लागू है। इसे स्थानीय स्वशासन भी कहा जाता है। इस स्थानीय स्वशासन व्यवस्था को 3 स्तर विभाजित किया है। Show
इन संस्थाओं में ग्राम पंचायत (Gram panchayat) सबसे महत्वपूर्ण है। इसके मुखिया को हमलोग ग्राम प्रधान (Gram pradhan) या सरपंच (Sarpanch) के नाम से जानते हैं। सरपंच को ग्राम पंचायत का प्रथम नागरिक भी कहा जाता है। गांव के विकास की जिम्मेदारी इन्हीं सरंपचों के कंधों पर होती है। स्थानीय स्तर पर हर 5वें साल सरपंच का चुनाव (sarpanch ka chunav) होता है। सरपंच (sarpanch) गांव का प्रथम नागरिक होता है। अब आपके मन में यह प्रश्न होगा कि सरपंच का चुनाव कैसे होता है? तो आपको बता दें, सरपंच का चुनाव सीधे गांव के मतदातों द्वारा होता है। पंचायती राज अधिनियम-1992 में भी गांव के सरपंच को कई अधिकार दिए गए हैं। गांव में सरपंच (Sarpach) पद का एक विशेष महत्व है। तो आइए, ‘द रुरल इंडिया’ के इस लेख में सरपंच का चुनाव से लेकर, सरपंच की सैलरी और सरपंच के कार्य की लिस्ट और अधिकार के बारे में करीब से जानेंगे। सरपंच (sarpanch) को जानने से पहले पंचायती राज अधिनियम-1992 के बारे में जान लेते हैं। पंचायती राज अधिनियम-1992 (Panchayati Raj Act-1992)गौरतलब है कि भारत में 1992 के पहले स्थानीय शासन को कोई कानूनी अधिकार प्राप्त नहीं था। 73वें संविधान संशोधन द्वारा स्थानीय शासन को संवैधानिक दर्जा प्राप्त हुआ है। इस अधिनियम को पंचायती राज अधिनियम-1992 के नाम से जाना जाता है। जो 24 अप्रैल 1993 से पूरे देश में लागू है। सरपंच के कार्य और अधिकार pdf पंचायती राज अधिनियम-1992 की महत्वपूर्ण बातें
सरपंच का चुनाव (sarpanch ka chunav)पंचायती राज व्यवस्था में सरपंच का चुनाव प्रत्येक 5 साल के बाद होता है। चुनाव की जिम्मेदारी राज्य चुनाव आयोग की होती है। राज्य चुनाव आयोग पंचायत चुनाव को संपादित करती है। ग्राम पंचायत की वोटर लिस्ट में शामिल मतदातों के द्वारा सरपंच का चुनाव प्रत्यक्ष रूप (voting) से किया जाता है। सबसे ज्यादा वोट पाने वाले उम्मीदवार को सरपंच (sarpanch) चुन लिया जाता है। सरपंच का चुनाव कैसे होता है ? (sarpanch ka chunav kaise hota hai)
सरपंच पद के लिए जरूरी योग्यताएं
सरपंच चुनाव के लिए आवश्यक दस्तावेजसरपंच के अधिकार (sarpanch ke adhikar)
सरपंच के कार्य की लिस्ट
सरपंच के कार्य (sarpanch ke karya)सरपंच गांव का मुखिया होता है। सरपंच के कार्य की लिस्ट में गांव के विकास के लिए कई कार्य करने होते हैं। जैसे-
सरपंच की सैलरी (sarpanch ki salary)अधिकांश ग्रामवासियों का प्रश्न होता है, सरपंच की सैलरी कितनी होती है (sarpanch ki salary kitni hoti hai)? तो आपको बता दें, सरपंच की सैलरी (sarpanch ki salary) राज्य सरकार के नियमों के मुताबिक होता है। राज्य अपने अनुसार इसका निर्धारण करते हैं। कुछ राज्यों में इसका प्रावधान नहीं है। जैसे- उत्तर प्रदेश में ग्राम प्रधान को प्रतिमाह 5000 रुपए तो हरियाणा में सरपंच को प्रतिमाह 3000 रुपये मानदेय मिलता है। अन्य राज्यों में सरपंच की सैलरी इससे अधिक भी हो सकती है। अब तक आपने सरपंच चुनने की प्रक्रिया, सरपंच के कार्य की लिस्ट और सरपंच की सैलरी के बारे में जाना। लेकिन जब सरपंच अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करें, तो गांव के लोग क्या करें? यह अधिकांश ग्रामवासियों का सवाल होता है। तो आपको बता दें, इसके लिए पंचायती राज अधिनियम में सरपंच को हटाने के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं। सरपंच को हटाने की प्रक्रियायदि सरपंच अपने दायित्वों को सही से निर्वहन नही कर रहा है, तो ग्रामसभा को एक आवश्यक प्रक्रिया के तहत सरपंच को हटाने का अधिकार है। लेकिन सरपंच को हटाने की प्रक्रिया सरल भी है और कठिन भी। आप कहेंगे कि कठिन क्यूं? तो आपको बता दें, आप सरपंच को 2 सालों के अंदर नहीं हटा सकते हैं। जब सरपंच के चुनाव के 6 महीने शेष बचें हो तब भी सरपंच को हटाने की प्रक्रिया नहीं की जा सकती है। इसके लिए पंचायती राज अधिनियम में प्रावधान बनाए गए हैं। अब आप कहेंगे कि सरल क्यूं है? तो आपको बता दें, सभी ग्रामवासी और ग्राम पंचायत के सदस्य 2 साल बाद उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित कर ⅔ बहुमत मिलने पर सरपंच को आसानी से हटा सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले आपको लिखित शिकायत जिला पंचायत राज अधिकारी या संबंधित अधिकारी से करनी पड़ेगी।लिखित शिकायत में ग्राम पंचायत के आधे सदस्यों के हस्ताक्षर होने चाहिए। सूचना में पदमुक्त करने के सभी कारणों का उल्लेख हो। हस्ताक्षर करने वाले ग्राम पंचायत सदस्यों में से तीन सदस्यों का जिला पंचायती राज अधिकारी के सामने उपस्थित होना अनिवार्य होगा। रिपोर्ट सही पाए जाने पर जिला पंचायत राज अधिकारी (District Panchayat Raj Officer) गांव में एक बैठक बुलाता है जिसकी सूचना कम से कम 15 दिन पहले सरपंच और ग्रामवासियों को दी जाती है। अविश्वास प्रस्ताव पर ग्रामसभा के सदस्य, वार्ड पंच और सरपंच को बहस का मौका दिया जाता है। सभी अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करते हैं। इसके बाद अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराई जाती है।
अब तो आप समझ ही गए होंगे कि सरपंच का पद कितना महत्वपूर्ण है। गांव की विकास में सरपंच (Sarpanch) की इतनी बड़ी भूमिका है तो आपकी भी कम नहीं है, क्योंकि आप ही गांव के सरपंच को चुनते हैं। जब भी आप गांव के सरपंच को चुनें तो योग्य चुनें। सरपंच क्या क्या काम करा सकता है?सरपंच ग्राम पंचायत का प्रमुख होता है। सरपंच भारत में स्थानीय स्वशासन के लिए गांव स्तर पर विधिक संस्था ग्राम पंचायत का प्रधान होता है। पाकिस्तान एवं बांग्लादेश के गॉवों में भी यह प्रसाशन प्रणाली पायी जाती है। सरपंच चुने गए पंचों की मदद से ग्राम पंचायत के महत्वपूर्ण विषयों पर निर्णय लेता है।
ग्राम पंचायत की शक्तियां कौन कौन सी है?जन, शिक्षा और परिवार कल्याण के कार्यक्रमों में सहायता करना। गांव में सभी समाज के सभी वर्गों के बीच एकता और सद्भाव बढ़ाना। किसी भी कार्य विशेष, योजना, आय तथा व्यय के बारे में मुखिया, उप-मुखिया और ग्राम पंचायत के अन्य सदस्यों से स्पष्टीकरण मांगना।
सरपंच का 5 साल का बजट कितना होता है?ऐसे में एक ग्राम पंचायत को कम से कम भी हर साल नौ लाख रुपए का बजट मिलता है। मनरेगा{ इसकेतहत केंद्र सरकार से हर साल लगभग 12 करोड़ रुपए मिलते हैं।
सरपंच का फुल फॉर्म क्या है?ग्राम-प्रधान; पंचों में बड़ा और मुख्य व्यक्ति।
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