरीबी में वृद्धि होती है।
    • कृषि संबंधी कच्चे माल की अनुपलब्धता के कारण महँगाई में अभिवृद्धि।
    • खाद्यान्न आपूर्ति हेतु आयातों में अभिवृद्धि।
    • मृदा निम्नीकरण के मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी पड़ते हैं। इससे अल्पपोषण, भुखमरी प्रेरित दंगे आदि में वृद्धि की संभावना भी बढ़ जाती है।

    उक्त समस्याओं का निराकरण वनीकरण में वृद्धि, जैविक कृषि को बढ़ावा, वैज्ञानिक कृषि को प्रोत्साहन, मृदा अम्लीकरण को रोकना आदि उपायों के द्वारा किया जा सकता है।

    निष्कर्षत: मृदा निम्नीकरण एक गंभीर पर्यावरणीय समस्या है जिसे समाप्त करना जैविक समुदाय के हितों के संरक्षण हेतु आवश्यक है। समष्टिगत प्रयासों के साथ-साथ व्यष्टिगत प्रयासों के द्वारा इस चुनौती से निपटने के प्रयास करने होंगे।

    मिट्टी के निम्नीकरण के क्या क्या कारण होते हैं?

    मृदा अपरदन, जल - जमाव, रासायनिक उर्वरकों का अधिक से अधिक उपयोग, निर्वनीकरण, अत्यधिक पशु चारण, एकल फसल उत्पादन, नगरीकरण, मरुस्थल का विकास, औद्योगिक एवं खनन गतिविधियाँ आदि मृदा निम्नीकरण के कारण के प्रमुख कारण हैं।

    मृदा निम्नीकरण के प्रमुख कारक कौन कौन हैं?

    Solution : जल अपरदन के साथ-साथ वनस्पति का निम्नीकरण तथा वायु अपरदन भी भारत में मरुस्थलीकरण के प्रमुख कारण हैं| भूमि निम्नीकरण : वह प्रक्रिया जिसमें भूमि खेती के अयोग्य बनती है। भूमि निम्नीकरण में जिम्मेदार तत्व : 1. खनन : यह भूमि निम्नीकरण का सबसे महत्वपूर्ण कारक है।

    5 मृदा निम्नीकरण से क्या आशय है?

    मृदा निम्नीकरण से तात्पर्य भूमि के उस निम्नीकरण से है, जिसमें मृदा यानी मिट्टी की उपजाऊ शक्ति कम हो जाती है और ऐसी मिट्टी वाली भूमि में कृषि कार्य करना बिल्कुल कठिन हो जाता है। मृदा निम्नीकरण के अनेक कारण होते हैं। इन मुख्य कारणों में अत्याधिक खनन, अति पशुचारण, जलाकृंतता, खरपतवार तथा औद्योगिकी गतिविधियां शामिल है।

    निम्नीकरण से क्या आशय है?

    (Definition in Hindi) भौतिक, रासायनिक या जैविक प्रक्रियाओं द्वारा जटिल पदार्थों का सकरलतर पदार्थों में परिवर्तित होना। यह Aggradation की उलट स्थिति है।