स्वतंत्र भारत के बाद ग्रामीण समाज में क्या बदलाव आया है? - svatantr bhaarat ke baad graameen samaaj mein kya badalaav aaya hai?

स्वतंत्रता के बाद ग्रामीण समाज में क्या परिवर्तन हुआ?

मुद्रा देने का चलन होने से भी जजमानी व्यवस्था को धक्का लगा है । तीसरे, जाति की शक्ति क्षीण होने और व्यवसाय जाति पर आधारित न जाने के कारण भी सम्बन्ध टूट रहे हैं । फिर नगरों के पास के लोग नगरों में जाकर नौकरियाँ करने, यातायात की सुविधायें बढ़ जाने से ग्रामीण क्षेत्रों में भी गतिशीलता बढ़ रही है।

ग्रामीण समाज में क्या परिवर्तन हुए हैं?

❇️ स्वतन्त्रता के बाद ग्रामीण समाज में परिवर्तन :- 🔹 स्वतन्त्रता के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक संबंधों की प्रकृति में अनेक प्रभावशाली रूपान्तरण हुए । इसका कारण हरित क्रांति रहा । गहन कृषि के कारण कृषि मजदूरों की बढ़ोतरी । नगद भुगतान ।

भारत में ग्रामीण सामाजिक जीवन में हाल के परिवर्तन क्या हैं?

मज़दूरों के बड़े पैमाने पर संचार से ग्रामीण समाज, दोनों ही भेजने वाले तथा प्राप्त करने वाले क्षेत्रों, पर अनेक महत्वपूर्ण प्रभाव पड़े हैं। उदाहरण के लिए निर्धन क्षेत्रों में, जहाँ परिवार के पुरुष सदस्य वर्ष का अधिकतर हिस्सा गाँवों के बाहर काम करने में बिताते हैं, कृषि मूलरूप से एक महिलाओं का कार्य बन गया है

भारत में ग्रामीण समाज की मुख्य समस्याएं क्या है?

भारतीय गाँवों में बेरोज़गारी, अशिक्षा, अंधकार, पानी, बिजली, आवास, अंधविश्वास, सड़क, सिंचाई आदि-आदि कई समस्यायें किसी से छुपी नहीं है। उद्योग धंधों की कमी के कारण, गाँव के लोग रोज़गार के लिए मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर हैं। कृषि रोज़गार का मुख्य स्रोत होने के कारण किसान मौसमी बेरोज़गारी से भी जूझ रहे हैं।