हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि चाहे मनुष्य हो या जानवर, हर किसी को अपने कर्मों के अनुसार जन्म के चक्रों में बंधना पड़ता है जब तक कि उन्हें मोक्ष की प्राप्ति ना हो जाए. अगर जीवन चक्र बिना किसी पाप के पूरा कर लिया जाए तो मोक्ष की प्राप्ति के करीब पहुंचा जा सकता है. अगर किसी जन्म में अच्छे कर्म किए जाएं तो अगले जन्म में ज्यादा अच्छे रूप में जन्म मिलता है. Show अस्थि विसर्जन- हिंदू धर्म में अंतिम संस्कार प्राय: नदी के किनारे ही किए जाते हैं. इस स्थान को श्मशान घाट कहा जाता है. श्मशान घाट पर शवों को लाकर उनका दाह संस्कार या अंतिम संस्कार किया जाता है. श्मशान घाट पर आत्माओं, भूत-प्रेत आदि का निवास भी माना जाता है. यहां अघोरी भी होते हैं इसलिए जैसे ही चंद्रमा आकाश में नजर आने लगे उस समय से लेकर सूर्योदय तक जीवित मनुष्यों को श्मशान घाट या उसके करीब से बिल्कुल भी नहीं गुजरना चाहिए. श्मशान अधिपतिृ- श्मशान की देखरेख करते हैं भगवान शिव- हिंदू शास्त्रों के अनुसार, दिन के समय भी किसी भी इंसान को श्माशन घाट में नहीं घूमना चाहिए. इस समय भी बुरी आत्माएं सक्रिय हो जाती है और मानव इन बुरी आत्माओं या नकारात्मक शक्तियों से लड़ने में सक्षम नहीं होता है. हिन्दू शास्त्रों के अनुसार रात को नकारात्मक शक्तियां अधिक प्रभावी होती हैं. ये नकारात्मक शक्तियां मानसिक रूप से कमजोर किसी भी व्यक्ति को तुरंत अपने प्रभाव में ले लेती हैं. यदि कोई व्यक्ति भावनात्मक रूप से कमजोर हो और नकारात्मक सोच से घिरा हुआ हो तो ये संभावना और भी बढ़ जाती है. प्रायः जब कोई व्यक्ति इन नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव में आता है तो उसका खुद पर काबू नहीं रहता. वह उनके वश में हो जाता है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि सकारात्मक और नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव सभी मनुष्य पर होता है. लेकिन कमजोर सोच के लोगों पर नकारत्मक शक्ति तुरंत हावी हो जाती हैं. इसलिए कहा गया है कि रात को किसी भी श्मशान में नहीं जाना चाहिए या उसके पास से नहीं गुजरना चाहिए. हिंदू धर्म में अंतिम संस्कार को लेकर कुछ नियम तय किए गए हैं जिन्हें ध्यान में रखना चाहिए. किसी भी शव का जल्दबाजी में अंतिम संस्कार नहीं करें- पत्नी गर्भवती है तो अंतिम संस्कार में शामिल ना हों- अगर किसी की मौत दक्षिणायन, कृष्ण पक्ष, रात्रि में हुई हो तो इसे दोष माना जाता है. इसलिए शव को जलाने से पहले रिश्तेदारों को ब्राह्मणों को भोज, व्रत या दान-पुण्य करके इस दोष का निवारण किया जा सकता है. यदि आप किसी व्यक्ति को पैर की मिटटी से वशीकरण करना चाहते हो तो उसके लिए सबसे महत्वपूर्ण है उस व्यक्ति की फोटो तथा दुसरा उसका नाम. फोटो द्वारा वशीकरण से आप जिस व्यक्ति को वश में करना चाहते है बगेर उसके नजदीक जाए अथवा उसके पास जाए उसे वश में कर सकते है. इस वशीकरण उपाय द्वारा आप अपने रूठे पति, पत्नी , लड़की , लड़का किसी को भी वश में कर सकते है तथा उनके प्यार में अपना कब्जा जमा सकते है. पैर की मिटटी से वशीकरणलड़की को वश में करने के लिए, लड़के को वश में करने के लिए पैर की मिटटी से वशीकरण , पति को वश में करने के लिये, पत्नी को वश में करने के लिए, गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रंड को वश में करने के लिए. पैर की मिटटी से वशीकरण” ओम रं श्रृं नाम वश्यमानाया हुं ”इस मन्त्र में नाम की जगह आपको उस व्यक्ति का नाम लेना है जो जिसे आप अपने वश में करना चाहते है. इसके साथ ही इस बात पर अवश्य ध्यान दे की यदि आप किसी लड़की को वश में कर रहे है तो दुर्भावना के दृष्टिकोण से ऐसा ना करे क्योकि इस मन्त्र का प्रभाव उलटा हो सकता है. अपने प्रेमी जिसको आप चाहते है को आप वश में कर सकते है. नींबू से वशीकरणनींबू पूरी दुनिया में एक पसंदीदा और हर जगह रसोई में एक आवश्यक फूड है। नींबू स्वाद के लिए अम्लीय है। शरीर में एल्कलाइन बनाने में मदद करता हैं। वास्तव में शरीर में एल्कलाइन बनाने वाले खाद्य पदार्थों में से एक हैं। यह शरीर में अत्यधिक अम्लीय स्थिति को संतुलित करने के लिए सबसे बेहतर है। नींबू को रसोई में उपयोग किया जाता है। लेकिन क्या आप ये जानते है की नींबू काला जादू या टोटका करने में बहुत ही प्रभावी होता है। नींबू का उपयोग व्यापक रूप से काले जादू में होता है। नींबू से एक नहीं बल्कि अनेक बातों के लिए टोटका किया जाता है। अपने दोस्त में वासना, जुनून और प्यार लाने में, प्रेम संबंधों और यौन संबंधों में अच्छा भाग्य लाने में. जादू मंत्र में प्रयुक्त नींबू जादुई उपयोग की एक वस्तु है। नींबू का प्रयोग किसी भी अन्य आवश्यकता जैसे प्यार के वांछित प्रभाव या व्यक्ति को सम्मोहित करने के लिए भी किया जाता है। शमशान की राख घर में डालने से क्या होता है?शमशान की राख सिर पर डालते ही होगा वशीकरण +91-8872856454शमशान की राख से चमत्कारी वशीकरण +91-8872856454ये वशीकरण विधि बहुत ही चमत्कारी है इसका प्रयोग आपको बह... ( स्त्री ,शराब , नशा ) पति छोड़ देगा सभी बुरे काम…
श्मशान घाट की राख से क्या होता है?हिंदू धर्म में अंतिम संस्कार प्राय: नदी के किनारे ही किए जाते हैं. इस स्थान को श्मशान घाट कहा जाता है. श्मशान घाट पर शवों को लाकर उनका दाह संस्कार या अंतिम संस्कार किया जाता है. श्मशान घाट पर आत्माओं, भूत-प्रेत आदि का निवास भी माना जाता है.
शमशान की मिट्टी से क्या होता है?ज्योतिष एवं तंत्र शास्त्र के अनुसार, शमशान की मिट्टी में बहुत ताकत होती है क्योंकि इस मिट्टी पर अच्छे और बुरे दोनों ही प्रकार के लोगों को जलाया जाता है। लिहाजा ऐसा माना जाता है कि शमशान की मिट्टी में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ऊर्जाओं का वास होता है।
श्मशान घाट पर औरतें क्यों नहीं जाते हैं?आत्मा को शांति नहीं मिलती
मान्यताओं के अनुसार, पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का मन ज्यादा चंचल होता है. कहते हैं कि श्मशान घाट में महिलाओं के रोने की आवाज से मृत व्यक्ति की आत्मा को शांति नहीं मिलती है. औरतों को रोता देखकर आत्माएं भी रोने लगती हैं. जब मृत व्यक्ति की चिता जलाई जाती है, तब हड्डियों के अकड़ने की आवाज आती है.
|