संघात्मक और एकात्मक शासन क्या है? - sanghaatmak aur ekaatmak shaasan kya hai?

Federal and Unitary Government System

Hello दोस्तों ज्ञानउदयदय में आपका एक बार फिर स्वागत है और आज हम बात करते हैं, राजनीति विज्ञान के अंतर्गत एकात्मक और संघात्मक शासन व्यवस्था (Federal and Unitary Government System in Hindi) के बारे में । इस Post में हम जानेंगे एकात्मक और संघात्मक शासन व्यवस्था के लक्षण, विशेषताएं और अंतर के बारे में । तो चलिए शुरू करते हैं, आसान भाषा में ।

एकात्मक शासन का अर्थ (Meaning of Unitary Govt.)

सबसे पहले हम एकात्मक शासन या सरकार की व्यवस्था के बारे में जान लेते हैं । यह ऐसी शासन व्यवस्था है, जिसमें शासन की संपूर्ण सत्ता या उसकी शक्ति (Power) एक केंद्रीय सरकार के हाथ में निहित होती है । यदि स्थानीय सरकारों को कोई शक्ति दी जाती है, तो वह केंद्रीय सरकार द्वारा दी गई होती है ।

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कुछ महत्वपूर्ण विचारको ने एकात्मक शासन व्यवस्था के विषय के ऊपर अपने विचार दिए हैं । जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं ।

विचारक डायसी के अनुसार-

“एक केंद्रीय शक्ति के द्वारा सर्वोच्च कानून, अधिकार का प्रयोग ही एकात्मक शासन है ।”

गार्नर के अनुसार-

“जब सरकार की संपूर्ण शक्तियां संविधान द्वारा एक ही केंद्रीय अंग को दे दी जाए और उसी से स्थानीय सरकारें अपनी शक्ति प्राप्त करें । वह व्यवस्था एकात्मक होती है ।”

यह व्यवस्था अनेक देशोंके प्रयोग की जाती है । एकात्मक सरकार या शासन के अंतर्गत मुख्यता ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, बेल्जियम और जापान जैसे बड़े देश आते हैं ।

एकात्मक शासन की विशेषताएं

आइए अब एकात्मक सरकार या शासन की विशेषताओं के बारे में जान लेते हैं । इसके अंतर्गत संपूर्ण शक्ति केंद्रीय सरकार में निहित होती है । इसमें संविधान द्वारा शक्ति विभाजन नहीं होता । इसके अंतर्गत इकहरी नागरिकता का प्रावधान रखा गया है । यह एक ही संविधान पर आधारित होती है ।

एकात्मक व्यवस्था या सरकार के गुण

इस शासन के अंतर्गत सत्ता की सार्वभौमिकता पाई जाती है । शासन में कुशलता होती है । यह व्यवस्था कम खर्चीली होती है । इसमें एकीकरण की भावना मिलती है । यह संकट काल के लिए बहुत अनुकूल मानी जाती है । साथ ही साथ छोटे राज्यों के लिए भी यह उपयुक्त व्यवस्था है ।

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एकात्मक शासन के दोष

जिस तरह से एकात्मक शासन के अंतर्गत गुण पाए जाते हैं । उसी तरह से इसमें कुछ अवगुण भी विद्यमान हैं । जैसे केंद्रीय सरकार के निरंकुशता की संभावना हो जाती है । कभी-कभी इसमें अकुशल शासन भी देखने को मिलता है । इसके अंतर्गत स्थानीय चेतना का अभाव होता है तथा बड़े राज्यों के लिए यह उपयुक्त नहीं मानी जाती ।

संघात्मक शासन व्यवस्था (Federal Govt. Meaning)

आइए अब संघात्मक सरकार या शासन व्यवस्था के बारे में जान लेते हैं । संघात्मक लैटिन शब्द Feodus से बना है । जिसे अंग्रेजी में फेडरेशन और हिंदी में संधि कहा जाता है ।

संघात्मक शासन व्यवस्था, जिसमें कई छोटे-छोटे राज्य एक समझौते के आधार पर एक संघ में सम्मिलित होते हैं तथा अपने लिए एक सम्मिलित संघ, सरकार के आधिपत्य को स्वीकार कर लेते हैं । उसी को संघात्मक शासन प्रणाली कहा जाता है ।

इसके अंतर्गत संविधान द्वारा शक्तियों और कार्यक्षेत्र का विभाजन होता है तथा राज्य की अपनी सरकार होती हैं, जोकि सम्मिलित सरकार राज्य द्वारा बनाई जाती है ।

आइये अब कुछ महत्वपूर्ण विचारको के विचारों के बारे में जान लेते हैं, जिन्होंने संघात्मक शासन व्यवस्था के ऊपर अपने विचार प्रकट किए हैं ।

विचारक गार्नर के अनुसार-

“संघ शासन एक ऐसी व्यवस्था है, जिसमें शासन की संपूर्ण सत्ता राष्ट्रीय सरकार तथा उन राज्य के सरकारों में विभाजित तथा वितरित होती है, जिनसे वह संघ का निर्माण करते है ।”

इसी तरह डायसी के अनुसार-

“संघात्मक राज्य एक राजनीतिक समझौता होता है, जिसका उद्देश्य राज्यों के अधिकारों की सुरक्षा के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता को भी सुनिश्चित करना माना जाता है ।”

संघात्मक शासन की विशेषताएं

आइए अब संघात्मक शासन या सरकार की विशेषताओं के बारे में जान लेते हैं । यह व्यवस्था कई राज्यों को एक संघ में शामिल करती है । इसमें शक्तियों का विभाजन होता है तथा दोहरी नागरिकता पाई जाती है । इसमें संविधान की सर्वोच्चता पाई जाती है तथा लिखित तथा कठोर संविधान होता है । इसमें न्यायालय की सर्वोच्चता को प्रमुख स्थान दिया जाता है ।

संघात्मक शासन के गुण

संघात्मक सरकार या शासन व्यवस्था के अंतर्गत स्वतंत्र अस्तित्व तथा राष्ट्रीय एकता में तालमेल मिलता है । केंद्र से निरंकुशता का भय नहीं होता । संविधान का सर्वोच्च स्थान होता है तथा न्यायपालिका को सर्वोच्च दर्जा प्राप्त है । मौलिक अधिकारों की रक्षा होती है तथा राजनीतिक चेतना बनी रहती है । इसके अंतर्गत कुशल शासन होता है और यह बड़े राज्यों के लिए अनुकूल मानी जाती है ।

संघात्मक शासन के अवगुण

जिस तरह संघात्मक सरकार या शासन के अपने गुण होते हैं । उसी तरह इसमें कुछ अवगुण भी पाए जाते हैं । जैसे कि इसके अंतर्गत दुर्बल केंद्रीय सरकार होती है । केंद्र तथा इकाइयों में मतभेद पैदा हो जाता है । राष्ट्रीयता की भावना में कमी देखने को मिलती है । दोहरी नागरिकता पाई जाती है तथा धन तथा समय का व्यय होता है और इसके अंतर्गत विघटन का भी डर बना रहता है ।

तो दोस्तों यह था एकात्मक और संघात्मक सरकार या शासन के बारे में । (Federal and Unitary Government System in hindi) इसमें हमने इसके लक्षण, विशेषताएं और अंतर को जाना । अगर आपको यह Post अच्छी लगी हो तो, अपने दोस्तों के साथ जरूर Share करें । तब तक के लिए धन्यवाद !!

एकात्मक और संघात्मक शासन क्या है?

जहाँ शासन सत्ता एक ही केन्द्र में निहित होती है उस एकात्मक तथा जहाँ शकिायों का वितरण केन्द्र व स्थानीय इकाइयों के मध्य होता है उसे संघीय शासन कहते है। यह विभाजन संविधान द्वारा होता है तथा संविधान सर्वोच्च होता है।

एकात्मक शासन क्या है?

एकात्मक प्रणाली राजनीतिक संगठन की एक प्रणाली है जिसमें संघीय राज्य के विपरीत अधिकांश या सभी शासकीय शक्ति केंद्रीकृत सरकार में रहती है। इस प्रणाली के अंतर्गत या तो सरकार का केवल एक स्तर होता है या उप-इकाइयाँ केन्द्र सरकार के अधीनस्थ होती हैं। केंद्र सरकार प्रांतीय या स्थानीय सरकारों को आदेश पारित कर सकती है।

एकात्मक और संघीय के बीच अंतर क्या है?

एकात्मक प्रणाली के अंतर्गत या तो सरकार का केवल एक स्तर होता है या उप-इकाइयाँ केंद्र सरकार के अधीनस्थ होती हैं। केंद्र सरकार प्रांतीय या स्थानीय सरकार को आदेश दे सकती है। लेकिन संघीय व्यवस्था में केंद्र सरकार राज्य सरकार को कुछ करने का आदेश नहीं दे सकती।

एकात्मक शासन कहाँ पाया जाता है?

एकात्मक सरकार ब्रिटेन, फ्रांस, जापान, इटली, जर्मनी व चीन आदि देशों में है। ब्रिटेन में स्थानीय संस्थाएं भी हैं, लेकिन उन्हें स्वतन्त्राता व शक्तियां संसद के सामान्य कानूनों द्वारा ही प्राप्त हुई हैं। वहां पर केन्द्रीय सरकार को स्थानीय सरकारों को स्वतन्त्रातापूर्वक कार्य कराने का अधिकार प्राप्त है।