सावन मास में बैंगन क्यों नहीं खाना चाहिए? - saavan maas mein baingan kyon nahin khaana chaahie?

धार्मिक रूप से सावन का महीना पूजा-पाठ का होता है। भगवान शंकर को समर्पित इस महीने में पूजा पाठ के साथ सात्विक भोजन (Sawan me kya na khaye) करने का विधान होता है।

साथ ही बारिश का मौसम होने के कारण स्वास्थ्य के लिहाज से भी इन महीनों में खानपान पर विशेष ध्यान देना होता है। इस दौरान मानसून भी खूब आता है. ऐसे मौसम में कई चीजों को न खाने की खास सलाह दी जाती है ताकि सेहत अच्छी बनी रही

सावन के महीनें में कुछ चीजों का परहेज करना जरूरी हो जाता है, वहीं कुछ चीजों को खाने से ईश्वरीय कृपा भी बनी रहती है और सेहत भी चकाचक रहती है।

ये भी पढ़िए : सावन में सोमवार को ही क्यों रखा जाता है व्रत? जानिये व्रत की कथा…

सावन में कुछ फल सब्जियों को बिलकुल भी नहीं खाने की सलाह होती है। माना जाता है कि सावन में इन सब्जियों में विषैलापन बढ़ जाता है, जो सेहत के लिए ठीक नहीं होता।.

आइए हम आपको बताते हैं कि सावन के महीने में किन चीजों को न खाने के लिए (Sawan me kya na khaye) कहा जाता है और क्यों. इसके पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों वजह है.

सावन मास में बैंगन क्यों नहीं खाना चाहिए? - saavan maas mein baingan kyon nahin khaana chaahie?
सावन मास में बैंगन क्यों नहीं खाना चाहिए? - saavan maas mein baingan kyon nahin khaana chaahie?
Sawan me kya na khaye

विषयसूची :

  • पत्तेदार सब्जियां :
  • दूध और दही :
  • मास मछली :
  • मसालेदार खाना
  • सलाद और मशरूम :
  • फल खाइए :

पत्तेदार सब्जियां :

सावन में पालक, मैथी, लाल भाजी, बथुआ, बैंगन, गोभी, पत्ता गोभी जैसी सब्जियां खाने से बचना चाहिए। सावन के महीने में कीड़े-मकोड़े की अधिकता हो जाती है और इनके अंडे पत्तियों पर चिपके रहते हैं। इसलिए इन महीनों में पत्तेदार सब्जियों को खान से बचना चाहिए। बैगन आदि का सेवन भी नहीं करना चाहिए।

बैंगन को धर्म शास्त्रों में शुद्घ नहीं माना जाता। इन्हें खाने के पीछे वैज्ञानिक आधार ये है कि सावन के महीने में इनमें कीड़े पड़ जाते हैं। जो हेल्थ को नुक्सान पहुंचाते हैं।  

दूध और दही :

सावन के महीने में बहुत ज्यादा दूध का प्रयोग न करें। दूध का सेवन गैस की समस्या हो सकती है। वहीं दही का सेवन भी नहीं करना चाहिए। दही की प्रकृति ठंडी होती है और इससे सर्दी-जुकाम के होने की संभावना बढ़ जाती है। कई बार गले में संक्रमण भी हो जाता है।

ये भी पढ़िए : सावन का पवित्र महीना शुरू, भूलकर भी ना करें ये 8 गलतियां

मास मछली :

पूरे सावन शाकाहारी भोजन करने की ही सलाह दी जाती है ताकि इस मौसम में होने वाली बीमारियों से बचा जा सके. मानसून में मछली तो बिल्कुल नहीं खानी चाहिए क्योंकि मानसून का समय मछलियों के अंडे देने का समय होता है और ये अंडे मनुष्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं.

मसालेदार खाना

मसालेदार खाने में खूब सारे मसालों का प्रयोग होता है जो कि गरिष्ठ होते हैं और इन्हें पचाने में काफी समय लगता है. इसमें आंतों को ज्यादा काम करना पड़ता है, ज्यादा उर्जा खर्च होती है और शरीर में स्फूर्ति नहीं बचती.

सावन मास में बैंगन क्यों नहीं खाना चाहिए? - saavan maas mein baingan kyon nahin khaana chaahie?
सावन मास में बैंगन क्यों नहीं खाना चाहिए? - saavan maas mein baingan kyon nahin khaana chaahie?
Sawan me kya na khaye

सलाद और मशरूम :

जो लोग सलाद खाने की शौकीन हैं उन्हें सावन भर जरा सलाद से दूर ही रहना चाहिए। क्योंकि बारिश के मौसम में सब्जियों में बहुत जल्दी बैक्टीरिया पैदा हो जाते हैं जिसकी वजह से कच्ची सब्जियां खाने से बचना चाहिए। इसी तरह बारिश के मौसम में मशरूम खाने से भी बचना चाहिए क्योंकि इससे इंफेक्शन होने का खतरा ज्यादा रहता है।

सोमवार के व्रत में सात्विक भोजना की परंपरा चली आ रही है. साथ ही अनाज वाली चीजें नहीं खाई जाती हैं. लहसुन और प्याज, दालें, गेहूं, चावल, मैदा, बेसन, सूजी, शराब, नॉनवेज, कॉर्न, ओट्स, फ्लैक्ससीड्स, कॉफी, आइसक्रीम, हल्दी, हींग, सरसों, मेथी दाना, गरम मसाला, धनिया पाउडर, सरसों का तेल आदि चीजों से व्रत का खाना नहीं बनाना चाहिए.

ये भी पढ़िए : जानिए क्या होता है पंचक, इसे क्यों माना जाता है अशुभ

सावन के महीने में कम खाना शरीर के लिए बेहतर होता है। इसलिए उपवास करना जहां भोले भंडारी का आशीर्वाद दिलाता है, वहीं स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है।

वैज्ञानिक आधार पर भी उपवास को सही माना गया है क्योंकि लगभग 12 घंटे के उपवास से शरीर में ऑटोफागी प्रक्रिया शुरू हो जाती है, ये एक तरह से शरीर की सफाई होती है। इससे शरीर की बेकार कोशिकाओं को शरीर से बाहर निकलने का मौका मिलता है और नई कोशिकाओं का निर्माण होता है।

सावन मास में बैंगन क्यों नहीं खाना चाहिए? - saavan maas mein baingan kyon nahin khaana chaahie?
सावन मास में बैंगन क्यों नहीं खाना चाहिए? - saavan maas mein baingan kyon nahin khaana chaahie?
Sawan Me Na Kare Ye Galtiya

फल खाइए :

सावन में फल का सेवन करना सही होता है, लेकिन ऐसे फल खानेे चाहिए जिससे पाचन शक्ति बढ़े। सावन मास में व्रत भी रखा जाता है, इसलिए ऐसे फल खाने चाहिए जो पेट को भरा महसूस कराएं और पाचने में भी आसान हों।

सावन में पपीता खाना सबसे अच्छा माना गया है, क्योंकि इसमें पेप्सिन नामक तत्व होता है जो भोजन पचाने में मदद करता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट खूब होता है। साथ ही नींबू, अनार और सेब आदि का सेवन भी करना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार, सावन में हरड़ खाने से पेट के सभी रोगों का नाश होता है।

ऐसी ही अन्य जानकारी के लिए कृप्या आप हमारे फेसबुक, ट्विटर, इन्स्टाग्राम और यूट्यूब चैनल से जुड़िये ! इसके साथ ही गूगल न्यूज़ पर भी फॉलो करें !

क्या सावन में बैंगन खा सकते हैं?

जब धार्मिक और आध्यात्मिक अवसरों की बात आती है, तो बैगन को अशुभ माना जाता है, इसलिए सावन के पूरे महीने में बैगन खाने से बचना चाहिए. सावन के महीने में शराब पीना अच्छा नहीं माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि शराब में निगेटिव एनर्जी होती है इसलिए इस पावन महीने में शराब पीने से बचना चाहिए.

सावन के महीने में बैंगन क्यों नहीं खाने चाहिए?

पत्तेदार सब्जियां : बैगन आदि का सेवन भी नहीं करना चाहिएबैंगन को धर्म शास्त्रों में शुद्घ नहीं माना जाता। इन्हें खाने के पीछे वैज्ञानिक आधार ये है कि सावन के महीने में इनमें कीड़े पड़ जाते हैं। जो हेल्थ को नुक्सान पहुंचाते हैं।

बैंगन कब नहीं खाना चाहिए?

बैंगन कब नहीं खाना चाहिए धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी, द्वादशी और तेरस के दिन बैंगन खाना मना है.

सावन मास में कौन सी सब्जी नहीं खानी चाहिए?

सावन के महीने में बैंगन का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा हरि सब्जियां, मांसाहारी चीजों का सेवन भी करने से बचना चाहिए.