सबसे अच्छा प्रकृति कवि कौन है? - sabase achchha prakrti kavi kaun hai?

                
                                                                                 
                            

कवि प्रकृति के बेहद करीब होते हैं, वहां के स्वाभाविक वातावरण में उनके मन से भी कई उद्गार निकलते हैं। छायावादी युग के कवियों ने तो अधिकर प्रकृति के सौंदर्य का अवलोकन करते हुए उसी पर कितनी कविताएं कह दीं। महसूस करें इन कविताओं में सृष्टि के विभिन्न रूप व छवि 

संध्या / सुमित्रानंदन पंत

कहो, तुम रूपसि कौन?
व्योम से उतर रही चुपचाप
छिपी निज छाया-छबि में आप,
सुनहला फैला केश-कलाप,
मधुर, मंथर, मृदु, मौन!
मूँद अधरों में मधुपालाप,
पलक में निमिष, पदों में चाप,
भाव-संकुल, बंकिम, भ्रू-चाप,
मौन, केवल तुम मौन!
ग्रीव तिर्यक, चम्पक-द्युति गात,
नयन मुकुलित, नत मुख-जलजात,
देह छबि-छाया में दिन-रात,
कहाँ रहती तुम कौन?
अनिल पुलकित स्वर्णांचल लोल,
मधुर नूपुर-ध्वनि खग-कुल-रोल,
सीप-से जलदों के पर खोल,
उड़ रही नभ में मौन!
लाज से अरुण-अरुण सुकपोल,
मदिर अधरों की सुरा अमोल,--
बने पावस-घन स्वर्ण-हिंदोल,
कहो, एकाकिनि, कौन?
मधुर, मंथर तुम मौन?

मधुरिमा के, मधु के अवतार
सुधा से, सुषमा से, छविमान,
आंसुओं में सहमे अभिराम
तारकों से हे मूक अजान!
सीख कर मुस्काने की बान
कहां आऎ हो कोमल प्राण!

स्निग्ध रजनी से लेकर हास
रूप से भर कर सारे अंग,
नये पल्लव का घूंघट डाल
अछूता ले अपना मकरंद,
ढूढं पाया कैसे यह देश?
स्वर्ग के हे मोहक संदेश!

रजत किरणों से नैन पखार
अनोखा ले सौरभ का भार,
छ्लकता लेकर मधु का कोष
चले आऎ एकाकी पार;
कहो क्या आऎ हो पथ भूल?
मंजु छोटे मुस्काते फूल!

उषा के छू आरक्त कपोल
किलक पडता तेरा उन्माद,
देख तारों के बुझते प्राण
न जाने क्या आ जाता याद?
हेरती है सौरभ की हाट
कहो किस निर्मोही की बाट?

भोर- एक चुम्बन, लाल
मूँद लीं आँखें, भर कर
प्रिय-मुद्रित दृग
फिर-फिर मुद्रांकित हों
क्यों खोलें?
आँखें खुलती हैं- दिन, धन्धे
खटराग
ऊसर जो हो जाएगा पार
वही लाली क्या फिर आएगी?

रात्रि / शमशेर बहादुर सिंह

1.
मैं मींच कर आँखें
कि जैसे क्षितिज
तुमको खोजता हूँ

2.
ओ हमारे साँस के सूर्य!
साँस की गंगा
अनवरत बह रही है
तुम कहाँ डूबे हुए हो?

वृक्ष / रामधारी सिंह "दिनकर"

द्रुमों को प्यार करता हूँ
प्रकृति के पुत्र ये
माँ पर सभी कुछ छोड़ देते हैं
न अपनी ओर से कुछ भी कभी कहते
प्रकृति जिस भाँति रखना चाहती
उस भाँति ये रहते

साभार- कविताकोश 

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फूल / महादेवी वर्मा

भारत में सबसे अच्छा कवि कौन है?

भक्ति में निर्गुण भक्ति धारा के तुलसीदास और सगुण भक्ति धारा के सूरदास सर्वश्रेष्ठ कवि माने जाते हैं। धार्मिक उत्थान तथा सनातन संस्कृति के सर्वश्रेष्ठ कवि मैथिली शरण गुप्त माने जाते हैं। लोकचेतना और जन-जन की व्यथा का सर्वश्रेष्ठ कवि नागार्जुन माने जाते हैं।

सर्वश्रेष्ठ कवि कौन है?

सबसे पहले जवाब दिया गया: वर्तमान समय के १० सर्वश्रेष्ठ कवि कौन है? आलोक धन्वा, अरुण कमल, राजेश जोशी, मंगलेश डबराल, सविता सिंह, अनामिका, विजय कुमार, लीलाधर मंडलोई, मन मोहन आज हिन्दी के महत्वूर्ण कवि हैं।

प्रकृति के प्रसिद्ध कवि कौन है?

श्री सुमित्रानंदन पंत, को 'प्रकृति के सुकुमार कवि' कहा जाता है।

प्रकृति की सुंदरता के कवि कौन है?

सुमित्रानंदन पंत को प्रकृति के उपासक और प्रकृति की सुंदरता का वर्णन करने वाले कवि के रूप में जाना जाता है।